फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन
2316. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह सही थे। बाद वालों को सहाबा के विवाद के बारे में क्या कहना चाहिए ? ”
2317. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा का जमल की लड़ाई में भाग लेना कैसा था ? ”
2318. “ हज़रत उस्मान रसूल अल्लाह ﷺ के सच्चे ख़लीफ़ा थे ”
2319. “ क़ुरैश के बारह ख़लीफ़ा ”
2320. “ हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की शहादत की भविष्यवाणी, हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की क़त्ल की जगह ”
2321. “ हबशी कअबा को तबाह कर देंगे, यदि हरम अमन वला है तो उसमें झगड़े क्यों हुए ”
2322. “ मक्का की विजय के बाद, मक्का पर कोई हमला नहीं होगा ”
2323. “ बैतुल्लाह पर हमला करने वालों को ज़मीन में धंसा दिया जाएगा ”
2324. “ उम्मत के लोग एक दूसरे को मार डालेंगे ”
2325. “ क़यामत के दिन ईमानवालों के सामने अल्लाह मुस्कुराएगा ”
2326. “ क़यामत के दिन रसूल अल्लाह ﷺ से मिलने का स्थान ”
2327. “ अल्लाह तआला की एक सौ रहमतें ”
2328. “ परिचय के लिए अल्लाह ताला अपनी पिंडली खोल देगा ، क़यामत के दिन हर इन्सान अपने मअबूद ( भवान ) के साथ होगा ”
2329. “ अल्लाह तआला के सिवा किसी भी मअबूद ( भवान ) में कोई अच्छाई नहीं है ”
2330. “ क़यामत की निशानियां ”
2331. “ क़यामत की पहली बड़ी निशानी आग लोगों को शाम ( सीरिया ) में इकट्ठा करेगी ”
2332. “ क़यामत क़रीब है ”
2333. “ क़यामत के क़रीब होने की मिसाल ”
2334. “ क़यामत के दिन मैदान में जाने वालों का हाल ”
2335. “ क़यामत की सबसे बड़ी निशानी पश्चिम से सूर्य का निकलना है ”
2336. “ क़यामत की कौनसी निशानियों के बाद ईमान का कोई लाभ नहीं होगा ، ज़मीन का चौपाया ”
2337. “ क़यामत की निशानियाँ एक के बाद एक आती रहेंगी ”
2338. “ मस्जिद को सुंदर बनाने और मसाहीफ़ ( यानि क़ुरआन ) को सुंदर बनाने पर हलाकत ”
2339. “ बुराई के आम होजाने पर अल्लाह का अज़ाब ”
2340. “ आपको दूसरों से अधिक अपने बारे में चिंता करनी होगी ”
2341. “ काफ़िर मोमिनों के लिए जहन्नम का जुरमाना हैं
2342. “ क़यामत के दिन सूर्य क़रीब होगा और लोग पसीने से तरबतर होंगे ”
2343. “ फ़ितनों के समय के नियम ”
2344. “ कभी-कभी सब्र करना मुश्किल होगा ”
2345. “ फ़ितनों के अलग अलग रूप और उस पर रसूल अल्लाह ﷺ को अफ़सोस ”
2346. “ फ़ितनों के समय में लकड़ी की तलवार चलाने की वसीयत ”
2347. “ फ़ितनों के उभरने से पहले नेक काम करने की नसिहत ”
2348. “ आपस के फ़ितने भी दज्जाल से कम नहीं ”
2349. “ रसूल अल्लाह ﷺ के अनुसार अच्छाई और बुराई ، फ़ितनों का समय कैसे गुज़ारा जाए ”
2350. “ इस उम्मत के सबसे बुरे लोगों को अच्छे लोगों पर कब थोपा जाएगा ? ”
2351. “ इमाम महदी के बारे में ”
2352. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का रूप-रंग ”
2353. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की विशेषताएं ”
2354. “ रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को सलाम भेजना ”
