फ़ज़िलतें, विशेषताएं, कमियां और बुराइयाँ
2134. “ रसूल अल्लाह ﷺ की फ़ज़ीलतें और तारीफ़ और आप ﷺ जन्नत के दरवाज़े पर सबसे पहले दस्तक देंगे ”
2135. “ रसूल अल्लाह ﷺ को पूरे पूरे और मुहर बंद शब्द दिए गए ”
2136. “ रसूल अल्लाह ﷺ की बद दुआ भी रहमत और पवित्रता का कारण बनजाती थी ”
2137. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने अपने ऊपर लगे आरोपों का कैसे जवाब दिया ? ”
2138. “ रसूल अल्लाह ﷺ की रहमदिली ”
2139. “ रसूल अल्लाह ﷺ को नबी बनाने का फ़ैसला कब किया गया ”
2140. “ रसूल अल्लाह ﷺ का मज़ाक़ भी सच्चाई से भरा होता था ”
2141. “ रसूल अल्लाह ﷺ रहमत थे ”
2142. “ रसूल अल्लाह ﷺ दुश्मनों के लिए भी रहमत थे ”
2143. “ ऊंट अपने मालिक के बारे में रसूल अल्लाह ﷺ से शिकायत करता है ”
2144. “ दुनिया और आसमान की हर चीज़ जानती है कि रसूल अल्लाह ﷺ अल्लाह के रसूल हैं सिवाए ... ”
2145. “ रसूल अल्लाह ﷺ की अंगूठी की छवि ”
2146. “ रसूल अल्लाह ﷺ एक प्रचारक और बांटने वाले थे ”
2147. “ रसूल अल्लाह ﷺ बनि किनानह से थे ”
2148. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत सबसे बड़ी है ”
2149. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत का हिसाब किताब सबसे पहले होगा ”
2150. “ रसूल अल्लाह ﷺ सबसे अधिक तक़वा वाले थे ”
2151. “ रसूल अल्लाह ﷺ आदम की औलाद के सरदार हैं ”
2152. “ पेड़ और पत्थर भी रसूल अल्लाह ﷺ को सलाम करते थे ”
2153. “ रसूल अल्लाह ﷺ की शान में झूठ से काम नहीं लेना चाहिए ”
2154. “ रसूल अल्लाह ﷺ का “ आतिकह ” के बारे में बताना ”
2155. “ फ़रिश्ते रसूल अल्लाह ﷺ को उम्मत का दुरुद पहुँचाते हैं ”
2156. “ फ़रिश्ते रसूल अल्लाह ﷺ के ख़िलाफ़ कुरैश सरदारों की योजना ، लेकिन असफल रहे ”
2157. “ यदि अबू जहल रसूल अल्लाह ﷺ की गर्दन रौंदता तो ”
2158. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत सबसे बड़ी होगी ”
2159. “ रसूल अल्लाह ﷺ एक प्रचार करने वाले थे ، तकलीफ़ देने वाले नहीं ”
2160. “ प्रचार के लिए रसूल अल्लाह ﷺ का उत्साह ”
2161. “ अच्छे कामों के लिए रसूल अल्लाह ﷺ का उत्साह, मज़लूमों की सहायता करने की उनकी इच्छा ”
2162. “ रसूल अल्लाह ﷺ अपने मक़सद पर डटे रहे ”
2164. “ रसूल अल्लाह ﷺ सच ही बोला करते थे ”
2165. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने कसरा को इस्लाम की ओर बुलाया ”
2166. “ रसूल अल्लाह ﷺ का रूप-रंग ”
2167. “ रसूल अल्लाह ﷺ की नींद का बयान ”
2168. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने भूख से अपने पेट पर पत्थर बांधा ”
2169. “ हज़रत इब्राहिम ، हज़रत मूसा ، हज़रत ईसा अलैहिमुस्सलाम और रसूल अल्लाह ﷺ की ख़ूबियाँ ”
2170. “ रसूल अल्लाह ﷺ की ख़ास ख़ूबियाँ ”
2171. “ क़ुरआन मजीद के लिए रसूल अल्लाह ﷺ का भेद-भाव ”
2172. “ रसूल अल्लाह ﷺ के सामने इबलीस की हार ”
2173. “ रसूल अल्लाह ﷺ को सपने में देखना ”
2174. “ उम्महातुल मोमिनीन यानि रसूल अल्लाह ﷺ की पत्नियों की फ़ज़ीलत ”
2175. “ रसूल अल्लाह ﷺ के परिवार के पक्ष में एक अच्छे आदमी की फ़ज़ीलत ”
2176. “ जन्नत की चार अफ़ज़ल औरतें ”
2177. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा के लिए क्षमा की दुआ ”
2178. “ हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2179. “ हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्ह को सिद्दीक़ क्यूँ कहा जाता है ”
2180. “ हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्ह अफ़ज़ल ख़लीफ़ा थे ”
