ज़िक्र की फ़ज़ीलत ( पुण्य ) |
13 |
Q1سے9 |
|
नींद से जागने के बाद की दुआएं |
4 |
10سے13 |
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कपड़ा पहनने की दुआ |
1 |
14 |
|
नया वस्त्र पहनने की दुआ |
1 |
15 |
|
नया वस्त्र पहनने वाले को किया दुआ दी जाए |
2 |
16سے17 |
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वस्त्र उतारे तो किया दुआ पढ़े |
1 |
18 |
|
शौचालय में जाने की दुआ |
1 |
19 |
|
शौचालय से निकलने की दुआ |
1 |
20 |
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वुज़ू शुरू करते समय किया पढ़े |
1 |
21 |
|
वुज़ू समाप्त करने के बाद किया पढ़े |
3 |
22سے24 |
|
घर से निकलते समय किया पढ़ना चाहिए |
2 |
25سے26 |
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घर में प्रवेश करते समय की दुआ |
1 |
27 |
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मस्जिद की तरफ़ जाने की दुआ |
1 |
28 |
|
मस्जिद में प्रवेश करते समय की दुआ |
1 |
29 |
|
मस्जिद से निकलने की दुआ |
1 |
30 |
|
अज़ान के अज़्कार |
4 |
31سے34 |
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दुआए इस्तफ़्ताह |
6 |
35سے40 |
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सूरत अल्फ़ातिहा |
1 |
41 |
|
रुकू की दुआएं |
5 |
42سے46 |
|
रुकू से उठने की दुआएं |
3 |
47سے49 |
|
सज्दे की दुआएं |
7 |
50سے56 |
|
जलसा इस्तराहत ( दो सजदों के बीच ) की दुआएं |
2 |
57سے58 |
|
सज्दा तिलावत की दुआएं |
2 |
59سے60 |
|
तशाहहुद |
1 |
61 |
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नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्ल्म पर दरूद पढ़ना |
2 |
62سے63 |
|
सलाम फेरने से पहले आख़री तशाहहुद में दुआएं |
11 |
64سے74 |
|
सलाम फेरने के बाद के अज़कार |
7 |
75سے81 |
|
फ़जर की नमाज़ के बाद ये दुआ पढ़े |
1 |
82 |
|
नमाज़ इस्तेख़ारा की दुआ |
1 |
83 |
|
सुबह और शाम के अज़कार |
5 |
84سے88 |
|
शाम के समय ये दुआ पढ़े |
20 |
89سے108 |
|
सोते समय की दुआएं |
13 |
109سے121 |
|
रात करवट बदलते समय की दुआएं |
1 |
122 |
|
नींद में घबराहट और डरजाने के समय की दुआ |
1 |
123 |
|
बुरा सपना देखने वाला किया करे |
5 |
124سے128 |
|
क़ुनूत और वित्र की दुआएं |
3 |
129سے131 |
|
नमाज़ वित्र से सलाम फेरने के बाद का ज़क्र |
1 |
132 |
|
शोक और फ़िक्र की दुआ |
2 |
133سے134 |
|
बेचैनी की दुआ |
4 |
135سے138 |
|
दुश्मन और शासक से मिलते समय की दुआ |
3 |
139سے141 |
|
जिसे शासक के अत्याचार का डर हो उस के लिए दुआ |
2 |
142سے143 |
|
दुश्मन के लिए बद दुआ |
1 |
144 |
|
जब किसी से ख़तरा हो तो किया कहे |
1 |
145 |
|
जिसे ईमान में शक होने लगे उस की दुआ |
3 |
146سے148 |
|
क़र्ज़ चुकाने की दुआ |
2 |
149سے150 |
|
नमाज़ या क़ुरान पढ़ते समय वहम आने की दुआ |
1 |
151 |
|
जिस पर कोई मुश्किल आन पड़े उस के लिए दुआ |
1 |
152 |
|
जिस से कोई पाप हो जाये वो किय कहे और किया करे |
1 |
153 |
|
शैतान और अस का वहम दूर करने की दुआएं |
3 |
154سے156 |
|
बुरी घटना या बेबसी की दुआ |
1 |
157 |
|
बच्चे के जन्म पर बधाई की दुआ |
1 |
158 |
|
बच्चों को किन शब्दों के साथ शरण दी जाए |
1 |
159 |
|
रोगी से मिलते समय की दुआ |
2 |
160سے161 |
|
रोगी की सेवा करने का पुण्य |
1 |
162 |
|
जीवन से निराश रोगी के लिए दुआ |
3 |
163سے165 |
|
रोगी को कलमा «ला इलाहा इल्लल्लाह» पढ़ने को कहना |
1 |
166 |
|
जिस को मुसीबत पहुँचे उस की दुआ |
1 |
167 |
|
मृतक की ऑंखें बंद करते समय की दुआ |
1 |
168 |
|
नमाज़ जनाज़ा की दुआएं |
4 |
169سے172 |
|
नमाज़ जनाज़ा में बच्चे के लिए दुआ |
2 |
173سے174 |
|
मृत्यु पर शोक व्यक्त करने की दुआ |
1 |
175 |
|
मृतक को क़ब्र में रखते समय की दुआ |
1 |
176 |
|
मृतक को दफ़्न करने के बाद की दुआ |
1 |
177 |
|
क़ब्रस्तान में प्रवेश करते समय की दुआ |
1 |
178 |
|
हवा चलते समय की दुआएं |
2 |
179سے180 |
|
बदल गरजने की दुआ |
1 |
181 |
|
बारिश की दुआएं |
3 |