2355. “ दज्जाल और उसका रंग-रूप ”
2356. “ दज्जाल के उभरने की जगह ”
2357. “ सत्तर हज़ार यहूदी दज्जाल की पैरवी करेंगे ”
2358. “ दज्जाल मदीने में नहीं घुस सकेगा ، मदीने में रहने वाले मुनाफ़िक़ दज्जाल के पास कैसे पहुंचेंगे ”
2359. “ मदीना मुनव्वरा ख़ाली हो जाएगा ”
2360. “ हरम मदीने की सीमा ”
2361. “ दज्जाल के फ़ितने से कैसे बचा जाए ”
2362. “ क़ुरआन पढ़ने वाले दज्जाल के साथ ”
2363. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी दीन से दूर ”
2364. “ याजूज माजूज की कहानी ”
2365. “ उम्मत तहत्तर समुदायों में बंट जाएगी ”
2366. “ अच्छे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जाएगी ”
2367. “ दिन-ब-दिन अल्लाह से दुरी और दुनिया का लालच बढ़ता जाएगा ”
2368. “ बुराई दिन-ब-दिन आम होती जाएगी ”
2369. “ इराक़ फ़ितनों का गढ़ है ”
2370. “ बिना कारण घर से बाहर न निकलना ठीक है ”
2371. “ क़यामत के दिन काफ़िर मुंह के बल चलेंगे ”
2372. “ आज़माइशों के माध्यम से अल्लाह से सुख की मांग करनी चाहिए ”
2373. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत पर रहमतें की गई हैं लेकिन ”
2374. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत कितनी दूर तक पहुंचेगी ? इस्लाम हर घर में पहुंचेगा ”
2375. “ अच्छे लोगों का सिफ़ारिश करना ”
2376. “ क़ुस्तुनतुनिया पहले जीता गया या रोम ”
2377. “ गवाही के शब्द पापों की निन्यानवे किताबों पर भारी ”
2378. “ मोमिन को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया और आख़िरत दोनों जगह मिलता है ”
2379. “ काफ़िर को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया में मिल जाता है ”
2380. “ क़यामत के दिन से पहले सभी मोमिन एक हवा से मर जाएंगे ”
2381. “ तौहीद के होते हुए क़यामत नहीं आएगी ”
2382. “ क़यामत बुरे लोगों पर आएगी ”
2383. “ क़यामत के दिन अल्लाह अपने कुछ बंदों को सवालों के जवाब बता देगा ”
2384. “ शराब का नाम बदल कर उसको हलाल समझा जाएगा ”
2385. “ उम्मत में ऐसे लोग होंगे जो हराम को हलाल समझेंगे ”
2386. “ इस उम्मत के लोगों के रूप कब बिगाड़ दिए जाएंगी ”
2387. “ क़यामत के दीन जानवरों को भी बदला दिलवाया जाएगा ”
2388. “ फ़ितनों से बच जाने वाला आज़माइशों पर सब्र करने वाला आज्ञाकारी है ”
2389. “ हिसाब किताब से पहले लोगों का नबियों के पास जाना ”
2390. “ इस उम्मत का फ़ितना माल है ”
2391. “ रसूल अल्लाह ﷺ का होज़ बिदअत करने वालों को होज़ से दूर रखा जाएगा ”
2392. “ सब्र के दिनों में शरीअत का पाबंद रहने का सवाब ”
2393. “ क़यामत के दिन लोग नंगे होंगे ، सबसे पहले इब्राहिम अलैहिस्सलाम को पहनाया जाएगा ، रसूल अल्लाह ﷺ को हरा लिबास पहनाया जाएगा और आम लोग अपने ही कपड़ों में होंगे ”
2394. “ क़यामत के दिन जांघ और हथेली भी बात करेगी ”
2395. “ अन्तिम दिनों में दस प्रतिशत कर्म करने से भी मुक्ति मिल जाएगी ”
2396. “ क़यामत के दिन लोगों का वजूद भी तौला जाएगा ”
2397. “ बिदअत और अमानत में ख़यानत का बोझ ”
