रोज़े और क़याम ( रात की नमाज़ )
556. “ रमज़ान के महीने की फ़ज़ीलत ”
557. “ रमज़ान के तीस रोज़े ، सिवाय इस के कि... ”
558. “ यात्रा करते समय रोज़ा रखना कैसा है ? ”
559. “ यात्रा करते समय रोज़ा तोड़ना ”
560. “ शअबान के रोज़े रखना ”
561. “ रमज़ान के पहले दिन से जुड़े शअबान के अंतिम दिनों के रोज़े न रखे जाएं ”
562. “ आशूरा के दिन ( 10 मुहर्रम ) का रोज़ा ، यदि रमजान के पहले दिन ( चाँद निकलने ) की सूचना फ़जर के बाद मिलती है तो क्या फ़जर के बाद फ़र्ज़ रोज़े की नियत की जा सकती है ? ”
563. “ आशूरा के दिन ( 10 मुहर्रम ) का रोज़ा रखना चाहिए ”
564. “ शब क़द्र यानि लैलतुल क़द्र ”
565. “ फ़र्ज़ रोज़ा तोड़ना कैसा है ? क्या नफ़्ली रोज़े की क़ज़ाअ है ? ”
566. “ सर्दियों में रोज़े रखना मुफ़्त की ग़नीमत है ”
567. “ नफ़्ली रोज़े अधिकतम कितने और उनकी फ़ज़ीलत ”
568. “ एक महीने में केवल तीन रोज़े रखने का हुक्म ”
569. “ बीज़ के दिन: यानि हर महीने की 13 ،14،15 तारीख़ के रोज़े ”
570. “ पूरे वर्ष में छे विशेष दिनों के रोज़े रखना मना है ”
571. “ रात की नमाज़ यानि क़याम अल्लेल की नमाज़ दो दो रकअत हैं ”
572. “ वित्र की नमाज़ एक रकअत ठीक है ”
573. “ वित्र रात की नमाज़ है ”
574. “ सेहरी का खाना बरकत वाला है ”
575. “ सेहरी का खाना खाने वालों की फ़ज़ीलत ”
576. “ खजूर सेहरी का सब से अच्छा खाना है ”
577. “ अज़ान होने पर बर्तन न छोड़ कर ज़रूत पूरी कर लेना ”
578. “ सेहरी अंतिम समय में और इफ़्तार पहले समय में करना चाहिए ”
579. “ इफ़्तार का समय ”
580. “ किस चीज़ से इफ़्तार किया जाए ”
581. “ रोज़े और रोज़दार की फ़ज़ीलत ”
582. “ रोज़ेदार का पत्नी का चुंबन लेना कैसा है ? ”
583. “ रोज़ेदार का पत्नी के साथ लेटना ”
584. “ विसाल करना : यानि दिन और रात का लगातार रोज़ा रखना मना है ”
585. “ वज़ह से वज़ह तक रोज़ा रखने का अर्थ ”
586. “ विशेष रूप से जुमा के दिन का रोज़ा रखना मना है ”
587. “ शनिवार के दिन रोज़ा रखना कैसा है ”
588. “ रोज़ा और क़याम यौन इच्छा को समाप्त करता है ”
589. “ मय्यत की ओर से रोज़ा रखना ”
590. “ रमज़ान की शुरुआत ، ईद अल-फ़ित्र ओर ईद अल-अज़हा के दिन सब का साथ होना चाहिए ”
591. “ सख़्त भूक लगने के समय की दुआ ”
592. “ एतकाफ़ ओर उस की क़ज़ाअ ”
593. “ रमज़ान के अंतिम दस दिन कैसे बिताने चाहियें ”
594. “ आयत « وَلَقَدْ عَلِمْنَا الْمُسْتَقْدِمِينَ مِنكُمْ وَلَقَدْ عَلِمْنَا الْمُسْتَأْخِرِينَ » उतरने की शान ”
595. “ फ़जर समय के प्रकार और नियम ”
596. “ प्याज़ और लहसुन खा कर मस्जिद में आना कैसा है ? ”
597. “ रसूल अल्लाह ﷺ के द्वारा दी गई छूट को स्वीकार किया जाना चाहिए ”
598. “ क्या उलटी हो जाने से रोज़ा टूट जाता है ”
599. “ ईद अल-फ़ित्र के दिन नमाज़ से पहले कुछ खाना सुन्नत है ”
600. “ नफ़्ली रोज़े की फ़ज़ीलत ”
601. “ पत्नी को अपने पति से नफ़्ली रोज़ा रखने की अनुमति मांगनी चाहिए ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
الصيام والقيام
روزے اور قیام کا بیان
रोज़े और क़याम ( रात की नमाज़ )
فجر کی اقسام اور احکام
“ फ़जर समय के प्रकार और नियम ”
حدیث نمبر: 896
Save to word مکررات اعراب Hindi
-" كلوا واشربوا ولا يهيدنكم الساطع المصعد، فكلوا واشربوا حتى يعترض لكم الاحمر".-" كلوا واشربوا ولا يهيدنكم الساطع المصعد، فكلوا واشربوا حتى يعترض لكم الأحمر".
عبداللہ بن نعمان سحیمی کہتے ہیں: رمضان کی رات کے آخری حصے کی بات ہے، قیس بن طلق کچھ سالن مانگنے کے لیے میرے پاس آئے، جبکہ میں صبح کے ڈر سے سحری کے کھانے سے فارغ ہو چکا تھا۔ میں نے کہا: چچا جان! اگر رات کا کوئی حصہ باقی ہے (اور سحری کھانے کی گنجائش ہے) تو میں آپ کو کھانے پینے کے پاس بٹھا دیتا ہوں۔ انہوں نے کہا: تیرے پاس کھانا پینا ہے؟ پس وہ اندر آ گئے، میں نے ثرید، گوشت اور نبیذ پیش کی۔ انہوں نے خود بھی کھایا پیا اور مجھے بھی اتنا مجبور کیا کہ میں بھی کھانے پینے لگ گیا، حالانکہ میں صبح سے ڈر رہا تھا۔ پھر انہوں نے کہا: سیدنا طلق بن علی رضی اللہ عنہ نے مجھے بیان کیا ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: تم کھاؤ اور پیو (سحری کھانے کے بارے میں) اوپر اٹھنے والی روشنی تم کو بے چین نہ کرنے پائے، اس کے باوجود تم کھاتے پتیے رہا کرو، حتی کہ سر خ روشنی (افق میں) پھیل جائے۔

https://islamicurdubooks.com/ 2005-2024 islamicurdubooks@gmail.com No Copyright Notice.
Please feel free to download and use them as you would like.
Acknowledgement / a link to https://islamicurdubooks.com will be appreciated.