अख़लाक़, नेकी करना और रहमदिली
1579. “ दीन का ज्ञान और अच्छा अख़लाक़ किन लोगों में होते हैं ”
1580. “ इस्लाम में दीन के ज्ञान का दर्जा ”
1581. “ सहाबा के बीच भाईचारे का रिश्ता ”
1582. “ रस्ते को उसका हक़ दिया करो ”
1583. “ रसूल अल्लाह ﷺ का सहाबा को कुन्नियत से पुकारना ”
1584. “ शर्म की कमी का नतीजा ”
1585. “ शर्म की फ़ज़ीलत ”
1586. “ अल्लाह तआला से कैसे शर्म की जाए ”
1587. “ बेकार बातों और कंजूसी का नतीजा ”
1588. “ झगड़ालू व्यक्ति को अल्लाह तआला पसंद नहीं करता है ”
1589. “ चुग़ली का क्या मतलब है ”
1590. “ ग़ीबत का क्या मतलब है ”
1591. “ ग़ीबत की मिसालें ”
1592. “ अज़ाब से बचाने वाले और जन्नत में लेजाने वाले कर्म ”
1593. “ रहमदिली यानि सहानुभूति ”
1594. “ रहमदिली यानि सहानुभूति से काम लेते रहने का ढंग ”
1595. “ रहमदिली यानि सहानुभूति से काम न लेने की बुराइयां ”
1596. “ संबंध तोड़ने की गंभीरता ”
1597. “ अच्छा अख़लाक़ और उसकी फ़ज़ीलत ”
1598. “ नबियों के अच्छे अख़लाक़ की मिसालें ”
1599. “ रिश्तेदारों के साथ अच्छा व्यवहार करने का हुक्म ”
1600. “ तक़वा और अच्छे अख़लाक़ का लाभ ، ज़बान और गुप्तअंगों का बोझ ”
1601. “ बुरा अख़लाक़ अल्लाह तआला को पसंद नहीं ”
1602. “ ग़ुस्सा करने से बचने की नसीहत ”
1603. “ बुरे ग़ुस्से का इलाज ”
1604. “ पहलवान कौन है ”
1605. “ किसी का किसी के द्वारा हक़ मारा जाए तो फिर दोनों क्या करें ”
1606. “ चुप रहना सबसे अच्छा कर्म है ”
1607. “ ज़बान की सुरक्षा की नसीहत और उसका बोझ ”
1608. “ ग़ुलामों और सेवकों के अधिकार ”
1609. “ जिस से प्यार हो तो उसको अपने प्यार के बारे में बताना ”
1610. इन्सान उसके साथ होगा जिस से प्यार करता है
1611. अल्लाह तआला के लिए प्यार करने का बदला
1612. अल्लाह तआला के लिए किसी से मिलने का बदला
1613. नरमी की फ़ज़ीलत
1614. क़ैदियों से नरम व्यवहार करना
1615. औरतों से नरम व्यवहार करना
1616. वादा पूरा करना और नरम व्यवहार की फ़ज़ीलत
1617. नरम दिल की फ़ज़ीलत
1618. रहमदिली और क्षमा करने की फ़ज़ीलत
1619. “ अपने परिवार के साथ नबी ﷺ की रहमदिली ”
1620. “ मुसलमान का सपना और सपनों के प्रकार ”
1621. “ झूठा सपना बताना भी झूठ है ”
1622. “ मुसलमान पर हथियार उठाना अपराध है ”
1623. “ बुरे गुमान को देर तक रखना ”
1624. “ हाथ मिलाने की फ़ज़ीलत ”
1625. “ मरे हुए माता-पिता की ओर से हज्ज करना ”
1626. “ छह कर्मों की ज़मानत पर जन्नत की ज़मानत ”
1627. “ माता-पिता की महानता ”
1628. “ माता-पिता के कहने पर पत्नी को तलाक ”
1629. “ माता-पिता को ख़ुश रकना यानि अल्लाह को ख़ुश करना ”
1630. “ माता-पिता की अवज्ञाकारी न करने वाले ، शराबी ، एहसान जतलाने वाले और बेशर्म की निंदा ”
1631. “ बुराई के प्रभाव को मिटाना ”
1632. “ सलाम को फैलाना ، खाना खिलाना ओर अल्लाह से शर्माना ”
1633. “ पहले सलाम करने वाला अफ़ज़ल है ”
1634. सलाम न करने वाला बहुत कंजूस होता है ”
1635. “ बच्चों को सलाम करना ”
1636. “ मोमिन को ख़ुश करना एक महान कर्म है ”
1637. “ मेल-मिलाप करवाना भी एक सदक़ह है ”
1638. “ नरम स्वभाव और लोकप्रिय लोगों की फ़ज़ीलत ”
1639. “ अच्छे लोगों का अपनी पत्नियों के साथ व्यवहार ”
1640. “ रसूल अल्लाह ﷺ की नबवत का कारण ”
1641. “ पति-पत्नी एक दुसरे का राज़ रखने वाले होते हैं ”
