फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन
2316. “ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह सही थे। बाद वालों को सहाबा के विवाद के बारे में क्या कहना चाहिए ? ”
2317. “ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा का जमल की लड़ाई में भाग लेना कैसा था ? ”
2318. “ हज़रत उस्मान रसूल अल्लाह ﷺ के सच्चे ख़लीफ़ा थे ”
2319. “ क़ुरैश के बारह ख़लीफ़ा ”
2320. “ हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की शहादत की भविष्यवाणी, हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की क़त्ल की जगह ”
2321. “ हबशी कअबा को तबाह कर देंगे, यदि हरम अमन वला है तो उसमें झगड़े क्यों हुए ”
2322. “ मक्का की विजय के बाद, मक्का पर कोई हमला नहीं होगा ”
2323. “ बैतुल्लाह पर हमला करने वालों को ज़मीन में धंसा दिया जाएगा ”
2324. “ उम्मत के लोग एक दूसरे को मार डालेंगे ”
2325. “ क़यामत के दिन ईमानवालों के सामने अल्लाह मुस्कुराएगा ”
2326. “ क़यामत के दिन रसूल अल्लाह ﷺ से मिलने का स्थान ”
2327. “ अल्लाह तआला की एक सौ रहमतें ”
2328. “ परिचय के लिए अल्लाह ताला अपनी पिंडली खोल देगा ، क़यामत के दिन हर इन्सान अपने मअबूद ( भवान ) के साथ होगा ”
2329. “ अल्लाह तआला के सिवा किसी भी मअबूद ( भवान ) में कोई अच्छाई नहीं है ”
2330. “ क़यामत की निशानियां ”
2331. “ क़यामत की पहली बड़ी निशानी आग लोगों को शाम ( सीरिया ) में इकट्ठा करेगी ”
2332. “ क़यामत क़रीब है ”
2333. “ क़यामत के क़रीब होने की मिसाल ”
2334. “ क़यामत के दिन मैदान में जाने वालों का हाल ”
2335. “ क़यामत की सबसे बड़ी निशानी पश्चिम से सूर्य का निकलना है ”
2336. “ क़यामत की कौनसी निशानियों के बाद ईमान का कोई लाभ नहीं होगा ، ज़मीन का चौपाया ”
2337. “ क़यामत की निशानियाँ एक के बाद एक आती रहेंगी ”
2338. “ मस्जिद को सुंदर बनाने और मसाहीफ़ ( यानि क़ुरआन ) को सुंदर बनाने पर हलाकत ”
2339. “ बुराई के आम होजाने पर अल्लाह का अज़ाब ”
2340. “ आपको दूसरों से अधिक अपने बारे में चिंता करनी होगी ”
2341. “ काफ़िर मोमिनों के लिए जहन्नम का जुरमाना हैं
2342. “ क़यामत के दिन सूर्य क़रीब होगा और लोग पसीने से तरबतर होंगे ”
2343. “ फ़ितनों के समय के नियम ”
2344. “ कभी-कभी सब्र करना मुश्किल होगा ”
2345. “ फ़ितनों के अलग अलग रूप और उस पर रसूल अल्लाह ﷺ को अफ़सोस ”
2346. “ फ़ितनों के समय में लकड़ी की तलवार चलाने की वसीयत ”
2347. “ फ़ितनों के उभरने से पहले नेक काम करने की नसिहत ”
2348. “ आपस के फ़ितने भी दज्जाल से कम नहीं ”
2349. “ रसूल अल्लाह ﷺ के अनुसार अच्छाई और बुराई ، फ़ितनों का समय कैसे गुज़ारा जाए ”
2350. “ इस उम्मत के सबसे बुरे लोगों को अच्छे लोगों पर कब थोपा जाएगा ? ”
2351. “ इमाम महदी के बारे में ”
2352. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का रूप-रंग ”
