जनाज़े के बारे में
1. “ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
2. “ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
3. “ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
4. “ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ”
5. “ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ”
6. “ क़बर का अज़ाब सच्च है ”
7. “ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
8. “ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
9. “ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ”
10. “ शोक केवल तीन दिन का है ”
11. “ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ?
12. “ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ”
13. “ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ”
14. “ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
جنازے کے مسائل
जनाज़े के बारे में
میت پر (آواز کے ساتھ) رونے سے میت کو عذاب ہوتا ہے
“ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
حدیث نمبر: 230
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316- وبه: انها سمعت عائشة زوج النبى صلى الله عليه وسلم، وذكر لها ان عبد الله بن عمر يقول: إن الميت ليعذب ببكاء الحي، فقالت: يغفر الله لابي عبد الرحمن، اما إنه لم يكذب ولكنه نسي او اخطا، إنما مر رسول الله صلى الله عليه وسلم على يهودية يبكي عليها اهلها، فقال: ”إنهم ليبكون عليها، وإنها لتعذب فى قبرها.“316- وبه: أنها سمعت عائشة زوج النبى صلى الله عليه وسلم، وذكر لها أن عبد الله بن عمر يقول: إن الميت ليعذب ببكاء الحي، فقالت: يغفر الله لأبي عبد الرحمن، أما إنه لم يكذب ولكنه نسي أو أخطأ، إنما مر رسول الله صلى الله عليه وسلم على يهودية يبكي عليها أهلها، فقال: ”إنهم ليبكون عليها، وإنها لتعذب فى قبرها.“
اور اسی سند کے ساتھ روایت ہے کہ نبی صلی اللہ علیہ وسلم کی زوجہ سیدہ عائشہ رضی اللہ عنہا کے سامنے ذکر کیا گیا کہ سیدنا عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما فرماتے ہیں: بے شک میت کو گھر والوں کے رونے کی وجہ سے عذاب ہوتا ہے۔ تو انہوں نے فرمایا: ابوعبدالرحمٰن (عبداللہ بن عمر) کی اللہ مغفرت فرمائے، انہوں نے جھوٹ نہیں بولا: لیکن وہ بھول گئے ہیں یا انہیں غلطی لگی ہے۔ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم تو ایک یہودی عورت (کی قبر) کے پاس سے گزرے جس پر اس کے گھر والے رو رہے تھے تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: یہ اس پر رو رہے ہیں اور اس کی قبر میں عذاب ہو رہا ہے۔

تخریج الحدیث: «316- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰي بن يحييٰي 234/1 ح 556، ك 16 ب 12 ح 37) التمهيد 273/17، الاستذكار: 510، و أخرجه البخاري (1289) و مسلم (932) من حديث مالك به.»

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