“ हज़रत फ़ातिमह रज़ि अल्लाहु अन्हा को वसीयत ” |
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4088 |
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“ सरदार की आज्ञाकारी का हुक्म , रसूल अल्लाह ﷺ और उनके सहाबा की सुन्नत के अनुसार विवाद दूर करने चाहियें ” |
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4089 |
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“ सलाम को आम करना , खाना खिलाना और अल्लाह तआला से शर्माना ” |
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4090 |
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“ बुराई का असर कैसे दूर किया जाए ” |
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4091 |
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“ रसूल अल्लाह ﷺ ने अच्छाई की नसिहत की , हाथ केवल अच्छाई और भलाई की ओर बढ़ाना चाहिए ” |
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4092 |
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“ रसूल अल्लाह ﷺ ने लाअनत न भेजने की नसिहत की ” |
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4093 |
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“ ऐसे मामलों से बचा जाए जिसके कारण क्षमा मांगनी पड़े ” |
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4094 |
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“ गाली न देने , किसी की भलाई को छोटा न समझने , किसी का अपमान न करने , चादर, शलवार को टख़नों के ऊपर रखने की रसूल अल्लाह ﷺ की नसिहत ” |
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4095 |
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“ इबादत किस तरह की जाए , हर बुराई के बाद तुरंत नेकी करना और हर जगह अल्लाह तआला को याद करना ” |
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4096 سے 4097 |
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“ हदीस के छात्रों के पक्ष में रसूल अल्लाह ﷺ की वसीयत ” |
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4098 |
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“ औरतों के साथ अच्छा व्यवहार करने की वसीयत ” |
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4099 |
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“ तक़वा , जिहाद , क़ुरआन पढ़ने और अल्लाह तआला को याद करने की वसीयत ” |
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4100 |
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“ मुशरिकों को जज़ीरा अरब से निकालने की वसीयत ” |
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4101 |
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“ किसी भी नेक काम को छोटा न समझा जाए ” |
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4102 |
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“ ऊँची जगहों पर तकबीर यानि अल्लाहु अकबर कहना चाहिए ” |
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4103 |
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