2353. “ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की विशेषताएं ”
2354. “ रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को सलाम भेजना ”
2355. “ दज्जाल और उसका रंग-रूप ”
2356. “ दज्जाल के उभरने की जगह ”
2357. “ सत्तर हज़ार यहूदी दज्जाल की पैरवी करेंगे ”
2358. “ दज्जाल मदीने में नहीं घुस सकेगा ، मदीने में रहने वाले मुनाफ़िक़ दज्जाल के पास कैसे पहुंचेंगे ”
2359. “ मदीना मुनव्वरा ख़ाली हो जाएगा ”
2360. “ हरम मदीने की सीमा ”
2361. “ दज्जाल के फ़ितने से कैसे बचा जाए ”
2362. “ क़ुरआन पढ़ने वाले दज्जाल के साथ ”
2363. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी दीन से दूर ”
2364. “ याजूज माजूज की कहानी ”
2365. “ उम्मत तहत्तर समुदायों में बंट जाएगी ”
2366. “ अच्छे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जाएगी ”
2367. “ दिन-ब-दिन अल्लाह से दुरी और दुनिया का लालच बढ़ता जाएगा ”
2368. “ बुराई दिन-ब-दिन आम होती जाएगी ”
2369. “ इराक़ फ़ितनों का गढ़ है ”
2370. “ बिना कारण घर से बाहर न निकलना ठीक है ”
2371. “ क़यामत के दिन काफ़िर मुंह के बल चलेंगे ”
2372. “ आज़माइशों के माध्यम से अल्लाह से सुख की मांग करनी चाहिए ”
2373. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत पर रहमतें की गई हैं लेकिन ”
2374. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत कितनी दूर तक पहुंचेगी ? इस्लाम हर घर में पहुंचेगा ”
2375. “ अच्छे लोगों का सिफ़ारिश करना ”
2376. “ क़ुस्तुनतुनिया पहले जीता गया या रोम ”
2377. “ गवाही के शब्द पापों की निन्यानवे किताबों पर भारी ”
2378. “ मोमिन को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया और आख़िरत दोनों जगह मिलता है ”
2379. “ काफ़िर को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया में मिल जाता है ”
2380. “ क़यामत के दिन से पहले सभी मोमिन एक हवा से मर जाएंगे ”
2381. “ तौहीद के होते हुए क़यामत नहीं आएगी ”
2382. “ क़यामत बुरे लोगों पर आएगी ”
2383. “ क़यामत के दिन अल्लाह अपने कुछ बंदों को सवालों के जवाब बता देगा ”
2384. “ शराब का नाम बदल कर उसको हलाल समझा जाएगा ”
2385. “ उम्मत में ऐसे लोग होंगे जो हराम को हलाल समझेंगे ”
2386. “ इस उम्मत के लोगों के रूप कब बिगाड़ दिए जाएंगी ”
2387. “ क़यामत के दीन जानवरों को भी बदला दिलवाया जाएगा ”
2388. “ फ़ितनों से बच जाने वाला आज़माइशों पर सब्र करने वाला आज्ञाकारी है ”
2389. “ हिसाब किताब से पहले लोगों का नबियों के पास जाना ”
2390. “ इस उम्मत का फ़ितना माल है ”
2391. “ रसूल अल्लाह ﷺ का होज़ बिदअत करने वालों को होज़ से दूर रखा जाएगा ”
2392. “ सब्र के दिनों में शरीअत का पाबंद रहने का सवाब ”
2393. “ क़यामत के दिन लोग नंगे होंगे ، सबसे पहले इब्राहिम अलैहिस्सलाम को पहनाया जाएगा ، रसूल अल्लाह ﷺ को हरा लिबास पहनाया जाएगा और आम लोग अपने ही कपड़ों में होंगे ”
2394. “ क़यामत के दिन जांघ और हथेली भी बात करेगी ”