2398. “ नौसैनिक जिहाद में भाग लेने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ، कैसर पर हमला करने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ”
2399. “ हर एक हज़ार में से नौ सौ निन्यानवे जहन्नम में ”
2400. “ ख़िलाफ़त के सिलसिले में नबी की सुन्नत को बदलने वाला पहला व्यक्ति ”
2401. “ सहाबा में क़त्ल का फ़ितना ”
2402. “ मुस्लिम उम्मत की सज़ा ”
2403. “ झूठी नबवत का दवा करने वाले ”
2404. “ दीन का अच्छा समय छोटा है ”
2405. “ साठ साल की आयु के बाद के समय से अल्लाह की शरण मांगो ”
2406. “ अंत में ज़मीन अपने खज़ाने उलट देगी ”
2407. “ विजय से पहले का समय बेहतर था ”
2408. “ अरबों के ज़मीन के ख़ज़ाने निकालने के लिए सबसे बुरे लोगों के आने की भविष्यवाणी ”
2409. “ इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिजरत की जगह ( शाम यानि सीरिया ) बेहतर होगी ”
2410. “ पिछली उम्मतों के रोग इस उम्मत में ”
2411. “ कपड़े पहनकर भी नंगी दिखने वाली औरतें और गाड़ियों में मस्जिदों में आना कैसा होता है ? ”
2412. “ दुनिया के मामलों पर बातें करने वालों के साथ मस्जिदों में बैठना मना है ”
2413. “ ज़ालिम शासक और दीन में मिलावट करने वाले रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश से दूर ”
2414. “ क़दरिया और मुरजिआ ”
2415. “ सूर क्या है ? ”
2416. “ क़यामत के दिन काफ़िर के अंग बढ़ेंगे ”
2417. “ जुमा का मुबारक दिन और उसमें काली बिंदी ”
2418. “ फ़ितना अहलास और उसके बाद क्या होगा ”
2419. “ जारी रहेगा जिहाद, सच्चाई पर खड़ा रहेगा एक गुट ”
2420. “ क्या क़ातिल की तौबा स्वीकार की जाएगी ”
2421. “ उस समय की दुआ जब लोग दरहम और दीनार इकट्ठा करने में लगे हों ”
2422. “ नेक लोग भी अज़ाब में पकड़े जाते हैं लेकिन ... ”
2423. “ यमन की आग ”
2424. “ रसूल अल्लाह ﷺ और उनकी उम्मत पिछले नबियों के पक्ष में गवाही देंगे ”
2425. “ हरम में बेदीनी यानि नास्तिकता एक गंभीर अपराध है ”
2426. “ अदन अबयन के बारह हज़ार लोग दीन के समर्थन के लिए ”
2427. “ आख़िरकार इस्लाम के सदस्य ग़ायब हो जाएंगे, यहां तक ​​कि क़ुरआन के अक्षर भी ग़ायब हो जाएंगे ”
2428. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी जहन्नमी होते हैं ? घोड़ों के समुद्र में घुस जाने की भविष्यवाणी ”
2429. “ क़यामत के दिन कौन सजदा नहीं कर पाएगा ? ”
2430. “ अंत समय में दानी ख़लीफ़ा। इराक़ ، सीरिया और मिस्र के रिज़्क़ के साधन रुक जाएंगे ”
2431. “ लोगों की पिटाई करने वालों ، अधनंगी औरतों की भविष्वाणी और उनका अंत ”
2432. “ दुनिया के प्यार का अंत हार है ”
2433. “ अंतिम दिनों में शाम ( सीरिया ) को ही मिलेगा पानी ”
2434. “ नीच और मतलबी लोगों के राज की भविष्वाणी ”
2435. “ तबूक के आसपास बाग़ों की भविष्वाणी ”
2436. “ कर्मों को तोलने के लिए बड़ा तराज़ू ، फ़रिश्ते भी पूरी इबादत न कर सके ، पुल सिरात ”
2437. “ क़यामत के दिन का समय ، ज़ुहर से अस्र तक के बीच के बराबर या पचास हज़ार साल के बराबर ? ”
2438. “ आख़िरत के मामलों को याद करते समय कौन-सी दुआ पढ़नी चाहिए ? ”
2439. “ सबसे अच्छी मौत कौन-सी है ? ”
