अज़ान और नमाज़
317. “ रसूल अल्लाह ﷺ की बैअत करते समय नमाज़ के बार में ”
318. “ फ़र्ज़ नमानों की रकअतें कितनी हैं ”
319. “ नमाज़ दुसरे कर्मों के स्वीकार होने या न होने का आधार है ”
320. “ नमाज़ की एहमियत ”
321. “ एक वर्ष की नमाज़ों और रोज़ों की बिना पर शहीद होने वाले पर बढ़त ”
322. “ अल्लाह तआला का नमाज़ी की तरफ़ ध्यान करना ”
323. “ फ़रिश्तों का नमाज़ी का क़ुरआन सुनने का अंदाज़ ”
324. “ नेकी की इच्छा पर नमाज़ का हुक्म ”
325. “ नमाज़ शरीर के अंगों का सदक़ह ”
326. “ ठीक और अच्छे तरीक़े से पढ़ी गई नमाज़ का बदला ”
327. “ नमाज़ छोड़ देने का बोझ ”
328. “ पहले की और बाद की नमाज़ों की रकअतें ”
329. “ मुक़ीम के पीछे यात्री को नमाज़ पूरी पढ़ना चाहिए ”
330. “ एक बार शराब पीने से चालीस दिन की नमाज़ स्वीकार नहीं की जाती ”
331. “ घबराहट में नमाज़ का सहारा लेना ”
332. “ पांचों नमाज़ें पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
333. “ सज्दों की फ़ज़ीलत ”
334. “ अल्लाह तआला की तरफ़ से फ़ज्र की नमाज़ पढ़ने वाले की ज़मानत ”
335. “ जुमा के दिन फ़ज्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत ”
336. “ अस्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत और कारण ”
337. “ नमाज़ की दो रकअतें ही दुनिया की हर चीज़ से अच्छी हैं ”
338. “ नमाज़ी का दर्जा और मर्तबा ”
339. “ जुमा के दिन की और जुमा की नमाज़ पढ़ने वालों की फ़ज़ीलत ”
340. “ जुमा की नमाज़ पापों का कफ़्फ़ारह होती है ”
341. “ जुमा की नमाज़ न पढ़ने वालों का बोझ ”
342. “ विशेष रूप से जुमआ की रात को क़याम करना और दिन में रोज़ा रखना मना है ”
343. “ ख़ुत्बा सुनते समय यदि नींद आने लगे तो जगह बदल लेनी चाहिए ”
344. “ जुमा की नमाज़ के लिए ग़ुस्ल करना यानि सुन्नत तरीक़े से नहाना ”
345. “ ग़ुस्ल करने यानि सुन्नत तरीक़े से नहाने की फ़ज़ीलत ”
346. “ जुमा की नमाज़ के लिए जल्दी आने वालों की फ़ज़ीलत ”
347. “ जुमा के दिन मिस्वाक करना और ख़ुश्बू लगाना ”
348. “ ख़ुत्बा कैसे सुना जाए ”
349. “ इमाम का मिम्बर पर चढ़ते हुए सलमा करना ”
350. “ ख़ुत्बे के बीच बात करने का नुक़सान ”
351. “ नमाज़ के माध्यम से अल्लाह तआला से बात की जाती है इस लिए आवाज़ धीमी होनी चाहिए ”
352. “ मस्जिद हराम ، मस्जिद नबवी और मस्जिद अक़्सा की फ़ज़ीलत ”
353. “ जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
354. “ जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ना एक मुबारक कर्म है ”
355. “ जमाअत में नमाज़ियों का अधिक होना सवाब को बढ़ता है ”
356. “ लगातार चालीस दिन तक नमाज़ पहली तकबीर से जमाअत के साथ पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
357. “ नमाज़ के लिए मस्जिद की तरफ़ कैसे आया जाए ”
358. “ अगर इमाम रुकू में हो तो जमाअत में कैसे शामिल हों ”
359. “ अज़ान सुनने वाला मस्जिद में जाकर जमाअत के साथ नमाज़ पढ़े ”
360. “ नमाज़ी को इमाम की पैरवी करना ”
361. “ नमाज़ी को इमाम की पैरवी करने का हुक्म ”
362. “ इमाम के पस कौन से लोग खड़े हों ”
363. “ यदि इमाम बैठ कर नमाज़ पढ़ाए तो नमाज़ी भी बैठ कर नमाज़ पढ़े ”
364. “ इमाम नमाज़ का ज़िम्मेदार है ”
365. “ इमाम लोकप्रिय होना चाहिए ”
366. “ नमाज़ बुराई से रोकती है ”
367. “ नमाज़ पापों का प्रभाव ख़त्म रक देती है ”
368. “ नमाज़ न पढ़ने वाला मुसलमान नहीं ”
369. “ नमाज़ न पढ़ने से दीन की सारी निशानियाँ मिट जाती हैं ”
370. “ नमाज़ के बीच में इमाम को लुक़मा देना यानि ग़लती बताना ”
371. “ नमाज़ के इंतज़ार का समय भी नमाज़ में गिना जाता है ”
372. “ मस्जिदों को आबाद करने वालों की फ़ज़ीलत ”
373. “ मस्जिद में बैठने वालों की फ़ज़ीलत ”
374. “ मुत्तक़ी लोगों का घर मस्जिद है ”
375. “ मस्जिद की तरफ़ चलने की फ़ज़ीलत ”
376. “ नमाज़ के लिए मस्जिद में जाते समय मौत आ जाने की फ़ज़ीलत ”
377. “ नमाज़ पढ़ चुकने के बाद दूसरी नमाज़ का इंतज़ार करने की फ़ज़ीलत ”
378. “ इमाम को नमाज़ हल्की पढ़ाना चाहिए ”
379. “ इमाम को नमाज़ हल्की पढाने के लिए सूरत अल-ग़ाशिया और सूरत अल-आला पढ़ने की नसीहत ”
380. “ इमाम वह होना चाहिए जिस को लोग पसंद करते हों ”
381. “ इमाम परहेज़गार होना चाहिए ”
382. “ नमाज़ पढ़ते समय सफ़ बनाने की एहमियत ”
383. “ सफ़ के बीच ख़ाली जगह में खड़े होकर सफ़ को पूरा करने की फ़ज़ीलत ”
384. “ नमाज़ के बीच सफ़ को मिलाने वाले पर अल्लाह तआला रहमत भेजता है ”
385. “ खम्बों के बीच सफ़ बनाना मना है ”
386. “ पति की आज्ञाकारी न करने वाली औरत की नमाज़ स्वीकार नहीं होती ”
387. “ अज़ान और इक़ामत के बीच कितना समय होना चाहिए ”
388. “ जिस घर में क़ुरआन पढ़ा जाता है उस की फ़ज़ीलत ”
389. “ नफ़िली नमाज़ घर में पढ़ना अफ़ज़ल है ”
390. “ बकरियों की बाड़ में नमाज़ पढ़ने के बारे में ”
391. “ एकांत में नमाज़ पढ़ने का कारण और उस का सवाब ”
392. मस्जिद बनाने का सवाब ”
393. “ मस्जिद की इमारत ”
394. “ मुहल्लों में मस्जिद बनाने का हुक्म ”
395. “ मस्जिद के नियम ”
396. “ मस्जिद के दरवाज़े के आसपास पेशाब करना मना है ”
397. “ गिरजा घर की जगह पर मस्जिद बनाने का तरीक़ा ”
398. “ हज़रत उमर ने अस्र की नमाज़ के बाद दो सुन्नतें पढ़ना कियों मना किया ”
399. “ फ़र्ज़ नमाज़ और उस के बाद वाली नमाज़ के बीच थोड़ा समय रखना चाहिए ”
400. “ फ़र्ज़ नमाज़ और उस के बाद वाली नमाज़ के बीच किसी से बात कर लेना या जगह बदल लेना चाहिए ”