2395. “ अन्तिम दिनों में दस प्रतिशत कर्म करने से भी मुक्ति मिल जाएगी ”
2396. “ क़यामत के दिन लोगों का वजूद भी तौला जाएगा ”
2397. “ बिदअत और अमानत में ख़यानत का बोझ ”
2398. “ नौसैनिक जिहाद में भाग लेने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ، कैसर पर हमला करने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ”
2399. “ हर एक हज़ार में से नौ सौ निन्यानवे जहन्नम में ”
2400. “ ख़िलाफ़त के सिलसिले में नबी की सुन्नत को बदलने वाला पहला व्यक्ति ”
2401. “ सहाबा में क़त्ल का फ़ितना ”
2402. “ मुस्लिम उम्मत की सज़ा ”
2403. “ झूठी नबवत का दवा करने वाले ”
2404. “ दीन का अच्छा समय छोटा है ”
2405. “ साठ साल की आयु के बाद के समय से अल्लाह की शरण मांगो ”
2406. “ अंत में ज़मीन अपने खज़ाने उलट देगी ”
2407. “ विजय से पहले का समय बेहतर था ”
2408. “ अरबों के ज़मीन के ख़ज़ाने निकालने के लिए सबसे बुरे लोगों के आने की भविष्यवाणी ”
2409. “ इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिजरत की जगह ( शाम यानि सीरिया ) बेहतर होगी ”
2410. “ पिछली उम्मतों के रोग इस उम्मत में ”
2411. “ कपड़े पहनकर भी नंगी दिखने वाली औरतें और गाड़ियों में मस्जिदों में आना कैसा होता है ? ”
2412. “ दुनिया के मामलों पर बातें करने वालों के साथ मस्जिदों में बैठना मना है ”
2413. “ ज़ालिम शासक और दीन में मिलावट करने वाले रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश से दूर ”
2414. “ क़दरिया और मुरजिआ ”
2415. “ सूर क्या है ? ”
2416. “ क़यामत के दिन काफ़िर के अंग बढ़ेंगे ”
2417. “ जुमा का मुबारक दिन और उसमें काली बिंदी ”
2418. “ फ़ितना अहलास और उसके बाद क्या होगा ”
2419. “ जारी रहेगा जिहाद, सच्चाई पर खड़ा रहेगा एक गुट ”
2420. “ क्या क़ातिल की तौबा स्वीकार की जाएगी ”
2421. “ उस समय की दुआ जब लोग दरहम और दीनार इकट्ठा करने में लगे हों ”
2422. “ नेक लोग भी अज़ाब में पकड़े जाते हैं लेकिन ... ”
2423. “ यमन की आग ”
2424. “ रसूल अल्लाह ﷺ और उनकी उम्मत पिछले नबियों के पक्ष में गवाही देंगे ”
2425. “ हरम में बेदीनी यानि नास्तिकता एक गंभीर अपराध है ”
2426. “ अदन अबयन के बारह हज़ार लोग दीन के समर्थन के लिए ”
2427. “ आख़िरकार इस्लाम के सदस्य ग़ायब हो जाएंगे, यहां तक ​​कि क़ुरआन के अक्षर भी ग़ायब हो जाएंगे ”
2428. “ क़ुरआन पढ़ने वाले भी जहन्नमी होते हैं ? घोड़ों के समुद्र में घुस जाने की भविष्यवाणी ”
2429. “ क़यामत के दिन कौन सजदा नहीं कर पाएगा ? ”
2430. “ अंत समय में दानी ख़लीफ़ा। इराक़ ، सीरिया और मिस्र के रिज़्क़ के साधन रुक जाएंगे ”
2431. “ लोगों की पिटाई करने वालों ، अधनंगी औरतों की भविष्वाणी और उनका अंत ”
2432. “ दुनिया के प्यार का अंत हार है ”
2433. “ अंतिम दिनों में शाम ( सीरिया ) को ही मिलेगा पानी ”
2434. “ नीच और मतलबी लोगों के राज की भविष्वाणी ”
