अख़लाक़ के बारे में
1. “ अच्छे अख़लाक़ के बारे में ”
2. “ सभा में बैठने के नियम ”
3. “ मेहमान के और मेज़बानी के नियम ”
4. “ ज़बान की सुरक्षा ”
5. “ बद गुमानी, जासूसी और चुग़ली की निंदा ”
6. “ पड़ोसी के हक़ ( अधिकार ) ”
7. “ तीन लोगों के होते हुए दो लोगों की आपस में कानाफूसी करना मना है ”
8. “ दूसरों का ध्यान रखने की फ़ज़ीलत ”
9. “ तीन दिन से ज़्याद नाराज़ रहना जाइज़ नहीं ”
10. “ ग़ुस्से पर क़ाबू पाने की एहमियत ”
11. “ किसी भी चीज़ को बाँटते समय दाएं तऱफ से शुरू करे ”
12. “ ग़रीब या कंगाल कौन हे ”
13. “ रस्ते में से चोट पहुंचाने वाली चीज़ हटाने की फ़ज़ीलत ”
14. “ औलाद के साथ बराबर का व्यवहार करना चाहिए ”
15. “ सोने से पहले करने वाले काम ”
16. “ मांगने वाले को देना चाहिए ”
17. “ वह ग़ुलाम जिन को दुगना सवाब मिलता है ”
18. “ जो मुसलमान न हो तो उस के सलाम का जवाब ”
19. “ अपने मुसलमान भाई को काफ़िर कहना ”
20. “ किसी के घर जाने के नियम ”
21. “ जानवरों से अच्छा व्यवहार करने की फ़ज़ीलत ”
22. “ अपने भाई से बातचीत बंद करने की निंदा ”
23. “ ग़लत अफ़वाहों की निंदा ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
اخلاق و آداب سے متعلق مسائل
अख़लाक़ के बारे में
زبان کی حفاظت
“ ज़बान की सुरक्षा ”
حدیث نمبر: 461
Save to word مکررات اعراب Hindi
103- مالك عن محمد بن عمرو بن علقمة عن ابيه عن بلال بن الحارث المزني ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إن الرجل ليتكلم بالكلمة من رضوان الله ما كان يظن ان تبلغ ما بلغت يكتب الله له بها رضوانه إلى يوم يلقاه، وإن الرجل ليتكلم بالكلمة من سخط الله ما كان يظن ان تبلغ ما بلغت يكتب الله له بها سخطه إلى يوم يلقاه.“103- مالك عن محمد بن عمرو بن علقمة عن أبيه عن بلال بن الحارث المزني أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إن الرجل ليتكلم بالكلمة من رضوان الله ما كان يظن أن تبلغ ما بلغت يكتب الله له بها رضوانه إلى يوم يلقاه، وإن الرجل ليتكلم بالكلمة من سخط الله ما كان يظن أن تبلغ ما بلغت يكتب الله له بها سخطه إلى يوم يلقاه.“
سیدنا بلال بن الحارث رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: آ دمی اللہ کی رضا مندی کی ایک بات کر تا ہے جس کے بارے میں وہ یہ نہیں سمجھتا کہ اس کا کہنا اجر ہے؟ اس بات کے بدلے اللہ اس کے لئے (قیامت کے دن) ملاقات کے وقت تک رضا مند ی لکھ دیتا ہے اور آدمی اللہ کی ناراضی کی ایک بات کر دیتا ہے جس کے بارے میں وہ یہ نہیں سمجھتا کہ اس کا کتنا گناہ ہے؟ اس بات کے بدلے اللہ اس کے لئے (قیامت کے دن) ملاقات کے وقت تک ناراضی لکھ دیتا ہے۔

تخریج الحدیث: «103- الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 985/2 ح 1914، ك 56 ب 2 ح 5) التمهيد 49/13، الاستذكار: 1850، و أخرجه النسائي فى الكبريٰ تحفتة الاشراف: 2028) والحاكم (46/1 ح 141) من حديث مالك به۔ والاصل الحديث شواهد عندالبخاري (6478) ومسلم (2988) وللحديث لون آخر عند الترمذي (2319) وابن حبان (1576) وسنده حسن.»

https://islamicurdubooks.com/ 2005-2024 islamicurdubooks@gmail.com No Copyright Notice.
Please feel free to download and use them as you would like.
Acknowledgement / a link to https://islamicurdubooks.com will be appreciated.