182سے184 |
|
बारिश बरसते समय की दुआ |
1 |
185 |
|
बारिश बरसने के बाद का ज़िक्र |
1 |
186 |
|
आकाश पर घटा छाजाने की दुआ |
1 |
187 |
|
चाँद देखने की दुआ |
1 |
188 |
|
रोज़ा खोलते समय की दुआ |
2 |
189سے190 |
|
खाने से पहले की दुआ |
2 |
191سے192 |
|
खाना ख़त्म करने के बाद की दुआ |
2 |
193سے194 |
|
खाना खिलाने वाले के लिए दुआ |
1 |
195 |
|
जो वेक्ति कुछ खिलाए पिलाये उस के लिए दुआ |
1 |
196 |
|
इफ़्तार कराने वाले के लिए दुआ |
1 |
197 |
|
रोज़ेदार की दुआ जब खाना सामने हो और वो रोज़ा न खोले |
1 |
198 |
|
रोज़ेदार को जब कोई गली दे तो वो किया कहे |
1 |
199 |
|
पहला फल देखने की दुआ |
1 |
200 |
|
छींक की दुआ |
1 |
201 |
|
शादी करने वाले के लिए दुआ |
1 |
202 |
|
शादी करने और सवारी ख़रीदने वाले केलिए दुआ |
1 |
203 |
|
पत्नि के साथ संभोग करने से पहले की दुआ |
1 |
204 |
|
क्रोध के समय की दुआ |
1 |
205 |
|
पीड़ित को देखते समय की दुआ |
1 |
206 |
|
सभा में किया कहा जाये |
1 |
207 |
|
सभा के कफ़्फ़ारे की दुआ |
1 |
208 |
|
जो तुम्हारे साथ अच्छा करे उस के लिए दुआ |
1 |
209 |
|
दज्जाल से सुरक्षित रहने की दुआ |
1 |
210 |
|
जो व्येक्ति कहे कि में तुम से अल्लाह के वास्ते प्यार करता हूँ |
1 |
211 |
|
जो व्येक्ति तुम को अपना माल दे उस के लिए दुआ |
1 |
212 |
|
उधार चुकाते समय की दुआ |
1 |
213 |
|
किसी को अल्लाह का साझी बनाने ( शिर्क ) के डर की दुआ |
1 |
214 |
|
जो व्येक्ति तुम्हें « बारक अल्लाह » कहे उस के लिए दुआ |
1 |
215 |
|
बद शगुनी से घिन आने की दुआ |
1 |
216 |
|
सवार होते समय की दुआ |
1 |
217 |
|
यात्रा की दुआ |
1 |
218 |
|
बस्ती में प्रवेश करते समय की दुआ |
1 |
219 |
|
बाज़ार में प्रवेश करते समय की दुआ |
1 |
220 |
|
सवारी से गिरते समय की दुआ |
1 |
221 |
|
यात्री की बस्ती में रहने वाले के लिए दुआ |
1 |
222 |
|
बस्ती में रहने वाले की यात्री के लिए दुआ |
2 |
223سے224 |
|
यात्रा में तस्बीह और तक्बीर करना |
1 |
225 |
|
सुबह के समय यात्री की दुआ |
1 |
226 |
|
यात्रा में या यात्रा के सिवा किसी भी पड़ाव पे दुआ |
1 |
227 |
|
यात्रा से लोट आने की दुआ |
1 |
228 |
|
ख़ुश करने वाला या अच्छा न लगने वाला मामला हो तो किया कहे |
1 |
229 |
|
नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्ल्म पर दरूद पढ़ने की फ़ज़ीलत ( पुण्य ) |
5 |
230سے234 |
|
जाने और अनजाने को सलाम करना |
3 |
235سے237 |
|
जो वेक्ति मुसल्मान न हो वो सलाम करे तो किया कहे |
1 |
238 |
|
मुर्ग़े की आवाज़ और गधे की आवाज़ सुनने पर दुआ |
1 |
239 |
|
रात को कुत्ते के भोंकने पर दुआ |
1 |
240 |
|
जिस को तुम ने बुरा भला कहा उस के लिए दुआ |
1 |
241 |
|
जब एक मुसल्मान दुसरे मुसल्मान की ताअरीफ़ करे तो किया कहे |
1 |
242 |
|
अपनी ताअरीफ़ सुने तो किया कहे |
1 |
243 |
|
हज या उम्रा का अहराम बांधने वाला तलबिया कैसे कहे |
1 |
244 |
|
जब हज्र अस्वद के पास आए तो तक्बीर कहे |
1 |
245 |
|
रुकुन यमानी और हज्र अस्वद जे बीच की दुआ |
1 |
246 |
|
सफ़ा और मरवाह पे ठहरने की दुआ |
1 |
247 |
|
अराफ़ात के दिन की दुआ |
1 |
248 |
|
मशअर हराम के पास की दुआ |
1 |
249 |
|
शैतान को कंकरी मारते समय हर कंकरी पे तक्बीर पढ़ना |
1 |
250 |
|
आश्चर्य और ख़ुश करने वाले काम के समय की दुआ |
1 |
251 |
|
अच्छी सुचना मिले तो किया करे |
1 |
252 |
|
शरीर में दर्द महसूस करने वाला किया करे और किया कहे |
1 |
253 |
|
अपनी नज़र लगने का डर हो तो किया करे |
1 |
254 |
|
घबराहट के समय किया कहे |
1 |
255 |
|
क़ुरबानी करते समय किया कहे |
1 |
256 |
|
शैतान के धोके और बहकावे से बचने की दुआ |
1 |
257 |
|
इस्तग़फ़ार और तोबा का बयान |
6 |
258سے263 |
|
तक्बीर और तस्बीह और प्रशंसा आदि की फ़ज़ीलत ( पुण्य ) |
11 |
264سے274 |
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नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्ल्म तस्बीह कैसे करते थे |
1 |
275 |
|
और दूसरे अच्छे काम |
1 |
276 |
|