1642. “ रसूल अल्लाह ﷺ का अन्सारी साहबा से प्यार ”
1643. “ झूठ बोलना एक गंभीर अपराध है ”
1644. “ मज़ाक़ के तौर पर भी झूठ बोलना मना है ”
1645. “ इस्लाम में लोगों के प्रकार ”
1646. “ रसूल अल्लाह ﷺ उम्मत के पिता और उनकी पत्नियां उम्मत की मां हैं ”
1647. “ नबी अंदर से और बाहर से भी एक जैसा होता है ”
1648. “ नबी की और से सात मामलों का हुक्म ”
1649. “ नबियों की नरम दिली ”
1650. “ रसूल अल्लाह की नरम दिली ”
1651. “ नरम दिली की फ़ज़ीलत ”
1652. “ नरम दिली को अपनाना ”
1653. “ नरम दिली की निशानियां ”
1654. “ कालिमा तय्यबा से पापों के प्रभाव मिट जाते हैं ”
1655. “ ईमान अल्लाह तआला से प्यार का सबूत है ”
1656. “ अल्लाह तआला की ओर से दी गई आसानी का नतीजा ”
1657. “ मुंह बनाकर बातचीत करना ”
1658. “ जहन्नमी ओर जन्नती लोगों की विशेषताएं ”
1659. “ हर उठान में गिरावट है ”
1660. “ मोमिन की अच्छाइयां और मुनाफ़िक़ की बुराइयां ”
1661. “ माता-पिता के लिए बच्चों की दुआ की बरकत ”
1662. “ दिल से दिल तक रस्ता होता है ”
1663. “ ज़िम्मेदारी और सरदारी ”
1664. “ अल्लाह के बंदों का सब्र ، सहनशीलता और रहम दिली ”
1665. “ अल्लाह और उसके रसूल का प्रिय होना कैसे संभव है ? ”
1666. “ अल्लाह के दोस्तों की निशानियां ”
1667. “ बनावट से बात चीत करना पसंद नहीं किया गया ”
1668. “ वे लोग जो सबसे अधिक आज़माइश में हैं ”
1669. “ बड़ी बुराई से बचने के लिए छोटी बुराई कर लेना ठीक है ”
1670. “ नबी ﷺ सभी की मांग पूरी करते थे ”
1671. “ दर्द के अचानक शुरू होने पर “ बिस्मिल्लाह ” « بِسْمِ اللَّـه » पढ़ना चाहिए ”
1672. “ शासकों के हक़ का भुगतान करना ”
1673. “ अच्छे और बुरे साथियों की मिसाल ”
1674. “ खाना खिलाना जन्नत का कारण है ”
1675. “ घरों की आबादी और आयु में वृद्धि ”
1676. “ ग़ुलाम से पर्दा ज़रूरी नहीं है ”
1677. “ रसूल ﷺ की अच्छी नीति ”
1678. “ आप ﷺ का हज़रत आयशा की ख़ुशी या नाराज़गी को पहचान जाना ”
1679. “ आम आदमी की तअरीफ़ और निंदा की एहमियत ”
1680. “ छह अपराधी ”
1681. “ बुरी भाषा का नतीजा ”
1682. “ क़यामत के दिन जीवों के अधिकारों में कमियों का निपटान ”
1683. “ घाटे में रहने वाले कठोर लोग ”
1684. “ दुनिया में जिन पर ज़ुल्म किया उन लोगों से माफ़ी मांगना ”
1685. “ पवित्र ، सीधा रस्ता पाने वाले ، शासक, विद्वान ، सम्माननीय ، धनी और नीच लोगों की निशानियां ”
1686. “ एक मुसलमान से लड़ना कुफ्ऱ है और उसे गाली देना दुर्व्यवहार है ”
1687. “ हर इंसान की नियति उसकी गर्दन में है ”
1688. “ सफ़ेद बालों का रंगना ”
1689. “ बच्चों के साथ एक जैसा व्यवहार करना ”
1690. “ मुनाफ़िक़ की निशानियां ”
1691. “ क़ेलुला करने ( यानि दोपहर खाने के बाद सोने ) का हुक्म और कारण ”
1692. “ अनाथ के पालन पोषण का सवाब और बदला ”
1693. “ क्या कविता कहना नफ़रत वाली बात है ”
1694. “ परिवार से अनुमति कैसे लें ”
1695. “ दस्तक कैसे दें ”
1696. “ बिना अनुमति किसी के घर में झांकना मना है ”
1697. “ आप ﷺ के पीछे फ़रिश्तों का चलना ”
1698. “ झूठे लोगों के बयानों की जाँच करें ”
1699. “ रसूल अल्लाह ﷺ अपने साथियों का सहयोग करते थे ”
1700. “ रसूल अल्लाह ﷺ की हिमायत कैसे संभव है ”
1701. “ रसूल अल्लाह ﷺ के दरबार में लोगों का सम्मान ”
