शिकार के मसलों के बारे में
1. “ अगर बिना एहराम वाला शिकार करके किसी एहराम वाले को देदे, तो एहराम वाले के लिए उसे खाना ठीक होगा ”
2. “ एहराम वाले को शिकार करने में बिना एहराम वाले की मदद नहीं करनी चाहिए ”
3. “ एहराम वाले को शिकार की ओर इशारा नहीं करना चाहिए, ताकि बिना एहराम वाला उसे शिकार कर सके ”
4. “ जब कोई किसी एहराम वाले व्यक्ति को जीवित जंगली गधा भेंट करे तो उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए ”
5. “ एहराम वाला व्यक्ति किन जानवरों को मार सकता है ? ”
6. “ मक्का में जंग करना जायज़ नहीं है ”
7. “ एहराम की हालत में पिछने लगवाना जायज़ है ”
8. “ एहराम में निकाह करना ”
9. “ एहराम में ग़ुस्ल करना ( ठीक है ) ”
10. “ बिना एहराम के हरम और मक्का में प्रवेश करना ”
11. “ मृतक की ओर से हज्ज करना और नज़र पूरी करना और महिला की ओर से पुरुष का हज्ज करना ”
12. “ बच्चों का हज्ज करना भी ठीक है ”
13. “ महिलाओं का हज्ज ”
14. “ कोई काअबा तक चलने की मन्नत माने ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
شکار کی جزا کا بیان
शिकार के मसलों के बारे में
احرام والے شخص کا غسل کرنا (درست ہے)۔
“ एहराम में ग़ुस्ल करना ( ठीक है ) ”
حدیث نمبر: 894
Save to word مکررات اعراب
سیدنا ابوایوب انصاری رضی اللہ عنہ سے پوچھا گیا کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم بحالت احرام اپنا سرمبارک کس طرح دھوتے تھے تو سیدنا ابوایوب رضی اللہ عنہ نے (جو کہ کپڑے کی آڑ کئے ہوئے غسل کر رہے تھے۔ راوی کہتا ہے کہ) اپنا ہاتھ کپڑے پر رکھا اور اس کو نیچے کیا حتیٰ کہ میں ان کا سر دیکھنے لگا۔ پھر ایک شخص سے کہا کہ پانی ڈال اس نے ان کے سر پر پانی ڈالا پھر انھوں نے اپنا سر اپنے دونوں ہاتھوں سے ہلایا آگے (کی طرف) بھی ملا پیچھے (کی طرف) بھی ملا، اس کے بعد کہا کہ میں نے نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کو ایسا ہی کرتے دیکھا ہے۔

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