फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन
2316. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह सही थे। बाद वालों को सहाबा के विवाद के बारे में क्या कहना चाहिए ? ”
2317. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा का जमल की लड़ाई में भाग लेना कैसा था ? ”
2318. “ हज़रत उस्मान रसूल अल्लाह ﷺ के सच्चे ख़लीफ़ा थे ”
2319. “ क़ुरैश के बारह ख़लीफ़ा ”
2320. “ हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की शहादत की भविष्यवाणी, हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की क़त्ल की जगह ”
2321. “ हबशी कअबा को तबाह कर देंगे, यदि हरम अमन वला है तो उसमें झगड़े क्यों हुए ”
2322. “ मक्का की विजय के बाद, मक्का पर कोई हमला नहीं होगा ”
2323. “ बैतुल्लाह पर हमला करने वालों को ज़मीन में धंसा दिया जाएगा ”
2324. “ उम्मत के लोग एक दूसरे को मार डालेंगे ”
2325. “ क़यामत के दिन ईमानवालों के सामने अल्लाह मुस्कुराएगा ”
2326. “ क़यामत के दिन रसूल अल्लाह ﷺ से मिलने का स्थान ”
2327. “ अल्लाह तआला की एक सौ रहमतें ”
2328. “ परिचय के लिए अल्लाह ताला अपनी पिंडली खोल देगा ، क़यामत के दिन हर इन्सान अपने मअबूद ( भवान ) के साथ होगा ”
2329. “ अल्लाह तआला के सिवा किसी भी मअबूद ( भवान ) में कोई अच्छाई नहीं है ”
2330. “ क़यामत की निशानियां ”
2331. “ क़यामत की पहली बड़ी निशानी आग लोगों को शाम ( सीरिया ) में इकट्ठा करेगी ”
2332. “ क़यामत क़रीब है ”
2333. “ क़यामत के क़रीब होने की मिसाल ”
2334. “ क़यामत के दिन मैदान में जाने वालों का हाल ”
2335. “ क़यामत की सबसे बड़ी निशानी पश्चिम से सूर्य का निकलना है ”
2336. “ क़यामत की कौनसी निशानियों के बाद ईमान का कोई लाभ नहीं होगा ، ज़मीन का चौपाया ”
2337. “ क़यामत की निशानियाँ एक के बाद एक आती रहेंगी ”
2338. “ मस्जिद को सुंदर बनाने और मसाहीफ़ ( यानि क़ुरआन ) को सुंदर बनाने पर हलाकत ”
2339. “ बुराई के आम होजाने पर अल्लाह का अज़ाब ”
2340. “ आपको दूसरों से अधिक अपने बारे में चिंता करनी होगी ”
2341. “ काफ़िर मोमिनों के लिए जहन्नम का जुरमाना हैं
2342. “ क़यामत के दिन सूर्य क़रीब होगा और लोग पसीने से तरबतर होंगे ”
2343. “ फ़ितनों के समय के नियम ”
2344. “ कभी-कभी सब्र करना मुश्किल होगा ”
2345. “ फ़ितनों के अलग अलग रूप और उस पर रसूल अल्लाह ﷺ को अफ़सोस ”
2346. “ फ़ितनों के समय में लकड़ी की तलवार चलाने की वसीयत ”
2347. “ फ़ितनों के उभरने से पहले नेक काम करने की नसिहत ”
2348. “ आपस के फ़ितने भी दज्जाल से कम नहीं ”
2349. “ रसूल अल्लाह ﷺ के अनुसार अच्छाई और बुराई ، फ़ितनों का समय कैसे गुज़ारा जाए ”
2350. “ इस उम्मत के सबसे बुरे लोगों को अच्छे लोगों पर कब थोपा जाएगा ? ”
2351. “ इमाम महदी के बारे में ”
2352. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का रूप-रंग ”
2353. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की विशेषताएं ”
2354. “ रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को सलाम भेजना ”
2355. “ दज्जाल और उसका रंग-रूप ”
2356. “ दज्जाल के उभरने की जगह ”
2357. “ सत्तर हज़ार यहूदी दज्जाल की पैरवी करेंगे ”
2358. “ दज्जाल मदीने में नहीं घुस सकेगा ، मदीने में रहने वाले मुनाफ़िक़ दज्जाल के पास कैसे पहुंचेंगे ”
2359. “ मदीना मुनव्वरा ख़ाली हो जाएगा ”
2360. “ हरम मदीने की सीमा ”