2181. “ हज़रत उमर बिन ख़त्ताब रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2182. “ रसूल अल्लाह ﷺ के वैवाहिक और पारिवारिक रिश्तों का बयान ”
2183. “ हज़रत उस्मान बिन अफ़्फ़ान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2184. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2185. “ हज़रत फ़ातिमा रज़ि अल्लाहु अन्हा की फ़ज़ीलत ”
2186. “ हज़रत ज़ैनब रज़ि अल्लाहु अन्हा की फ़ज़ीलत ”
2187. “ हज़रत हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की फ़ज़ीलत ”
2188. “ हज़रत हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा और उनके माता पिता का सम्मान ”
2189. “ हज़रत हुसैन की शहादत की भविष्यवाणी ، हज़रत हसन रज़ी अल्लाह अन्हुमा के क़त्ल का बयान ”
2190. “ अहल-ए-बेत यानि रसूल अल्लाह ﷺ के परिवार की फ़ज़ीलत ”
2191. “ अल्लाह की किताब और अहल-ए-बेत यानि रसूल अल्लाह ﷺ के परिवार की एहमियत ”
2192. “ हज़रत आसियह और हज़रत मरयम अलैहिमुस्सलाम की फ़ज़ीलत ”
2193. “ हज़रत जआफ़र अबू तालिब रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2194. “ सहाबा की फ़ज़ीलत ”
2195. “ साहब को बुरा कहने वाले पर लाअनत ”
2196. “ रसूल अल्लाह ﷺ के साथ रहने की फ़ज़ीलत ”
2197. “ सहाबा रज़ि अल्लाह अन्हुम की विशेषताएं ”
2198. “ कुछ क़बीलों की विशेषताएं ”
2199. “ रसूल अल्लाह ﷺ के बाद सहाबा का समय सबसे अच्छा था ”
2200. “ महाजिरों की फ़ज़ीलत ”
2201. “ रसूल अल्लाह ﷺ की अन्सारी सहाबा से मुहब्बत ”
2202. “ अन्सारियों की फ़ज़ीलत ”
2203. “ अन्सारियों का घर यानि माता पिता का घर ”
2204. “ एक अन्सारी की मेज़बानी ”
2205. “ सहाबा ، ताबईन और उनके बाद वालों की फ़ज़ीलत ”
2206. “ बिन देखे रसूल अल्लाह ﷺ पर ईमान लाने वालों की फ़ज़ीलत ”
2207. “ हिन्द की जंग के साथियों और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का साथ देने वालों की फ़ज़ीलत ”
2208. “ हज़रत उसामा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2209. “ हज़रत बिलाल रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2210. “ रसूल अल्लाह ﷺ के सेवक के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की दुआएं और उनका फल ”
2211. “ हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2212. “ हज़रत अब्दुल्लाह रज़ि अल्लाहु अन्ह को अनुमति देने का एक विशेष ढंग ”
2213. “ अब्दुल्ला बिन मसऊद सुन्नत के पाबंद थे और अल्लाह को याद करने वाली सभा को बुरा कहने का कारण ”
2214. “ हज़रत हिशाम और हज़रत अमरो रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की फ़ज़ीलत ”
2215. “ हज़रत अबू सुफ़ियान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2216. “ बदर वालों की फ़ज़ीलत ”
2217. “ कौन कौन और क्या क्या अफ़ज़ल है ”
2218. “ क़िब्तियों के साथ अच्छा व्यवहार करने की नसिहत ”
2219. “ उम्मत की परीक्षा और रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश ”
2220. “ हज़रत उसामा की फ़ज़ीलत ”
2221. “ हज़रत सव्वाद से रसूल अल्लाह ﷺ की मुहब्बत का बयान ”
2222. “ क़ुरैशियों की फ़ज़ीलत ”
2223. “ एक क़ुरैशी दो ग़ैर क़ुरैशियों के बराबर क्यूँ ”
2224. “ क़ुरैशी औरतों की विशेषता और फ़ज़ीलत ”
2225. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने क़ुरैश साथियों को तरजीह दी ”
2226. “ रसूल अल्लाह ﷺ के बाद सबसे पहले क़बीला क़ुरेशा ख़तम होगा ”
2227. “ असलम और ग़िफ़ार क़बीले के लिए दुआ ”