2435. “ तबूक के आसपास बाग़ों की भविष्वाणी ”
2436. “ कर्मों को तोलने के लिए बड़ा तराज़ू ، फ़रिश्ते भी पूरी इबादत न कर सके ، पुल सिरात ”
2437. “ क़यामत के दिन का समय ، ज़ुहर से अस्र तक के बीच के बराबर या पचास हज़ार साल के बराबर ? ”
2438. “ आख़िरत के मामलों को याद करते समय कौन-सी दुआ पढ़नी चाहिए ? ”
2439. “ सबसे अच्छी मौत कौन-सी है ? ”
2440. “ चादरों की भविष्यवाणी ”
2441. “ लोगों को हर समय डराना नहीं चाहिए ”
2442. “ सज्दा करते हुए सज्दा करने वाले को मारने का हुक्म ? ”
2443. “ उम्मत का एक गुट सच्चाई पर डटा रहेगा ”
2444. “ सभी को पांच सवालों के जवाब देने हैं ، नहीं तो ... ”
2445. “ दुनिया में पेट भरने वाले क़यामत के दिन भूखे रहेंगे ”
2446. “ कुछ लोगों की बुराइयां अच्छाई में बदल दी जाएंगी ”
2447. “ अरबों के दिल ग़ैर-अरबों के दिलों की तरह हो जाएंगे ”
2448. “ औरत भी फ़ितना है ، पर क्यों ? ”
2449. “ नसीब पर आपत्ति और उसका जवाब ”
2450. “ बूढ़े ज़ानी रहमत की नज़र से दूर ”
2451. “ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत और पांच सौ साल ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
الفتن و اشراط الساعة والبعث
فتنے، علامات قیامت اور حشر
फ़ितने, क़यामत की निशानियां और क़यामत का दिन
قصہ یاجوج و ماجوج
“ याजूज माजूज की कहानी ”
حدیث نمبر: 3660
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-" إن ياجوج وماجوج يحفرون كل يوم حتى إذا كادوا يرون شعاع الشمس، قال الذي عليهم: ارجعوا فسنحفره غدا، فيعيده الله اشد ما كان حتى إذا بلغت مدتهم واراد الله ان يبعثهم على الناس حفروا، حتى إذا كادوا يرون شعاع الشمس، قال الذي عليهم: ارجعو فسنحفره غدا إن شاء الله تعالى، واستثنوا، فيعودون إليه وهو كهيئته حين تركوه، فيحفرونه ويخرجون على الناس، فينشفون الماء ويتحصن الناس منهم في حصونهم، فيرمون بسهامهم إلى السماء، فترجع عليها الدم الذي اجفظ، فيقولون: قهرنا اهل الارض، وعلونا اهل السماء، فيبعث الله نغفا في اقفائهم فيقتلون بها. قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: والذي نفسي بيده إن دواب الارض لتسمن وتشكر شكرا من لحومهم".-" إن يأجوج ومأجوج يحفرون كل يوم حتى إذا كادوا يرون شعاع الشمس، قال الذي عليهم: ارجعوا فسنحفره غدا، فيعيده الله أشد ما كان حتى إذا بلغت مدتهم وأراد الله أن يبعثهم على الناس حفروا، حتى إذا كادوا يرون شعاع الشمس، قال الذي عليهم: ارجعو فسنحفره غدا إن شاء الله تعالى، واستثنوا، فيعودون إليه وهو كهيئته حين تركوه، فيحفرونه ويخرجون على الناس، فينشفون الماء ويتحصن الناس منهم في حصونهم، فيرمون بسهامهم إلى السماء، فترجع عليها الدم الذي اجفظ، فيقولون: قهرنا أهل الأرض، وعلونا أهل السماء، فيبعث الله نغفا في أقفائهم فيقتلون بها. قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: والذي نفسي بيده إن دواب الأرض لتسمن وتشكر شكرا من لحومهم".
