مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر

مختصر صحيح بخاري
  زکوٰۃ کے بیان میں  
ज़कात के बारे में
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1
“ ज़कात का वाजिब होना शरिअत से साबित है ”
4 702 سے 705
2
“ ज़कात न देना बहुत बड़ा पाप है ”
2 706 سے 707
3
“ जिस धन पर ज़कात दी जाती है वह कन्ज़ ( जिस ख़जाने की निंदा की गई है ) नहीं है ”
1 708
4
“ शुद्ध कमाई से सदक़ा ( दान ) देना चाहिए ”
1 709
5
“ लोगों के मना करने से पहले सदक़ा ( दान ) दें ”
4 710 سے 713
6
“ नबी ﷺ ने कहा, "आग से बचो, भले ही वह खजूर के टुकड़े या किसी छोटे सदक़े ( दान ) के माध्यम से हो ”
2 714 سے 715
7
“ कौन सा सदक़ा ( दान ) अफ़ज़ल है ? ”
1 716
8
“ अधिक सदक़ा करने वालों की फ़ज़ीलत ”
1 717
9
“ जब कोई व्यक्ति अनजाने में किसी धनी व्यक्ति को सदक़ा ( दान ) देता है ”
1 718
10
“ जब कोई व्यक्ति अपने पुत्र को अनजाने में सदक़ा ( दान ) देता है ”
1 719
11
“ जो व्यक्ति अपने सेवक को सदक़ा ( दान ) देने का हुक्म दे और ख़ुद न दे ”
1 720
12
“ अतिरिक्त धन से सदक़ा देना चाहिए ”
2 721 سے 722
13
“ दान के लिए प्रोत्साहन और इसके लिए सिफ़ारिश करना ( बड़े सवाब का काम है ) ”
2 723 سے 724
14
“ जितना हो सके सदक़ा देना बेहतर है ”
1 725
15
“ जो व्यक्ति इस्लाम में आने से पहले सदक़ा दे ”
1 726
16
“ सेवक को सवाब तब होता है जब वह अपने मालिक के हुक्म से सदक़ा देता है और उसका इरादा घर को ख़राब करने का नहीं होता है ”
1 727
17
“ अल्लाह ताला का कहना कि “ जो कोई सदक़ा करेगा और परहेज़गारी करेगा .... “ फरिश्तों कि दुआ कि ऐ अल्लाह, हर ख़र्च करने वाले को उसके ख़र्च करने का बदला देदे ” के बारे में ”
1 728
18
“ सदक़ा देने वाले और कंजूस कि मिसाल ”
1 729
19
“ हर मुसलमान पर सदक़ा ( वाजिब ) है, जो न कर सकता हो, तो उसे नेक काम करना चाहिए ”
1 730
20
“ ( ग़रीब को ) कितनी ज़कात या सदक़ा देना चाहिए ? ”
1 731
21
“ ज़कात में नक़दी के बदले दौलत और साधन देना ”
1 732
22
“ अलग अलग माल को जमा न किया जाए और जमा किये हुए माल को अलग न किया जाए ”
1 733
23
“ जो माल दो भागीदारों का हो वो दोनों ज़कात देने के बाद आपस में बराबर बराबर समझ लें ”
1 734
24
“ ऊंट की ज़कात देना फ़र्ज़ है ”
1 735
25
“ जिस पर ज़कात में एक साल कि ऊंटनी देना वाजिब हो और वह उसके पास न हो ”
1 736
26
“ बकरियों की ज़कात देना भी फ़र्ज़ है ”
1 737
27
“ ज़कात में ख़राब जानवर को नहीं लेना चाहिए ”
1 738
28
“ ज़कात में लोगों का बढ़िया माल न लिया जाए ”
1 739
29
“ अपने रिश्तेदारों पर ज़कात ख़र्च करना ”
2 740 سے 741
30
“ एक मुसलमान पर अपने घोड़े के लिए ज़कात फ़र्ज़ नहीं है ”
1 742
31
“ अनाथों को सदक़ा देना बहुत सवाब का काम है ”
1 743
32
“ ज़कात पति और अनाथों को देना जायज़ है जो उसकी देखरेख में हैं ”
2 744 سے 745
33
“ अल्लाह ताला का कहना कि, " और ( ज़कात ख़र्च की जानी चाहिए ) ग़ुलामों और देनदारों को बचाने के लिए और जो अल्लाह के रस्ते में हैं "
1 746
34
“ मांगने से बचना बड़े सवाब और लाभ की बात है ”
4 747 سے 750
35
“ जिसे अल्लाह बिना मांगे और बिना लालच के कुछ देता है, उसे स्वीकार करना चाहिए ”
1 751
36
“ जो लोगों से धन बढ़ाने के लिए मांगता है ”
1 752
37
“ मांगने से बचने के लिए कितना माल बहुत है ”
1 753
38
“ पकने से पहले ज़कात के लिए खजूरन अंदाज़ा करना ”
1 754
39
“ बारिश से मिलने वाली पैदावार पर अशर ( दसवां भाग ) वाजिब है ”
1 755
40
“ खजूर की ज़कात तब ली जानी चाहिए जब तारीखें टूट जाएँ और क्या ज़कात के लिए बच्चे को कुछ खजूरें लेने के लिए छोड़ना जायज़ है ? ”
1 756
41
“ क्या खुद कि सदक़ा में दी हुई चीज़ खरीदना जायज़ है ? ”
1 757
42
“ रसूल अल्लाह ﷺ की पत्नियों की लौंडियों और ग़ुलामों को ज़कात देना ”
1 758
43
“ जब सदक़ा की हालत बदल जाती है ”
1 759
44
“ अमीरों से सदक़ा लेना चाहिए और गरीबों पर ख़र्च करना चाहिए, चाहे वे कहीं भी हों ”
1 760
45
“ इमाम का सदक़ा देने वाले के लिए दुआ करना और रहमत मांगना सुन्नत है ”
1 761
46
“ समंदर से जो निकाला जाए उस पर ज़कात है या नहीं ? ”
1 762
47
“ ज़मीन में गड़े हुए ख़ज़ाने पर ख़ुमुस ( पांचवां भाग ) वाजिब है ”
1 763
48
“ अल्लाह तआला का कहना है कि “ ज़कात वसूल करने वालों को भी ज़कात में से दिया जाएगा ” और उन से हिसाब लिया जाएगा ”
1 764
49
“ इमाम का सदक़े के ऊंटों को दाग़ना ”
1 765

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