जनाज़े के बारे में
1. “ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
2. “ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
3. “ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
4. “ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ”
5. “ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ”
6. “ क़बर का अज़ाब सच्च है ”
7. “ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
8. “ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
9. “ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ”
10. “ शोक केवल तीन दिन का है ”
11. “ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ?
12. “ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ”
13. “ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ”
14. “ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
جنازے کے مسائل
जनाज़े के बारे में
جنازے میں چار تکبیریں کہنی چاہئیں
“ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
حدیث نمبر: 222
Save to word مکررات اعراب Hindi
14- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم نعى للناس النجاشي فى اليوم الذى مات فيه، وخرج بهم إلى المصلى، فصف بهم وكبر اربع تكبيرات.14- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم نعى للناس النجاشي فى اليوم الذى مات فيه، وخرج بهم إلى المصلى، فصف بهم وكبر أربع تكبيرات.
اور اسی سند کے ساتھ سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ بےشک رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے لوگوں کو نجاشی رضی اللہ عنہ کی وفات کی اطلاع اس دن دی جس دن وہ (نجاشی) فوت ہوئے اور آپ صحابہ کرام کے ساتھ جنازہ گاہ تشریف لے گئے پھر آپ نے ان کی صفیں بنائیں اور چار تکبیریں کہیں۔ (نجاشی) فوت ہوئے اور آپ صحابہ کرام کے ساتھ جنازہ گاہ تشریف لے گے پھر آپ نے ان کی صفیں بنائیں اور چار تکبیریں کہیں۔

تخریج الحدیث: «14- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 226/1، 227، ح 533، ك 16 ب 5 ح 14) التمهيد 324/6، الاستذكار: 490، و أخرجه البخاري (1245) ومسلم (951) من حديث مالك به.»

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