2228. “ कुछ और अरबी क़बीलों की फ़ज़ीलत ”
2229. “ नख़अ क़बीले की फ़ज़ीलत ”
2230. “ हज़रमोत क़बीले की फ़ज़ीलत ”
2231. “ अब्दुलक़ैस क़बीले की फ़ज़ीलत ”
2232. “ अज़दी लोगों की फ़ज़ीलत ”
2233. “ दहिया कल्बी और जिब्रईल अलैहिस्सलाम के रूप बहुत मिलते जुलते हैं ”
2234. “ बाद में आने वाले उम्मतियों से रसूल अल्लाह ﷺ की मुहब्बत ”
2235. “ हज़रत अरक़म रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2236. “ हज़रत अबु दहदाह रज़ि अल्लाहु अन्ह का लाभदायक व्यापार ”
2237. “ बिना हिसाब किताब के जन्नत में जाने वाले उम्मती ”
2238. “ जुमा के दिन की फ़ज़ीलत ”
2239. “ हज़रत मुआवियह रज़ि अल्लाहु अन्ह के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की दुआ ”
2240. “ रसूल अल्लाह ﷺ की हज़रत मुआवियह रज़ि अल्लाहु अन्ह के पक्ष में डांट डपट या उनकी फ़ज़ीलत ”
2241. “ हज़रत हुज़ैफ़ा और उनकी मां रज़ि अल्लाहु अन्हुम के पक्ष में दुआ ”
2242. “ मुसलामनों के पक्ष में क्षमा की दुआ ”
2243. “ हज़रत सअद बिन अबि वक़ास रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2244. “ हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्ह के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की दुआ ”
2245. “ हज़रत जअफ़र और हज़रत ज़ैद रज़ि अल्लाहु अन्हुमा की फ़ज़ीलत ”
2246. “ हज़रत ख़ालिद बिन वलीद रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2247. “ मुस्लिम उम्मत गुमराह करने पर सहमत नहीं हो सकती ”
2248. “ पंद्रह शअबान की रात की फ़ज़ीलत ”
2249. “ अल्लाह के दोस्तों की विशेषताएं ”
2250. “ कवि के रूप में हज़रत हस्सान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2251. “ हज़रत हन्ज़लह रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2252. “ हज़रत मआज़ बिन जबल रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2253. “ बुराई का इन्कार करने वाले मुसलमानों की फ़ज़ीलत ”
2254. “ मोमिन की मिसाल खजूर जैसी क्यूँ है ? ”
2255. “ क़बीला मुज़िर की फ़ज़ीलत ”
2256. “ हज़रत सफ़ीना रज़ि अल्लाहु अन्ह की पहचान ”
2257. “ हज़रत अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2258. “ हज़रत जरीर रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2259. “ हज़रत तल्हा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2260. “ चोट लगे तो बिस्मिल्लाह कहना चाहिए ”
2261. “ चार बहने सहाबियात हैं ”
2262. “ हज़रत अबु उमामह रज़ि अल्लाहु अन्ह का चमत्कार ”
2263. “ रसूल अल्लाह ﷺ के सामने अतीत को याद करना ”
2264. “ क़ुरआन के चार शिक्षक ”
2265. “ हज़रत सालिम रज़ि अल्लाहु अन्ह एक अच्छे क़ारी ”
2266. “ दहयह कल्बी और जिब्रईल अलैहिस्सलाम की एकरूपता और उरवह बिन मसऊद सक़फ़ी और ईसा अलैहिस्सलाम की एकरूपता है ”
2267. “ हज़रत ज़ैद बिन हारिसा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2268. “ हज़रत हारिसा बिन नअमान रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2269. वरक़ा की फ़ज़ीलत ”
2270. “ हातिम इसाई ”
2271. “ हिजरत के बाद किस चीज़ पर बैअत होगी ”
2272. “ हज़रत अमरो बिन हरिस रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2273. “ हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ि अल्लाहु अन्ह के परिवार की फ़ज़ीलत ”
2274. “ हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ि अल्लाहु अन्ह की इमान लाने की कहानी ، सच्चाई की तलाश में हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ि अल्लाहु अन्ह की यात्रा ”
