उमरा के बारे में
1. “ उमरे का वाजिब होना और उसकी फ़ज़ीलत ”
2. “ हज्ज करने से पहले उमरा करना ”
3. “ रसूल अल्लाह ﷺ ने कितने उमरे किये थे ”
4. “ तनईम से उमरे का अहराम बांधना ”
5. “ हज्ज के बाद क़ुर्बानी के जानवरों के बिना उमरा करना ”
6. “ उमरे में जितना कष्ट हो उतना अधिक सवाब होगा ”
7. “ उमरा करने वाला किस समय एहराम खोले ”
8. “ हज्ज, उमरा या जिहाद से लौटने पर क्या कहना चाहिए ”
9. “ हाजियों का स्वागत करना मसनून है और एक सवारी पर तीन आदमियों का बैठना ( ठीक ) है ”
10. “ दोपहर बाद घर लौटने का बयान ”
11. “ मदीना पहुँचने पर अपने ऊँट को तेज़ चलाना ”
12. “ मानो कि यात्रा एक तरह के अज़ाब जैसा है ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
عمرہ کے بیان میں
उमरा के बारे में
حج کے بعد بغیر قربانی کے جانور کے عمرہ کرنا۔
“ हज्ज के बाद क़ुर्बानी के जानवरों के बिना उमरा करना ”
حدیث نمبر: 870
Save to word مکررات اعراب
ام المؤمنین عائشہ صدیقہ رضی اللہ عنہا کی حدیث حج کے بارے میں بہت دفعہ تکرار کے ساتھ گزر اور مکمل بیان ہو چکی ہے (دیکھئیے حدیث: 791 , 792 , 869)

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