“ बीमारी के कारण छूट जाने वाले कर्मों का बदला और सवाब मिलता है ” |
1 |
1578 |
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“ बीमारी पापों का कफ़्फ़ारह है ” |
3 |
1579 سے 1581 |
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“ बीमारी को बुराभला न कहा जाए ” |
1 |
1582 |
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“ बीमार की देखभाल करने वाला बीमार को कौन सी दुआ दे ” |
1 |
1583 |
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“ बुख़ार हो तो नहाना चाहिए ” |
1 |
1584 |
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“ दम करना भी एक इलाज है ” |
1 |
1585 |
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“ अच्छी फ़ाल लेना ” |
2 |
1586 سے 1587 |
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“ नज़र का लगना सच है ” |
8 |
1588 سے 1595 |
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“ बुरी नज़र का इलाज ” |
5 |
1596 سے 1600 |
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“ महामारी का रोग और उसके नियम ” |
3 |
1601 سے 1603 |
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“ सिंगी लगवाना ” |
12 |
1604 سے 1614 |
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“ इलाज करवाना सुन्नत है ” |
6 |
1615 سے 1620 |
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“ इलाज की जानकारी न हो तो इलाज नहीं करना चाहिए ” |
1 |
1621 |
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“ हराम चीज़ से इलाज करना ” |
2 |
1622 سے 1623 |
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“ आप ﷺ के थूक में शिफ़ा थी ” |
1 |
1624 |
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“ कलोंजी में शिफ़ा है ” |
4 |
1625 سے 1628 |
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“ अजवह खजूर में शिफ़ा है ” |
2 |
1629 سے 1630 |
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“ सना बूटी में शिफ़ा है ” |
1 |
1631 |
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“ शहद में शिफ़ा है ” |
3 |
1632 سے 1634 |
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“ क़ुस्त बहरी ( ऊद हिंदी ) में शिफ़ा है ” |
1 |
1635 |
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“ कभी कभी ठीक दवा से भी लाभ नहीं होता ” |
1 |
1636 |
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“ सच में चिकित्सक तो अल्लाह तआला ही है ” |
1 |
1637 |
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“ गाय का दूध शिफ़ा है ، घी दवा है और मांस रोग है ” |
3 |
1638 سے 1640 |
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“ मौत का कोई इलाज नहीं ” |
1 |
1641 |
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“ क्या कोई चीज़ मनहूस है ” |
3 |
1642 سے 1644 |
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“ ज़म ज़म खाने का खाना है ” |
1 |
1645 |
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“ अर्क़ुन्निसा और उस का इलाज ” |
1 |
1646 |
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“ रोगी से जाकर मिलने का सवाब ” |
2 |
1647 سے 1648 |
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“ रोगी से जाकर मिले तो आख़िरत यद् आती है ” |
1 |
1649 |
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“ इस्मिद सुरमे का लाभ ” |
2 |
1650 سے 1651 |
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“ साहबह ने आप ﷺ को बेहोशी की हालत में दवा खिलाई लेकिन... ” |
1 |
1652 |
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“ बिच्छू के डंक का इलाज ” |
1 |
1653 |
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“ हजर अस्वद भी शिफ़ाअ बन सकता था लेकिन... ” |
1 |
1654 |
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“ कोढ़ के रोगी की और देखने से मना क्यों किया गया ” |
1 |
1655 |
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“ क्या कोई बीमारी वायरल है ” |
1 |
1656 |
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“ शैतान क़ुरआन मजीद भुला सकता है ، इन्सान के शरीर से जिन्न को कैसे निकला जाए ” |
1 |
1657 |
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“ कुछ खाने रोगी के लिए हानिकारक हो सकते हैं ” |
1 |
1658 |
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