الفتن و اشراط الساعة والبعث فتنے، علامات قیامت اور حشر फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन 2316. سیدنا علی رضی اللہ عنہ حق پر تھے، مشاجرات صحابہ کے بارے میں متاخرین کو کیا کہنا چاہیے؟ 2316. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह सही थे। बाद वालों को सहाबा के विवाद के बारे में क्या कहना चाहिए ? ” 2317. سیدہ عائشہ رضی اللہ عنہا کا جنگ جمل میں شرکت کرنا کیسا تھا؟ 2317. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा का जमल की लड़ाई में भाग लेना कैसा था ? ” 2318. سیدنا عثمان برحق خلیفہ رسول تھے 2318. “ हज़रत उस्मान रसूल अल्लाह ﷺ के सच्चे ख़लीफ़ा थे ” 2319. بارہ خلفائے قریش 2319. “ क़ुरैश के बारह ख़लीफ़ा ” 2320. سیدنا حسین رضی اللہ عنہ کی شہادت کی پیشین گوئی، سیدنا حسین رضی اللہ عنہ کے مقتل کی حیثیت 2320. “ हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की शहादत की भविष्यवाणी, हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की क़त्ल की जगह ” 2321. حبشی کعبہ کو تباہ و برباد کر دیں گے، اگر حرم امن والا ہے تو اس میں لڑائیاں کیوں ہوئیں 2321. “ हबशी कअबा को तबाह कर देंगे, यदि हरम अमन वला है तो उसमें झगड़े क्यों हुए ” 2322. فتح مکہ کے بعد مکہ مکرمہ پر چڑھائی نہیں ہو گی 2322. “ मक्का की विजय के बाद, मक्का पर कोई हमला नहीं होगा ” 2323. بیت اللہ پر چڑھائی کرنے والوں کو زمین میں دھنسا دیا جائے گا 2323. “ बैतुल्लाह पर हमला करने वालों को ज़मीन में धंसा दिया जाएगा ” 2324. فرزندان امت ایک دوسرے کو ہلاک کریں گے 2324. “ उम्मत के लोग एक दूसरे को मार डालेंगे ” 2325. اللہ تعالیٰ روز قیامت مومنوں کے سامنے مسکرائے گا 2325. “ क़यामत के दिन ईमानवालों के सामने अल्लाह मुस्कुराएगा ” 2326. روز قیامت نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی جائے ملاقات 2326. “ क़यामत के दिन रसूल अल्लाह ﷺ से मिलने का स्थान ” 2327. اللہ تعالی کی سو رحمتیں 2327. “ अल्लाह तआला की एक सौ रहमतें ” 2328. تعارف کے لیے اللہ تعالی کا اپنی پنڈلی منکشف کرنا، روز قیامت ہر عابد اپنے معبود کے ساتھ ہو گا 2328. “ परिचय के लिए अल्लाह ताला अपनी पिंडली खोल देगा ، क़यामत के दिन हर इन्सान अपने मअबूद ( भवान ) के साथ होगा ” 2329. اللہ تعالیٰ کے علاوہ کسی معبود میں خیر نہیں ہے، اگر ایسے ہی ہے تو انبیا و صلحا کا کیا ہو گا، جن کو لوگوں نے معبود بنا لیا؟ 2329. “ अल्लाह तआला के सिवा किसी भी मअबूद ( भवान ) में कोई अच्छाई नहीं है ” 2330. علامات قیامت 2330. “ क़यामत की निशानियां ” 2331. قیامت کی پہلی بڑی علامت، آگ کا لوگوں کو شام میں جمع کرنا 2331. “ क़यामत की पहली बड़ी निशानी आग लोगों को शाम ( सीरिया ) में इकट्ठा करेगी ” 2332. قیامت قریب ہے 2332. “ क़यामत क़रीब है ” 2333. قرب قیامت کی مثال 2333. “ क़यामत के क़रीब होने की मिसाल ” 2334. میدان حشر کی طرف جاتے وقت لوگوں