401. “ इबादत के मामले में सुस्ती करने का अंजाम ”
402. “ दोनों ईद की नमाज़ में औरतों का ईदगाह जाने के बारे में ”
403. “ नमाज़ों का पहला और अंतिम समय ”
404. “ यदि सो जाने या भूल जाने के कारण नमाज़ नहीं पढ़ी तो ...और जानबूझ कर छोड़ी हुई नमाज़ की क़ज़ाअ नहीं ”
405. “ यदि किसी नमाज़ की एक रकअत पढ़ने के बाद उस का समय ख़त्म हो जाए ”
406. “ नमाज़ का उस के समय पर पढ़ना ”
407. “ रसूल अल्लाह ﷺ फ़जर की नमाज़ किस समय पढ़ते थे ”
408. “ यात्रा के कारण ज़ोहर की नमाज़ जल्दी पढ़ना चाहिए ”
409. “ सूर्य डूबते ही मग़रिब की नमाज़ का समय शरू हो जाता है ”
410. “ मग़रिब की नमाज़ जल्दी पढ़ने का हुक्म ”
411. “ ईशा की नमाज़ का समय ”
412. “ ईशा की नमाज़ थोड़ा देर से पढ़ना रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत की विशेषता ”
413. “ अस्र की नमाज़ देर से पढ़ना मुनाफ़िक़त की निशानी है ”
414. “ नमाज़ों के मकरूह समय यनि जो पसंद नहीं किये गए ”
415. “ मक्का में नमाज़ का कोई समय मकरूह नहीं ”
416. “ सूर्य निकलने और सूर्य डूबने के समय कितनी देर नमाज़ पढ़ना मना है ، नमाज़ों का मकरूह समय ”
417. “ नमाज़ें जमा करके पढ़ना ”
418. “ यात्रा में नमाज़ें जमा करना ”
419. “ बारह पक्की सुन्नतों को पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
420. “ ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतों की फ़ज़ीलत ”
421. “ ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतें पढ़ने का हाल ”
422. ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतें पढ़ने का कारण ”
423. “ जुमआ की नमाज़ से पहले कितनी सुन्नतें पढ़ी जाएं ”
424. “ फ़जर की दो सुन्नतों की फ़ज़ीलत ”
425. “ फ़जर की दो सुन्नतों को पाबंदी के साथ सदा पढ़ना ”
426. “ फ़जर और मग़रिब की दो सुन्नतों में सूरत अल-काफ़िरून और सूरत अल-इख़लास पढ़ना ”
427. “ फ़जर से पहले की दो सुन्नतें यदि रह जाएं तो किस समय पढ़ी जाएं ”
428. “ असर की नमाज़ के बाद की दो सुन्नतें ”
429. “ मग़रिब की नमाज़ से पहले दो सुन्नतें पढ़ना ”
430. “ हर फ़र्ज़ नमाज़ से पहले कम से कम दो रकाअत नमाज़ का होना ”
431. “ यात्रा में फ़र्ज़ नमाज़ से पहले और बाद की सुन्नतें न पढ़ने की छूट ”
432. “ मग़रिब और ईशा के बीच समय में नमाज़ पढ़ना ”
433. “ दिन भर में रसूल अल्लाह ﷺ की नमाज़ें पढ़ने का हाल ”
434. “ मस्जिद से फ़जर की नमाज़ के बाद चाशत की नमाज़ पढ़ कर निकलने की फ़ज़ीलत ”
435. “ यदि भूक लगी हो तो खाना पहले खाने के बारे में ”
436. “ इमाम का ऊँची आवाज़ से आमीन कहना ”
437. “ आमीन कहने की फ़ज़ीलत ”
