अख़लाक़ के बारे में
1. “ अच्छे अख़लाक़ के बारे में ”
2. “ सभा में बैठने के नियम ”
3. “ मेहमान के और मेज़बानी के नियम ”
4. “ ज़बान की सुरक्षा ”
5. “ बद गुमानी, जासूसी और चुग़ली की निंदा ”
6. “ पड़ोसी के हक़ ( अधिकार ) ”
7. “ तीन लोगों के होते हुए दो लोगों की आपस में कानाफूसी करना मना है ”
8. “ दूसरों का ध्यान रखने की फ़ज़ीलत ”
9. “ तीन दिन से ज़्याद नाराज़ रहना जाइज़ नहीं ”
10. “ ग़ुस्से पर क़ाबू पाने की एहमियत ”
11. “ किसी भी चीज़ को बाँटते समय दाएं तऱफ से शुरू करे ”
12. “ ग़रीब या कंगाल कौन हे ”
13. “ रस्ते में से चोट पहुंचाने वाली चीज़ हटाने की फ़ज़ीलत ”
14. “ औलाद के साथ बराबर का व्यवहार करना चाहिए ”
15. “ सोने से पहले करने वाले काम ”
16. “ मांगने वाले को देना चाहिए ”
17. “ वह ग़ुलाम जिन को दुगना सवाब मिलता है ”
18. “ जो मुसलमान न हो तो उस के सलाम का जवाब ”
19. “ अपने मुसलमान भाई को काफ़िर कहना ”
20. “ किसी के घर जाने के नियम ”
21. “ जानवरों से अच्छा व्यवहार करने की फ़ज़ीलत ”
22. “ अपने भाई से बातचीत बंद करने की निंदा ”
23. “ ग़लत अफ़वाहों की निंदा ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
اخلاق و آداب سے متعلق مسائل
अख़लाक़ के बारे में
اپنے مسلمان بھائی کو کافر کہنا؟
“ अपने मुसलमान भाई को काफ़िर कहना ”
حدیث نمبر: 481
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295- وبه: ان رسول الله قال: ”ايما رجل قال لاخيه: كافر، فقد باء بها احدهما.“295- وبه: أن رسول الله قال: ”أيما رجل قال لأخيه: كافر، فقد باء بها أحدهما.“
اور اسی سند کے ساتھ (سیدنا ابن عمر رضی اللہ عنہما سے) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جو آدمی اپنے (مسلمان) بھائی کو کافر کہتا ہے تو دونوں میں سے ایک کی طرف یہ (فتویٰ) لوٹ جاتا ہے یعنی دونوں میں سے ایک کافر ہوتا ہے۔

تخریج الحدیث: «295- الموطأ (رواية يحييٰي بن يحييٰي 984/2 ح 1910، ك 56 ب 1 ح 1) التمهيد 13/17، الاستذكار: 1846، و أخرجه البخاري (6104) من حديث مالك ومسلم (60) من حديث عبداللٰه بن دينار به.»

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