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: بیشک یاجوج ماجوج ہر روز (‏‏‏‏بڑے بند کو) کھودتے ہیں، جب وہ (‏‏‏‏غروب ہوتے ہوئے) سورج کی کرنوں کو دیکھتے ہیں تو ان کا سردار انہیں کہتا ہے: اب چلے جاؤ، کل (‏‏‏‏اس کو مکمل) کھود لیں گے۔ لیکن اللہ تعالیٰ اسے پہلے سے سخت حالت میں لوٹا دیتا ہے، (‏‏‏‏یہ سلسلہ یوں ہی جاری رہے گا) حتیٰ کہ ان کا (‏‏‏‏وہاں ٹھہرنے کا) وقت پورا ہو جائے گا اور اللہ تعالیٰ ارادہ کر لے گا کہ اب ان کو لوگوں پر بھیج دیا جائے، وہ کھودنا شروع کریں گے، یہاں تک کہ (‏‏‏‏ڈوبتے) سورج کی کرنیں انہیں نظر آئیں گی، ان کا سردار ان کو کہے گا: اب چلے جاؤ، ہم ان شاہ اللہ کل اس کی کھدائی مکمل کر لیں گے، (‏‏‏‏اس سے پہلے انہوں نے ان شاءاللہ نہیں کہا ہو گا، صرف اب کی بار کہیں گے)۔ جب وہ (‏‏‏‏صبح کو) آئیں گے تو اسے اسی حالت میں پائیں گے جس میں چھوڑ کر گئے تھے، وہ اسے مکمل طور پر کھود لیں گے اور لوگوں پر نکل پڑیں گے، پانی خشک کر دیں گے، لوگ مضبوط قلعوں میں پناہ گزیں ہو جائیں گے۔ وہ آسمان کی طرف اپنے تیر پھینکیں گے، ایسا کرنے کے بعد وہ کہیں گے: ہم نے اہل زمین کو زیر کر لیا ہے اور اہل آسمان کو بھی مغلوب کر لیا ہے۔ (‏‏‏‏بالآخر) اللہ تعالیٰ ان کی گدیوں میں ایک کیڑا پیدا کرے گا، جس سے وہ مر جائیں گے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: اس ذات کے قسم جس کے ہاتھ میں میری جان ہے! زمین کے جانور ان کا گوشت کھا کر موٹے تازے ہو جائیں گے۔
حدیث نمبر: 3661
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-" يفتح ياجوج وماجوج، يخرجون على الناس كما قال الله عز وجل: * (من كل حدب ينسلون) * فيغشون الارض وينحاز المسلمون عنهم إلى مدائنهم وحصونم، ويضمون إليهم مواشيهم، ويشربون مياه الارض، حتى ان بعضهم ليمر بالنهر فيشربون ما فيه حتى يتركوه يبسا، حتى إن من بعدهم ليمر بذلك النهر فيقول: قد كان هاهنا ماء مرة! حتى إذا لم يبق من الناس إلا احد في حصن او مدينة قال قائلهم: هؤلاء اهل الارض قد فرغنا منهم، بقي اهل السماء! قال: ثم يهز احدهم حربته، ثم يرمي بها إلى السماء، فترجع مختضبة دما للبلاء والفتنة. فبينا هم على ذلك إذا بعث الله دودا في اعناقهم كنغف الجراد الذي يخرج في اعناقهم، فيصبحون موتى لا يسمع لهم حس. فيقول المسلمون: الا رجل يشري نفسه فينظر ما فعل هذا العدو، قال: فيتجرد رجل منهم لذلك محتسبا لنفسه قد اظنها على انه مقتول، فينزل، فيجدهم موتى، بعضهم على بعض، فينادي: يا معشر المسلمين: الا ابشروا، إن الله قد كفاكم عدوكم فيخرجون من مدائنهم وحصونهم، ويسرحون مواشيهم، فما يكون لها رعي إلا لحومهم، فتشكر عنه كاحسن ما تشكر عن شيء من النبات اصابته قط".