नफ़िल और सुन्नतें
1. “ चाशत की नमाज़ को पसंद किया गया है ”
2. “ चाशत की नमाज़ रकअत की रकअत ”
3. “ तहय्यतुल मस्जिद के बारे में ”
4. “ ज़ुहर ، मग़रिब ، ईशा और जुमआ की सुन्नत नमाज़ें ”
5. “ फ़ज्र की दो सुन्नतें छोटी पढ़नी चाहियें ”
6. “ किसी समय नफ़िल नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ना जाइज़ है ”
7. “ नफ़िल नमाज़ का क़याम यानि खड़ा होना लम्बा होना चाहिए ”
8. “ नफ़िल नमाज़ बैठ कर पढ़ी जा सकती है ”
9. “ रमज़ान में क़याम ( तहज्जुद ) पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
10. “ रमज़ान में क़याम ( तहज्जुद ) पढ़ना पसंद किया गया है ”
11. “ रमज़ान में क़याम ( तहज्जुद ) की रकअतें ”
12. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रात को ग्यारह (11) रकअतें पढ़ते थे ”
13. “ रात की नमाज़ दो दो रकअतें हैं ”
14. “ रात की नमाज़ की दुआ ”
15. “ क़याम अल-लैल यानि रात की नमाज़ पढ़ने वाला अगर किसी वजह से न पढ़ सके तो ”
16. “ वित्र नमाज़ के बारे में ”
17. “ अगर नफ़िल नमाज़ में नींद आ जाए तो ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
نوافل و سنن کا بیان
नफ़िल और सुन्नतें
اگر نفل نماز کے دوران میں نیند کا غلبہ ہو تو . . .
“ अगर नफ़िल नमाज़ में नींद आ जाए तो ”
حدیث نمبر: 171
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452- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إذا نعس احدكم فى الصلاة فليرقد حتى يذهب عنه النوم، فإن احدكم إذا صلى وهو ناعس لعله يذهب يستغفر فيسب نفسه.“452- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”إذا نعس أحدكم فى الصلاة فليرقد حتى يذهب عنه النوم، فإن أحدكم إذا صلى وهو ناعس لعله يذهب يستغفر فيسب نفسه.“
اور اسی سند کے ساتھ (سیدہ عائشہ رضی اللہ عنہا سے) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جب تم میں سے کسی کو نماز میں اونگھ آنے لگے تو سو جائے تاکہ اس سے نیند کا اثر ختم ہو جائے کیونکہ اگر کوئی شخص اونگھ کی حالت میں نماز پڑھے گا تو ہو سکتا ہے کہ وہ استغفار کے بجائے اپنے آپ کو بددعائیں دینا شروع کر دے۔

تخریج الحدیث: «452- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰي بن يحييٰي 118/1 ح 256، ك 7 ب 1 ح 3) التمهيد 117/22، الاستذكار: 227، و أخرجه البخاري (212) ومسلم (786) من حديث مالك به.»

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