2275. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने जंग के मामलों में अपने सहाबा से सलाह ली ”
2276. “ हज़रत ज़ुबैर रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2277. “ हज़रत हम्ज़ा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2278. “ हर ज़माने में आगे बढ़जाने वाले पाए जाएंगे ”
2279. “ हज़रत अम्मार रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2281. “ हज़रत हातिब रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2282. “ हज़रत अबू तल्हा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2283. “ अबू तालिब के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश ”
2284. “ हज़रत अबू मूसा रज़ि अल्लाहु अन्ह की क़ौम की फ़ज़ीलत ”
2285. “ बदर और हुदैबियाह में भाग लेने वालों की फ़ज़ीलत ”
2286. “ मुसलमान की फ़ज़ीलत ”
2287. “ मोमिन की पवित्रता कअबे से अधिक है ”
2288. “ मतलब ”
2289. “ सूरत फ़ातेहा की अंतिम आयत की तफ़्सीर ”
2290. “ हज़रत अबू उबेदा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2291. “ एक समूह सच्चाई पर सदा खड़ा रहेगा ”
2292. “ सहाबा की बरकतें ”
2293. “ मुस्लिम उम्मत की आयु ، रसूल अल्लाह ﷺ के समय के लोगों का एक सदी में ख़त्म होना ”
2294. “ हज़रत अबू हुरैरा की खजूरों में बरकत के लिए रसूल अल्लाह ﷺ की दुआ ”
2295. “ हज़रत अबू हिन्द रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2296. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने हज़रत सफ़ियह को कैसे राज़ी किया ? ”
2297. “ एक सदी के लिए अब्दुल्ला बिन बसर रज़ि अल्लाहु अन्ह का जीवन ”
2298. “ हज़रत अबू ज़र हज़रत उनेस रज़ि अल्लाहु अन्हुमा और उनकी क़ौम ग़िफ़ार के ईमान लाने की घटना ”
2299. “ हज़रत ज़ैद बिन अमरो रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2300. “ हज़रत हारिसा बिन सराक़ा रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
2301. “ मदीना मुनव्वरा की फ़ज़ीलत ”
2302. “ मदीना मुनव्वरा के लिए बरकत की दुआ ”
2303. “ मदीने में बसने वालों के अधिकार ”
2304. “ मक्का मुकर्रमा और मदिना मुनव्वरा की पवित्रता का बयान ”
2305. “ हिजाज़ वालों की फ़ज़ीलत और पूरब के लोगों की निंदा ”
2306. “ शाम यानि सीरिया और वहां बसने वालों की फ़ज़ीलत ”
2307. “ हज़रत सअद बिन मआज़ रज़ि अल्लाहु अन्ह के चमत्कार और शहादत ”
2308. “ यमन में बसने वालों की फ़ज़ीलत ”
2309. “ ओवेस रहमहुल्लाह की फ़ज़ीलत ”
2310. “ अदन अबयन के बारह हज़ार लोगों के द्वारा रसूल अल्लाह ﷺ की सहायता ”
2311. “ ओमान में बसने वालों की फ़ज़ीलत ”
2312. “ अजमी लोगों की फ़ज़ीलत ”
2313. “ बनी अबू अलआस की निंदा ”
2314. “ हकम बिन अबू अलआस पर लअनत ”
2315. “ सबसे बड़े दो बदनसीब ”

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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
المناقب والمثالب
فضائل و مناقب اور معائب و نقائص
फ़ज़िलतें, विशेषताएं, कमियां और बुराइयाँ
سیدنا علی رضی اللہ عنہ کے فضائل و مناقب
“ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह की फ़ज़ीलत ”
حدیث نمبر: 3271
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-" من كنت مولاه، فعلي مولاه، اللهم وال من والاه، وعاد من عاداه".-" من كنت مولاه، فعلي مولاه، اللهم وال من والاه، وعاد من عاداه".
رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جس کا میں دوست ہوں، علی بھی اس کا دوست ہے۔ اے اللہ! تو علی کو دوست بنانے والے کا دوست بن جا اور اس سے دشمنی رکھنے والے کا وشمن بن جا۔ یہ حدیث سیدنا زید بن ارقم، سیدنا سعد بن ابو وقاص، سیدنا بریدہ بن حصیب، سیدنا علی بن ابوطالب، سیدنا ابوایوب انصاری، سیدنا برا بن عازب، سیدنا عبداللہ بن عباس، سیدنا انس بن مالک، سیدنا ابوسعید خدری اور سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہم سے مروی ہے۔
حدیث نمبر: 3272
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-" ايها الناس! لا تشكوا عليا، فوالله إنه لاحسن في ذات الله - او في سبيل الله - من ان يشكى".-" أيها الناس! لا تشكوا عليا، فوالله إنه لأحسن في ذات الله - أو في سبيل الله - من أن يشكى".
سیدنا ابوسعید خدری رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ لوگوں نے سیدنا علی رضی اللہ عنہ کی شکایت کی، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کھڑے ہوئے، خطبہ دیا اور یہ بھی کہا: لوگو! علی کی شکایت مت لگایا کرو۔ اللہ کی قسم! وہ اللہ تعالیٰ کی ذات یا اللہ تعالیٰ کے راستے میں اس بات سے اعلیٰ ہے کہ اس کی شکایت کی جائے۔
حدیث نمبر: 3273
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- (ابو اليقظان على الفطرة، لا يدعها حتى يموت، او يمسه الهرم).- (أبو اليقظان على الفطرة، لا يدَعُها حتى يموت، أو يمسَّهُ الهرم).
بلال بن یحییٰ کہتے ہیں: جب سیدنا عثمان رضی اللہ عنہ کو شہید کیا گیا تو سیدنا حذیفہ کو خواب آیا، انہیں کہا گیا: اے ابوعبداللہ! عثمان کو تو شہید کر دیا گیا ہے اور لوگ اختلاف میں پڑ چکے ہیں، ایسے میں آپ کیا کہیں گے؟ انہوں نے کہا: مجھے سہارا دو۔ انہوں نے ان کو ایک آدمی کے سینے کا سہارا دیا۔ انہوں نے کہا کہ میں نے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو یہ فرماتے سنا: ابوالیقظان فطرت (‏‏‏‏اسلام) پر ہے اور اس کو مرنے تک یا انتہائی بوڑھا ہونے تک نہیں چھوڑے گا۔
حدیث نمبر: 3274
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-" من آذى عليا فقد آذاني".-" من آذى عليا فقد آذاني".
رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جس نے علی کو تکلیف دی، اس نے مجھے تکلیف دی۔ یہ حدیث سیدنا عمرو بن شاس، سیدنا سعد بن ابی وقاص اور سیدنا جابر بن عبداللہ رضی اللہ عنہم سے مروی ہے۔
حدیث نمبر: 3275
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-" من احب عليا فقد احبني ومن احبني ¬ (¬1) الاصل" ايوب بن بلال بن سليمان" وهو خطا ولعله من الطابع او الناسخ. اهـ. فقد احب الله عز وجل ومن ابغض عليا فقد ابغضني ومن ابغضني فقد ابغض الله عز وجل".-" من أحب عليا فقد أحبني ومن أحبني ¬ (¬1) الأصل" أيوب بن بلال بن سليمان" وهو خطأ ولعله من الطابع أو الناسخ. اهـ. فقد أحب الله عز وجل ومن أبغض عليا فقد أبغضني ومن أبغضني فقد أبغض الله عز وجل".
