ईमान और विश्वास के नियम
1. “ शिर्क की निंदा ”
2. “ शिर्क करने वाले की माफ़ी नहीं ”
3. “ केवल अल्लाह के पास बारिश करने का अधिकार है ”
4. “ भाग्य यानि नसीब के बारे में ”
5. “ अल्लाह तआला की अच्छाइयों के बारे में ”
6. “ अल्लाह तआला अर्श पर है ”
7. “ वही कैसे उतरती है ”
8. “ नज़र और नियाज़ के बारे में ”
9. “ ज़माने को बुरा नहीं कहना चाहिए ”
10. “ बिदअत करने वालों को होज़ कोसर से दूर रखा जाए गा ”
11. “ रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैरवी करने के बारे में ”
12. “ तीन मस्जिदों के सिवा सवाब की नियत से यात्रा करना ”
13. “ ख़ारजियों यानि नई क़ौम ( जाती ) के बारे में ”
14. “ जिन्नों का होना सच है ”
15. “ हदीस भी अल्लाह की किताब है ”
16. “ इस्लाम फ़ितरत का दीन है ”
17. “ मुनाफ़िक़त यानि दोग़ला पन हराम है ”
18. “ जहन्नम यानि नरक के बारे में ”
19. “ जहन्नम का साँस लेना सच है ”
20. “ ईसा बिन मरयम अलैहिमुस्सलाम के बारे में ”
21. “ दज्जाल के बारे में ”

موطا امام مالك رواية ابن القاسم کل احادیث 657 :حدیث نمبر
موطا امام مالك رواية ابن القاسم
मुवत्ता इमाम मलिक रवायात इब्न अल-क़ासिम
ایمان و عقائد کے مسائل
ईमान और विश्वास के नियम
زمانے کو برا نہیں کہنا چاہئیے
“ ज़माने को बुरा नहीं कहना चाहिए ”
حدیث نمبر: 13
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364- وبه: ان رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”لا يقولن احدكم: يا خيبة الدهر، فإن الله هو الدهر“.364- وبه: أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: ”لا يقولن أحدكم: يا خيبة الدهر، فإن الله هو الدهر“.
اور اسی سند کے ساتھ (سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے) روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: تم میں سے کوئی شخص یہ نہ کہے کہ ہائے زمانے کی رسوائی! کیونکہ اللہ ہی زمانہ (بدلنے والا) ہے۔

تخریج الحدیث: «364- الموطأ (رواية يحيیٰي بن يحيیٰي 984/2 ح 1912، ك 56 ب 1 ح 3 بلفظ: لا يقل احدكم۔۔۔ إلخ) التمهيد 151/18، الاستذكار: 1848، وأخرجه البخاري في الادب المفرد (769) من حديث مالك به بلفظ: ”لا يقولن أحدكم“ إلخ، ورواه مسلم (2246) من حديثابي الزناد به.»

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