“ हज़रत अली रज़ि अल्लाहु अन्ह सही थे। बाद वालों को सहाबा के विवाद के बारे में क्या कहना चाहिए ? ” |
5 |
3539 سے 3543 |
|
“ हज़रत आयशा रज़ि अल्लाहु अन्हा का जमल की लड़ाई में भाग लेना कैसा था ? ” |
1 |
3544 |
|
“ हज़रत उस्मान रसूल अल्लाह ﷺ के सच्चे ख़लीफ़ा थे ” |
3 |
3545 سے 3547 |
|
“ क़ुरैश के बारह ख़लीफ़ा ” |
1 |
3548 |
|
“ हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की शहादत की भविष्यवाणी, हज़रत हुसैन रज़ी अल्लाहु अन्ह की क़त्ल की जगह ” |
3 |
3549 سے 3551 |
|
“ हबशी कअबा को तबाह कर देंगे, यदि हरम अमन वला है तो उसमें झगड़े क्यों हुए ” |
3 |
3552 سے 3554 |
|
“ मक्का की विजय के बाद, मक्का पर कोई हमला नहीं होगा ” |
1 |
3555 |
|
“ बैतुल्लाह पर हमला करने वालों को ज़मीन में धंसा दिया जाएगा ” |
1 |
3556 |
|
“ उम्मत के लोग एक दूसरे को मार डालेंगे ” |
1 |
3557 |
|
“ क़यामत के दिन ईमानवालों के सामने अल्लाह मुस्कुराएगा ” |
1 |
3558 |
|
“ क़यामत के दिन रसूल अल्लाह ﷺ से मिलने का स्थान ” |
2 |
3559 سے 3559 |
|
“ अल्लाह तआला की एक सौ रहमतें ” |
1 |
3560 |
|
“ परिचय के लिए अल्लाह ताला अपनी पिंडली खोल देगा ، क़यामत के दिन हर इन्सान अपने मअबूद ( भवान ) के साथ होगा ” |
3 |
3561 سے 3563 |
|
“ अल्लाह तआला के सिवा किसी भी मअबूद ( भवान ) में कोई अच्छाई नहीं है ” |
1 |
3564 |
|
“ क़यामत की निशानियां ” |
34 |
3565 سے 3598 |
|
“ क़यामत की पहली बड़ी निशानी आग लोगों को शाम ( सीरिया ) में इकट्ठा करेगी ” |
2 |
3599 سے 3600 |
|
“ क़यामत क़रीब है ” |
1 |
3601 |
|
“ क़यामत के क़रीब होने की मिसाल ” |
2 |
3602 سے 3603 |
|
“ क़यामत के दिन मैदान में जाने वालों का हाल ” |
1 |
3604 |
|
“ क़यामत की सबसे बड़ी निशानी पश्चिम से सूर्य का निकलना है ” |
1 |
3605 |
|
“ क़यामत की कौनसी निशानियों के बाद ईमान का कोई लाभ नहीं होगा ، ज़मीन का चौपाया ” |
2 |
3606 سے 3607 |
|
“ क़यामत की निशानियाँ एक के बाद एक आती रहेंगी ” |
2 |
3608 سے 3609 |
|
“ मस्जिद को सुंदर बनाने और मसाहीफ़ ( यानि क़ुरआन ) को सुंदर बनाने पर हलाकत ” |
1 |
3610 |
|
“ बुराई के आम होजाने पर अल्लाह का अज़ाब ” |
2 |
3611 سے 3612 |
|
“ आपको दूसरों से अधिक अपने बारे में चिंता करनी होगी ” |
1 |
3613 |
|
“ काफ़िर मोमिनों के लिए जहन्नम का जुरमाना हैं |
1 |
3614 |
|
“ क़यामत के दिन सूर्य क़रीब होगा और लोग पसीने से तरबतर होंगे ” |
1 |
3615 |
|
“ फ़ितनों के समय के नियम ” |
6 |
3616 سے 3621 |
|
“ कभी-कभी सब्र करना मुश्किल होगा ” |
1 |
3622 |
|
“ फ़ितनों के अलग अलग रूप और उस पर रसूल अल्लाह ﷺ को अफ़सोस ” |
1 |
3623 |
|
“ फ़ितनों के समय में लकड़ी की तलवार चलाने की वसीयत ” |
1 |
3624 |
|
“ फ़ितनों के उभरने से पहले नेक काम करने की नसिहत ” |
4 |
3625 سے 3628 |
|
“ आपस के फ़ितने भी दज्जाल से कम नहीं ” |