438. “ इमाम की पैरवी ज़रूरी है ، नमाज़ी आमीन कब कहेगा ? क्या नमाज़ी भी “ समी अल्लाहु लिमन हमिदह ” कहेगा ? ”
439. “ यदि मस्जिद में थूकना पड़ जाए तो... ”
440. “ नमाज़ पढ़ते समय थूकने के नियम ”
441. “ क़िब्ले की ओर थूकना मना है ”
442. “ जमाअत के साथ दोबारा नमाज़ पढ़ना ”
443. “ औरत का घर में नमाज़ पढ़ना अफ़ज़ल है ”
444. “ औरतों का मस्जिद में आना और उस के नियम ”
445. “ कुछ पापों के कारण नमाज़ियों ، रोज़ेदारों ، हाजियों और जिहाद करने वालों का जहन्नम में जाना संभव है ”
446. “ अज़ान देने का सवाब ”
447. “ दोहरी अज़ान और इकहरी इक़ामत ”
448. “ अज़ान का जवाब देना ”
449. “ अज़ान के समय शैतान की क्या हालत होती है ”
450. “ बहुत सर्दी और बारिश के समय में अज़ान में बढ़ोतरी ”
451. “ सजदा सहु के नियम ”
452. “ दो सजदों के बाद न बैठने की स्थिति में सहु के सजदे ”
453. “ नमाज़ पढ़ते समय सुतरह यानि आड़ के लिए सामने कुछ रख लेना चाहिए ”
454. “ नमाज़ के सामने से किस के गुज़र जाने से नमाज़ टूट जाती है ”
455. नमाज़ के लिए पूरे कपड़े पहनना और कारण ”
456. “ नमाज़ जनाज़ा और मरने वाले को अच्छा कहने की फ़ज़ीलत ”
457. “ हाफ़िज़ का क़ुरआन को याद रखने का तरीक़ा ”
458. “ दुआ इस्तफ़ताह ”
459. “ इमाम जिस हालत में भी हो देर से आने वाला तुरंत नमाज़ में शामिल हो जाए और हर रकाअत में सूरत अल-फ़ातेहा पढ़ना ज़रूरी है ”
460. “ तशहहुद में बैठने का तरीक़ा ”
461. “ इक़आअ और तोरक का अर्थ और इन का नमाज़ से क्या संबंध है ”
462. “ तशहहुद के शब्द और दो रकअत के बाद के तशहहुद में भी दुआ करने की अनुमति ”
463. “ हर दो रकअत के बाद तशहहुद पढ़ना ”
464. “ तशहहुद के बीच शहादत की ऊँगली से इशारा करना ”
465. “ नमाज़ ख़त्म करने के लिए एक सलाम फेरना ”
466. “ नमाज़ के बाद पढ़ने वाली दुआएं ”
467. “ नमाज़ के बीच नमाज़ी की स्थिति ”
468. “ वह समय जब दुआ स्वीकार होती है ”
469. “ यदि नमाज़ के बीच वुज़ू टूट जाए तो क्या करे ”
470. “ सज्दों की फ़ज़ीलत ”
471. “ फ़जर की नमाज़ के बाद चाशत की नमाज़ पढ़कर लौटने वाले की फ़ज़ीलत ”
472. “ फ़जर की नमाज़ के बाद से सूर्य के निकलने तक बैठे रहना और अल्लाह तआला की याद ”
473. “ अव्वाबीन की नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
474. “ अव्वाबीन की नमाज़ का समय ”
475. “ चाशत की नमाज़ की फ़ज़ीलत ”
476. “ ग़रीब लोग सदक़ह करने वाले धनी लोगों से अधिक सवाब कैसे पा सकते हैं ”
477. “ वुज़ू के बिना नमाज़ पढ़ना एक गंभीर अपराध है ”
478. “ इक़ामत हो जाने के बाद नफ़ली नमाज़ नहीं ”
479. “ ईद अल-अज़हा के दिन नमाज़ और ख़ुत्बे के नियम ”
480. “ साठ वर्ष की इबादत स्वीकार न होने का कारण ”