2440. “ चादरों की भविष्यवाणी ”
2441. “ लोगों को हर समय डराना नहीं चाहिए ”
2442. “ सज्दा करते हुए सज्दा करने वाले को मारने का हुक्म ? ”
2443. “ उम्मत का एक गुट सच्चाई पर डटा रहेगा ”
2444. “ सभी को पांच सवालों के जवाब देने हैं ، नहीं तो ... ”
2445. “ दुनिया में पेट भरने वाले क़यामत के दिन भूखे रहेंगे ”
2446. “ कुछ लोगों की बुराइयां अच्छाई में बदल दी जाएंगी ”
2447. “ अरबों के दिल ग़ैर-अरबों के दिलों की तरह हो जाएंगे ”
2448. “ औरत भी फ़ितना है ، पर क्यों ? ”
2449. “ नसीब पर आपत्ति और उसका जवाब ”
2450. “ बूढ़े ज़ानी रहमत की नज़र से दूर ”
2451. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत और पांच सौ साल ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
الفتن و اشراط الساعة والبعث
فتنے، علامات قیامت اور حشر
फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन
دجال اور اس کی شکل اور صفات
“ दज्जाल और उसका रंग-रूप ”
حدیث نمبر: 3643
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- (اراني الليلة عند الكعبة، فرايت رجلا آدم، كاحسن ما انت راء من ادم الرجال، له لمة كاحسن ما انت راء من اللمم، قد رجلها فهي تقطر ماء، متكئا على رجلين او على عواتق رجلين، يطوف بالكعبة، فسالت: من هذا؟ قيل: هذا المسيح ابن مريم. ثم إذا انا برجل جعد قطط، اعور العين اليمنى، كانها عنبة طافية، فسالت: من هذا؟ فقيل لي: هذا المسيح الدجال).- (أَراني اللّيلةَ عند الكعبةِ، فرأيتُ رجُلاً آدمَ، كأحسنِ ما أنتَ راءٍ من أُدمِ الرِّجالِ، له لِمَّةٌ كأحسنِ ما أنتَ راءٍ من اللِّمَم، قد رجَّلَها فهي تقطُر ماءً، متكئاً على رجُلين أو على عواتق رجلينِ، يطوفُ بالكعبةِ، فسألتُ: من هذا؟ قيل: هذا المسيحُ ابنُ مريمَ. ثمّ إذا أنا برجلٍ جَعدٍ قطَطٍ، أعور العينِ اليمنَى، كأنّها عِنّبةٌ طافية، فسألتُ: من هذا؟ فقيل لي: هذا المسيحُ الدّجالُ).
سیدنا عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں نے آج رات اپنے آپ کو خواب میں کعبہ کے پاس دیکھا، میں نے ایک گندمی رنگ کا آدمی دیکھا تھا، اس رنگ میں وہ انتہائی خوبصورت آدمی تھا، اس کی بہت خوبصورت زلفیں تھیں، اس نے کنگھی کر رکھی تھی اور ان سے پانی کے قطرے ٹپک رہے تھے، اس نے دو آدمیوں یا دو آدمیوں کے کندھوں پر ٹیک لگا رکھی تھی اور وہ بیت اللہ کا طواف کر رہا تھا۔ میں نے پوچھا یہ آدمی کون ہے؟ کہا گیا کہ یہ مسیح بن مریم (‏‏‏‏علیہ السلام) ہیں۔ پھر اچانک میں نے ایک اور آدمی دیکھا جو چھوٹے گھونگھریالے بالوں والا تھا، اس کی دائیں آنکھ کانی تھی اور وہ خو شئہ انگور میں ابھرے ہوئے دا نے کی طرح لگتی تھی۔ میں نے پوچھا: یہ کون ہے؟ مجھے کہا گیا کہ یہ مسیح دجال ہے۔
حدیث نمبر: 3644
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-" الدجال الاعور هجان ازهر (وفي رواية اقمر) كان راسه اصلة اشبه الناس بعبد العزى بن قطن، فإما هلك الهلك، فإن ربكم تعالى ليس باعور".-" الدجال الأعور هجان أزهر (وفي رواية أقمر) كأن رأسه أصلة أشبه الناس بعبد العزى بن قطن، فإما هلك الهلك، فإن ربكم تعالى ليس بأعور".