کی کیفیت 2334. “ क़यामत के दिन मैदान में जाने वालों का हाल ” 2335. قریب قیامت کی سب سے بڑی نشانی مغرب سے سورج کا طلوع ہونا 2335. “ क़यामत की सबसे बड़ी निशानी पश्चिम से सूर्य का निकलना है ” 2336. کن علامات قیامت کے بعد ایمان مفید نہیں ہو گا، زمین کا چوپایہ 2336. “ क़यामत की कौनसी निशानियों के बाद ईमान का कोई लाभ नहीं होगा ، ज़मीन का चौपाया ” 2337. علامات قیامت پے در پے آنے والی ہوں گی 2337. “ क़यामत की निशानियाँ एक के बाद एक आती रहेंगी ” 2338. مسجد کو مزین کرنے اور مصحف کو خوبصورت بنانے پر ہلاکت 2338. “ मस्जिद को सुंदर बनाने और मसाहीफ़ ( यानि क़ुरआन ) को सुंदर बनाने पर हलाकत ” 2339. برائی کا عام ہونا عذاب الہٰی کا سبب ہے 2339. “ बुराई के आम होजाने पर अल्लाह का अज़ाब ” 2340. دوسروں کی بجائے اپنی فکر زیادہ کرنی چاہیے 2340. “ आपको दूसरों से अधिक अपने बारे में चिंता करनी होगी ” 2341. کفار، مؤمنوں کا جہنم سے فدیہ ہیں 2341. “ काफ़िर मोमिनों के लिए जहन्नम का जुरमाना हैं 2342. میدان حشر میں سورج کا قریب ہونا اور لوگوں کا پسینے میں شرابور ہونا 2342. “ क़यामत के दिन सूर्य क़रीब होगा और लोग पसीने से तरबतर होंगे ” 2343. زمانہ فتن کے احکام 2343. “ फ़ितनों के समय के नियम ” 2344. بعض زمانوں میں صبر کرنا مشکل عمل ہو گا 2344. “ कभी-कभी सब्र करना मुश्किल होगा ” 2345. فتنوں کی مختلف صورتیں اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا اظہار افسوس 2345. “ फ़ितनों के अलग अलग रूप और उस पर रसूल अल्लाह ﷺ को अफ़सोस ” 2346. زمانہ فتن میں لکڑی کی تلوار کا اہتمام کرنے کی وصیت 2346. “ फ़ितनों के समय में लकड़ी की तलवार चलाने की वसीयत ” 2347. فتنوں کے ظہور سے پہلے عمل کر لینے کی تلقین 2347. “ फ़ितनों के उभरने से पहले नेक काम करने की नसिहत ” 2348. آپس کے فتنے بھی دجال سے کم نہیں 2348. “ आपस के फ़ितने भी दज्जाल से कम नहीं ” 2349. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی خیر و شر کی لگائی ہوئی ترتیب، مختف امارتوں، فتنوں اور تفرقہ بازیوں کے ادوار کو کیسے گزارا جائے؟ 2349. “ रसूल अल्लाह ﷺ के अनुसार अच्छाई और बुराई ، फ़ितनों का समय कैसे गुज़ारा जाए ” 2350. اس امت کے بدترین لوگ، بہترین لوگوں پر مسلط کب ہوں گے؟ 2350. “ इस उम्मत के सबसे बुरे लोगों को अच्छे लोगों पर कब थोपा जाएगा ? ” 2351. قصہ امام مہدی 2351. “ इमाम महदी के बारे में ” 2352. سیدنا عیسیٰ علیہ السلام کا حلیہ مبارک 2352. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का रूप-रंग ” 2353. سیدنا عیسیٰ علیہ السلام کی صفات 2353. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की विशेषताएं ” 2354. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا عیسیٰ علیہ السلام کو سلام بھیجنا 2354. “ रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को सलाम भेजना ” 2355. دجال اور اس کی شکل اور صفات 2355. “ दज्जाल और उसका रंग-रूप ” 2356. دجال کی جائے خروج 2356. “ दज्जाल के उभरने की जगह ” 2357. ستر ہزار یہودی دجال کی پیروی کریں گے 2357. “ सत्तर हज़ार यहूदी दज्जाल की पैरवी करेंगे ” 2358. دجال مدینہ منورہ میں داخل نہیں ہو گا، مدینہ منورہ میں رہنے والے منافق دجال کے پاس کیسے پہنچیں گے؟ 2358. “ दज्जाल मदीने में नहीं घुस सकेगा ، मदीने में रहने वाले मुनाफ़िक़ दज्जाल के पास कैसे पहुंचेंगे ” 2359. مدینہ منورہ بالآخر خالی ہو جائے گا 2359. “ मदीना मुनव्वरा ख़ाली हो जाएगा ” 2360. حرم مدینہ کی حد 2360. “ हरम मदीने की सीमा ” 2361. فتنہ دجال سے کیسے بچا جا سکتا ہے؟ 2361. “ दज्जाल के फ़ितने से कैसे बचा जाए ” 2362. قرآن پڑھنے والے دجال کے ساتھ؟ 2362. “ क़ुरआन पढ़ने वाले दज्जाल के साथ ” 2363. قاری قرآن بھی دین سے دور؟ 2363. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी दीन से दूर ” 2364. قصہ یاجوج و ماجوج 2364. “ याजूज माजूज की कहानी ” 2365. امت کا تہتر فرقوں میں تقسیم ہونا 2365. “ उम्मत तहत्तर समुदायों में बंट जाएगी ” 2366. دن بدن خیر والے لوگوں میں کمی آتی جائے گی 2366. “ अच्छे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जाएगी ” 2367. دن بدن اللہ تعالیٰ سے دوری اور دنیوی حرص میں اضافہ ہو گا 2367. “ दिन-ब-दिन अल्लाह से दुरी और दुनिया का लालच बढ़ता जाएगा ” 2368. دن بدن شر و فساد عام ہوتا جائے گا 2368. “ बुराई दिन-ब-दिन आम होती जाएगी ” 2369. عراق فتنوں کی آماجگاہ ہے 2369. “ इराक़ फ़ितनों का गढ़ है ” 2370. بلاضرورت گھر سے نہ نکلنے میں عافیت ہے 2370. “ बिना कारण घर से बाहर न निकलना ठीक है ” 2371. روز محشر کافر چہرے کے بل چلے گا 2371. “ क़यामत के दिन काफ़िर मुंह के बल चलेंगे ” 2372. آزمائشوں سے اللہ تعالیٰ کی عافیت کا سوال کرنا چاہیے 2372. “ आज़माइशों के माध्यम से अल्लाह से सुख की मांग करनी चाहिए ” 2373. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی امت مرحوم ہے، لیکن . . . 2373. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत पर रहमतें की गई हैं लेकिन ” 2374. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی امت کہاں تک پہنچے گی؟ بلآخر اسلام ہر گھر میں پہنچ جائے گا 2374. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत कितनी दूर तक पहुंचेगी ? इस्लाम हर घर में पहुंचेगा ” 2375. نیک لوگوں کا سفارش کرنا 2375. “ अच्छे लोगों का सिफ़ारिश करना ” 2376. قسطنطنیہ پہلے فتح ہوا یا رومیہ 2376. “ क़ुस्तुनतुनिया पहले जीता गया या रोम ” 2377. کلمہ شہادت، گناہوں کے ننانوے دفاتر پر بھاری 2377. “ गवाही के शब्द पापों की निन्यानवे किताबों पर भारी ” 2378. مومن کو اس کی نیکی کا صلہ دنیا و آخرت میں ملتا ہے 2378. “ मोमिन को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया और आख़िरत दोनों जगह मिलता है ” 2379. کافر کو اس کی نیکیوں کا صلہ دنیا میں مل جاتا ہے 2379. “ काफ़िर को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया में मिल जाता है ” 2380. قیامت سے پہلے تمام مومن ایک ہوا سے مر جائیں گے 2380. “ क़यामत के दिन से पहले सभी मोमिन एक हवा से मर जाएंगे ” 2381. توحید کے ہوتے ہوئے قیام قیامت ناممکن ہے 2381. “ तौहीद के होते हुए क़यामत नहीं आएगी ” 2382. قیامت برے لوگوں پر قائم ہو گی 2382. “ क़यामत बुरे लोगों पर आएगी ” 2383. روز قیامت اللہ تعالیٰ بعض بندوں کو سوالات کے جوابات بتا دے گا 2383. “ क़यामत के दिन अल्लाह अपने कुछ बंदों को सवालों के जवाब बता देगा ” 2384. شراب کا نام تبدیل کر کے اسے حلال سمجھا جائے گا 2384. “ शराब का नाम बदल कर उसको हलाल समझा जाएगा ” 2385. فرزندان امت کا محرمات کو حلال سمجھنا 2385. “ उम्मत में ऐसे लोग होंगे जो हराम को हलाल समझेंगे ” 2386. اس امت کے افراد کی شکلیں کب مسخ کی جائیں گی؟ 2386. “ इस उम्मत के लोगों के रूप कब बिगाड़ दिए जाएंगी ” 2387. روز قیامت مظلوم حیوانات کو قصاص دلوایا جائے گا 2387. “ क़यामत के दीन जानवरों को भी बदला दिलवाया जाएगा ” 2388. فتنوں سے بچ جانے والا اور آزمائشوں میں صبر کرنے والا سعادت مند ہے 2388. “ फ़ितनों से बच जाने वाला आज़माइशों पर सब्र करने वाला आज्ञाकारी है ” 2389. ابتدائے حساب و کتاب کے لیے لوگوں کا انبیاء کے پاس جانا، مردوں کو مدد کے لیے پکارنا کیسا ہے؟ 2389. “ हिसाब किताब से पहले लोगों का नबियों के पास जाना ” 2390. اس امت کا فتنہ مال ہے 2390. “ इस उम्मत का फ़ितना माल है ” 2391. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا حوض . . .، بدعتی لوگ حوض سے دور دھتکار دیے جائیں گے 2391. “ रसूल अल्लाह ﷺ का होज़ बिदअत करने वालों को होज़ से दूर रखा जाएगा ” 2392. ایام صبر میں پابند شریعت رہنے کا اجر و ثواب 2392. “ सब्र के दिनों में शरीअत का पाबंद रहने का सवाब ” 2393. روز قیامت لوگ ننگے ہوں گے، سب سے پہلے ابراہیم علیہ السلام کو لباس پہنایا جائے گا، آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی پوشاک سبز رنگ کی ہو گی، آدمی انہی کپڑوں میں اٹھایا جائے گا جن میں مرتا ہے 2393. “ क़यामत के दिन लोग नंगे होंगे ، सबसे पहले इब्राहिम अलैहिस्सलाम को पहनाया जाएगा ، रसूल अल्लाह ﷺ को हरा लिबास पहनाया जाएगा और आम लोग अपने ही कपड़ों में होंगे ” 2394. روز قیامت ران اور ہتھیلی بھی کلام کریں گی 2394. “ क़यामत के दिन जांघ और हथेली भी बात करेगी ” 2395. آخر زمانہ میں دس فیصد عمل بھی باعث نجات ہو گا 2395. “ अन्तिम दिनों में दस प्रतिशत कर्म करने से भी मुक्ति मिल जाएगी ” 2396. روز قیامت لوگوں کے وجود کا بھی وزن ہو گا 2396. “ क़यामत के दिन लोगों का वजूद भी तौला जाएगा ” 2397. بدعت اور خیانت کا وبال 2397. “ बिदअत और अमानत में ख़यानत का बोझ ” 2398. بحری جہاد میں شرکت کرنے والے پہلے لشکر کی فضیلت، مدینہ قیصر پر چڑھائی کرنے والے پہلے لشکر کی فضیلت 2398. “ नौसैनिक जिहाद में भाग