अख़लाक़ के बारे में
1. “ अच्छे अख़लाक़ के बारे में ”
2. “ सभा में बैठने के नियम ”
3. “ मेहमान के और मेज़बानी के नियम ”
4. “ ज़बान की सुरक्षा ”
5. “ बद गुमानी, जासूसी और चुग़ली की निंदा ”
6. “ पड़ोसी के हक़ ( अधिकार ) ”
7. “ तीन लोगों के होते हुए दो लोगों की आपस में कानाफूसी करना मना है ”
8. “ दूसरों का ध्यान रखने की फ़ज़ीलत ”
9. “ तीन दिन से ज़्याद नाराज़ रहना जाइज़ नहीं ”
10. “ ग़ुस्से पर क़ाबू पाने की एहमियत ”
11. “ किसी भी चीज़ को बाँटते समय दाएं तऱफ से शुरू करे ”
12. “ ग़रीब या कंगाल कौन हे ”
13. “ रस्ते में से चोट पहुंचाने वाली चीज़ हटाने की फ़ज़ीलत ”
14. “ औलाद के साथ बराबर का व्यवहार करना चाहिए ”
15. “ सोने से पहले करने वाले काम ”
16. “ मांगने वाले को देना चाहिए ”
17. “ वह ग़ुलाम जिन को दुगना सवाब मिलता है ”
18. “ जो मुसलमान न हो तो उस के सलाम का जवाब ”
19. “ अपने मुसलमान भाई को काफ़िर कहना ”
20. “ किसी के घर जाने के नियम ”
21. “ जानवरों से अच्छा व्यवहार करने की फ़ज़ीलत ”
22. “ अपने भाई से बातचीत बंद करने की निंदा ”
23. “ ग़लत अफ़वाहों की निंदा ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
اخلاق و آداب سے متعلق مسائل
अख़लाक़ के बारे में
دوہرے اجر کے مستحق غلام
“ वह ग़ुलाम जिन को दुगना सवाब मिलता है ”
حدیث نمبر: 479
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250- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إن العبد إذا نصح لسيده واحسن عبادة ربع فله اجره مرتين.“250- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إن العبد إذا نصح لسيده وأحسن عبادة ربع فله أجره مرتين.“
اور اسی سند کے ساتھ (سیدنا ابن عمر رضی اللہ عنہما سے) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جب غلام اپنے آقا کے لئے خیر خواہی کرتا ہے اور احسن طریقے سے اپنے رب کی عبادت کرتا ہے تو اسے دوہرا اجر ملتا ہے۔

تخریج الحدیث: «250- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 981/2 ح 1905، ك 54 ب 17 ح 43) التمهيد 336/14، الاستذكار:1841، أخرجه البخاري (2546) و مسلم (1664/43) من حديث مالك به.»

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