سیدنا عبداللہ بن عباس رضی اللہ عنہما سے روایت ہے، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: دجال کانا ہو گا، اس کا رنگ سفید ہو گا، ایسے لگتا ہے کہ اس کا سر چھوٹے مہلک سانپ (‏‏‏‏کے سر) کی طرح (‏‏‏‏یعنی اس کا سر بہت چھوٹا) ہو گا، لوگوں میں عبدالعزی بن قطن اس کے زیادہ مشابہ ہے، (‏‏‏‏ذہن نشین کر لو کہ مشابہت میں پڑ کر) ہلاک ہونے والے ہلاک ہوتے رہیں، بیثک تمہارا رب کانا نہیں ہے۔
حدیث نمبر: 3645
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- (يا عائشة! العرب يومئذ قليل. (يعني: بين يدي الدجال). فقلت: ما يجزي المؤمنين يومئذ من الطعام؟ قال: ما يجزي الملائكة؛ التسبيح والتكبير والتحميد والتهليل).- (يا عائشةُ! العربُ يومئذٍ قليلٌ. (يعني: بين يدي الدجال). فقلت: ما يُجْزِي المؤمنين يومئذٍ من الطعامِ؟ قال: ما يُجْزِي الملائكة؛ التسبيحُ والتكبيرُ والتحميدُ والتهليلُ).
سیدہ عائشہ صدیقہ رضی اللہ عنہا سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے دجال کے زمانے کی شدید مزاحمتوں کا ذکر کیا۔ میں نے کہا: اے اللہ کے رسول! اس وقت عرب کہاں ہوں گے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: عائشہ! ان دنوں عرب تھوڑے ہوں گے۔ میں نے کہا: تو پھر کون سی چیز مومنوں کو کھانے سے کفایت کرے گی؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جو فرشتوں کو کفایت کرتی ہے تسبیح، تکبیر، تحمید اور تہلیل۔ ‏‏‏‏ میں نے کہا: ان دنوں میں کون سا مال بہتر ہو گا؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ایسا خادم جو اپنے آقاؤں کو پانی پلا دے گا، رہا مسئلہ کھانے کا تو وہ تو (‏‏‏‏سرے سے) نہیں ہو گا۔
حدیث نمبر: 3646
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-" الدجال عينه خضراء كالزجاجة، ونعوذ بالله من عذاب القبر".-" الدجال عينه خضراء كالزجاجة، ونعوذ بالله من عذاب القبر".
سیدنا ابی بن کعب رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: دجال کی آنکھ شیشے کی طرح سبز ہو گی اور ہم عذاب قبر سے اللہ تعالیٰ کی پناہ طلب کرتے ہیں۔
حدیث نمبر: 3647
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- (إن مع الدجال إذا خرج ماء ونارا، فاما الذي يرى الناس انها النار؛ فماء بارد، واما الذي يرى الناس انه ماء بارد؛ فنار تحرق، فمن ادرك منكم؛ فليقع في الذي يرى انها نار؛ فإنه عذب بارد).- (إنّ معَ الدّجال إذا خرج ماءً وناراً، فأما الذي يرى الناسُ أنها النار؛ فماءٌ باردٌ، وأما الذي يرى الناسُ أنه ماءٌ باردٌ؛ فنار تحرق، فمن أدرك منكم؛ فليقع في الذي يرى أنها نار؛ فإنه عذبٌ باردٌ).