2361. “ दज्जाल के फ़ितने से कैसे बचा जाए ”
2362. “ क़ुरआन पढ़ने वाले दज्जाल के साथ ”
2363. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी दीन से दूर ”
2364. “ याजूज माजूज की कहानी ”
2365. “ उम्मत तहत्तर समुदायों में बंट जाएगी ”
2366. “ अच्छे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जाएगी ”
2367. “ दिन-ब-दिन अल्लाह से दुरी और दुनिया का लालच बढ़ता जाएगा ”
2368. “ बुराई दिन-ब-दिन आम होती जाएगी ”
2369. “ इराक़ फ़ितनों का गढ़ है ”
2370. “ बिना कारण घर से बाहर न निकलना ठीक है ”
2371. “ क़यामत के दिन काफ़िर मुंह के बल चलेंगे ”
2372. “ आज़माइशों के माध्यम से अल्लाह से सुख की मांग करनी चाहिए ”
2373. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत पर रहमतें की गई हैं लेकिन ”
2374. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत कितनी दूर तक पहुंचेगी ? इस्लाम हर घर में पहुंचेगा ”
2375. “ अच्छे लोगों का सिफ़ारिश करना ”
2376. “ क़ुस्तुनतुनिया पहले जीता गया या रोम ”
2377. “ गवाही के शब्द पापों की निन्यानवे किताबों पर भारी ”
2378. “ मोमिन को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया और आख़िरत दोनों जगह मिलता है ”
2379. “ काफ़िर को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया में मिल जाता है ”
2380. “ क़यामत के दिन से पहले सभी मोमिन एक हवा से मर जाएंगे ”
2381. “ तौहीद के होते हुए क़यामत नहीं आएगी ”
2382. “ क़यामत बुरे लोगों पर आएगी ”
2383. “ क़यामत के दिन अल्लाह अपने कुछ बंदों को सवालों के जवाब बता देगा ”
2384. “ शराब का नाम बदल कर उसको हलाल समझा जाएगा ”
2385. “ उम्मत में ऐसे लोग होंगे जो हराम को हलाल समझेंगे ”
2386. “ इस उम्मत के लोगों के रूप कब बिगाड़ दिए जाएंगी ”
2387. “ क़यामत के दीन जानवरों को भी बदला दिलवाया जाएगा ”
2388. “ फ़ितनों से बच जाने वाला आज़माइशों पर सब्र करने वाला आज्ञाकारी है ”
2389. “ हिसाब किताब से पहले लोगों का नबियों के पास जाना ”
2390. “ इस उम्मत का फ़ितना माल है ”
2391. “ रसूल अल्लाह ﷺ का होज़ बिदअत करने वालों को होज़ से दूर रखा जाएगा ”
2392. “ सब्र के दिनों में शरीअत का पाबंद रहने का सवाब ”
2393. “ क़यामत के दिन लोग नंगे होंगे ، सबसे पहले इब्राहिम अलैहिस्सलाम को पहनाया जाएगा ، रसूल अल्लाह ﷺ को हरा लिबास पहनाया जाएगा और आम लोग अपने ही कपड़ों में होंगे ”
2394. “ क़यामत के दिन जांघ और हथेली भी बात करेगी ”
2395. “ अन्तिम दिनों में दस प्रतिशत कर्म करने से भी मुक्ति मिल जाएगी ”
2396. “ क़यामत के दिन लोगों का वजूद भी तौला जाएगा ”
2397. “ बिदअत और अमानत में ख़यानत का बोझ ”
2398. “ नौसैनिक जिहाद में भाग लेने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ، कैसर पर हमला करने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ”
2399. “ हर एक हज़ार में से नौ सौ निन्यानवे जहन्नम में ”
2400. “ ख़िलाफ़त के सिलसिले में नबी की सुन्नत को बदलने वाला पहला व्यक्ति ”
2401. “ सहाबा में क़त्ल का फ़ितना ”
2402. “ मुस्लिम उम्मत की सज़ा ”
2403. “ झूठी नबवत का दवा करने वाले ”
2404. “ दीन का अच्छा समय छोटा है ”
2405. “ साठ साल की आयु के बाद के समय से अल्लाह की शरण मांगो ”
2406. “ अंत में ज़मीन अपने खज़ाने उलट देगी ”
2407. “ विजय से पहले का समय बेहतर था ”