سیدہ ام سلمہ رضی اللہ عنہا کہتی ہیں: میں گواہی دیتی ہوں کہ میں نے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو یہ فرماتے سنا: جس نے علی سے محبت کی اس نے مجھ سے محبت کی اور جس نے مجھ سے محبت کی اس نے اللہ سے محبت کی۔ اور جس نے علی سے بغض رکھا، اس نے مجھ سے بغض رکھا اور جس نے مجھ سے بغض رکھا اس نے اللہ سے بغض رکھا۔
حدیث نمبر: 3276
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-" ما تريدون من علي؟ إن عليا مني وانا منه وهو ولي كل مؤمن بعدي".-" ما تريدون من علي؟ إن عليا مني وأنا منه وهو ولي كل مؤمن بعدي".
سیدنا عمران بن حصین رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے سیدنا علی رضی اللہ عنہ کو امیر بنا کر ایک لشکر بھیجا، اوہ اپنی جماعت کے ہمراہ چلے گئے، سیدنا علی رضی اللہ عنہ نے ایک لونڈی لے لی، دوسرے لوگوں نے اس چیز کو اچھا نہ سمجھا اور چار اصحاب رسول نے آپس میں معاہدہ کیا کہ اگر ہم رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو ملے تو سیدنا علی رضی اللہ عنہ کے کئے پر آپ کو آگاہ کریں گے گے۔ (‏‏‏‏اس وقت یہ معمول تھا کہ) مسلمان جب سفر سے واپس آتے تو سب سے پہلے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس جاتے، آپ پر سلام کرتے، پھر اپنے گھروں کی طرف جاتے۔ جب یہ لشکر واپس آیا تو اس میں شریک افراد رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس آئے اور نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کو سلام کیا۔ عہد و پیمان کے مطابق مذکورہ بالا چار افراد میں سے ایک کھڑا ہوا اور کہا: اے اللہ کے رسول! کیا آپ علی کو نہیں دیکھتے؟ انہوں نے ایسے ایسے کیا ہے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے اس سے منہ پھیر لیا۔ پھر دوسرا کھڑا ہوا، اس نے بھی یہی بات کہی۔ آپ نے اس سے بھی اعراض کیا۔ پھر تیسرا کھڑا ہوا اور یہی بات کہی، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے اس سے بھی منہ پھیر لیا۔ پھر چوتھا کھڑا ہوا اور وہی بات کہی، آپ صلی اللہ علیہ وسلم اس کی طرف متوجہ ہوئے، آپ کے چہرے سے غیظ و غضب کا پتہ چل رہا تھا، اور فرمایا: تم علی کی شکایت کر کے کیا چاہتے ہو؟ بیشک علی مجھ سے ہے اور میں اس سے ہوں اور میرے بعد وہ ہر مومن کا دوست ہو گا۔
حدیث نمبر: 3277
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- (كان يحب عليا).- (كان يحبُّ علياً).
ابوعبداللہ جدلی کہتے ہیں کہ مجھے سیدہ ام سلمہ رضی اللہ عنہا نے کہا: کیا رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو تم لوگوں کی موجودگی میں منبروں پر برا بھلا کہا جا رہا ہے؟ میں نے کہا: سبحان اللہ! آپ کو کہاں برا بھلا کہا جا رہا ہے؟ انہوں نے کہا: کیا سیدنا علی بن ابوطالب رضی اللہ عنہ اور ان سے محبت کرنے والوں پر سب و شتم نہیں کیا جا رہا؟ اور میں گواہی دیتی ہوں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم ان سے محبت کرتے تھے۔
حدیث نمبر: 3278
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-" اما انت يا جعفر فاشبه خلقك خلقي واشبه خلقي خلقك وانت مني وشجرتي، واما انت يا علي فختني، وابو ولدي، وانا منك وانت مني، واما انت يا زيد فمولاي ومني وإلي، واحب القوم إلي".-" أما أنت يا جعفر فأشبه خلقك خلقي وأشبه خلقي خلقك وأنت مني وشجرتي، وأما أنت يا علي فختني، وأبو ولدي، وأنا منك وأنت مني، وأما أنت يا زيد فمولاي ومني وإلي، وأحب القوم إلي".
