जनाज़े के बारे में
1. “ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
2. “ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
3. “ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
4. “ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ”
5. “ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ”
6. “ क़बर का अज़ाब सच्च है ”
7. “ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
8. “ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
9. “ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ”
10. “ शोक केवल तीन दिन का है ”
11. “ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ?
12. “ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ”
13. “ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ”
14. “ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
جنازے کے مسائل
जनाज़े के बारे में
میت کو کافور ملے پانی اور بیری کے پتوں سے غسل دینا مستحب ہے
“ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
حدیث نمبر: 220
Save to word مکررات اعراب Hindi
129- وبه عن محمد بن سيرين عن ام عطية الانصارية انها قالت: دخل علينا رسول الله صلى الله عليه وسلم حين توفيت ابنته فقال: اغسلنها ثلاثا او اكثر من ذلك إن رايتن ذلك بماء وسدر، واجعلن فى الآخرة كافورا او شيئا من كافور فإذا فرغتن فآذنني. قالت: فلما فرغنا آذناه فاعطانا حقوه، فقال: اشعرنها إياه تعني إزاره.129- وبه عن محمد بن سيرين عن أم عطية الأنصارية أنها قالت: دخل علينا رسول الله صلى الله عليه وسلم حين توفيت ابنته فقال: اغسلنها ثلاثا أو أكثر من ذلك إن رأيتن ذلك بماء وسدر، واجعلن فى الآخرة كافورا أو شيئا من كافور فإذا فرغتن فآذنني. قالت: فلما فرغنا آذناه فأعطانا حقوه، فقال: أشعرنها إياه تعني إزاره.
سیدہ ام عطیہ الانصاریہ رضی اللہ عنہا سے روایت ہے کہ جب رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی بیٹی (سیدہ ام کلثوم رضی اللہ عنہا) فوت ہوئیں تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم   ہمارے پاس تشریف لائے اور فرمایا: اسے تین فعہ یا اگر مناسب سمجھو تو زیادہ دفعہ پانی اور بیری کے پتوں کے ساتھ غسل دینا اور آخر میں اس میں کافور یا کافور کا کچھ حصہ ڈالنا، پھر جب فارغ ہو جاؤ تو مجھے اطلاع دینا۔ ام عطیہ نے کہا: جب ہم فارغ ہوئیں تو آپ صلی اللہ علیہ وسلم کو اطلاع دی، پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے ہمیں اپنے ازار والی چادر دی اور فرمایا: اس کے بدن کو اس (چادر) میں لپیٹ دو۔  

تخریج الحدیث: «129- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 222/1 ح 521، ك 16 ب 1 ح 2) التمهيد 371/1، الاستذكار: 482، و أخرجه البخاري (1253) و مسلم (939/38) من حديث مالك به.»

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