“ शराब का हराम होना ” |
6 |
1788 سے 1793 |
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“ हर नशे वाली चीज़ हराम है ” |
1 |
1794 |
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“ शराबी की कड़ी निंदा ” |
1 |
1795 |
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“ शराब के कारण नौ लोगों पर लाअनत ” |
1 |
1796 |
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“ शराब सभी बुराइयों की जड़ है ” |
1 |
1797 |
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“ शराब किस चीज़ से बनाई जाती है ” |
3 |
1798 سے 1800 |
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“ एक बार शराब पीने के बाद चालीस दिनों तक नमाज़ स्वीकार नहीं की जाती ” |
1 |
1801 |
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“ किसी चीज़ का नाम बदलने से उसका हुक्म नहीं बदलता ” |
1 |
1802 |
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“ नबीज़ का उपयोग कब तक किया जा सकता है ? ” |
1 |
1803 |
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“ नबीज़ कब हराम होती है ” |
1 |
1804 |
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“ किस बरतन में आप ﷺ के लिए नबीज़ बनाया जाता ” |
1 |
1805 |
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“ अक़ीक़ह में कितने और कौन से जानवर ज़िब्हा किये जाएं ” |
1 |
1806 |
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“ अक़ीक़ह वाले नवजात को ख़ुश्बू लगाना ” |
1 |
1807 |
|
“ बड़े हो कर अपनी ओर से अक़ीक़ह करना ” |
2 |
1808 سے 1809 |
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“ पालतू जानवरों के आराम का ध्यान रखना ، इस्लाम ने सबसे पहले जानवरों से नरमी बरतने की शिक्षा दी ” |
2 |
1810 سے 1811 |
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“ पालतू जानवरों के मुंह पर मारना या दाग़ना लाअनत वाला कर्म है ” |
1 |
1812 |
|
“ ज़िब्हा होने वाले जानवरों के अधिकार ” |
1 |
1813 |
|
“ खाने पीने के नियम ” |
15 |
1814 سے 1827 |
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“ खाने के शुरु में और अंत में अल्लाह को याद करना ” |
5 |
1828 سے 1832 |
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“ यदि आदमी खाने के शुरू में बिस्मिल्लाह “ بسم اللہ ” पढ़ना भूल जाए ” |
1 |
1833 |
|
“ बरतन में साँस लेना मना है ” |
4 |
1834 سے 1837 |
|
“ खड़े हो कर पानी पीना केसा है ” |
1 |
1838 |
|
“ ज़म ज़म का पानी भरपूर खाना है ” |
4 |
1839 سے 1842 |
|
“ खाने पीने के बाद अल्लाह तआला की ताअरीफ़ करने का बदला ” |
1 |
1843 |
|
“ दूध जैसी नेमत की आवश्यकता ” |
1 |
1844 |
|
“ दूध पीने की दुआ और उसकी एहमियत ” |
2 |
1845 سے 1846 |
|
“ शर्बत में गिरने वाली मक्खी को निकालने का ढंग और क्यों ? ” |
1 |
1847 |
|
“ खाने के बाद हाथ धोना और क्यों ? ” |
1 |
1848 |
|
“ चिकनी चीज़ों के बाद कुल्ला करना ” |
1 |
1849 |
|
“ ग़ुलामों और सेवकों के अधिकार ” |
4 |
1850 سے 1853 |
|
“ दावत स्वीकार करना चाहिए ” |
1 |
1854 |
|
“ यदि रोज़ेदार को दावत दी जाए तो वह क्या कहे ” |
2 |
1855 سے 1856 |
|
“ शिकार के नियम ” |
2 |
1857 سے 1858 |
|
“ यात्रा के नियम ” |
1 |
1859 |
|
“ पड़ोसियों के अधिकार ” |
1 |
1860 |
|
“ सदक़ह का उपहार में बदल जाना ” |
1 |
1861 |
|
“ खाना खिलने और अच्छी बात करने की नसीहत ” |
2 |
1862 سے 1863 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ की खजूरों में चमत्कारी बरकत ” |
