روزے کے بیان میں रोज़े के बारे में 1. روزے کی فضیلت و عظمت کا بیان۔ 1. “ रोज़े की फ़ज़ीलत और महानता का बयान ” 2. روزہ داروں کے لیے (جنت کا دروازہ)“ ریان“ ہے۔ 2. “ रोज़ेदारों के लिए जन्नत का दरवाज़ा “ रय्यान ” है ” 3. رمضان یا ماہ رمضان کیا کہا جائے اور اس شخص کی دلیل جو دونوں طرح کہنا درست جانتا ہے۔ 3. “ रमज़ान या रमज़ान का महीना कहना दोनों तरह ठीक है ” 4. جس نے روزے میں جھوٹ بولنا اور لغو کام کرنا نہ چھوڑا۔ 4. “ जिसने रोज़े में झूठ बोलना और बुरे काम न छोड़े ” 5. کیا جب کسی روزہ دار کو گالی دی جائے تو وہ یہ کہے کہ میں روزہ دار ہوں۔ 5. “ जब रोज़ेदार को गाली दी जाए तो वह कहे कि मैं रोज़ेदार हूं ” 6. مجرد شخص اگر زنا میں مبتلا ہو جانے کا خوف رکھتا ہو تو وہ روزے رکھے۔ 6. “ जो ज़िना करने से बचना चाहता हो तो उसे रोज़े रखना चाहिए ” 7. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا فرمان ”جب تم (رمضان کا) چاند دیکھو تو روزہ رکھو اور جب (شوال کا) چاند دیکھو تو موقوف کر دو“۔ 7. “ जब ( रमज़ान का ) चाँद देखो तो रोज़े रखो और जब ( शव्वाल का ) चाँद देखो तो रोज़े रखना छोड़ दो ” 8. عید کے دونوں مہینے کم نہیں ہوتے۔ 8. “ ईद के दोनों महीने कम नहीं होते ” 9. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا فرمانا: ”ہم لوگ نہ لکھنا جانتے ہیں نہ حساب جانتے ہیں۔“۔ 9. “ नबी ﷺ ने कहा कि हम लिखना-पढ़ना नहीं जानते और न ही हम गणित जानते हैं ” 10. رمضان سے ایک یا دو دن پہلے روزہ نہیں رکھنا چاہیے۔ 10. “ रमज़ान के एक या दो दिन पहले रोज़ा नहीं रखना चाहिए ” 11. اللہ تعالیٰ کا فرمانا کہ“ تمہارے لیے روزوں کی رات میں اپنی بیویوں سے صحبت کرنا حلال کر دیا گیا ہے تم اپنی بیویوں کے لباس ہو اور وہ تمہارا لباس ہیں ....“۔ 11. “ अल्लाह तआला ने फ़रमाया : रोज़ों की रात के दौरान अपनी पत्नियों के साथ संबंध बनाना आपके लिए हलाल करदिया गया है। आप अपनी पत्नियों का लिबास हैं और वे आपका लिबास हैं ” 12. اللہ تعالیٰ کا یہ فرمان ”کھاؤ اور پیو یہاں تک کہ تمہیں شب کی سیاہ دھاری سے سپیدہ سحر کی دھاری نمایاں نظر آئے“ (سورۃ البقرہ: 187)۔ 12. “ अल्लाह ताला का फ़रमान “ खाओ और पियो, यहाँ तक कि तुमको ( सुब्ह का ) सफ़ेद धागा ( यानी फ़ज्र की सफ़ेदी ) रात की काली धारी स्पष्ट नज़र आने लगे ” 13. سحری کھانے میں اور نماز فجر میں کتنا وقت ہونا چاہیے؟ 13. “ सेहरी और फ़ज्र की नमाज़ में कितना समय होना चाहिए ” 14. سحری کھانے میں برکت ہونا ثابت ہے مگر وہ واجب نہیں ہے۔ 14. “ सेहरी खाने से बरकत मिलती है, लेकिन यह वाजिब नहीं है ” 15. جب دن میں روزے کی نیت کی جائے تو؟ 15. “ यदि दिन के दौरान रोज़े कि निय्यत की जाए ” 16. روزہ دار کا صبح کو جنابت کی حالت میں اٹھنا۔ 16. “ रोज़ेदार का सुबह को अपवित्र हालत में उठना ” 17. روزہ دار کا (اپنی عورت سے) ملنا۔ 17. “ रोज़ेदार का अपनी पत्नी से मिलना ” 18. روزہ دار اگر بھول کر کھا پی لے تو روزہ نہیں ٹوٹتا۔ 18. “ यदि रोज़ेदार भूले से खाले-पीले तो रोज़ा नहीं टूटता है ” 19. جب کوئی شخص رمضان میں جماع کر لے اور اس کے پاس کچھ نہ ہو پھر اس کو صدقہ ملے تو اسے چاہیے کہ (اسی صدقہ سے) کفارہ دیدے۔ 19. “ जब कोई रमज़ान में संभोग करले और उसके पास कुछ न हो तो उसको जो सदक़ा मिलता है उसी सदक़े को दान करके कफ़्फ़ारा अदा कर सकता है ” 20. روزہ دار کا پچھنے لگوانا اور قے کرنا (کیسا ہے)۔ 20. “ रोज़ेदार का पिछने लगवाना और उलटी करना ( केसा है ) ” 21. سفر میں روزہ رکھنا اور افطار کرنا (دونوں جائز ہیں؟)۔ 