लेने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ، कैसर पर हमला करने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ” 2399. ہر ایک ہزار میں سے نو سو ننانوے جہنم میں 2399. “ हर एक हज़ार में से नौ सौ निन्यानवे जहन्नम में ” 2400. سلسلہ خلافت میں نبوی سنت کو بدلنے والا پہلا شخص 2400. “ ख़िलाफ़त के सिलसिले में नबी की सुन्नत को बदलने वाला पहला व्यक्ति ” 2401. صحابہ کرام میں قتل کا فتنہ 2401. “ सहाबा में क़त्ल का फ़ितना ” 2402. امت مسلمہ کی سزا 2402. “ मुस्लिम उम्मत की सज़ा ” 2403. جھوٹے مدعیانِ نبوت، (قادیانیوں اور ابن عربی کا عقیدہ باطل ہے) 2403. “ झूठी नबवत का दवा करने वाले ” 2404. دین کے شایان شان دور کی مدت کم ہے 2404. “ दीन का अच्छा समय छोटा है ” 2405. ساٹھ سن ہجری کے بعد والے امرا سے پناہ مانگنا 2405. “ साठ साल की आयु के बाद के समय से अल्लाह की शरण मांगो ” 2406. بالآخر زمین اپنے خزانے اگل دے گی 2406. “ अंत में ज़मीन अपने खज़ाने उलट देगी ” 2407. فتوحات سے پہلے کا زمانہ زیادہ خیر والا تھا 2407. “ विजय से पहले का समय बेहतर था ” 2408. عربوں کے زمینی خزانے نکالنے کے لیے بدترین لوگوں کے پہنچنے کی پیشین گوئی 2408. “ अरबों के ज़मीन के ख़ज़ाने निकालने के लिए सबसे बुरे लोगों के आने की भविष्यवाणी ” 2409. ابراہیم علیہ السلام کی ہجرت گاہ (شام) بہتر ہو گی 2409. “ इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिजरत की जगह ( शाम यानि सीरिया ) बेहतर होगी ” 2410. سابقہ امتوں کی بیماریاں اس امت میں 2410. “ पिछली उम्मतों के रोग इस उम्मत में ” 2411. لباس پہننے کے باوجود ننگی عورتوں کا ظاہر ہونا، گاڑیوں پر سوار ہو کر مساجد کی طرف آنا کیسا ہے؟ 2411. “ कपड़े पहनकर भी नंगी दिखने वाली औरतें और गाड़ियों में मस्जिदों में आना कैसा होता है ? ” 2412. مساجد میں دنیا کے موضوع پر بحث کرنے والوں کے ساتھ بیٹھنا منع ہے 2412. “ दुनिया के मामलों पर बातें करने वालों के साथ मस्जिदों में बैठना मना है ” 2413. ظالم حکمران اور دین میں غلو کرنے والے آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی سفارش سے محروم 2413. “ ज़ालिम शासक और दीन में मिलावट करने वाले रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश से दूर ” 2414. قدریہ اور مرجئہ 2414. “ क़दरिया और मुरजिआ ” 2415. صور کیا ہے؟ 2415. “ सूर क्या है ? ” 2416. روز قیامت کافر کے اعضا کا بڑا ہو جانا 2416. “ क़यामत के दिन काफ़िर के अंग बढ़ेंगे ” 2417. جمعہ مبارکہ کا دن اور اس میں سیاہ نقطہ 2417. “ जुमा का मुबारक दिन और उसमें काली बिंदी ” 2418. فتنہ احلاس اور اس کے بعد کی صورتحال 2418. “ फ़ितना अहलास और उसके बाद क्या होगा ” 2419. جہاد جاری رہے گا، ایک گروہ حق پر قائم رہے گا 2419. “ जारी रहेगा जिहाद, सच्चाई पर खड़ा रहेगा एक गुट ” 2420. کیا قاتل کی توبہ مقبول ہے؟ 