مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر

مختصر صحيح بخاري
  جنازہ کے بیان میں  
जनाज़े के बारे में
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نمبر ابواب فہرست کل احادیث احادیث تفصیل
1
“ उस व्यक्ति के बारे में क्या कहा गया है जिसके अंतिम शब्द « لَا إِلٰهَ إِلَّا الله » हों ”
2 633 سے 634
2
“ जनाज़े के साथ जाने का हुक्म ”
1 635
3
“ मृतक को कफ़नाने के बाद देखना सुन्नत है ”
2 636 سے 637
4
“ जो कोई भी मृतक के परिजनों को उसकी मृत्यु की सूचना देता है ”
2 638 سے 639
5
“ उस व्यक्ति की फ़ज़ीलत जिसका बच्चा मरजए और वह सवाब समझे ”
1 640
6
“ ताक़ यानि बे-जोड़ संख्या में ग़ुस्ल देना सुन्नत है ”
1 641
7
“ मृतक के दाहिनी ओर से ग़ुस्ल शुरू करना चाहिए ”
1 642
8
“ सफ़ेद कपड़े का कफ़न सुन्नत है ”
1 643
9
“ दो कपड़ों में कफ़न देना भी सुन्नत है ”
1 644
10
“ मृतक को कफ़न देना
2 645 سے 646
11
“ कफ़न इतना हो कि सिर या पांव को ढांप सके तो मृतक के सिर को ढांप देना चाहिए ”
1 647
12
“ रसूल अल्लाह ﷺ के समय में जिस व्यक्ति ने अपना कफ़न तैयार किया था, उसपर कोई आपत्ति नहीं की गई ”
1 648
13
“ महिलाओं को जनाज़े के साथ जाने की अनुमति नहीं है ”
1 649
14
“ महिलाओं को अपने पति के सिवा किसी और के लिए शोक करना ”
1 650
15
“ क़ब्रों पर जाना ( केसा ) है ”
1 651
16
“ रसूल अल्लाह ﷺ ने कहा कि मृतक के रिश्तेदारों के रोने से कभी-कभी मृतक को अज़ाब होता है ( यह तब होता है ) जब मातम करना उसके परिवार की रीति हो ”
4 652 سے 655
17
“ मातम करना और रोना पीटना मकरूह है ”
1 656
18
“ रसूल अल्लाह ﷺ ने कहा कि जो अपना चेहरा पीटता है वह हम में से नहीं है ”
1 657
19
“ रसूल अल्लाह ﷺ ने सअद बिन ख़ोला के लिए शोक व्यक्त किया ”
1 658
20
“ मुसीबत के समय सिर मुंडवाने पर रोक ”
1 659
21
“ जो कोई शोक में बैठ जाए कि ( उसके चेहरे पर ) दुख के लक्षण नज़र आएं ”
1 660
22
“ जिसने मुसीबत के समय किसी से अपना दुख व्यक्त नहीं किया ”
1 661
23
“ नबी करीम ﷺ ने ( अपने बेटे इब्राहीम के लिए ) कहा कि हम तुम्हारी जुदाई से दुखी हैं ”
1 662
24
“ रोगी के पास रोना मना है ”
1 663
25
“ मातम, रोने पीटने का मना होना और उस से डांटना ”
1 664
26
“ जनाज़े के लिए खड़ा होना सुन्नत है ”
1 665
27
“ जनाज़े के लिए उठे तो फिर कब बैठे ? ”
1 666
28
“ यहूदी के जनाज़े पर खड़ा होना ”
1 667
29
“ पुरुषों को जनाज़ा उठाना चाहिए, महिलाओं को नहीं ”
1 668
30
“ जनाज़े को जल्दी लेजाना सुन्नत है ”
1 669
31
“ जनाज़े के साथ जाने की फ़ज़ीलत ”
1 670
32
“ क़ब्रों पर मस्जिद बनाने का घिनौना काम ”
1 671
33
“ निफ़ास में मरने वाली महिला के लिए नमाज़ जनाज़ा पढ़ना सही है ”
1 672
34
“ नमाज़ जनाज़ा में सूरह अल-फ़ातिहा का पढ़ना ”
1 673
35
“ मुर्दा जूतों की आवाज़ सुनता है ”
1 674
36
“ पवित्र स्थान में दफ़न होने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति ”
1 675
37
“ शहीद की नमाज़ जनाज़ा ”
2 676 سے 677
38
“ जब कोई बच्चा इस्लाम लाया और फिर मरगया, तो क्या उसपर नमाज़ नमाज़ पढ़ी जाएगी और क्या बच्चे को इस्लाम की ओर बुलाया जासकता है ? ”
3 678 سے 680
39
“ जब मुशरिक मरते समय « لَا إِلٰهَ إِلَّا الله » कहदे तो क्या उसे क्षमा करदिया जाएगा ”
1 681
40
“ क़ब्र के पास बैठकर नसीहत करना जबकि उसके शिष्य बैठे हों ”
1 682
41
“ आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के लिए सज़ा ”
3 683 سے 685
42
“ मृतक की तारीफ़ करना कैसा है ”
2 686 سے 687
43
“ क़ब्र के अज़ाब के बारे में ”
4 688 سے 691
44
“ क़ब्र के अज़ाब से शरण मांगना ”
2 692 سے 693
45
“ मृतक को सुबह और शाम को उनका ( जन्नत और जहन्नम ) का स्थान दिखाया जाता है ”
1 694
46
“ मुसलमानों के मरने वाले छोटे बच्चों के बारे में क्या कहा गया है ”
1 695
47
“ मुशरिकों के बच्चों के बारे में क्या ( जो यौवन तक पहुंचने से पहले मर जाते हैं ) ”
1 696
48
“ रसूल अल्लाह ﷺ ने एक सपने में क्या देखा ”
1 697
49
“ अचानक मौत ( अच्छे आदमी के लिए बुरी नहीं ) ”
1 698
50
“ रसूल अल्लाह ﷺ और हज़रत अबू बक्र और उमर रज़ि अल्लाहु अन्हुम की कब्रों के बारे में क्या है ? ”
2 699 سے 700
51
“ ( मुसलमान ) मृतकों को बुरा कहना मना है ”
1 701

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