21. “ यात्रा के दौरान रोज़ा रखना और रोज़ा न रखना ( दोनों ठीक हैं ) ” 22. جب رمضان میں کچھ دنوں کے روزے رکھنے کے بعد سفر کرے۔ 22. “ जब रमज़ान में कुछ दिन रोज़ा रखने के बाद यात्रा की जाए ” 23. ((باب)) 23. “ यात्रा में रोज़ा रखना या न रकना दोनों ठीक हैं ” 24. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا اس شخص کے لیے جس پر سایہ کیا گیا تھا یہ فرمانا ”(اس طرح) سفر میں روزہ رکھنا اچھا نہیں ہے“۔ 24. “ नबी ﷺ ने उस व्यक्ति से कहा जिस पर रोज़ा भारी पड़ गया था " यात्रा के दौरान इस तरह रोज़ा रखना अच्छा नहीं है " 25. صحابہ رضی اللہ عنہم حالت سفر میں روزہ رکھنے، نہ رکھنے غرض کسی بات پر تنقید یا ملامت نہ کرتے تھے۔ 25. “ सहाबा रज़ि अल्लाहु अन्हुम ने यात्रा के दौरान रोज़ा रखने या न रखने वाले पर कोई आलोचना नहीं की ” 26. جو شخص فوت ہو جائے اور اس پر روزوں کی قضاء واجب ہو تو ....؟ 26. “ यदि कोई व्यक्ति मर जाए और उस पर रोज़ों की क़ज़ा वाजिब हो तो ... ” 27. روزہ دار کو کس وقت افطار کرنا چاہیے؟ 27. “ रोज़ेदार को किस समय रोज़ा इफ़्तार करना चाहिए ” 28. افطار میں جلدی کرنا افضل ہے۔ 28. “ रोज़ा जल्दी इफ़्तार करना बेहतर है ” 29. جب کوئی شخص رمضان میں افطار کر لے اس کے بعد آفتاب ظاہر ہو جائے تو اسے کیا کرنا چاہیئے؟ 29. “ रमज़ान में रोज़ा इफ़्तार करने के बाद जब सूर्य दिखाई दे तो क्या करना चाहिए ” 30. بچوں کا روزہ رکھنا۔ 30. “ बच्चों का रोज़ा रखना ” 31. سحری تک کچھ نہ کھانا پینا۔ 31. “ सेहरी तक कुछ न खाना-पीना ” 32. جو شخص مسلسل (بلاسحری و افطاری) زیادہ روزے رکھے اسے تنبیہ کرنا۔ 32. “ बिना सेहरी और इफ़्तार किये लगातार रोज़ा रखने वाले को चेतावनी ” 33. اگر کوئی شخص اپنے بھائی کو نفل روزہ توڑنے کے لیے قسم دلائے تو ....؟ 33. “ यदि कोई अपने भाई को नफ़ली रोज़ा तोड़ने की क़सम दे तो ” 34. شعبان میں روزے رکھنے کا بیان۔ 34. “ शअबान के महीने में रोज़े रखने का बयान ” 35. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے روزہ رکھنے اور نہ رکھنے کا ذکر۔ 35. “ नबी करीम ﷺ का रोज़े रखने या न रखने के बारे में ” 36. روزہ رکھنے میں اپنے جسم کے حق کی بھی رعایت کرنا چاہیے۔ 36. “ रोज़े में अपने शरीर के अधिकार का सम्मान करना चाहिए ” 37. روزہ رکھنے میں بیوی کے حق کی بھی رعایت کرنا چاہیے۔ 37. “ रोज़े में पत्नी के अधिकार का सम्मान करना चाहिए ” 38. جب کوئی روزہ دار کسی سے ملنے گیا اور وہاں روزہ نہ توڑا۔ 38. “ जब रोज़ेदार किसी से मिलने जाता है और वहाँ अपना रोज़ा नहीं तोड़ता ” 39. اخیر مہینہ میں روزہ رکھنا (مسنون ہے)۔ 39. “ महीने के अंत में दो रोज़े रखना ( सुन्नत ) है ” 40. جمعہ کے دن کا روزہ۔ 40. “ जुमा के दिन का रोज़ा रखने के बारे में ” 41. کیا روزے کے لیے چند دنوں کی تخصیص کرنا جائز ہے؟ 41. “ क्या रोज़ों के लिए कुछ विशेष दिन तय करना जायज़ है ? ” 42. ایام تشریق میں روزہ رکھنا کیسا ہے؟ 42. “ तशरीक़ के दिनों में रोज़ा रखना केसा है ” 43. عاشورہ کے دن روزہ رکھنا کیسا ہے؟ 43. “ आशूरा के दिन रोज़ा रखना कैसा है ? ” |
مختصر صحيح بخاري
روزے کے بیان میں रोज़े के बारे में عید کے دونوں مہینے کم نہیں ہوتے۔ “ ईद के दोनों महीने कम नहीं होते ”
سیدنا ابوبکر رضی اللہ عنہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سے روایت کرتے ہیں کہ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے ارشاد فرمایا: ”دو مہینے ایسے ہیں کہ کم نہیں ہوتے دونوں مہینے عید کے ہیں (1) رمضان (2) ذی الحجہ۔“
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