2408. “ अरबों के ज़मीन के ख़ज़ाने निकालने के लिए सबसे बुरे लोगों के आने की भविष्यवाणी ”
2409. “ इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिजरत की जगह ( शाम यानि सीरिया ) बेहतर होगी ”
2410. “ पिछली उम्मतों के रोग इस उम्मत में ”
2411. “ कपड़े पहनकर भी नंगी दिखने वाली औरतें और गाड़ियों में मस्जिदों में आना कैसा होता है ? ”
2412. “ दुनिया के मामलों पर बातें करने वालों के साथ मस्जिदों में बैठना मना है ”
2413. “ ज़ालिम शासक और दीन में मिलावट करने वाले रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश से दूर ”
2414. “ क़दरिया और मुरजिआ ”
2415. “ सूर क्या है ? ”
2416. “ क़यामत के दिन काफ़िर के अंग बढ़ेंगे ”
2417. “ जुमा का मुबारक दिन और उसमें काली बिंदी ”
2418. “ फ़ितना अहलास और उसके बाद क्या होगा ”
2419. “ जारी रहेगा जिहाद, सच्चाई पर खड़ा रहेगा एक गुट ”
2420. “ क्या क़ातिल की तौबा स्वीकार की जाएगी ”
2421. “ उस समय की दुआ जब लोग दरहम और दीनार इकट्ठा करने में लगे हों ”
2422. “ नेक लोग भी अज़ाब में पकड़े जाते हैं लेकिन ... ”
2423. “ यमन की आग ”
2424. “ रसूल अल्लाह ﷺ और उनकी उम्मत पिछले नबियों के पक्ष में गवाही देंगे ”
2425. “ हरम में बेदीनी यानि नास्तिकता एक गंभीर अपराध है ”
2426. “ अदन अबयन के बारह हज़ार लोग दीन के समर्थन के लिए ”
2427. “ आख़िरकार इस्लाम के सदस्य ग़ायब हो जाएंगे, यहां तक ​​कि क़ुरआन के अक्षर भी ग़ायब हो जाएंगे ”
2428. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी जहन्नमी होते हैं ? घोड़ों के समुद्र में घुस जाने की भविष्यवाणी ”
2429. “ क़यामत के दिन कौन सजदा नहीं कर पाएगा ? ”
2430. “ अंत समय में दानी ख़लीफ़ा। इराक़ ، सीरिया और मिस्र के रिज़्क़ के साधन रुक जाएंगे ”
2431. “ लोगों की पिटाई करने वालों ، अधनंगी औरतों की भविष्वाणी और उनका अंत ”
2432. “ दुनिया के प्यार का अंत हार है ”
2433. “ अंतिम दिनों में शाम ( सीरिया ) को ही मिलेगा पानी ”
2434. “ नीच और मतलबी लोगों के राज की भविष्वाणी ”
2435. “ तबूक के आसपास बाग़ों की भविष्वाणी ”
2436. “ कर्मों को तोलने के लिए बड़ा तराज़ू ، फ़रिश्ते भी पूरी इबादत न कर सके ، पुल सिरात ”
2437. “ क़यामत के दिन का समय ، ज़ुहर से अस्र तक के बीच के बराबर या पचास हज़ार साल के बराबर ? ”
2438. “ आख़िरत के मामलों को याद करते समय कौन-सी दुआ पढ़नी चाहिए ? ”
2439. “ सबसे अच्छी मौत कौन-सी है ? ”
2440. “ चादरों की भविष्यवाणी ”
2441. “ लोगों को हर समय डराना नहीं चाहिए ”
2442. “ सज्दा करते हुए सज्दा करने वाले को मारने का हुक्म ? ”
2443. “ उम्मत का एक गुट सच्चाई पर डटा रहेगा ”
2444. “ सभी को पांच सवालों के जवाब देने हैं ، नहीं तो ... ”
2445. “ दुनिया में पेट भरने वाले क़यामत के दिन भूखे रहेंगे ”
2446. “ कुछ लोगों की बुराइयां अच्छाई में बदल दी जाएंगी ”
2447. “ अरबों के दिल ग़ैर-अरबों के दिलों की तरह हो जाएंगे ”
2448. “ औरत भी फ़ितना है ، पर क्यों ? ”
2449. “ नसीब पर आपत्ति और उसका जवाब ”
2450. “ बूढ़े ज़ानी रहमत की नज़र से दूर ”
2451. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत और पांच सौ साल ”

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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
الفتن و اشراط الساعة والبعث
فتنے، علامات قیامت اور حشر
फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन
