नमाज़ के विभिन्न मसले
1. “ दिन और रात में पांच (5) नमाज़ें फ़र्ज़ हैं ”
2. “ नमाज़ अल्लाह के डर के साथ और गिड़गिड़ा कर पढ़नी चाहिए ”
3. “ मस्जिद नबवी और बेत अल्लाह के हरम में नमाज़ पढ़ने का सवाब ”
4. “ बेत अल्लाह यानि ख़ाना काअबा के अंदर किसी भी तरफ़ मुंह करके नमाज़ पढ़ी जा सकती ”
5. “ मस्जिद क़बा में नमाज़ पढ़ने का सवाब ”
6. “ नमाज़ पढ़ते समय बेकार की हरकतें करना मना है ”
7. “ नमाज़ पढ़ते समय अपने सामने न थूके ”
8. “ औरतों का मस्जिद में नमाज़ पढ़ना जाइज़ है ”
9. “ औरत चाहे एक हो पीछे अलग सफ़ में नमाज़ पढ़ेगी ”
10. “ बैठ कर नमाज़ पढ़ने से आधा सवाब मिलता है ”
11. “ अस्र की नमाज़ के बाद और सूरज निकलने तक नमाज़ पढ़ना मना है ”
12. “ जिस को जमाअत में एक रकअत मिल गई उस को पूरी नमाज़ मिल गई ”
13. “ एक कपड़े में नमाज़ पढ़ना ”
14. “ किसी शरई मजबूरी के कारण नमाज़ें जमा करना ”
15. “ डर के समय की और सफ़र की नमाज़ के सिवा नमाज़ें जमा करना ”
16. “ बच्चे को उठा कर नमाज़ पढ़ना ”
17. “ मस्जिद की तरफ़ पैदल या सवारी पर जाना जाइज़ है ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
نماز کے متفرق مسائل
नमाज़ के विभिन्न मसले
عصر کے بعد اور طلوع آفتاب تک نماز کی ممانعت
“ अस्र की नमाज़ के बाद और सूरज निकलने तक नमाज़ पढ़ना मना है ”
حدیث نمبر: 197
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96- مالك عن محمد بن يحيى بن حبان عن الاعرج عن ابى هريرة: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم نهى عن الصلاة بعد العصر حتى تغرب الشمس، وعن الصلاة بعد الصبح حتى تطلع الشمس.96- مالك عن محمد بن يحيى بن حبان عن الأعرج عن أبى هريرة: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم نهى عن الصلاة بعد العصر حتى تغرب الشمس، وعن الصلاة بعد الصبح حتى تطلع الشمس.
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے عصر کے بعد، سورج کے غروب ہونے تک (نفل) نماز پڑھنے سے منع فرمایا ہے اور صبح (کی نماز) کے بعد سورج کے طلوع ہونے تک (نفل) نماز پڑھنے سے منع فرمایا ہے۔

تخریج الحدیث: «96- الموطأ (221/1 ح 517، ك 15 ب 10 ح 48) التمهيد 30/13، الاستذكار: 30، و أخرجه مسلم (825) من حديث مالك به.»
حدیث نمبر: 198
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196- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”لا يتحرى احدكم فيصلي عند طلوع الشمس ولا عند غروبها.“196- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”لا يتحرى أحدكم فيصلي عند طلوع الشمس ولا عند غروبها.“
اور اسی سند کے ساتھ (سیدنا عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما سے) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: تم میں سے کوئی آدمی جان بوجھ کر طلوع آفتاب اور غروب آفتاب کے وقت (نفل) نماز پڑھنے کی کوشش نہ کرے۔ 

تخریج الحدیث: «196- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 220/1 ح 516، ك 15 ب 10 ح 47) التمهيد 127/14، الاستذكار:29، و أخرجه البخاري (585) ومسلم (828) من حديث مالك به.»

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