محمد بن اسامہ اپنے باپ سے روایت کرتے ہیں کہ سیدنا جعفر، سیدنا علی اور سیدنا زید بن حارثہ رضی اللہ عنہم جمع ہوئے، سیدنا جعفر نے کہا: میں رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو تم سے زیادہ محبوب ہوں۔ سیدنا زید نے کہا: میں نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کو تم دونوں سے بڑھ کر محبوب ہوں۔ انہوں نے کہا: چلو! رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس جا کر دریافت کرتے ہیں۔ سیدنا اسامہ بن زید رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: وہ سب آئے، آپ صلی اللہ علیہ وسلم سے اجازت طلب کی۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے مجھے فرمایا: جاؤ دیکھو کون ہے؟ میں نے کہا: جعفر، علی اور زید لوگ ہیں، میرے ابا جان! میں انہیں کیا کہوں؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ان کو اندار آنے کی اجازت دے دو۔ وہ سب اندر آ گئے اور کہا: آپ کو سب سے زیادہ محبوب کون ہے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: فاطمہ۔ انہوں نے کہا: ہم مردوں کے بارے میں سوال کر رہے ہیں۔ آپ نے فرمایا: جعفر! تمہارا اخلاق میرے اخلاق کے اور تمہاری جسمانی ساخت میری جسمانی ساخت کے مشابہ ہے اور تو مجھ سے اور میرے نسب میں سے ہے۔ علی! تم میرے داماد ہو، میرے بچوں (‏‏‏‏ حسن و حسین) کے باپ ہو اور تم مجھ سے ہو اور میں تم سے ہو اور زید! تم میرے دوست ہو، تم مجھ سے ہو، میں تمہاراذمہ دار ہوں اور تم مجھے لوگوں میں محبوب ترین ہو۔
حدیث نمبر: 3279
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-" إنه لا يحبك إلا مؤمن ولا يبغضك إلا منافق".-" إنه لا يحبك إلا مؤمن ولا يبغضك إلا منافق".
سیدنا علی رضی اللہ عنہ سے روایت ہے، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: (‏‏‏‏اے علی!) تجھ سے محبت کرنے والا مومن اور تجھ سے بغض رکھنے والا منافق ہو گا۔
حدیث نمبر: 3280
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-" علي يقضي ديني".-" علي يقضي ديني".
نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: علی میرا قرضہ ادا کرے گا۔ یہ حدیث سیدنا انس بن مالک، سیدنا حبشی بن جنادہ اور سیدنا سعد بن ابی وقاص رضی اللہ عنہم سے مروی ہے۔
حدیث نمبر: 3281
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-" إن منكم من يقاتل على تاويل هذا القرآن، كما قاتلت على تنزيله، فاستشرفنا وفينا ابو بكر وعمر، فقال: لا، ولكنه خاصف النعل. يعني عليا رضي الله عنه".-" إن منكم من يقاتل على تأويل هذا القرآن، كما قاتلت على تنزيله، فاستشرفنا وفينا أبو بكر وعمر، فقال: لا، ولكنه خاصف النعل. يعني عليا رضي الله عنه".
سیدنا ابوسعید خدری رضی اللہ عنہ کہتے ہیں: ہم بیٹھے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کا انتظار کر رہے تھے، آپ اپنی ایک بیوی کے گھر سے نکلے اور ہمارے پاس تشریف لائے۔ ہم کھڑے ہوئے (‏‏‏‏اور) آپ کے ساتھ چل دیے، آپ کا جوتا ٹوٹ گیا، سیدنا علی رضی اللہ عنہ اس کو سلائی کرنے کی خاطر پیچھے رہ گئے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم چلتے رہے اور ہم بھی آپ کے ساتھ چلتے رہے۔ ایک مقام پر سیدنا علی رضی اللہ عنہ کے انتظار میں ٹھہر گئے، ہم بھی آپ کے ساتھ رک گئے۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: تم میں سے بعض لوگ میری طرح اس قرآن کی تفسیر کے مطابق جہاد کرتے ہیں۔ ہم جھانکنے لگ گئے اور ہم میں ابوبکر اور عمر رضی اللہ عنہما بھی تھے۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: نہیں، میری مراد جوتے کی سلائی کرنے والا (‏‏‏‏علی) ہے۔ ہم سیدنا علی رضی اللہ عنہ کو خوشخبری دینے کے لیے آئے، لیکن ایسے لگ رہا تھا کہ انہوں نے یہ بشارت خود سن لی تھی۔

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