2 |
3629 سے 3630 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ के अनुसार अच्छाई और बुराई ، फ़ितनों का समय कैसे गुज़ारा जाए ” |
1 |
3631 |
|
“ इस उम्मत के सबसे बुरे लोगों को अच्छे लोगों पर कब थोपा जाएगा ? ” |
1 |
3632 |
|
“ इमाम महदी के बारे में ” |
5 |
3633 سے 3637 |
|
“ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का रूप-रंग ” |
1 |
3638 |
|
“ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की विशेषताएं ” |
3 |
3639 سے 3641 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को सलाम भेजना ” |
1 |
3642 |
|
“ दज्जाल और उसका रंग-रूप ” |
8 |
3643 سے 3650 |
|
“ दज्जाल के उभरने की जगह ” |
1 |
3651 |
|
“ सत्तर हज़ार यहूदी दज्जाल की पैरवी करेंगे ” |
1 |
3652 |
|
“ दज्जाल मदीने में नहीं घुस सकेगा ، मदीने में रहने वाले मुनाफ़िक़ दज्जाल के पास कैसे पहुंचेंगे ” |
1 |
3653 |
|
“ मदीना मुनव्वरा ख़ाली हो जाएगा ” |
2 |
3654 سے 3655 |
|
“ हरम मदीने की सीमा ” |
1 |
3656 |
|
“ दज्जाल के फ़ितने से कैसे बचा जाए ” |
1 |
3657 |
|
“ क़ुरआन पढ़ने वाले दज्जाल के साथ ” |
1 |
3658 |
|
“ क़ुरआन पढ़ने वाले भी दीन से दूर ” |
1 |
3659 |
|
“ याजूज माजूज की कहानी ” |
5 |
3660 سے 3664 |
|
“ उम्मत तहत्तर समुदायों में बंट जाएगी ” |
2 |
3665 سے 3666 |
|
“ अच्छे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जाएगी ” |
2 |
3667 سے 3668 |
|
“ दिन-ब-दिन अल्लाह से दुरी और दुनिया का लालच बढ़ता जाएगा ” |
1 |
3669 |
|
“ बुराई दिन-ब-दिन आम होती जाएगी ” |
1 |
3670 |
|
“ इराक़ फ़ितनों का गढ़ है ” |
3 |
3671 سے 3673 |
|
“ बिना कारण घर से बाहर न निकलना ठीक है ” |
1 |
3674 |
|
“ क़यामत के दिन काफ़िर मुंह के बल चलेंगे ” |
1 |
3675 |
|
“ आज़माइशों के माध्यम से अल्लाह से सुख की मांग करनी चाहिए ” |
1 |
3676 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत पर रहमतें की गई हैं लेकिन ” |
1 |
3677 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत कितनी दूर तक पहुंचेगी ? इस्लाम हर घर में पहुंचेगा ” |
2 |
3678 سے 3679 |
|
“ अच्छे लोगों का सिफ़ारिश करना ” |
1 |
3680 |
|
“ क़ुस्तुनतुनिया पहले जीता गया या रोम ” |
1 |
3681 |
|
“ गवाही के शब्द पापों की निन्यानवे किताबों पर भारी ” |
1 |
3682 |
|
“ मोमिन को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया और आख़िरत दोनों जगह मिलता है ” |
1 |
3683 |
|
“ काफ़िर को उसके अच्छे कर्मों का फल दुनिया में मिल जाता है ” |
1 |
3684 |
|
“ क़यामत के दिन से पहले सभी मोमिन एक हवा से मर जाएंगे ” |
3 |
3685 سے 3687 |
|
“ तौहीद के होते हुए क़यामत नहीं आएगी ” |
1 |
3688 |
|
“ क़यामत बुरे लोगों पर आएगी ” |
1 |
3689 |
|
“ क़यामत के दिन अल्लाह अपने कुछ बंदों को सवालों के जवाब बता देगा ” |
1 |
3690 |
