ज्ञान के बारे में
1. “ ज्ञान की फ़ज़ीलत ”
2. “ जो कोई ऊँची आवाज़ से लोगों को ज्ञान देता है ”
3. “ इमाम का अपने साथियों के ज्ञान की परीक्षा करना ”
4. “ हदीस पढ़ना और विद्वान को सुनाना ”
5. “ विद्वानों का ज्ञान या ज्ञान की बातें लिखकर शहर के लोगों को देना ”
6. “ कभी-कभी जिस व्यक्ति को हदीस पहुंचाई जाती है वह सुनने वाले से अधिक याद रखने वाला होता है ”
8. “ अल्लाह तआला उन लोगों को दीन की समझ देता है जिनके साथ वह भलाई करना चाहता है ”
9. “ ज्ञान पाने के लिए समझदारी से काम लेना ”
10. “ ज्ञान और ज्ञान की हसद यानि जलन सच है ”
11. “ नबी ﷺ ने कहा कि ए अल्लाह इसे किताब यानि क़ुरआन का ज्ञान दे ”
12. “ किस आयु के लड़के से हदीस सुनना सही है ? ”
13. “ उस व्यक्ति कि फ़ज़ीलत जो ज्ञान सीखे और सिखाए ”
14. “ ज्ञान का उठजाना और जहालत का रह जाना ”
15. “ ज्ञान की फ़ज़ीलत ”
16. “ फ़तवा देना चाहे सवारी पर हो या खड़ा हुआ हो ”
17. “ वह व्यक्ति जिसने हाथ या सिर के इशारे से फ़तवे का जवाब दिया ”
18. “ आप जिस समस्या का सामना कर रहे हैं उसकी जाँच-पड़ताल के लिए यात्रा करना और यह ज्ञान अपने परिवार को सिखाना ”
19. “ ज्ञान प्राप्त करने के लिए बारी तय करना ”
20. “ जब शिक्षक कुछ ग़लत देखे तो वह गुस्से में नसीहत कर सकता है ”
21. “ समझाने के लिए तीन दफ़ा बात को दोहराना ”
22. “ आदमी को अपने ग़ुलाम और अपने परिवार को सिखाना चाहिए ”
23. “ इमाम महिलाओं को नसीहत कतना और सिखाना ”
24. “ रसूल अल्लाह ﷺ की हदीस सुनने की लगन होना ”
25. “ क़यामत आने पर ज्ञान कैसे छीन लिया जाएगा ? ”
26. “ क्या केवल महिलाओं को शिक्षित करने के लिए एक दिन अलग रखा जा सकता है ? ”
27. “ जिसने कुछ सुना और समझ नहीं पाया, उसने फिर पूछा ताकि वह समझ सके ”
28. “ सभा में मौजूद व्यक्ति को उन लोगों को ज्ञान पहुँचाना चाहिए जो मौजूद न हों ”
29. “ रसूल अल्लाह ﷺ की ओर से झूठ बोलने का पाप ”
30. “ ज्ञान की बातें लिखना बिदअत नहीं है ”
31. “ रात के समय में पढ़ना पढ़ाना ठीक है ”
32. “ ज्ञान याद रखना बहुत ज़रूरी है ”
33. “ ज्ञान याद रखना बहुत ज़रूरी है ”
34. “ विद्वानों कि बातें सुनने के लिए चुप रहना चाहिए ”
35. “ विद्वान को क्या चाहिए जब उससे पूछा जाए कि तुममें सबसे अधिक ज्ञानी ( विद्वान ) कौन है ? तो वह ज्ञान को अल्लाह की ओर लेजाए ”
36. “ जिसने खड़े होकर एक बैठे हुए विद्वान से कोई मसला पूछा ”
37. “ अल्लाह तआला कहता है कि "और आपको बहुत कम ज्ञान दिया गया है " ( सूरत बनि-इसराईल : 75 ) ”
38. “ इस डरसे कि आग से मुक्ति कि ख़ुशख़बरी सुनकर लोग कर्म करना छोड़ देंगे तो हदीस बयान नहीं की ”
39. “ ज्ञान के मामले में शर्माना बुरी बात है ”
40. “ जो व्यक्ति ख़ुद शर्माए और दूसरे को मसला पूछने के लिए कहे ”
41. “ मस्जिद में ज्ञान का ज़िक्र करना और फ़तवा जारी करना ”
42. “ कोई उस से अधिक बतादे जितना पूछा गया है ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