1 |
1864 |
|
“ मजबूरी में मरा हुआ खाना जाइज़ है ” |
1 |
1865 |
|
“ चीज़ के हलाल होने की जांच करना ” |
1 |
1866 |
|
“ पानी मिला हुआ पतला दूध ” |
1 |
1867 |
|
“ सोने और चांदी के बर्तनों का उपयोग करना हराम है ” |
2 |
1868 سے 1869 |
|
“ टूटे हुए बर्तन में खाना या पीना मना है ” |
2 |
1870 سے 1871 |
|
“ सभी बर्तनों का उपयोग करने की अनुमति ” |
3 |
1872 سے 1874 |
|
“ हर अच्छे काम को दाहिने हाथ और दाहिनी ओर से करना ” |
3 |
1875 سے 1877 |
|
“ आप ﷺ ने बदु लोगों के खाने से मना किया ” |
1 |
1878 |
|
“ साथ में खाना खाने की बरकत ” |
1 |
1879 |
|
“ आप ﷺ और सहाबा कराम एक बड़े थाल में साथ में खाना खाते थे ” |
2 |
1880 سے 1881 |
|
“ मरे हुए जानवर से लाभ उठाना केसा है ” |
1 |
1882 |
|
“ मरे हुए जानवर की खाल को साफ़ किया जा सकता है ” |
1 |
1883 |
|
“ दो मरे हुए और दो ख़ून हलाल हैं ” |
1 |
1884 |
|
“ अपनी क़ुरबानी का मांस खाना ” |
1 |
1885 |
|
“ क़ुरबानी का समय ” |
1 |
1886 |
|
“ क़ुरबानी का मांस जमा करके रखना ठीक है ” |
4 |
1887 سے 1890 |
|
“ सुरेद बरकत वाला खाना है ” |
2 |
1891 سے 1892 |
|
“ सदक़ह यानि दान में दिया गया धन बना रहता है ” |
1 |
1893 |
|
“ खजूर की अच्छाई और बरकत ” |
1 |
1894 |
|
“ सिरके की अच्छाई और बरकत ” |
1 |
1895 |
|
“ सबसे अच्छी खजूर बरनी है ” |
1 |
1896 |
|
“ जानवर का दूध निकालते समय दूध की कुछ मात्रा छोड़ने का हुक्म और क्यों ? ” |
1 |
1897 |
|
“ अल्लाह तआला को ख़ाकी रंग का जानवर बहुत पसंद है ” |
1 |
1898 |
|
“ आग पर पकी हुई चीज़ खाने के बाद वुज़ू करना ज़रूरी नहीं ” |
1 |
1899 |
|
“ खजूर का खजूर से आदान-प्रदान और उसका तरीक़ा ” |
1 |
1900 |
|
“ वलीमे का खाना सबसे बुरा क्यों है ” |
1 |
1901 |
|
“ रात में बर्तनों को ढकने का कारण ” |
1 |
1902 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ का चूहों के बारे में संदेह ” |
1 |
1903 |
|
“ पत्नियों के साथ दिल्ल्गी ” |
1 |
1904 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ का पसंदीदा शर्बत ” |
1 |
1905 |
|
“ मीठी और ठंडी चीज़ रसूल अल्लाह ﷺ को पसंद थी ” |
1 |
1906 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ को मांस का कौन सा भाग पसंद था ” |
1 |
1907 |
|
“ वह सब्ज़ी जो रसूल अल्लाह ﷺ को पसंद थी ” |
2 |
1908 سے 1909 |
|
“ तरबूज़ के ठंडे प्रभाव और खजूर की गर्मी को कैसे ख़त्म करें ? ” |
3 |
1910 سے 1912 |
|
“ रसूल अल्लाह ﷺ की सादगी ” |
1 |
1913 |
|
“ दरिन्दों का हराम होना ” |
2 |
1914 سے 1915 |
|
“ ज़िब्हा करने वाला उपकरण कैसा हो ” |
1 |
1916 |
|
“ ज़ैतून के तेल की फ़ज़ीलत ” |
1 |
1917 |
|
“ कच्चा लहसुन और प्याज खाना कैसा है ? ” |
2 |
1918 سے 1919 |
|
«.... لَيْسَ عَلَى الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ » की तफ़्सीर ” |
1 |
1920 |
|
“ इन्सान को कितना खाना पीना चाहिए ? ” |
1 |
1921 |
|
“ हलाल खाने की नसीहत और कारण ? ” |
1 |
1922 |
|
“ दो आपस में मुक़ाब्ला करने वालों की दावत स्वीकार नहीं करना चाहिए ” |
1 |
1923 |
|
“ मश्क के मुंह से सीधे मुंह लगा कर पानी पीना कैसा है ” |
4 |
1924 سے 1926 |
|
“ ऐसे जानवर जिन्हें तीर आदि से बांध कर मारा जाए ، उन्हें नहीं खाना चाहिए ” |
1 |
1927 |
|
“ घरेलू गधा हराम है ، जबकि घोड़ा हलाल है ” |
2 |
1928 سے 1929 |
|
“ जानवर को ज़िब्हा करने से पहले उसके किसी अंग को काटना मना है ” |
1 |
1930 |
|
“ सांडे का मांस पसंद न होना ” |
2 |
1931 سے 1932 |
|