الزواج، والعدل بين الزوجات وتربية الاولاد والعدل بينهم وتحسين اسمائهم شادی، بیویوں کے مابین انصاف، اولاد کی تربیت، ان کے درمیان انصاف اور ان کے اچھے نام विवाह, पत्नियों के बीच न्याय, बच्चों की परवरिश, बच्चों के बीच न्याय और बच्चों के अच्छे नाम 998. نکاح آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی سنت ہے 998. “ निकाह रसूल अल्लाह ﷺ की सुन्नत है ” 999. شادی کرنے کی ترغیب اور اس کی وجہ 999. “ शादी करने की प्रेरणा और उसका कारण ” 1000. نکاح میں لڑکی کی رضا مندی ضروری ہے 1000. “ विवाह के लिए लड़की की सहमति ज़रूरी है ” 1001. شادی سے پہلے عورت کو دیکھ لینا چاہیئے 1001. “ शादी से पहले लड़की को देख लेना चाहिए ” 1002. شادی کے لیے کس کا انتخاب کیا جائے؟ 1002. “ शादी के लिए किसे चुना जाए ? ” 1003. دولہا اور دلہن میں یکسانیت کا دارومدار کس چیز پر ہے؟ 1003. “ दूल्हा और दुल्हन के बीच समानता किस चीज़ पर निर्भर करती है ? ” 1004. نکاح کی تشہیر کرنا 1004. “ निकाह का एलान किया जाना चाहिए ” 1005. بہترین نکاح کون سا ہے؟ 1005. “ सबसे अच्छा निकाह कौन सा है ” 1006. باہمی محبت میں میاں بیوی اپنی مثال آپ ہیں 1006. “ आपसी प्रेम में, पति और पत्नी अपनी मिसाल आप हैं ” 1007. بیویوں کے حقوق 1007. “ पत्नियों के अधिकार ” 1008. سیدہ فاطمہ رضی اللہ عنہا کی شادی کے موقع پر سیدنا علی رضی اللہ عنہ کو نبوی وصیت 1008. “ हज़रत फ़ातिमह से शादी के अवसर पर हज़रत अली को नबी की वसीयत ” 1009. بیوی سے جھوٹ بولنا جائز ہے، لیکن کب؟ 1009. “ पत्नी से झूठ बोलना ठीक है लेकिन कब ? ” 1010. بیوی کو اس کے خاوند کے حق میں نہ بگاڑا جائے 1010. “ पत्नी को उसके पती के विरुद्ध न बिगाड़ा जाए ” 1011. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا اپنی بیویوں کا خیال رکھنا 1011. “ आप ﷺ का अपनी पत्नियों का ध्यान रखना ” 1012. بیوی پر خاوند کے حقوق کے تقاضے 1012. “ पत्नी पर पति के अधिकार के बारे में ” 1013. خاوند کو تکلیف دینے والی بیوی کے لیے حوروں کی بد دعا 1013. “ पति को तकलीफ़ देने वाली पत्नी के लिए हूरों की बद-दुआ ” 1014. اعمال صالحہ میں بیوی کا اپنے خاوند کی اقتدا کرنا 1014. “ पत्नी को अपने पति का पालन अच्छे कर्मों में करना चाहिए ” 1015. بیوی کا خاوند کی اجازت کے بغیر خرچ کرنا 1015. “ पत्नी का पति की अनुमति के बिना ख़र्च करना ” 1016. بیوی کی جنت و جہنم کا دارومدار خاوند پر ہے 1016. “ पत्नी की जन्नत और जहन्नम पति पर निर्भर करती है ” 1017. خاوند کی ناشکری کرنے والی عورت اللہ تعالیٰ کی نظر رحمت سے محروم 1017. “ पती का शुक्र न करने वाली औरत को अल्लाह तआला रहमत की नज़र से नहीं देखता है ” 1018. بیوی اپنے خاوند کا کفر کیسے کرتی ہے؟ 