ہر ایک ہزار میں سے نو سو ننانوے جہنم میں
“ हर एक हज़ार में से नौ सौ निन्यानवे जहन्नम में ”
حدیث نمبر: 3717
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- (اول من يدعى يوم القيامة: آدم، فتراءى ذريته، فيقال: هذا ابوكم آدم، فيقول: لبيك وسعديك! فيقول: اخرج بعث جهنم من ذريتك، فيقول؛ يا رب! كم اخرج؟ فيقول: اخرج من كل مئة تسعة وتسعين، فقالوا: يا رسول الله! إذا اخذ منا من كل مئة تسعة وتسعون؛ فماذا يبقى منا؟! قال: إن امتي في الامم كالشعرة البيضاء في الثور الاسود).- (أول من يدعى يوم القيامة: آدم، فتراءى ذريته، فيقال: هذا أبوكم آدم، فيقول: لبيك وسعديك! فيقول: أخرج بعث جهنم من ذريتك، فيقول؛ يا رب! كم أخرج؟ فيقول: أخرج من كل مئة تسعة وتسعين، فقالوا: يا رسول الله! إذا أخذ منا من كل مئة تسعة وتسعون؛ فماذا يبقى منّا؟! قال: إن أمتي في الأمم كالشعرة البيضاء في الثور الأسود).
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے، نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: قیامت والے دن سب سے پہلے سیدنا آدم (‏‏‏‏علیہ السلام) کو بلایا جائے گا، وہ اپنی اولاد کو دیکھیں گے۔ انہیں بتلایا جائے گا کہ یہ تمہارے باپ آدم علیہ السلام ہیں۔ (‏‏‏‏اللہ تعالیٰ آدم علیہ السلام کو آواز دے گا)۔ وہ کہیں گے میں حاضر ہوں، میں حاضر ہوں! اللہ تعالیٰ فرمائے گا: اپنی اولاد میں سے جہنم میں داخل ہونے والے لوگوں کو علیحدہ کر دو۔ وہ پوچھیں گے: اے میرے رب! کتنوں کو علیحدہ کروں؟ اللہ تعالیٰ فرمائیں گے: ایک سو کی نفری میں سے ننانوے کو (‏‏‏‏جہنم کے لیے علیحدہ کر دو)۔ صحابہ کرام نے کہا: اے اللہ کے رسول! جب ہمارے سو میں سے ننانوے کو (‏‏‏‏ ‏‏‏‏دوزخ کے لیے) پکڑ لیا جائے گا، تو پیچھے بچے گا کیا؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے (‏‏‏‏ ‏‏‏‏تسلی دیتے ہوئے) فرمایا: بقیہ امتوں میں میری امت کی تعداد سیاہ رنگ کے بیل کی پشت پر سفید بالوں جتنی ہو گی۔
حدیث نمبر: 3718
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- (يقول الله عز وجل يوم القيامة: يا آدم! فيقول: لبيك ربنا! وسعديك، فينادى بصوت: إن الله يامرك ان تخرج من ذريتك بعثا إلى النار. قال: يا رب! وما بعث النار؟ قال: من كل الف- اراه قال-: تسع مئة وتسعة وتسعين، فحينئذ تضع الحامل حملها، ويشيب الوليد، (وترى الناس سكارى وما هم بسكارى ولكن عذاب الله شديد). فشق ذلك على الناس حتى تغيرت وجوههم، فقال النبي الناس كالشعرة السوداء في جنب الثور الابيض، او كالشعرة البيضاء في جنب الثور الاسود، وإني لارجو ان تكونوا ربع اهل الجنة؛ فكبرنا، ثم قال: ثلث اهل الجنة؛ فكبرنا، ثم قال: شطر اهل الجنة؛ فكبرنا).- (يقولُ الله عزّ وجلّ يوم القيامةِ: يا آدمُ! فيقولُ: لبيك ربَّنا! وسعدَيك، فيُنادى بصوتٍ: إنّ الله يأمُرك أن تُخرجَ من ذرِّيتكَ بعثاً إلى النّارِ. قال: يا ربِّ! وما بعثُ النّارِ؟ قال: من كلِّ ألفٍ- أراه قال-: تِسع مِئةٍ وتسعةً وتسعين، فحينئذٍ تضعُ الحاملُ حملها، ويشيبُ الوليدُ، (وترى الناس سُكارى وما هُم بِسُكارى ولكنَّ عذاب الله شديدٌ). فشقَّ ذلك على الناسِ حتَى تغيَّرت وجوهُهُم، فقال النبيُّ الناسِ كالشعرةِ السوداءِ في جنَّبِ الثورِ الأبيضِ، أو كالشعرة البيضاء في جنبِ الثور الأسودِ، وإنِّي لأرجُو أن تكونُوا رُبُع أهلِ الجنّةِ؛ فكبَّرنا، ثمّ قال: ثُلُث أهلِ الجنة؛ فكبَّرنا، ثمَّ قال: شطرَ أهل الجنّة؛ فكبَّرنا).
