ईमान के बारे में
1. “ रसूल अल्लाह ﷺ का कहना कि इस्लाम का महल पांच खम्बों पर बनाया गया है ”
2. “ ईमान के कार्यों के बारे में ”
3. “ मुसलमान वह है जिसकी ज़ुबान और हाथ से दूसरे मुसलमान दुख न पाएं ”
4. “ कौन सा इस्लाम अफ़ज़ल है ? ”
5. “ किसी को खाना खिलाना इस्लाम का भाग है ”
6. “ अपने भाई मुसलमान के लिए वह ही चाहना जो अपने लिए चाहता है यह ईमान में से है ”
7. “ रसूल अल्लाह ﷺ से प्यार करना ईमान का भाग है ”
8. “ ईमान की मिठास ”
9. “ अंसार से प्यार करना ईमान की निशानी है ”
10. “ फ़ितनों से भागना दिन की बात है ”
11. “ रसूल अल्लाह ﷺ का कहना कि मैं अल्लाह को तुम सबसे अच्छा जानने वाला हूं ”
12. “ ईमान वाले कर्मों में एक-दूसरे से बेहतर हो सकते हैं ”
13. “ शर्म ईमान में से है ”
14. “ मुशरिकों के ईमान लाने नमाज़ पढ़ने और ज़कात देने पर जंग बंद करने का हुक्म ”
15. “ कौनसा कर्म अफ़ज़ल है ”
16. “ जब मुसलमान होने और मोमिन होने के सही अर्थ से मुराद हो ”
17. “ पती की नाशुक्री भी कुफ़्र है लेकिन कुफ़्र कुफ़्र में अंतर है ”
18. “ पाप जहालत के कर्म हैं और जो उन्हें करता है, उसको काफ़िर नहीं कहा जा सकता ”
19. “ यदि मुसलमानों के दो गुट आपस में लड़ते हैं तो आपस में मेलमिलाप करादो ”
20. “ एक ज़ुल्म दूसरे से कम या बड़ा होता है ”
21. “ एक मुनाफ़िक़ की पहचान क्या है ? ”
22. “ लैलतुलक़द्र में इबादत करना ईमान का भाग है ”
23. “ अल्लाह तआला के लिए जिहाद करना ईमान का भाग है ”
24. “ रमज़ान के महीने में नफ़िल ( यानी तरावीह पढ़ना ) ईमान का भाग है ”
25. “ सवाब समझकर रमज़ान के महीने के रोज़े रखना ईमान का भाग है ”
26. “ इस्लाम एक बहुत ही आसान दीन है ”
27. “ नमाज़ की पाबंदी करना ईमान का भाग है ”
28. “ इंसान के इस्लाम की ख़ूबी का नतीजा ”
29. “ अल्लाह को दीन का वह काम बहुत पसंद है जो सदा होता रहे ”
30. “ ईमान कम या अधिक हो सकता है ”
31. “ ज़कात देना इस्लाम का भाग है ”
32. “ जनाज़े के साथ जाना ईमान का भाग है ”
33. “ अनजाने में कए गए कर्मों से कहीं नेक कर्म बर्बाद न होजाएं ”
34. “ जिब्राईल अलैहिस्सलाम का रसूल अल्लाह से ईमान, इस्लाम, अहसान और क़यामत के बारे में पूछना ”
35. “ अपने दीन के लिए शक वाली चीज़ों से बचने वाले व्यक्ति की फ़ज़ीलत ”
36. “ ख़म्स यानि माल ग़नीमत का पांचवां भाग देना ईमान का भाग है ”
37. “ यह बताया गया है कि कर्मों का स्वीकार किया जाना नियत निर्भर करता है ”
38. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने कहा कि दीन भलाई करने का नाम है ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
ایمان کا بیان
ईमान के बारे में
خمس (مال غنیمت کے پانچویں حصہ) کا ادا کرنا ایمان میں سے ہے۔
“ ख़म्स यानि माल ग़नीमत का पांचवां भाग देना ईमान का भाग है ”
حدیث نمبر: 49
Save to word مکررات اعراب Hindi
سیدنا ابن عباس رضی اللہ عنہما کہتے ہیں کہ عبدالقیس (قبیلہ عبدالقیس) کے لوگ جب نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے پاس آئے تو آپ نے (ان سے) فرمایا کہ: یہ کون سی قوم یا (یہ پوچھا کہ) کون سی جماعت ہے؟ وہ بولے کہ (ہم) ربیعہ (کے خاندان) سے (ہیں) آپ نے فرمایا: قوم یا وفد کا آنا مبارک ہو، تم ذلیل ہو گے نہ شرمسار۔ پھر ان لوگوں نے عرض کی کہ یا رسول اللہ! ہم سوا ماہ حرام کے (کسی اور وقت میں) آپ کے پاس نہیں آ سکتے (اس لیے کہ) ہمارے اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم کے درمیان کفار کا قبیلہ مضر رہتا ہے (ان سے ہمیں اندیشہ ہے) لہٰذا آپ ہمیں کوئی ٹھوس بات (خلاصہ احکام) بتا دیجئیے کہ ہم اپنے پیچھے والوں کو (بھی) اس کی اطلاع کر دیں اور ہم سب اس (پر عمل کرنے) سے جنت میں داخل ہو جائیں اور ان لوگوں نے آپ صلی اللہ علیہ وسلم سے پینے کی چیزوں کی بابت (بھی) پوچھا کہ (کون سی حلال ہیں اور کون سی حرام) تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے انھیں چار باتوں کا حکم دیا اور چار باتوں سے منع کیا۔ (1) ان کو حکم دیا صرف اللہ پر ایمان لانے کا (یہ کہہ کر) فرمایا: تم لوگ جانتے ہو کہ صرف اللہ پر ایمان لانا (کس طرح پر ہوتا) ہے؟ تو انھوں نے کہا کہ اللہ اور اس کا رسول ( صلی اللہ علیہ وسلم ) خوب واقف ہیں۔ تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: اس بات کی گواہی دینا کہ اللہ کے سوا کوئی معبود (حقیقی) نہیں اور یہ کہ محمد ( صلی اللہ علیہ وسلم ) اللہ کے رسول ہیں۔ (ان کو حکم دیا) نماز پڑھنے کا۔ زکوٰۃ دینے کا۔ رمضان کے روزے رکھنے کا اور (حکم دیا) اس بات کا کہ مال غنیمت کا پانچواں حصہ (بیت المال میں) دے دیا کرو اور چار چیزوں (یعنی چار قسم کے برتنوں میں پانی یا اور کوئی چیز پینے) سے منع کیا۔ (1) سبز لاکھی مرتبان سے (2) کدو کے تونبے سے (3) کریدے ہوئے لکڑی کے برتن (4) روغنی برتن سے اور کبھی (سیدنا ابن عباس رضی اللہ عنہما مزفت کی جگہ) مقیر کہا کرتے تھے اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ان باتوں کو یاد کر لو اور اپنے پیچھے والوں کو اس کی تبلیغ کر دو۔

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