1702. “ रसूल अल्लाह ﷺ कमज़ोर सहाबा का ध्यान रखते थे ”
1703. “ रसूल अल्लाह ﷺ का अपनी ज़रूरतें ख़ुद पूरी करना ”
1704. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने खाई खोदने में ख़ुद भाग लिया ”
1705. “ बच्चों को रात के पहले समय में सुरक्षा देना ”
1706. “ रसूल अल्लाह ﷺ का हज़रत हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा का ध्यान रखना ”
1707. अफ़ज़ल लोगों की विशेषताएँ ”
1708. पड़ोसियों के अधिकार ”
1709. “ किसी पर लाअनत भेजना बड़ा पाप है ”
1710. “ वे लोग जिन पर अल्लाह तआला की लाअनत ”
1711. “ अन्सारियों का मेज़बानी करने का अच्छा तरीक़ा ”
1712. “ आप ﷺ पर शैतान का हमला और असफलता ”
1713. “ छोटों से प्यार करो और बड़े लोगों का सम्मान करो ”
1714. “ मस्जिद में क़िब्ले की दिशा में थूकना ”
1715. “ मुसलमानो के लिए हानिकारक मामले ”
1716. “ नबी ﷺ को कुछ लोगों पर शक था ”
1717. “ अच्छी संगत ”
1718. “ असल में बिना औलाद कौन है ”
1719. “ विद्रोह और बेरहमी गंभीर अपराध हैं ”
1720. “ घमंड और अहंकार अल्लाह तआला को पसंद नहीं ”
1721. “ घमंड और अहंकार का बोझ ”
1722. “ स्वार्थ का बोझ ”
1723. “ आग से बचाने वाले कर्म ”
1724. “ मुसलमान का क़र्ज़ चुकाना अच्छा कर्म है ”
1725. “ मुसलमानों के माल पर नाजाइज़ क़ब्ज़ा करने का नतीजा ”
1726. “ मुसलमान के सफ़ेद बालों की फ़ज़ीलत ”
1727. “ मदीने में रहने की फ़ज़ीलत ”
1728. “ रसूल ًअल्लाह ﷺ के साथ झूठी बातों को जोड़ना ”
1729. “ मोमिन भोला भाला होता है ”
1730. “ धोखे का अंत जहन्नम है ”
1731. “ मोमिन की विशेषताएँ ”
1732. “ अन्सारियों की फ़ज़ीलत ”
1733. “ क़यामत से पहले होने वाली बुराइयां ”
1734. “ अल्लाह तआला के लिए करने वाले कर्म ”
1735. “ बदला कब मिलता है ”
1736. “ मेहमान की मेज़बानी न करने का मतलब भलाई न पाना
1737. “ बंदा अनाथ कब तक रहता है ”
1738. “ हसद ( यानि जलन ) भलाई की दुश्मन है ”
1739. “ दिलों को सच्चे रस्ते पर लाने के लिए भाषा की एहमियत ”
1740. “ मोमिनों की माताओं के लिए दयालु लोग सच्चे और सब्र करने वाले थे ”
1741. “ दो मुंह वाला ( यानि दोग़ला ) आदमी भरोसेमंद नहीं होता ”
1742. “ मोमिन लाअनत करने वाला नहीं होता ”
1743. “ पति का पत्नी की इच्छाओं को पूरा करना ، गीतों और संगीत की हक़ीक़त और हुक्म ”
1744. “ जन्नती और जहन्नमी लोगों के प्रकार ”
1745. “ दुनिया की नेमतें रब्ब की ख़ुशी का सबूत नहीं हैं ”

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सिलसिला अहादीस सहीहा
الاخلاق والبروالصلة
اخلاق، نیکی کرنا، صلہ رحمی
अख़लाक़, नेकी करना और रहमदिली
امت مسلمہ کے حق میں ضرر رسان امور
“ मुसलमानो के लिए हानिकारक मामले ”
حدیث نمبر: 2550
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- (ما اخاف على امتي إلا ثلاثا: شح مطاع، وهوى متبع، وإمام ضلال).- (ما أخافُ على أُمّتِي إلا ثلاثاً: شُحٌّ مُطاعٌ، وهوىً متَّبعٌ، وإمامُ ضلالٍ).
سیدنا ابوالاعور رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: اپنی ا‏‏‏‏مت کے بارے میں مجھے صرف تین چیزوں کا ڈر ہے: (‏‏‏‏١) بخیلی، جس کے تقاضے پورے کر دیے جائیں، (‏‏‏‏۲) خواہش نفس جس کی پیروی کی جائے اور (‏‏‏‏۳) گمراہ امام۔

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