जनाज़े के बारे में
1. “ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ”
2. “ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
3. “ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ”
4. “ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ”
5. “ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ”
6. “ क़बर का अज़ाब सच्च है ”
7. “ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ”
8. “ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ”
9. “ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ”
10. “ शोक केवल तीन दिन का है ”
11. “ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ?
12. “ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ”
13. “ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ”
14. “ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
جنازے کے مسائل
जनाज़े के बारे में
میت کو تین کپڑوں میں کفن دینا مستحب ہے
“ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ”
حدیث نمبر: 221
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463- وعن هشام عن ابيه عن عائشة ان النبى صلى الله عليه وسلم كفن فى ثلاثة اثواب بيض سحولية، ليس فيها قميص ولا عمامة.463- وعن هشام عن أبيه عن عائشة أن النبى صلى الله عليه وسلم كفن فى ثلاثة أثواب بيض سحولية، ليس فيها قميص ولا عمامة.
سیدہ عائشہ (صدیقہ رضی اللہ عنہا) سے روایت ہے کہ نبی صلی اللہ علیہ وسلم کو تین سفید یمنی کپڑوں میں کفن دیا گیا تھا جن میں نہ قمیص تھی اور نہ عمامہ۔

تخریج الحدیث: «463- الموطأ (رواية يحييٰي بن يحييٰي 223/1 ح 524، ك 16 ب 2 ح 5) التمهيد 140/22، الاستذكار: 485، و أخرجه البخاري (1273) من حديث مالك به.»

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