जनाज़े के बारे में
1. “ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
2. “ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
3. “ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
4. “ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ”
5. “ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ”
6. “ क़बर का अज़ाब सच्च है ”
7. “ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
8. “ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
9. “ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ”
10. “ शोक केवल तीन दिन का है ”
11. “ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ?
12. “ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ”
13. “ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ”
14. “ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
جنازے کے مسائل
जनाज़े के बारे में
مومن کی روح مرنے کے بعد جنت میں پرندے کے پیٹ میں . . .
“ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”
حدیث نمبر: 241
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72- مالك عن ابن شهاب عن عبد الرحمن بن كعب بن مالك الانصاري انه اخبره ان اباه كعب بن مالك كان يحدث ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إنما نسمة المؤمن طائر يعلق فى شجر الجنة حتى يرجعه الله إلى جسده يوم يبعثه.“72- مالك عن ابن شهاب عن عبد الرحمن بن كعب بن مالك الأنصاري أنه أخبره أن أباه كعب بن مالك كان يحدث أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إنما نسمة المؤمن طائر يعلق فى شجر الجنة حتى يرجعه الله إلى جسده يوم يبعثه.“
سیدنا کعب بن مالک رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اﷲ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: مومن کی روح ایک پرندے کی صورت میں جنت کے درختوں سے لٹکی رہتی ہے حتی کہ اﷲ اسے قیامت کے دن اس کے جسم کی طرف بھیج دے گا۔

تخریج الحدیث: «72- الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 240/1 ح 569، ك 16 ب 16 ح 49) التمهيد 56/11، الاستذكار: 523، و أخرجه النسائي (108/4 ح 2075) من حديث مالك به وسنده صحيح و فيه غير قادحة۔ والحديث صححه الترمذي (1641) وابن حبان (734) وله شواهد عند أحمد (424/6، 425) وغيره.»

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