जनाज़े के बारे में
1. “ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
2. “ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
3. “ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
4. “ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ”
5. “ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ”
6. “ क़बर का अज़ाब सच्च है ”
7. “ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
8. “ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
9. “ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ”
10. “ शोक केवल तीन दिन का है ”
11. “ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ?
12. “ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ”
13. “ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ”
14. “ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
جنازے کے مسائل
जनाज़े के बारे में
میت کو صبح و شام اس کا ٹھکانا دکھایا جاتا ہے
“ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
حدیث نمبر: 229
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207- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إن احدكم إذا مات عرض عليه مقعده بالغداة والعشي، إن كان من اهل الجنة فمن اهل الجنة، وإن كان من اهل النار فمن اهل النار، يقال له: هذا مقعدك حتى يبعثك الله إليه يوم القيامة.“207- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إن أحدكم إذا مات عرض عليه مقعده بالغداة والعشي، إن كان من أهل الجنة فمن أهل الجنة، وإن كان من أهل النار فمن أهل النار، يقال له: هذا مقعدك حتى يبعثك الله إليه يوم القيامة.“
اور اسی سند کے ساتھ (سیدنا ابن عمر رضی اللہ عنہما سے) روایت ہے کہ سول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جب تم میں سے کوئی مرتا ہے تو  اسے صبح و شام اس کا ٹھکانا دکھایا جاتا ہے، اگر وہ جنتیوں میں سے تھا تو اسے جنت کا ٹھکانا اور اگر وہ جہنمیوں میں سے تھا تو اسے جہنم کا ٹھکانا دکھایا جاتا ہے اور اسے کہا جاتا ہے: جب اللہ قیامت کے دن تجھے دوبارہ اٹھائے گا تو یہ تیرا ٹھکانا ہو گا۔

تخریج الحدیث: «207- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 239/1 ح 567، ك 16 ب 16 ح 47) التمهيد 103/14، الاستذكار:521، و أخرجه البخاري (1379) ومسلم (2866) من حديث مالك به.»

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