-" يفتح يأجوج ومأجوج، يخرجون على الناس كما قال الله عز وجل: * (من كل حدب ينسلون) * فيغشون الأرض وينحاز المسلمون عنهم إلى مدائنهم وحصونم، ويضمون إليهم مواشيهم، ويشربون مياه الأرض، حتى أن بعضهم ليمر بالنهر فيشربون ما فيه حتى يتركوه يبسا، حتى إن من بعدهم ليمر بذلك النهر فيقول: قد كان هاهنا ماء مرة! حتى إذا لم يبق من الناس إلا أحد في حصن أو مدينة قال قائلهم: هؤلاء أهل الأرض قد فرغنا منهم، بقي أهل السماء! قال: ثم يهز أحدهم حربته، ثم يرمي بها إلى السماء، فترجع مختضبة دما للبلاء والفتنة. فبينا هم على ذلك إذا بعث الله دودا في أعناقهم كنغف الجراد الذي يخرج في أعناقهم، فيصبحون موتى لا يسمع لهم حس. فيقول المسلمون: ألا رجل يشري نفسه فينظر ما فعل هذا العدو، قال: فيتجرد رجل منهم لذلك محتسبا لنفسه قد أظنها على أنه مقتول، فينزل، فيجدهم موتى، بعضهم على بعض، فينادي: يا معشر المسلمين: ألا أبشروا، إن الله قد كفاكم عدوكم فيخرجون من مدائنهم وحصونهم، ويسرحون مواشيهم، فما يكون لها رعي إلا لحومهم، فتشكر عنه كأحسن ما تشكر عن شيء من النبات أصابته قط".
سیدنا ابوسعید خدری رضی اللہ عنہ بیان کرتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: یاجوج ماجوج کھول دیے جائیں گے اور وہ لوگوں پر نکل پڑیں گے، جیسا کہ اللہ تعالیٰ نے فرمایا: ‏‏‏‏ وہ ہر بلندی سے دوڑتے ہوئے آئیں گے۔ (‏‏‏‏سورہ انبیاء: ۹۶) وہ زمین میں پھیل جائیں گے، مسلمان ان سے بچنے کے لیے اپنے شہروں اور قلعوں میں سمٹ جائیں گے اور اپنے مویشی اپنے ساتھ لے جائیں گے۔ یاجوج ماجوج زمین کا پانی پی جائیں گے، (‏‏‏‏اور اتنا پانی پئیں گے کہ) ان کے بعض افراد ایک نہر کے پاس سے گزریں گے اور وہ اس کا سارا پانی پی جائیں گے اور نہر خشک ہو جائے گی۔ جب ان کے بعد والوں کی وہاں سے گزر ہو گا تو وہ کہیں گے کہ کسی دور میں یہاں پانی ہوتا تھا۔ جب قلعوں یا شہروں میں پناہ گزین لوگوں کے علاوہ کوئی اور انسان نہیں بچے گا (‏‏‏‏جو انہیں نظر آ سکے) تو وہ کہیں گے: یہ تھے اہل زمین، (‏‏‏‏ان کا قصہ تو تمام ہو چکا) ہم ان سے فارغ ہو گئے ہیں، اب اہل آسمان باقی ہیں۔ (‏‏‏‏ان پر غلبہ پانے کی سوچنی چاہیئے) سو ان کا ایک فرد نیزے کو قدرے زور سے حرکت دے گا اور آسمان کی طرف پھینکے گا، وہ خون آلود لوٹے گا، یہ ان کے لیے ابتلاء و آزمائش اور فتنہ و فساد کا سبب بنے گا۔ اسی حالت پر ہوں گے اچانک اللہ تعالیٰ ان کی گردنوں میں ٹڈی کی طرح کا کیڑا پیدا کر دیں گے، جس کی وجہ سے وہ سب کے سب مر جائیں اور ان کی طرف سے کوئی آہٹ سنائی نہیں دے گی۔ مسلمان کہیں گے: کیا کوئی آدمی ایسا ہے جو اپنے حق میں خطرہ مول لے کر دیکھے کہ دشمن کیا کر رہے ہیں؟ ایک آدمی اجر و ثواب کی نیت سے باہر نکلے گا، اس کو اپنے بارے میں یہی گمان ہو گا کہ وہ قتل کر دیا جائے گا۔ وہ (‏‏‏‏اپنے قلعے یا شہر سے) نیچے اترے گا اور انہیں مرا ہوا پائے گا، ان کے لاشے ایک دوسرے پر پڑے ہوں گے۔ وہ پکارے گا: مسلمانوں کی جماعت! ذرا غور سے! خوش ہو جاؤ، اللہ تعالیٰ نے تمہیں دشمنوں سے کفایت کیا ہے۔ وہ اپنے قلعوں اور شہروں سے نکلیں گے، اپنے مویشیوں کو چرائیں گے، ان کے گوشت کے علاوہ ان کا کوئی اور چارہ نہیں ہو گا، وہ گوشت کھا کر اتنے موٹے تازے ہو جائیں گے، جتنا کہ وہ بہترین چارہ کھا کر ہوتے تھے۔
حدیث نمبر: 3662
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-" لا إله إلا الله، ويل للعرب من شر قد اقترب فتح اليوم من ردم ياجوج وماجوج مثل هذه، وحلق بإصبعه الإبهام والتي تليها، فقلت: يا رسول الله: انهلك وفينا الصالحون؟ قال: نعم إذا كثر الخبث".-" لا إله إلا الله، ويل للعرب من شر قد اقترب فتح اليوم من ردم يأجوج ومأجوج مثل هذه، وحلق بإصبعه الإبهام والتي تليها، فقلت: يا رسول الله: أنهلك وفينا الصالحون؟ قال: نعم إذا كثر الخبث".
سیدہ ام حبیبہ رضی اللہ عنہا سیدہ زینب بن حجش رضی اللہ عنہا سے روایت کرتی ہیں، وہ کہتی ہیں: رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم ایک دن ہمارے پاس تشریف لائے، آپ گھبرائے ہوئے تھے اور آپ کا چہرہ سرخ تھا اور آپ کی زبان پر یہ کلمات تھے: «لا اله الا الله» عربوں کے لیے اس شر کی وجہ سے ہلاکت ہے، جو قریب آ گئی ہے، آج یاجوج و ماجوج کی دیوار سے اتنا حصہ کھول دیا گیا ہے۔ اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے اپنی دو انگلیوں (‏‏‏‏انگوٹھے اور اس کے ساتھ والی انگلی) سے حلقہ بنا کر دکھایا۔ میں نے کہا: اے اللہ کے رسول! کیا ہم ہلاک ہو جائیں گے، جب کہ ہمارے اندر نیک لوگ بھی ہوں گے؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ہاں جب برائی عام ہو جائے گی۔
حدیث نمبر: 3663
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- (فتح اليوم من ردم ياجوج وماجوج مثل هذه. وعقد وهيب تسعين [وضمها]).- (فُتِحَ اليومَ منْ رَدمِ يأجوجَ ومأجوجَ مِثْلُ هذه. وعَقَدَ وُهَيْبٌ تِسْعِينَ [وَضَمَّها]).
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: آج یاجوج ماجوج کے بڑے بند میں اتنا سوراخ ہو گیا ہے۔ وہیب نے (‏‏‏‏بات کو واضح کرتے ہوئے) نوے (‏‏‏‏۹۰) کی گرہ لگائی اور انگلی کو ملا دیا۔
حدیث نمبر: 3664
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-" سيوقد المسلمون من قسي ياجوج وماجوج ونشابهم واترستهم سبع سنين".-" سيوقد المسلمون من قسي يأجوج ومأجوج ونشابهم وأترستهم سبع سنين".
سیدنا نواس بن سمعان رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: لوگ یاجوج ماجوج کی کمانوں، تیروں اور ڈھالوں کو جلا کر سات سال تک (‏‏‏‏ایندھن حاصل کرتے رہیں گے)۔

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