ربعی بن حراش کہتے ہیں: سیدنا عقبہ بن عمرو رضی اللہ عنہ نے سیدنا حذیفہ رضی اللہ عنہ سے کہا: آیا آپ ہم کو رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم سے سنی ہوئی کوئی حدیث بیان کریں گے؟ انہوں نے کہا: میں نے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو فرماتے سنا: بیشک جب دجال نکلے گا تو اس کے ساتھ پانی اور آگ ہوں گے، جو چیز لوگوں کو آگ کی صورت میں نظر آئے گی وہ درحقیقت ٹھنڈا پانی ہو گی اور لوگ جس چیز کو ٹھنڈا پانی تصور کریں گے وہ حقیقت میں جلانے والی آگ ہو گی اگر تم لوگ دجال کو پا لو تو اس میں گرنا، جو تمہیں آگ کی شکل میں نظر آئے گی، کیونکہ وہ دراصل میٹھا اور ٹھنڈا پانی ہو گا۔ سیدنا عقبہ نے سیدنا حذیفہ کی تصدیق کرتے ہوئے کہا: میں نے بھی یہ حدیث سنی تھی۔
حدیث نمبر: 3648
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-" انذركم الدجال، انذركم الدجال، انذركم الدجال، فإنه لم يكن نبي إلا وقد انذره امته، وإنه فيكم ايتها الامة وإنه جعد آدم، ممسوح العين اليسرى، وإن معه جنة ونارا، فناره جنة وجنته نار، وإن معه نهر ماء وجبل خبز، وإنه يسلط على نفس فيقتلها ثم يحييها، لا يسلط على غيرها، وإنه يمطر السماء ولا تنبت الارض، وإنه يلبث في الارض اربعين صباحا حتى يبلغ منها كل منهل، وإنه لا يقرب اربعة مساجد: مسجد الحرام ومسجد الرسول ومسجد المقدس والطور، وما شبه عليكم من الاشياء، فإن الله ليس باعور (مرتين)".-" أنذركم الدجال، أنذركم الدجال، أنذركم الدجال، فإنه لم يكن نبي إلا وقد أنذره أمته، وإنه فيكم أيتها الأمة وإنه جعد آدم، ممسوح العين اليسرى، وإن معه جنة ونارا، فناره جنة وجنته نار، وإن معه نهر ماء وجبل خبز، وإنه يسلط على نفس فيقتلها ثم يحييها، لا يسلط على غيرها، وإنه يمطر السماء ولا تنبت الأرض، وإنه يلبث في الأرض أربعين صباحا حتى يبلغ منها كل منهل، وإنه لا يقرب أربعة مساجد: مسجد الحرام ومسجد الرسول ومسجد المقدس والطور، وما شبه عليكم من الأشياء، فإن الله ليس بأعور (مرتين)".