|
“ शराब का नाम बदल कर उसको हलाल समझा जाएगा ” |
2 |
3691 سے 3692 |
|
“ उम्मत में ऐसे लोग होंगे जो हराम को हलाल समझेंगे ” |
1 |
3693 |
|
“ इस उम्मत के लोगों के रूप कब बिगाड़ दिए जाएंगी ” |
3 |
3694 سے 3696 |
|
“ क़यामत के दीन जानवरों को भी बदला दिलवाया जाएगा ” |
3 |
3697 سے 3699 |
|
“ फ़ितनों से बच जाने वाला आज़माइशों पर सब्र करने वाला आज्ञाकारी है ” |
1 |
3700 |
|
“ हिसाब किताब से पहले लोगों का नबियों के पास जाना ” |
1 |
3701 |
|
“ इस उम्मत का फ़ितना माल है ” |
1 |
3702 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ का होज़ बिदअत करने वालों को होज़ से दूर रखा जाएगा ” |
3 |
3703 سے 3705 |
|
“ सब्र के दिनों में शरीअत का पाबंद रहने का सवाब ” |
1 |
3706 |
|
“ क़यामत के दिन लोग नंगे होंगे ، सबसे पहले इब्राहिम अलैहिस्सलाम को पहनाया जाएगा ، रसूल अल्लाह ﷺ को हरा लिबास पहनाया जाएगा और आम लोग अपने ही कपड़ों में होंगे ” |
4 |
3707 سے 3710 |
|
“ क़यामत के दिन जांघ और हथेली भी बात करेगी ” |
1 |
3711 |
|
“ अन्तिम दिनों में दस प्रतिशत कर्म करने से भी मुक्ति मिल जाएगी ” |
1 |
3712 |
|
“ क़यामत के दिन लोगों का वजूद भी तौला जाएगा ” |
1 |
3713 |
|
“ बिदअत और अमानत में ख़यानत का बोझ ” |
2 |
3714 سے 3715 |
|
“ नौसैनिक जिहाद में भाग लेने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ، कैसर पर हमला करने वाली पहली फ़ौज की फ़ज़ीलत ” |
1 |
3716 |
|
“ हर एक हज़ार में से नौ सौ निन्यानवे जहन्नम में ” |
2 |
3717 سے 3718 |
|
“ ख़िलाफ़त के सिलसिले में नबी की सुन्नत को बदलने वाला पहला व्यक्ति ” |
1 |
3719 |
|
“ सहाबा में क़त्ल का फ़ितना ” |
1 |
3720 |
|
“ मुस्लिम उम्मत की सज़ा ” |
1 |
3721 |
|
“ झूठी नबवत का दवा करने वाले ” |
3 |
3722 سے 3724 |
|
“ दीन का अच्छा समय छोटा है ” |
1 |
3725 |
|
“ साठ साल की आयु के बाद के समय से अल्लाह की शरण मांगो ” |
1 |
3726 |
|
“ अंत में ज़मीन अपने खज़ाने उलट देगी ” |
1 |
3727 |
|
“ विजय से पहले का समय बेहतर था ” |
1 |
3728 |
|
“ अरबों के ज़मीन के ख़ज़ाने निकालने के लिए सबसे बुरे लोगों के आने की भविष्यवाणी ” |
1 |
3729 |
|
“ इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिजरत की जगह ( शाम यानि सीरिया ) बेहतर होगी ” |
1 |
3730 |
|
“ पिछली उम्मतों के रोग इस उम्मत में ” |
1 |
3731 |
|
“ कपड़े पहनकर भी नंगी दिखने वाली औरतें और गाड़ियों में मस्जिदों में आना कैसा होता है ? ” |
1 |
3732 |
|
“ दुनिया के मामलों पर बातें करने वालों के साथ मस्जिदों में बैठना मना है ” |
1 |
3733 |
|
“ ज़ालिम शासक और दीन में मिलावट करने वाले रसूल अल्लाह ﷺ की सिफ़ारिश से दूर ” |
1 |
3734 |
|
“ क़दरिया और मुरजिआ ” |
1 |
3735 |
|
“ सूर क्या है ? ” |
1 |
3736 |
|
“ क़यामत के दिन काफ़िर के अंग बढ़ेंगे ” |
1 |
3737 |
|
