उमरा के बारे में
1. “ उमरे का वाजिब होना और उसकी फ़ज़ीलत ”
2. “ हज्ज करने से पहले उमरा करना ”
3. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने कितने उमरे किये थे ”
4. “ तनईम से उमरे का अहराम बांधना ”
5. “ हज्ज के बाद क़ुर्बानी के जानवरों के बिना उमरा करना ”
6. “ उमरे में जितना कष्ट हो उतना अधिक सवाब होगा ”
7. “ उमरा करने वाला किस समय एहराम खोले ”
8. “ हज्ज, उमरा या जिहाद से लौटने पर क्या कहना चाहिए ”
9. “ हाजियों का स्वागत करना मसनून है और एक सवारी पर तीन आदमियों का बैठना ( ठीक ) है ”
10. “ दोपहर बाद घर लौटने का बयान ”
11. “ मदीना पहुँचने पर अपने ऊँट को तेज़ चलाना ”
12. “ मानो कि यात्रा एक तरह के अज़ाब जैसा है ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
عمرہ کے بیان میں
उमरा के बारे में
جس شخص نے مدینہ پہنچ کر اپنی اونٹنی کو تیز کر دیا۔
“ मदीना पहुँचने पर अपने ऊँट को तेज़ चलाना ”
حدیث نمبر: 877
Save to word مکررات اعراب
سیدنا انس رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم جب کسی سفر سے مدینہ واپس تشریف لاتے اور مدینہ کی راہوں کو دیکھتے تو اپنی اونٹنی کو تیز کر دیتے اور اگر کوئی دوسری سواری ہوتی تو اس کو بھی تیز کر دیتے۔ دوسری روایت میں ہے کہ بوجہ مدینہ کی محبت کے آپ صلی اللہ علیہ وسلم سواری کو تیز کر دیتے تھے۔

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