سیدنا ابوسعید خدری رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: اللہ تعالیٰ قیامت والے دن فرمائے گا: اے آدم! وہ کہیں گے: اے ہمارے رب! میں حاضر ہوں۔ اللہ تعالیٰ آوازیں دیں گے: بیشک اللہ تعالیٰ تجھے حکم دیتا ہے کہ تم اپنی اولاد میں سے جہنم کے لیے (‏‏‏‏جہنمی) گروہ کو علیحدہ کر دو۔ وہ پوچھیں گے: اے میرے رب! آگ کے گروہ کی تعداد کیا ہے؟ اللہ تعالیٰ فرمائیں گے: ایک ہزار کی نفری میں سے نو سو نناوے (‏‏‏‏۹۹۹) کو (‏‏‏‏جہنم کے لیے علیحدہ کر دو)۔ (‏‏‏‏یہ ہولناک خبر سن کر) حاملہ عورتوں کے حمل ساقط ہو جائیں گے اور بچے بوڑھے ہو جائیں گے، جیسا کہ اللہ تعالیٰ نے فرمایا: «يَوْمَ تَرَوْنَهَا تَذْهَلُ كُلُّ مُرْضِعَةٍ عَمَّا أَرْضَعَتْ وَتَضَعُ كُلُّ ذَاتِ حَمْلٍ حَمْلَهَا وَتَرَى النَّاسَ سُكَارَى وَمَا هُمْ بِسُكَارَى وَلَـكِنَّ عَذَابَ اللَّـهِ شَدِيدٌ» اور تو دیکھے گا کہ لوگ مدہوش دکھائی دیں گے، حالانکہ درحقیقت وہ متوالے نہ ہوں گے، لیکن اللہ تعالیٰ کا عذاب بڑا ہی سخت ہے۔ ۲-الحج:۲) یہ بات صحابہ پر اتنی گراں گزری کہ ان کے چہرے بدل گئے۔ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے (‏‏‏‏ان کو حوصلہ دلاتے ہوئے) فرمایا: (‏‏‏‏قیامت والے دن تناسب یہ ہو گا کہ) یاجوج ماجوج میں سے نو سو ننانوے افراد اور تم میں سے ایک فرد ہو گا، پھر (‏‏‏‏سابقہ امتوں کے) لوگوں کے مقابلے تمہاری تعداد اتنی ہو گی، جتنے کے سفید رنگ کے بیل کی پشت پر سیاہ بال یا سیاہ رنگ کے بیل کی پشت پر سفید بال ہوتے ہیں۔ مجھے امید ہے کہ تم جنت کی آبادی کا چوتھائی حصہ ہو گے۔ (‏‏‏‏ یہ سن کر) ہم نے اللہ اکبر کہا۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: (‏‏‏‏مجھے امید ہے کہ) تم جنت کی آبادی کا تیسرا حصہ ہو گے۔ ہم نے اللہ اکبر کہا۔ پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جنت کی آدھی آبادی تم لوگ ہو گے۔ (‏‏‏‏یہ سن کر) ہم نے اللہ اکبر کہا۔

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