1018. “ पत्नी अपने पती का कुफ़्र कैसे करती है ” 1019. خاوند کی عدم موجودگی میں بیوی کا غیروں کے لیے میک اپ کرنا 1019. “ पति के पीछे दूसरों के लिए पत्नी का सजना संवरना ” 1020. ازدواجی تعلق کا محل اور اس کا اجر 1020. “ औरतों से संभोग किस ओर से किया जाए और उसका सवाब ” 1021. عورتوں سے غیر فطری جماع کرنا ممنوع ہے 1021. “ औरतों के साथ उनके पीछे से संभोग करना मना है ” 1022. عزل اور اس کا حکم 1022. “ अज़्ल करने यानि बच्चे के जन्म से बचने के बारे में ” 1023. کسر شہوت کا بہترین حل بیوی ہے 1023. “ यदि संभोग की इच्छा हो तो सब से अच्छा उपाय पत्नी है ” 1024. اولاد کے لیے خاوند کو جماع کی ترغیب دلانا 1024. “ बच्चों के जन्म के लिए पति को संभोग के लिए प्रोत्साहित करना ” 1025. عورت گوشہ نشینی کی حالت میں اللہ تعالیٰ کے قریب ہوتی ہے 1025. “ औरत यदि घर के एक कोने में रहती है तो अल्लाह के क़रीब है ” 1026. اللہ تعالیٰ کے ہاں پسندیدہ نام 1026. “ अल्लाह तआला के हाँ अच्छे नाम ” 1027. انبیاء و صالحین کے نام رکھنا 1027. “ नबियों और अच्छे लोगों जैसा नाम रखना ” 1028. ممنوعہ نام 1028. “ वे नाम जो रखना मना हैं ” 1029. نام تبدیل کرنا 1029. “ नाम बदलना ” 1030. ابتدائے رات کے وقت بچوں کی حفاظت کرنا 1030. “ रात के पहले समय में बच्चों की सुरक्षा करना ” 1031. بچہ اپنے اور سیدنا آدم علیہ السلام کے مابین نسب میں سے کسی فرد کے مشابہ ہو سکتا ہے 1031. “ बच्चा अपने और आदम के बीच वंश के किसी भी व्यक्ति के जैसा हो सकता है ” 1032. دوسری بیوی کے پاس تین یا سات راتیں گزارنا 1032. “ दूसरी पत्नी के साथ तीन या सात रातें बिताना ” 1033. شادی، نصف ایمان کی تکمیل ہے 1033. “ विवाह आधे ईमान को पूरा करता है ” 1034. شادی نہ کرنا رہبانیت ہے 1034. “ विवाह न करने का अर्थ दुनिया से संमंध तोड़ देना है ” 1035. شادی نہ کر سکنے والا روزہ رکھے 1035. “ जो विवाह नहीं कर सकता वह रोज़े रखे ” 1036. غیاب کے بعد رات کو بیویوں کے پاس نہ آیا جائے 1036. “ दूर रहने के बाद रात में पत्नियों के पास न आया जाए ” 1037. نیک بیوی سعادت ہے اور بدبخت شقاوت ہے 1037. “ नेक पत्नी भलाई है और बुरी पत्नी बद-नसीबी है ” 1038. نیک بیوی کی صفات 1038. “ नेक पत्नी की अच्छाइयां ” 1039. شگفتہ مزاج اور صالح مزاج، نہ کہ چڑچڑاپن 1039. “ कोमल स्वभाव और अच्छा स्वभाव, चिड़चिड़ापन नहीं ” 1040. میاں بیوی کے مابین گڑبڑ ممکن ہے، لیکن . . . 1040. “ पती पत्नी के बीच गड़बड़ संभव है, लेकिन ... ” 1041. بیوی کے ساتھ شفقت کرنا 1041. “ पत्नी के साथ प्यार से रहना ” 1042. عورتوں کے ساتھ حسن سلوک کرنے کی وصیت 1042. “ औरतों के साथ अच्छा व्यवहार करने की वसीयत ” 1043. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا بیویوں سے دل لگی کرنا 1043. “ नबी ﷺ ने अपनी पत्नियों का मनोरंजन किया ” 1044. کسی مقصد کے پیش نظر بیویوں سے اعراض کرنا 1044. “ किसी कारण पत्नियों से दूरी बरतना ” 1045. بیویوں سے ایلا کرنا 1045. “ पत्नियों से “ इलाअ ” करना यानी पास न आने की क़सम उठाना ” 1046. فطرتی طور پر عورت کے مزاج میں ٹیڑھا پن ہے 1046. “ स्वाभाविक रूप से महिला के स्वभाव में