रोग का इलाज और रोगी की देखभाल
1086. “ बीमारी के कारण छूट जाने वाले कर्मों का बदला और सवाब मिलता है ”
1087. “ बीमारी पापों का कफ़्फ़ारह है ”
1088. “ बीमारी को बुराभला न कहा जाए ”
1089. “ बीमार की देखभाल करने वाला बीमार को कौन सी दुआ दे ”
1090. “ बुख़ार हो तो नहाना चाहिए ”
1091. “ दम करना भी एक इलाज है ”
1092. “ अच्छी फ़ाल लेना ”
1093. “ नज़र का लगना सच है ”
1094. “ बुरी नज़र का इलाज ”
1095. “ महामारी का रोग और उसके नियम ”
1096. “ सिंगी लगवाना ”
1097. “ इलाज करवाना सुन्नत है ”
1098. “ इलाज की जानकारी न हो तो इलाज नहीं करना चाहिए ”
1099. “ हराम चीज़ से इलाज करना ”
1100. “ आप ﷺ के थूक में शिफ़ा थी ”
1101. “ कलोंजी में शिफ़ा है ”
1102. “ अजवह खजूर में शिफ़ा है ”
1103. “ सना बूटी में शिफ़ा है ”
1104. “ शहद में शिफ़ा है ”
1105. “ क़ुस्त बहरी ( ऊद हिंदी ) में शिफ़ा है ”
1106. “ कभी कभी ठीक दवा से भी लाभ नहीं होता ”
1107. “ सच में चिकित्सक तो अल्लाह तआला ही है ”
1108. “ गाय का दूध शिफ़ा है ، घी दवा है और मांस रोग है ”
1109. “ मौत का कोई इलाज नहीं ”
1110. “ क्या कोई चीज़ मनहूस है ”
1111. “ ज़म ज़म खाने का खाना है ”
1112. “ अर्क़ुन्निसा और उस का इलाज ”
1113. “ रोगी से जाकर मिलने का सवाब ”
1114. “ रोगी से जाकर मिले तो आख़िरत यद् आती है ”
1115. “ इस्मिद सुरमे का लाभ ”
1116. “ साहबह ने आप ﷺ को बेहोशी की हालत में दवा खिलाई लेकिन... ”
1117. “ बिच्छू के डंक का इलाज ”
1118. “ हजर अस्वद भी शिफ़ाअ बन सकता था लेकिन... ”
1119. “ कोढ़ के रोगी की और देखने से मना क्यों किया गया ”
1120. “ क्या कोई बीमारी वायरल है ”
1121. “ शैतान क़ुरआन मजीद भुला सकता है ، इन्सान के शरीर से जिन्न को कैसे निकला जाए ”
1122. “ कुछ खाने रोगी के लिए हानिकारक हो सकते हैं ”

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सिलसिला अहादीस सहीहा
الطب والعيادة
علاج کرنا اور تیماردار کرنا
रोग का इलाज और रोगी की देखभाल
شیطان قرآن مجید بھلا سکتا ہے، انسانی بدن سے جن کو کیسے نکالا جائے؟
“ शैतान क़ुरआन मजीद भुला सकता है ، इन्सान के शरीर से जिन्न को कैसे निकला जाए ”
حدیث نمبر: 1657
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-" يا شيطان اخرج من صدر عثمان! [فعل ذلك ثلاث مرات]". هو من حديث عثمان بن ابي العاص الثقفي رضي الله عنه، وله عنه طرق اربعة: الاولى: عن عبد الاعلى: حدثنا عبد الله بن عبد الرحمن الطائفي عن عبد الله بن الحكم عن عثمان بن بشر قال: سمعت عثمان بن ابي العاص يقول: شكوت إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم نسيان القرآن، فضرب صدري بيده فقال: فذكره. قال عثمان:" فما نسيت منه شيئا بعد، احببت ان اذكره". اخرجه الطبراني في"-" يا شيطان اخرج من صدر عثمان! [فعل ذلك ثلاث مرات]". هو من حديث عثمان بن أبي العاص الثقفي رضي الله عنه، وله عنه طرق أربعة: الأولى: عن عبد الأعلى: حدثنا عبد الله بن عبد الرحمن الطائفي عن عبد الله بن الحكم عن عثمان بن بشر قال: سمعت عثمان بن أبي العاص يقول: شكوت إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم نسيان القرآن، فضرب صدري بيده فقال: فذكره. قال عثمان:" فما نسيت منه شيئا بعد، أحببت أن أذكره". أخرجه الطبراني في"
سیدنا عثمان بن ابو العاص رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ میں نے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم سے قرآن مجید بھول جانے کی شکایت کی۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے میرے سینے پر ہاتھ مارا اور فرمایا: او شیطان! عثمان کے سینے سے نکل جا۔ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے ایسے تین دفعہ کیا۔ عثمان کہتے ہیں: اس کے بعد مجھے کوئی ایسا لفظ نہیں بھولا، جس کو میں یاد کرنا پسند کرتا تھا۔

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