481. “ ईद के दिन तकबीर कहने का पहला और अंतिम समय ”
482. “ नमाज़ में विकलांग आदमी का टेक लगाना ”
483. “ शैतान का विभिन्न रूपों में घरों में घुसना ، रसूल अल्लाह ﷺ का चमत्कार जो हज़रत अबू क़तादह रज़ि अल्लाहु अन्ह को बारिश होते हुए भी ईशा की नमाज़ मस्जिद में पढ़ने के कारण मिला ”
484. “ तहज्जुद की नमाज़ कैसे पढ़ी जाए ”
485. “ तहज्जुद की नमाज़ से पहले दो हल्की रकअतें पढ़ना ”
486. “ रात की नमाज़ दो दो रकअत है ”
487. “ मोमिन का सम्मान रात की नमाज़ तहज्जुद में है ”
488. “ यात्रा करते समय नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा वित्र की नमाज़ के बाद और अधिक नफ़िल पढ़ना केसा है ”
489. “ नमाज़ में सलाम का जवाब कैसे दिया जाए और नमाज़ में बात करना हराम है ”
490. “ नमाज़ी को सलाम करना ”
491. “ ओरतों का नमाज़ पढ़ते समय अनुमति का जवाब देने का तरीक़ा और नमाज़ पढ़ते समय ऐसा इशारा करना जिस से बात समझी जा सके ”
492. “ रसूल अल्लाह ﷺ को नमाज़ में आराम मिलता था ”
493. “ नमाज़ रसूल अल्लाह ﷺ की आँखों की ठंडक ”
494. “ नमाज़ पढ़ते समय उस से बेख़बर करने वाली बातों से दूर रहा जाए ”
495. “ नमाज़ रसूल अल्लाह ﷺ की लम्बी नमाज़ और उम्मत के लोगों के लिए दुआएं ”
496. “ मुसलमानों के एक दुसरे पर हक़ ”
497. “ जूते पहन कर नमाज़ पढ़ना ”
498. “ सलाह के तौर पर किसी नमाज़ का हुक्म देना ”
499. “ खड़े होकर और बैठ कर पढ़ने वाली नमाज़ के सवाब में अंतर ”
500. “ नमाज़ में उठते समय हाथों का सहारा और हाथों की स्थिति ”
501. “ विकलांग को तकिये या किसी चीज़ पर सजदा करना मना है ”
502. “ नमाज़ के तीन भाग ”
503. “ फ़जर के प्रकार और उस के नियम ”
504. “ सज्दा करते समय तकबीर कैसे कही जाए ”
505. “ फ़जर की नमाज़ के बाद सपने के बारे में पूछना ”
506. “ रुकू के बाद क़ुनूत नाज़्लह कैसे पढ़ी जाए ”
507. “ क़ुनूत नाज़्लह का करण ”
508. “ सभी अच्छे कामों को अल्लाह के समर्थन से किया जाता है ”
509. “ नमाज़ में हाथ बांधने की स्थिति ، रुकू के बाद हाथ बंधना ”
510. “ सज्दा करते समय नाक का ज़मीन को छूना ”
511. “ सज्दा करते समय बाज़उों की स्थिति ”
512. “ हथेलियों के नरम वाले भाग पर सज्दा करना ”
513. “ तसल्ली से नमाज़ न पढ़ने वाले की नमाज़ सविकर नहीं होती है ”
514. “ सजदे में ठोंगे मारना और ज़मीन पर बाज़ू बिछाना मना है ”
515. “ रुकू करते समय पीठ की स्थिति ”
516. “ सजदे और रुकू की तस्बीह ”
517. “ नमाज़ पढ़ते समय सुन्नत तरीक़े से इशारा करने की फ़ज़ीलत ”
518. “ यात्रा की नमाज़ यानि क़स्र कितनी दूरी तक पढ़ी जा सकती है ”
519. “ आग पर पका हुआ खाने के बाद वुज़ू करना रद्द हो गया और खाना खाने के बाद कुल्ला करना ज़रूरी नहीं ”