टेढ़ापन ” 1047. عورت اور یتیم کے حقوق کے بارے میں سختی 1047. “ औरतों और अनाथ के अधिकारों के बारे में सख़्ती ” 1048. نسب کی طرح رضاعت سے بھی رشتے حرام ہو جاتے ہیں 1048. “ वंश की तरह दूध पीते यानि रज़ाई रिश्ते भी हराम हो जाते हैं ” 1049. اولاد کے مابین عدل کرنا 1049. “ औलाद के बीच न्याय करना ” 1050. سیدہ عائشہ رضی اللہ عنہا آخرت میں بھی آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی بیوی ہوں گی 1050. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा आख़िरत में भी रसूल अल्लाह ﷺ की पत्नी होंगी ” 1051. بیوی جنت میں آخری خاوند کے ساتھ ہو گی 1051. “ पत्नी जन्नत में अपने आख़री पति के साथ रहेगी ” 1052. اولاد اور اس کا مال و دولت والدین کی کمائی ہیں 1052. “ औलाद और उनका धन माता-पिता की कमाई है ” 1053. اللہ تعالیٰ کی غیرت کے تقاضے 1053. “ अल्लाह तआला के सम्मान की आवश्यकता ” 1054. خاوندوں کی حیثیت سے بڑھ کر اخراجات کا مطالبہ کرنے والی بیویاں باعث ہلاکت امت ہیں، عورتوں کا میک اپ میں تکلف کرنا کیسا ہے؟ 1054. “ पत्नियां जो पति की हैसियत से अधिक ख़र्चे की मांग करती हैं वे उम्माह की बेबादी का कारण हैं ، औरतों का सजना संवरना केसा है ” 1055. سیدنا علی رضی اللہ عنہ کو دوسری شادی کی اجازت کیوں نہ ملی؟ 1055. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह को दुसरे विवाह की अनुमति क्यों नहीं दी गई ? ” 1056. کون سی شرطیں درست نہیں؟ 1056. “ कौन सी शर्तें मान्य नहीं हैं ? ” 1057. حاملہ کی عدت وضع حمل ہے 1057. “ गर्भवती महिला की इददत बच्चे को जन्म देने तक है ” 1058. عورتیں مردوں کی طرح ہی ہیں، احتلام کی وجہ غسل کب فرض ہوتا ہے؟ 1058. “ औरतें पुरुषों की तरह ही हैं ، एहतलाम के कारण ग़ुस्ल कब फ़र्ज़ होता है ” 1059. امہات المؤمنین کا آپ صلی اللہ علیہ وسلم کو ترجیح دینا 1059. “ रसूल अल्लाह ﷺ की पत्नियों का आप ﷺ को प्राथमिकता देना ” 1060. خاوند کا اپنی بیوی کی سہیلیوں کا خیال رکھنا 1060. “ पति का अपनी पत्नी के दोस्तों की देखभाल करना ” 1061. سوکن کا اپنی ہم منصب سے انتقام 1061. “ पत्नी का अपनी सोकन से बदला ” 1062. کنواری عورتوں کو ترجیح دینا 1062. “ कुंवारी औरतों को प्राथमिकता दें ” 1063. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی بچوں سے خوش طبعی 1063. “ आप ﷺ का बच्चों से अच्छा स्वभाव ” 1064. عورتوں کا عیدگاہ میں جانا 1064. “ औरतों का ईदगाह जाना ” 1065. نکاح سے پہلے کوئی طلاق نہیں 1065. “ निकाह से पहले कोई तलाक़ नहीं है ” 1066. سیدہ حفصہ کو طلاق اور رجوع 1066. “ हज़रत हफ़सह रज़ि अल्लाहु अन्हा को तलाक़ फिर रुजू ” 1067. جماع کے بعد مہر دیے بغیر عورت کو طلاق دے دینا سب سے بڑا گناہ ہے 1067. “ संभोग के बाद महर दिए बिना तलाक़ देना सबसे बड़ा पाप है ” 1068. طلاق دیتے وقت کچھ مال وغیرہ دے دینا 1068. “ तलाक़ के समय कुछ माल आदि देना ” 1069. بداخلاق عورت کو طلاق دے دی جائے 