علم کا بیان
ज्ञान के बारे में
”المناولہ“ کے بارے میں اور اہل علم کا علم یا علم کی باتیں لکھ کر شہر والوں کو دے دینا۔
“ विद्वानों का ज्ञान या ज्ञान की बातें लिखकर शहर के लोगों को देना ”
حدیث نمبر: 58
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سیدنا ابن عباس رضی اللہ عنہما کہتے ہیں رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے اپنا ایک خط ایک شخص کے ہاتھ بھیجا اور اسے حکم دیا کہ یہ خط بحرین کے حاکم کو دیدے۔ (چنانچہ اس نے دے دیا) اور بحرین کے حاکم نے اس کو کسریٰ (شاہ ایران) تک پہنچا دیا۔ پھر جب (کسریٰ نے) اس کو پڑھا تو (اپنی بدبختی سے) اس کو چاک کر ڈالا۔ (سیدنا ابن عباس رضی اللہ عنہما) کہتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے (یہ سن کر) ان لوگوں کو بددعا دی کہ وہ (لوگ بھی) بالکل (اسی طرح) ٹکڑے ٹکڑے کر دیے جائیں۔
حدیث نمبر: 59
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سیدنا انس بن مالک رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے ایک خط (شاہ روم یا ایران) کو لکھا یا لکھنے کا ارادہ کیا تو آپ سے یہ کہا گیا کہ وہ لوگ بے مہر کا خط نہیں پڑھتے، (یعنی اس کو وقعت نہیں دیتے) چنانچہ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے چاندی کی ایک انگوٹھی بنوائی اس میں محمد رسول اللہ کندہ تھا۔ (سیدنا انس رضی اللہ عنہ کہتے ہیں ایسا محسوس ہو رہا ہے) گویا میں (اب بھی) آپ صلی اللہ علیہ وسلم کے ہاتھ مبارک میں اس کی سفیدی کی طرف دیکھ رہا ہوں۔
حدیث نمبر: 60
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سیدنا ابوواقد لیثی رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ (ایک دن) اس حالت میں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم مسجد میں تشریف فرما تھے اور لوگ آپ صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس (بغرض استفادہ) بیٹھے ہوئے تھے، تین اشخاص آئے تو (ان میں سے) دو رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے سامنے آ گئے اور ایک چلا گیا (ابوواقد رضی اللہ عنہ) کہتے ہیں کہ وہ دونوں (کچھ دیر) رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس کھڑے رہے پھر ان میں سے ایک نے حلقہ میں گنجائش دیکھی تو وہ وہاں بیٹھ گیا اور دوسرا سب کے پیچھے (جہاں مجلس ختم ہوتی تھی) بیٹھ گیا اور تیسرا تو واپس ہی چلا گیا۔ پس جب رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے (وعظ سے) فراغت پائی تو (صحابہ رضی اللہ عنہم سے مخاطب ہو کر) فرمایا: کیا میں تمہیں تین آدمیوں کی حالت نہ بتاؤں کہ ان میں سے ایک نے اللہ کی طرف رجوع کیا اور اللہ نے اس کو جگہ دی اور دوسرا شرمایا تو اللہ نے (بھی) اس سے حیاء کی اور تیسرے نے منہ پھیرا تو اللہ نے (بھی) اس سے اعراض فرمایا۔

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