“ मृतक को काफ़ूर और बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल देना यानि सुन्नत तऱीके से नहलाना चाहिए ” |
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220 |
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“ मृतक को तीन कपड़ों में कफ़न देना अच्छा है ” |
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221 |
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“ जनाज़े की नमाज़ में चार तकबीरें कहनी चाहियें ” |
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222 |
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“ ग़ायबाना ( जनाज़ा न हो तो ) नमाज़ जनाज़ा जाइज़ है ” |
1 |
223 |
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“ क़बर में सवाल जवाब का होना सच्च है ” |
1 |
224 |
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“ क़बर का अज़ाब सच्च है ” |
4 |
225 سے 228 |
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“ मृतक को सुबह और शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है ” |
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229 |
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“ मृतक पर ऊंची आवाज़ के साथ रोने से मृतक को अज़ाब होता है ” |
1 |
230 |
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“ क़बर में इंसान को मट्टी खा जाती है ” |
1 |
231 |
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“ शोक केवल तीन दिन का है ” |
2 |
232 سے 233 |
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“ जिस औरत का पती मर जाए उसका शोक ? |
4 |
234 سے 237 |
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“ जनाज़ा देख कर खड़े होने वाली हदीस रद्द है ” |
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238 |
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“ जिस के दो या तीन बच्चे मर जाएं उस की फ़ज़ीलत ” |
2 |
239 سے 240 |
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“ मोमिन की आत्मा मरने के बाद जन्नत में पक्षी के पेट में...... ” |
1 |
241 |
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