520. “ रसूल अल्लाह ﷺ का अपनी पत्नी की चादर में नमाज़ न पढ़ना ”
521. “ चमड़े की लाल चादर में नमाज़ पढ़ना ”
522. “ रात में वाअज़ और नसीहत करना ”
523. “ नमाज़ी कम या अधिक होने के करण नमाज़ में जल्दी या देर करना ”
524. “ ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा ”
525. “ ईद की नमाज़ में छे या बारह तकबीर कहना ”
526. “ ख़ुत्बा देते समय हाथ में छड़ी लेना ”
527. “ मुक़ाम इब्राहिम के पास नमाज़ पढ़ना और आयत « فَلْيَدْعُ نَادِيَهُ ... سَنَدْعُ الزَّبَانِيَةَ » के उतरने का कारण ”
528. “ बच्चों का नमाज़ पढ़ते समय नमाज़ी की पीठ पर बैठ जाना ”
529. “ नफ़्ली नमाज़ के बीच दरवाज़ा खोलना ”
530. “ चटाई पर नमाज़ पढ़ना ”
531. “ रसूल अल्लाह ﷺ का सजदे में सो जाना ”
532. “ नमाज़ के बीच नमाज़ी के कपड़े से वीर्य खुरचना ”
533. “ लैलतुल क़द्र की खोज ”
534. “ नमाज़ को ध्यान से पढ़ने की फ़ज़ीलत ”
535. “ पास वाली मस्जिद में नमाज़ पढ़ना चाहिए ”
536. “ मस्जिद क़बा में नमाज़ पढ़ने का सवाब ”
537. “ मस्जिद में अंदर जाते समय और बाहर निकलते समय कौन सा पैर आगे बढ़ाया जाए ”
538. “ फ़र्ज़ माज़ की कमी को नफ़िल नमाज़ से पूरा किया जाए गा ”
539. “ नमाज़ में दस या सौ या एक हज़ार आयतें पढ़ने का बदला ”
540. “ नमाज़ में सिर के पीछे बालों को एक साथ बांधना मना है ”
541. “ ख़ुत्बे के बीच दुनयावी काम के लिए चले जाना मना है ”
542. “ किस मस्जिद में एतकाफ़ किया जाए ”
543. “ क़ब्र की ओर मुंह करके या क़ब्र पर नमाज़ पढ़ना मना है ”
544. “ नमाज़ और सलाम को अधूरा छोड़ना मना है ”
545. “ अज़ान के बाद बिना कारण के बाहर निकलने वाला और फिर वापस न आने वाल मुनाफ़िक़ है ”
546. “ वुज़ू टूट जाने का वहम शैतान कैसे डालता है ”
547. “ जिस कपड़े पर नमाज़ पढ़ी जाए उस का फूल बूटे वाला होना कैसा है ”
548. “ औरतों में दीन की कमी किस कारण है ”
549. “ क़ुरआन पढ़ने वाले कितने प्रकार के हैं ”
550. “ एक नमाज़ी का इमाम के दाएं ओर खड़ा होना ”
551. “ वित्र की नमाज़ का समय ”
552. “ वित्र की नमाज़ किस समय पढ़ी जाए ”
553. “ क्या वित्र की नमाज़ फ़र्ज़ है ”
554. “ वित्र की नमाज़ की रकअतें एक से नो तक ”
555. “ वित्र की नमाज़ के बाद नफ़िल नमाज़ पढ़ना ठीक है ”

سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
الاذان و الصلاة
اذان اور نماز
अज़ान और नमाज़
نماز کے بعد والے اذکار
“ नमाज़ के बाद पढ़ने वाली दुआएं ”
حدیث نمبر: 704
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-" من قرا آية الكرسي في دبر كل صلاة لم يحل بينه وبين دخول الجنة إلا الموت".-" من قرأ آية الكرسي في دبر كل صلاة لم يحل بينه وبين دخول الجنة إلا الموت".