جنادہ بن ابوامیہ دوسی کہتے ہیں: میں اور میرا دوست ایک صحابی رسول کے پاس گئے اور کہا: ہمیں ایسی حدث بیان کرو، جو تم نے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم سے خود سنی ہو، کسی اور سے نہیں، اگرچہ وہ ہمارے ہاں صادق ہو۔ انہوں نے کہا: جی ہاں، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم ہم میں کھڑے ہوئے اور فرمایا: میں تمہیں دجال سے ڈراتا ہوں، میں دجال سے ڈراتا ہوں، میں تمہیں دجال سے ڈراتا ہوں، ہر نبی نے اپنی امت کو اس سے آگاہ کیا۔ اے میری امت! وہ تم میں نکلے گا۔ وہ گھونگھریالے بالوں والا اور گندمی رنگ کا ہو گا، اس کی بائیں آنکھ مٹی ہوئی ہو گی، اس کے پاس جنت اور جہنم ہو گی۔ (‏‏‏‏درحقیقت) اس کی جہنم، جنت ہو گی اور اس کی جنت، جہنم ہو گی۔ اس کے پاس پانی کی نہر اور روٹیوں کا پہاڑ ہو گا۔ (‏‏‏‏اسے اتنی قدرت دی جائے گی کہ) ایک جان کو قتل کر کے اسے زندہ کر سکے گا، مزید اسے اس قسم کا تسلط نہیں دیا جائے گا۔ وہ آسمان سے بارش برسائے گا، لیکن زمین سے کوئی چیز نہیں اگائے گی۔ وہ زمین میں چالیس دن ٹھہرے گا، لیکن ہر جگہ پر پہنچنے گا۔ وہ چار مساجد کے قریب نہیں آ سکے گا مسجد الحرام، مسجد نبوی، مسجد مقدس اور کوہ طور۔ اگر کچھ اختیارات کی وجہ سے تم پر (‏‏‏‏اس کے اللہ تعالیٰ سے) مشابہت پڑ نے لگے، تو ذہن میں رکھنا کہ اللہ تعالیٰ کانا نہیں ہے۔ یہ بات دو دفعہ ارشاد فرمائی۔
حدیث نمبر: 3649
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-" تعلموا انه لن يرى احد منكم ربه حتى يموت وإنه مكتوب بين عينيه [ك ف ر]، يقرؤه من كره عمله".-" تعلموا أنه لن يرى أحد منكم ربه حتى يموت وإنه مكتوب بين عينيه [ك ف ر]، يقرؤه من كره عمله".
عمر بن ثابت انصاری کہتے ہیں کہ مجھے ایک صحابی رسول نے بیان کیا کہ ایک دن نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے انہیں دجال سے آگاہ کرتے ہوئے فرمایا: جان لو کہ کوئی بھی اپنے رب کو مرنے سے پہلے نہیں دیکھ سکتا اور اس دجال کی آنکھوں کے درمیان ‏‏‏‏ ک ف ر لکھا ہو گا، اس کے عمل کو ناپسند کرنے والا ہر شخص یہ الفاظ پڑھ لے گا۔
حدیث نمبر: 3650
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-" إن من بعدكم الكذاب المضل، وإن راسه من بعده حبك حبك - ثلاث مرات - وإنه سيقول: انا ربكم، فمن قال: لست ربنا، لكن ربنا الله عليه توكلنا وإليه انبنا، نعوذ بالله من شرك، لم يكن له عليه سلطان".-" إن من بعدكم الكذاب المضل، وإن رأسه من بعده حبك حبك - ثلاث مرات - وإنه سيقول: أنا ربكم، فمن قال: لست ربنا، لكن ربنا الله عليه توكلنا وإليه أنبنا، نعوذ بالله من شرك، لم يكن له عليه سلطان".
ابوقلابہ کہتے ہیں کہ میں نے مدینہ منورہ میں ایک آدمی دیکھا، لوگ اس کے ارداگرد چکر لگا رہے تھے اور وہ کہہ رہا تھا رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا۔ وہ آدمی صحابی رسول تھا اور میں نے اسے یہ کہتے ہوئے سنا: تمہارے بعد انتہائی جھوٹا اور گمراہ کن آدمی پیدا ہو گا، اس کے سر کے بال گھونگھریالے (‏‏‏‏ یا بل دیے ہوئے) ہوں گے، وہ کہے گا: میں تمہارا رب ہوں۔ جس آدمی نے اسے یوں جواب دیا: تو ہمارا رب نہیں ہے، ہمارا رب تو اللہ ہے، ہم نے اس پر توکل کیا، اسی کی طرف رجوع کیا اور ہم تیرے شر سے اللہ تعالیٰ کی پناہ مانگتے ہیں۔ تو اس پر اس کا کوئی بس نہیں چلے گا۔

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