“ जुमा का मुबारक दिन और उसमें काली बिंदी ” |
1 |
3738 |
|
“ फ़ितना अहलास और उसके बाद क्या होगा ” |
1 |
3739 |
|
“ जारी रहेगा जिहाद, सच्चाई पर खड़ा रहेगा एक गुट ” |
1 |
3740 |
|
“ क्या क़ातिल की तौबा स्वीकार की जाएगी ” |
3 |
3741 سے 3743 |
|
“ उस समय की दुआ जब लोग दरहम और दीनार इकट्ठा करने में लगे हों ” |
1 |
3744 |
|
“ नेक लोग भी अज़ाब में पकड़े जाते हैं लेकिन ... ” |
2 |
3745 سے 3746 |
|
“ यमन की आग ” |
1 |
3747 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ और उनकी उम्मत पिछले नबियों के पक्ष में गवाही देंगे ” |
1 |
3748 |
|
“ हरम में बेदीनी यानि नास्तिकता एक गंभीर अपराध है ” |
1 |
3749 |
|
“ अदन अबयन के बारह हज़ार लोग दीन के समर्थन के लिए ” |
1 |
3750 |
|
“ आख़िरकार इस्लाम के सदस्य ग़ायब हो जाएंगे, यहां तक कि क़ुरआन के अक्षर भी ग़ायब हो जाएंगे ” |
1 |
3751 |
|
“ क़ुरआन पढ़ने वाले भी जहन्नमी होते हैं ? घोड़ों के समुद्र में घुस जाने की भविष्यवाणी ” |
1 |
3752 |
|
“ क़यामत के दिन कौन सजदा नहीं कर पाएगा ? ” |
1 |
3753 |
|
“ अंत समय में दानी ख़लीफ़ा। इराक़ ، सीरिया और मिस्र के रिज़्क़ के साधन रुक जाएंगे ” |
1 |
3754 |
|
“ लोगों की पिटाई करने वालों ، अधनंगी औरतों की भविष्वाणी और उनका अंत ” |
2 |
3755 سے 3756 |
|
“ दुनिया के प्यार का अंत हार है ” |
1 |
3757 |
|
“ अंतिम दिनों में शाम ( सीरिया ) को ही मिलेगा पानी ” |
1 |
3758 |
|
“ नीच और मतलबी लोगों के राज की भविष्वाणी ” |
2 |
3759 سے 3760 |
|
“ तबूक के आसपास बाग़ों की भविष्वाणी ” |
1 |
3761 |
|
“ कर्मों को तोलने के लिए बड़ा तराज़ू ، फ़रिश्ते भी पूरी इबादत न कर सके ، पुल सिरात ” |
1 |
3762 |
|
“ क़यामत के दिन का समय ، ज़ुहर से अस्र तक के बीच के बराबर या पचास हज़ार साल के बराबर ? ” |
2 |
3763 سے 3764 |
|
“ आख़िरत के मामलों को याद करते समय कौन-सी दुआ पढ़नी चाहिए ? ” |
1 |
3765 |
|
“ सबसे अच्छी मौत कौन-सी है ? ” |
1 |
3766 |
|
“ चादरों की भविष्यवाणी ” |
1 |
3767 |
|
“ लोगों को हर समय डराना नहीं चाहिए ” |
2 |
3768 سے 3769 |
|
“ सज्दा करते हुए सज्दा करने वाले को मारने का हुक्म ? ” |
1 |
3770 |
|
“ उम्मत का एक गुट सच्चाई पर डटा रहेगा ” |
2 |
3771 سے 3772 |
|
“ सभी को पांच सवालों के जवाब देने हैं ، नहीं तो ... ” |
1 |
3773 |
|
“ दुनिया में पेट भरने वाले क़यामत के दिन भूखे रहेंगे ” |
2 |
3774 سے 3775 |
|
“ कुछ लोगों की बुराइयां अच्छाई में बदल दी जाएंगी ” |
1 |
3776 |
|
“ अरबों के दिल ग़ैर-अरबों के दिलों की तरह हो जाएंगे ” |
1 |
3777 |
|
“ औरत भी फ़ितना है ، पर क्यों ? ” |
2 |
3778 سے 3779 |
|
“ नसीब पर आपत्ति और उसका जवाब ” |
1 |
3780 |
|
“ बूढ़े ज़ानी रहमत की नज़र से दूर ” |
1 |
3781 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत और पांच सौ साल ” |
1 |
3782 |
|