नफ़िल और सुन्नतें
1. “ चाशत की नमाज़ को पसंद किया गया है ”
2. “ चाशत की नमाज़ रकअत की रकअत ”
3. “ तहय्यतुल मस्जिद के बारे में ”
4. “ ज़ुहर ، मग़रिब ، ईशा और जुमआ की सुन्नत नमाज़ें ”
5. “ फ़ज्र की दो सुन्नतें छोटी पढ़नी चाहियें ”
6. “ किसी समय नफ़िल नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ना जाइज़ है ”
7. “ नफ़िल नमाज़ का क़याम यानि खड़ा होना लम्बा होना चाहिए ”
8. “ नफ़िल नमाज़ बैठ कर पढ़ी जा सकती है ”
9. “ रमज़ान में क़याम ( तहज्जुद ) पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
10. “ रमज़ान में क़याम ( तहज्जुद ) पढ़ना पसंद किया गया है ”
11. “ रमज़ान में क़याम ( तहज्जुद ) की रकअतें ”
12. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रात को ग्यारह (11) रकअतें पढ़ते थे ”
13. “ रात की नमाज़ दो दो रकअतें हैं ”
14. “ रात की नमाज़ की दुआ ”
15. “ क़याम अल-लैल यानि रात की नमाज़ पढ़ने वाला अगर किसी वजह से न पढ़ सके तो ”
16. “ वित्र नमाज़ के बारे में ”
17. “ अगर नफ़िल नमाज़ में नींद आ जाए तो ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
نوافل و سنن کا بیان
नफ़िल और सुन्नतें
ظہر، مغرب، عشاء اور جمعہ کی سنتیں
“ ज़ुहर ، मग़रिब ، ईशा और जुमआ की सुन्नत नमाज़ें ”
حدیث نمبر: 149
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200- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم كان يصلي قبل الظهر ركعتين، وبعدها ركعتين، وبعد المغرب ركعتين فى بيته، وبعد صلاة العشاء ركعتين، وكان لا يصلي بعد الجمعة حتى ينصرف فيصلي ركعتين.200- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم كان يصلي قبل الظهر ركعتين، وبعدها ركعتين، وبعد المغرب ركعتين فى بيته، وبعد صلاة العشاء ركعتين، وكان لا يصلي بعد الجمعة حتى ينصرف فيصلي ركعتين.
اور اسی سند کے ساتھ (سیدنا عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما سے) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم ظہر سے پہلے دو رکعتیں اور بعد میں دو رکعتیں پڑھتے تھے، آپ صلی اللہ علیہ وسلم مغرب کے بعد اپنے گھر میں دو رکعتیں پڑھتے تھے اور عشاء کے بعد دو رکعتیں پڑھتے تھے۔ آپ جمعہ (پڑھنے) کے بعد (گھر) واپس آنے تک کچھ بھی نہیں پڑھتے تھے پھر (گھر آ کر) دو رکعتیں پڑھتے تھے۔

تخریج الحدیث: «200- متفق عليه، الموطأ (رواية يحييٰ بن يحييٰ 166/1 ح 399، ك 9 ب 23 ح 69) التمهيد 167/14، الاستذكار:369، و أخرجه البخاري (937) ومسلم (882) من حديث مالك به.»

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