हज और उमरा
666. “ हज्ज और उमरह करने वालों की फ़ज़ीलत ”
667. “ बार बार हज्ज और उमरह करने की फ़ज़ीलत ”
668. “ धनी और स्वस्थ होने के बावजूद बैतुल्लाह न आना दुर्भाग्यपूर्ण है ”
669. “ तलबियह की फ़ज़ीलत ”
670. “ तलबियह ऊँची आवाज़ से कहना चाहिए ”
671. “ तलबियह के शब्द ”
672. “ तवाफ़ की फ़ज़ीलत ”
673. “ तवाफ़ करते समय हजर अस्वद और रुक्न यमानी का अस्तिलाम करना ”
674. “ बेतुल्लाह का तवाफ़ करते समय रमल करना और कारण ”
675. “ तवाफ़ विदाअ ، तवाफ़ के प्रकार ، तवाफ़ की नमाज़ की जगह और सवार होकर तवाफ़ करना ”
676. “ शैतानों को कंकरियां मारने की फ़ज़ीलत ”
677. “ शैतानों को कंकरियां मारने के लिए पैदल आना चाहिए ”
678. “ शैतानों को कंकरियां मारने का समय और मजबूर लोगों के लिए छूट ”
679. “ शैतानों को मारने के लिए कंकरियां कहां से चुनी जाएं ”
680. “ 10 ज़ुल हिज्जह के दिन शैतान को कंकरियां मारने क बाद हराम की गई हर चीज़ हलाल हो जाती है सिवाए पत्नी के ”
681. “ हज्ज पूरा करने के बाद जल्दी घर की ओर लौटना ”
682. “ हज्ज के साथ उमरह करना ”
683. “ उमरह तनईम कौन कर सकता है ? और हज्ज के बाद उमरह करना केसा है ”
684. “ जहां पछली क़ौमों पर अज़ाब आ चूका है उन जगहों से कैसे गुज़रा जाए ”
685. “ शैतान को मारने वाली कंकरियों का आकर ”
686. “ बैतुल्लाह क्यों उठा लिया जाए गा ”
687. “ हज्ज करते समय नियत का शुद्ध होना ”
688. “ रसूल अल्लाह ﷺ की हज्ज तमत्तअ करने की इच्छा ، कारण और हज्ज के प्रकार ”
689. “ एहराम बांधने से पहले लगाई गई ख़ुश्बू क्या एहराम बांधने से पहले धोई जाए ”
690. “ तशरीक़ के दिन यानि 11،12،13 ज़ुलहिज्जह के दिन ”
691. “ तशरीक़ के सारे दिन यानि 11،12،13 ज़ुलहिज्जह क़ुरबानी के दिन हैं ”
692. “ हज्ज की नेकी क्या है ? ”
693. “ माहवारी औरतों के लिए हज्ज के नियम ”
694. “ हज्ज के अफ़ज़ल कर्मों के बारे में ”
695. “ एहराम बांधने के बाद मोमिन पांच प्रकार के जानवरों को मार सकता है ”
696. “ ज़मज़म के पानी की फ़ज़ीलत ”
697. “ ज़मीन पर सब से ख़राब पानी ”
698. “ ज़मज़म का पानी लेजाने के बारे में ”
699. “ हरम में बेरी का पेड़ काटने की सज़ा ”
700. “ जमरह अक़बह यानि बड़े शैतान को कंकरियां मारने के बाद क्या करना चाहिए ”
701. “ अल-तरोवियह (8 ज़ुलहिज्जह) के दिन हज्ज के मनसिक समझना ”
702. “ एहराम बांधने वाला चेहरा ढक सकता है ”
703. “ मिना वाली रातों में बैतुल्लाह को देखने जाना ”
704. “ मुल्तज़िम पर चेहरा हाथ और बाज़ू रखना ”
705. “ मक्का मुकर्रमह की सारी गलियों में क़ुरबानी की जा सकती है ”
706. “ क्या हदया या क़ुरबानी के बदले उन की क़ीमत दी जा सकती है ? और... ”
707. “ औरतों को बाल मुंडवाना नहीं कटवाना हैं ”
708. “ अरफ़ह के दिन की फ़ज़ीलत ”
709. “ तक्लीफ़ देने वाली नज़र को तोड़ देना चाहिए ”
710. “ मुहस्सब की घाटी में ठहरना सुन्नत है ”
711. “ सफ़ा और मरवह के बीच सई करना यानि दौड़ना ”
712. “ औरत महरम के साथ हज्ज करे ”
713. “ मुज़्दलिफ़ह की सुबह को हाजियों का एक साथ होने पर अल्लाह तआला की रहमत ”
714. “ क़ुरैश ने कअबा को बनाने में क्या कमी की और क्यों ، रसूल अल्लाह ﷺ की कमी दूर करने के लिए कअबा को फिर से बनाने की इच्छा ، नेकी करने से पहले रुकावटें दूर करना ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
الحج والعمرة
حج اور عمرہ
हज और उमरा
دوران طواف، حجر اسود اور رکن یمانی کا استلام کرنا
“ तवाफ़ करते समय हजर अस्वद और रुक्न यमानी का अस्तिलाम करना ”
حدیث نمبر: 998
Save to word مکررات اعراب Hindi
-" كان إذا طاف بالبيت مسح، او قال: استلم الحجر والركن في كل طواف".-" كان إذا طاف بالبيت مسح، أو قال: استلم الحجر والركن في كل طواف".
سیدنا عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما سے روایت ہے کہ جب آپ صلی اللہ علیہ وسلم بیت اللہ کا طواف کرتے تو (ان کو) چھوتے اور ایک روایت میں ہے، ہر طواف میں حجر (اسود) اور رکن (یمانی) کا استلام کرتے۔

https://islamicurdubooks.com/ 2005-2024 islamicurdubooks@gmail.com No Copyright Notice.
Please feel free to download and use them as you would like.
Acknowledgement / a link to https://islamicurdubooks.com will be appreciated.