2420. “ क्या क़ातिल की तौबा स्वीकार की जाएगी ” 2421. اس وقت کی دعا، جب لوگ درہم و دینار جمع کرنے میں مصروف ہوں 2421. “ उस समय की दुआ जब लोग दरहम और दीनार इकट्ठा करने में लगे हों ” 2422. نیک لوگ بھی عذاب الٰہی میں رگڑے جاتے ہیں، لیکن . . . 2422. “ नेक लोग भी अज़ाब में पकड़े जाते हैं लेकिन ... ” 2423. یمن کی آگ 2423. “ यमन की आग ” 2424. آپ صلی اللہ علیہ وسلم اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی امت سابقہ انبیا کے حق میں شہادت دیں گے 2424. “ रसूल अल्लाह ﷺ और उनकी उम्मत पिछले नबियों के पक्ष में गवाही देंगे ” 2425. حرم میں الحاد سنگین جرم ہے 2425. “ हरम में बेदीनी यानि नास्तिकता एक गंभीर अपराध है ” 2426. تائید دین کے لیے عدن ابین کے بارہ ہزار افراد 2426. “ अदन अबयन के बारह हज़ार लोग दीन के समर्थन के लिए ” 2427. بالآخر ارکان اسلام مٹ جائیں گے، حتیٰ کہ حروف قرآن بھی 2427. “ आख़िरकार इस्लाम के सदस्य ग़ायब हो जाएंगे, यहां तक कि क़ुरआन के अक्षर भी ग़ायब हो जाएंगे ” 2428. قرآن پڑھنے والے لوگ بھی جہنمی؟ گھوڑوں کی سمندروں میں گھسنے کی پیشین گوئی 2428. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी जहन्नमी होते हैं ? घोड़ों के समुद्र में घुस जाने की भविष्यवाणी ” 2429. کون لوگ روز قیامت سجدہ نہیں کر سکیں گے 2429. “ क़यामत के दिन कौन सजदा नहीं कर पाएगा ? ” 2430. آخر زمانہ میں سخی خلیفہ۔ عراق، شام اور مصر کے وسائل، رزق کا روک لیا جانا 2430. “ अंत समय में दानी ख़लीफ़ा। इराक़ ، सीरिया और मिस्र के रिज़्क़ के साधन रुक जाएंगे ” 2431. لوگوں کی پٹائی کرنے والوں اور نیم برہنہ عورتوں کی پیشین گوئی اور ان کا انجام 2431. “ लोगों की पिटाई करने वालों ، अधनंगी औरतों की भविष्वाणी और उनका अंत ” 2432. دنیا کی محبت کا انجام مغلوبیت ہے 2432. “ दुनिया के प्यार का अंत हार है ” 2433. آخر زمانہ میں پانی صرف شام میں ہو گا 2433. “ अंतिम दिनों में शाम ( सीरिया ) को ही मिलेगा पानी ” 2434. گھٹیا اور کمینے لوگوں کی امارتوں کی پیشین گوئی 2434. “ नीच और मतलबी लोगों के राज की भविष्वाणी ” 2435. تبوک کے چشمہ کے آس پاس باغات کی پیشن گوئی 2435. “ तबूक के आसपास बाग़ों की भविष्वाणी ” 2436. اعمال کو تولنے کے لیے بڑا میزان، فرشتوں نے بھی عبادت کا حق ادا نہ کیا، پل صراط 2436. “ कर्मों को तोलने के लिए बड़ा तराज़ू ، फ़रिश्ते भी पूरी इबादत न कर सके ، पुल सिरात ” 2437. قیامت کے دن کی مقدار ظہر سے عصر کے وقت جتنی یا پچاس ہزار سال کے برابر؟ 2437. “ क़यामत के दिन का समय ، ज़ुहर से अस्र तक के बीच के बराबर या पचास हज़ार साल के बराबर ? ” 2438. آخرت کے واقعات کو یاد کرتے وقت کون سی دعا پڑھی جائے؟ 2438. “ आख़िरत के मामलों को याद करते समय कौन-सी दुआ पढ़नी चाहिए ? ” 2439. بہترین موت کون سی ہے 2439. “ सबसे अच्छी मौत कौन-सी है ? ” 2440. چادروں کی پیشین گوئی 2440. “ चादरों की भविष्यवाणी ” 2441. لوگوں کو ہر وقت ڈراتے نہیں رہنا چاہیے 2441. “ लोगों को हर समय डराना नहीं चाहिए ” 2442. سجدہ کرنے والے کو سجدہ کرنے کی حالت میں قتل کرنے کا حکم نبوی؟ 