سیدنا ابوامامہ باہلی رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جس نے ہر نماز کے بعد آیۃ الکرسی کی تلاوت کی تو اس کے اور جنت کے درمیان کوئی چیز حائل نہیں ہوتی، سوائے موت کے۔
حدیث نمبر: 705
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-" اقرءوا المعوذات في دبر كل صلاة".-" اقرءوا المعوذات في دبر كل صلاة".
سیدنا عقبہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے، وہ کہتے ہیں کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے مجھے فرمایا: ہر نماز کے بعد معوذات سورتیں (یعنی سورۃ الفلق اور سورۃ الناس) پڑھا کرو۔
حدیث نمبر: 706
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-" كان إذا سلم لم يقعد إلا مقدار ما يقول: اللهم انت السلام ومنك السلام تباركت يا ذا الجلال والإكرام".-" كان إذا سلم لم يقعد إلا مقدار ما يقول: اللهم أنت السلام ومنك السلام تباركت يا ذا الجلال والإكرام".
سیدہ عائشہ رضی اللہ عنہا فرماتی ہیں: جب رسول صلی اللہ علیہ وسلم سلام پھیرتے تو اس دعا کے پڑھنے کے بعد تک بیٹھتے تھے: «اللهم انت السلام ومنك السلام تباركت ذا الجلال والإكرام» اے اللہ! تو سلامتی والا ہے اور تیری طرف سے ہی سلامتی ہے، اے جلال و اکرام والے! تو بابرکت ہے۔
حدیث نمبر: 707
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-" كان يقول في دبر كل صلاة مكتوبة" حين يسلم": لا إله إلا الله وحده لا شريك له، له الملك وله الحمد" يحيي ويميت، وهو حي لا يموت بيده الخير"، وهو على كل شيء قدير" ثلاث مرات"، اللهم لا مانع لما اعطيت، ولا معطي لما منعت ولا ينفع ذا الجد منك الجد".-" كان يقول في دبر كل صلاة مكتوبة" حين يسلم": لا إله إلا الله وحده لا شريك له، له الملك وله الحمد" يحيي ويميت، وهو حي لا يموت بيده الخير"، وهو على كل شيء قدير" ثلاث مرات"، اللهم لا مانع لما أعطيت، ولا معطي لما منعت ولا ينفع ذا الجد منك الجد".
سیدنا مغیرہ بن شعبہ رضی اللہ عنہ کے کاتب وراد بیان کرتے ہیں کہ مجھے سیدنا مغیرہ بن شعبہ رضی اللہ عنہ نے سیدنا معاویہ رضی اللہ عنہ کی طرف ایک خط لکھوایا، اس میں یہ بات بھی تھی کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم ہر فرضی نماز سے سلام پھیرنے کے بعد یہ دعا پڑھتے تھے: «لا إله إلا الله وحده لا شريك له، له الملك وله الحمد، وهو على كل شيء قدير، اللهم لا مانع لما اعطيت ولا معطي لما منعت ولا ينفع ذا الجد منك الجد» اﷲ کے سوا کوئی معبود برحق نہیں، وہ اکیلا ہے، اس کا کوئی شریک نہیں، بادشاہت اسی کی ہے، تعریف اسی کی ہے اور وہ ہر چیز پر قادر ہے۔ اے اللہ! جو تو دے اسے کوئی روکنے والا نہیں اور جو روک لے اسے کوئی دینے والا نہیں اور کسی شان والے کو اس کی شان تجھ سے کوئی فائدہ نہیں پہنچا سکتی۔

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