1069. “ बद-अख़लाक़ औरत को तलाक़ दे देनी चाहिए ” 1070. کوئی عورت اپنی سوکن کی طلاق کا مطالبہ نہ کرے 1070. “ कोई औरत अपनी सोकन की तलक़ा की मांग न करे ” 1071. ابلیس طلاق دلوانے والے شیطان کو شاباش دیتا ہے 1071. “ इबलीस यानि बड़ा शैतान तलाक़ कराने वाले शैतान की सराहना करता है ” 1072. تین طلاقوں کے بعد خاوند بیوی کے اخراجات کا ذمہ دار نہیں ہوتا 1072. “ तीन तलाक़ के बाद पत्नी के ख़र्चे के लिए पति ज़िम्मेदार नहीं है ” 1073. خلع لینے والی عورتیں منافق ہیں 1073. “ ख़ुलअ लेने वाली औरतें मुनाफ़िक़ हैं ” 1074. زنا کی اولاد قصور وار نہیں 1074. “ ज़िना से पैदा हुए बच्चे दोषी नहीं हैं ” 1075. بچے اور باپ کی ولا اس کے عصبہ کو ملے گی 1075. “ बच्चे और पिता की वलाअ उसके असबह को मिलेगी ” 1076. فوت ہونے والے نابالغ بچے والدین کے لیے خوشخبری ہیں، فوت ہونے والے دو یا تین نابالغ بچوں کے والدین کی فضیلت 1076. “ मरने वाले कम आयु के बच्चों के माता-पिता के लिए ख़ुशख़बरी है ، कम आयु के मरने वाले दो या तीन बच्चों के माता-पिता की फ़ज़ीलत ” 1077. ہر نومولود کو شیطان چھوتا ہے 1077. “ हर नवजात को शैतान द्वारा छुआ जाता है ” 1078. بہنوں اور بیٹیوں کی بہترین کفالت پر جنت کا مژدہ 1078. “ बहनों और बेटियों की अच्छी ज़िम्मेदारी उठाने पर ख़ुशख़बरी ” 1079. کتنی مقدار رقم کا مالک سوال نہیں کر سکتا؟ 1079. “ कितनी मात्रा की राशि का मालिक मांग नहीं सकता ? ” 1080. یتیم کی کفالت کا اجر و ثواب 1080. “ अनाथ की ज़िम्मेदारी उठाने वाले का सवाब ” 1081. افتراق کی صورت میں بچوں کا حقدار باپ ہو گا یا ماں ہے؟ 1081. “ अलग होने की स्थिति में बच्चों का हक़दार पिता होगा या मां ” 1082. متعہ حرام ہے 1082. “ मुतअ हराम है ” 1083. امہات المؤمنین کو حجۃ الوداع کے بعد گھروں میں رہنے کی تلقین 1083. “ रसूल अल्लाह ﷺ की पत्नियों को हज्ज के बाद घरों में रहने की नसीहत ” 1084. عقیقہ کرنا اور اس کا خون نومولود کو نہ لگانا 1084. “ अक़ीक़ह करना और नवजात को उसका ख़ून न लगाना ” 1085. شفقت کا اظہار کرتے ہوئے نام کی تصغیر کے ساتھ بلانا 1085. “ प्यार में छोटे नाम से बुलाना ” |
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा الزواج، والعدل بين الزوجات وتربية الاولاد والعدل بينهم وتحسين اسمائهم شادی، بیویوں کے مابین انصاف، اولاد کی تربیت، ان کے درمیان انصاف اور ان کے اچھے نام विवाह, पत्नियों के बीच न्याय, बच्चों की परवरिश, बच्चों के बीच न्याय और बच्चों के अच्छे नाम کوئی عورت اپنی سوکن کی طلاق کا مطالبہ نہ کرے “ कोई औरत अपनी सोकन की तलक़ा की मांग न करे ”
سیدہ ام سلمہ رضی اللہ عنہا کہتی ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”کوئی عورت اپنی کسی بہن کے برتن کو انڈیلنے (یعنی اس کا گھر برباد کرنے) کے لیے اس کی طلاق کا مطالبہ نہ کرے اور (یاد رکھے کہ) اس کا رزق الله تعالیٰ پر ہے۔“
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