2442. “ सज्दा करते हुए सज्दा करने वाले को मारने का हुक्म ? ” 2443. امت کا ایک گروہ حق پر قائم رہے گا 2443. “ उम्मत का एक गुट सच्चाई पर डटा रहेगा ” 2444. ہر کسی کو پانچ سوالات کے جوابات دینا ہوں گے، وگرنہ . . . 2444. “ सभी को पांच सवालों के जवाब देने हैं ، नहीं तो ... ” 2445. دنیا میں سیر ہونے والے قیامت والے دن بھوکے ہوں گے 2445. “ दुनिया में पेट भरने वाले क़यामत के दिन भूखे रहेंगे ” 2446. بعض لوگوں کی برائیوں کو نیکیوں میں تبدیل کر دیا جائے گا 2446. “ कुछ लोगों की बुराइयां अच्छाई में बदल दी जाएंगी ” 2447. عربوں کے دل عجمیوں کے دلوں کی مانند ہو جائیں گے 2447. “ अरबों के दिल ग़ैर-अरबों के दिलों की तरह हो जाएंगे ” 2448. عورت بھی فتنہ ہے، لیکن کیوں؟ 2448. “ औरत भी फ़ितना है ، पर क्यों ? ” 2449. تقدیر کے حوالے سے ایک اعتراض اور اس کا جواب 2449. “ नसीब पर आपत्ति और उसका जवाब ” 2450. بوڑھے زانی نظر رحمت سے محروم 2450. “ बूढ़े ज़ानी रहमत की नज़र से दूर ” 2451. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی امت اور پانچ سو سال 2451. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत और पांच सौ साल ” |
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा الفتن و اشراط الساعة والبعث فتنے، علامات قیامت اور حشر फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन نیک لوگ بھی عذاب الٰہی میں رگڑے جاتے ہیں، لیکن . . . “ नेक लोग भी अज़ाब में पकड़े जाते हैं लेकिन ... ”
سیدہ عائشہ رضی اللہ کہتی ہیں: میں نے کہا: اے اللہ کے رسول! جب اللہ تعالیٰ اہل زمین پر اپنا عذاب نازل کرے گا تو ان میں نیکوکار لوگ بھی ہوں گے، آیا وہ بھی (برے لوگوں کے ساتھ) ہلاک ہو جائیں گے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”عائشہ! جب اللہ تعالیٰ سزا کے مستحق لوگوں پر اپنا عذاب نازل کریں گے اور ان میں نیک لوگ بھی ہوئے تو وہ بھی ان کی طرح اسی عذاب میں مبتلا ہو جائیں گے، پھر انہیں ان کی نیتوں اور عملوں کے مطابق اٹھایا جائے گا۔“
سیدہ ام سلمہ رضی اللہ عنہا کہتی ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم «إِنَّا لِلَّـهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ» کہتے ہوئے نیند سے بیدار ہوئے۔ میں نے کہا: اے اللہ کے رسول! آپ کو کیا ہوا؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”میری امت کے ایک گروہ کو دھنسایا جا رہا ہے، وہ ایک آدمی کی قیادت میں چلیں گے، وہ (ان کو لے کر) مکہ پر چڑھائی کر دے گا، اللہ تعالیٰ مکہ کی حفاظت کرے گا اور ان سب کو زمین میں دھنسا دے گا، ان کی ہلاکت کی جگہ تو ایک ہی ہو گی لیکن (زمین سے دوبارہ) نکلنے کے مقامات مختلف ہوں گے، کیونکہ ان میں کچھ لوگ (اپنی رضامندی سے نہیں بلکہ) مجبور ہو کر آئے ہوں گے۔“
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