الاذان و الصلاة اذان اور نماز अज़ान और नमाज़ 317. بیعت نبوی کے دوران اقامت صلاۃ کا تذکرہ 317. “ रसूल अल्लाह ﷺ की बैअत करते समय नमाज़ के बार में ” 318. فرضی نمازوں کی تعداد 318. “ फ़र्ज़ नमानों की रकअतें कितनी हैं ” 319. نماز دوسرے اعمال کے مقبول یا غیر مقبول ہونے کے لیے معیار ہے 319. “ नमाज़ दुसरे कर्मों के स्वीकार होने या न होने का आधार है ” 320. نماز کی اہمیت 320. “ नमाज़ की एहमियत ” 321. ایک سال کی نمازوں اور روزوں کی بنا پر شہید پر فوقیت 321. “ एक वर्ष की नमाज़ों और रोज़ों की बिना पर शहीद होने वाले पर बढ़त ” 322. اللہ تعالیٰ کا نمازی کی طرف متوجہ ہونا 322. “ अल्लाह तआला का नमाज़ी की तरफ़ ध्यान करना ” 323. فرشتوں کا نمازی کی تلاوت سننے کا انداز 323. “ फ़रिश्तों का नमाज़ी का क़ुरआन सुनने का अंदाज़ ” 324. نیکی کی رغبت پر نماز کا حکم 324. “ नेकी की इच्छा पर नमाज़ का हुक्म ” 325. نماز، جسم کے جوڑوں کا ٹیکس ادا کرنے کا بہترین ذریعہ ہے 325. “ नमाज़ शरीर के अंगों का सदक़ह ” 326. اچھے انداز میں ادا کی گئی نماز کا صلہ 326. “ ठीक और अच्छे तरीक़े से पढ़ी गई नमाज़ का बदला ” 327. نماز ترک کرنے کا وبال 327. “ नमाज़ छोड़ देने का बोझ ” 328. پہلے والی اور بعد والی نمازوں کی رکعات کی تعداد 328. “ पहले की और बाद की नमाज़ों की रकअतें ” 329. مقیم کی اقتدا میں مسافر کا پوری نماز ادا کرنا 329. “ मुक़ीम के पीछे यात्री को नमाज़ पूरी पढ़ना चाहिए ” 330. ایک دفعہ شراب پینے سے چالیس روز نماز قبول نہیں ہوتی 330. “ एक बार शराब पीने से चालीस दिन की नमाज़ स्वीकार नहीं की जाती ” 331. گھبراہٹ میں نماز کا سہارا لینا 331. “ घबराहट में नमाज़ का सहारा लेना ” 332. پانچ نمازوں کی ادائیگی کی فضیلت 332. “ पांचों नमाज़ें पढ़ने की फ़ज़ीलत ” 333. سجدوں کی فضیلت 333. “ सज्दों की फ़ज़ीलत ” 334. نماز فجر ادا کرنے والے کی ضمانت اللہ تعالیٰ خود اٹھاتا ہے 334. “ अल्लाह तआला की तरफ़ से फ़ज्र की नमाज़ पढ़ने वाले की ज़मानत ” 335. جمعہ کے روز نماز فجر کی فضیلت 335. “ जुमा के दिन फ़ज्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत ” 336. نماز عصر کی فضیلت اور وجہ 336. “ अस्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत और कारण ” 337. دو رکعت نماز دنیا و مافیہا سے بہتر ہے 337. “ नमाज़ की दो रकअतें ही दुनिया की हर चीज़ से अच्छी हैं ” 338. نمازی کا مقام و مرتبہ 338. “ नमाज़ी का दर्जा और मर्तबा ” 339. روز جمعہ اور جمعہ ادا کرنے والوں کی فضیلت 339. “ जुमा के दिन की और जुमा की नमाज़ पढ़ने वालों की फ़ज़ीलत ” 340. نماز جمعہ گناہوں کا کفارہ بنتا ہے 340. “ जुमा की नमाज़ पापों का कफ़्फ़ारह होती है ” 341. نماز جمعہ ترک کرنے والی قوم کا وبال 341. “ जुमा की नमाज़ न पढ़ने वालों का बोझ ” 342. خاص طور پر جمعہ کی رات کو قیام کرنا یا جمعہ کو روزہ رکھنا منع ہے 342. “ विशेष रूप से जुमआ की रात को क़याम करना और दिन में रोज़ा रखना मना है ” 343. دوران خطبہ جمعہ اونگھنے والا شخص اپنی نشت بدل لے 343. “ ख़ुत्बा सुनते समय यदि नींद आने लगे तो जगह बदल लेनी चाहिए ” 344. جمعہ مبارک کے لیے غسل کرنا 344. “ जुमा की नमाज़ के लिए ग़ुस्ल करना यानि सुन्नत तरीक़े से नहाना ” 345. غسل جمعہ کی فضیلت 345. “ ग़ुस्ल करने यानि सुन्नत तरीक़े से नहाने की फ़ज़ीलत ” 346. نماز جمعہ کی طرف جلدی آنے والوں کی فضیلت 346. “ जुमा की नमाज़ के लिए जल्दी आने वालों की फ़ज़ीलत ” 347. جمعہ کے روز مسواک کرنا اور خوشبو لگانا 347. “ जुमा के दिन मिस्वाक करना और ख़ुश्बू लगाना ” 348. دوران خطبہ مقتدیوں کی کیفیت 348. “ ख़ुत्बा कैसे सुना जाए ” 349. خطیب کا منبر پر چڑھ کر سلام کہنا 349. “ इमाम का मिम्बर पर चढ़ते हुए सलमा करना ” 350. دوران خطبہ جمعہ کلام کرنے کا نقصان 350. “ ख़ुत्बे के बीच बात करने का नुक़सान ” 351. نماز اللہ تعالیٰ سے سرگوشی کا ذریعہ ہے، نماز میں آواز کس قدر مخفی یا بلند ہونی چاہیئے 351. “ नमाज़ के माध्यम से अल्लाह तआला से बात की जाती है इस लिए आवाज़ धीमी होनी चाहिए ” 352. مسجد نبوی، مسجدحرام اور مسجد اقصی کی فضیلت 352. “ मस्जिद हराम ، मस्जिद नबवी और मस्जिद अक़्सा की फ़ज़ीलत ” 353. نماز باجماعت کی فضیلت 353. “ जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत ” 354. نماز باجماعت ایک مبارک عمل ہے 354. “ जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ना एक मुबारक कर्म है ” 355. جماعت میں نمازیوں کی کثرت اجر و ثواب میں اضافہ کا باعث ہے 355. “ जमाअत में नमाज़ियों का अधिक होना सवाब को बढ़ता है ” 356. مسلسل چالیس دن تک تکبیر اولی کے ساتھ باجماعت نماز ادا کرنے کی فضیلت 356. “ लगातार चालीस दिन तक नमाज़ पहली तकबीर से जमाअत के साथ पढ़ने की फ़ज़ीलत ” 357. نماز کی طرف آتے وقت نمازی کی کیفیت 357. “ नमाज़ के लिए मस्जिद की तरफ़ कैसे आया जाए ” 358. امام کو رکوع کی حالت میں پانے والا نمازی جماعت کے ساتھ کیسے ملے؟ 358. “ अगर इमाम रुकू में हो तो जमाअत में कैसे शामिल हों ” 359. اذان سننے والا مسجد میں جا کر نماز با جماعت ادا کرے 359. “ अज़ान सुनने वाला मस्जिद में जाकर जमाअत के साथ नमाज़ पढ़े ” 360. امام کی اقتدا کرنا 360. “ नमाज़ी को इमाम की पैरवी करना ” 361. مقتدی کے لیے امام کی اقتدا کے تقاضے 361. “ नमाज़ी को इमाम की पैरवी करने का हुक्म ” 362. امام کے قریب کون لوگ کھڑے ہوں؟ 362. “ इमाम के पस कौन से लोग खड़े हों ” 363. بیٹھ کر نماز پڑھانے والے امام کی اقتدا میں بیٹھ کر نماز پڑھنا کیسا ہے؟ 363. “ यदि इमाम बैठ कर नमाज़ पढ़ाए तो नमाज़ी भी बैठ कर नमाज़ पढ़े ” 364. امام ضامن ہے 364. “ इमाम नमाज़ का ज़िम्मेदार है ” 365. امام ہر دل عزیز ہونا چاہئے 365. “ इमाम लोकप्रिय होना चाहिए ” 366. نماز برائیوں سے روکتی ہے 366. “ नमाज़ बुराई से रोकती है ” 367. نماز گناہوں کا اثر زائل کر دیتی ہے 367. “ नमाज़ पापों का प्रभाव ख़त्म रक देती है ” 368. بےنماز مسلمان نہیں ہے 368. “ नमाज़ न पढ़ने वाला मुसलमान नहीं ” 369. ترک نماز کے بعد دین کی تمام علامات منہدم ہو جاتی ہیں 369. “ नमाज़ न पढ़ने से दीन की सारी निशानियाँ मिट जाती हैं ” 370. دوران جماعت امام کو لقمہ دینا 370. “ नमाज़ के बीच में इमाम को लुक़मा देना यानि ग़लती बताना ” 371. نماز کا انتظار بھی نماز ہے 371. “ नमाज़ के इंतज़ार का समय भी नमाज़ में गिना जाता है ” 372. مساجد کو آباد کرنے والوں کی فضیلت 372. “ मस्जिदों को आबाद करने वालों की फ़ज़ीलत ” 373. مسجد میں بیٹھنے والوں کی فضیلت 373. “ मस्जिद में बैठने वालों की फ़ज़ीलत ” 374. متقی لوگوں کا گھر مسجد ہے 374. “ मुत्तक़ी लोगों का घर मस्जिद है ” 375. مسجد کی طرف چلنے کی فضیلت 375. “ मस्जिद की तरफ़ चलने की फ़ज़ीलत ” 376. نماز کے لیے مسجد کی طرف جاتے ہوئے فوت ہو جانے کی فضیلت 376. “ नमाज़ के लिए मस्जिद में जाते समय मौत आ जाने की फ़ज़ीलत ” 377. ایک نماز کی ادائیگی کے بعد دوسری نماز کے انتظار میں بیٹھے رہنے کی فضیلت 377. “ नमाज़ पढ़ चुकने के बाद दूसरी नमाज़ का इंतज़ार करने की फ़ज़ीलत ” 378. امام تخفیف کے ساتھ نماز پڑھائے 378. “ इमाम को नमाज़ हल्की पढ़ाना चाहिए ” 379. امام کی تخفیف سے نماز پڑھانے کی حد ظہر و عصر کی نمازوں میں سورہ اعلیٰ اور سورہ غاشیہ کی تلاوت کرنا 379. “ इमाम को नमाज़ हल्की पढाने के लिए सूरत अल-ग़ाशिया और सूरत अल-आला पढ़ने की नसीहत ” 380. امام ہر دلعزیز شخصیت کا حامل ہے 380. “ इमाम वह होना चाहिए जिस को लोग पसंद करते हों ” 381. امام پرہیزگار ہونا چاہئے 381. “ इमाम परहेज़गार होना चाहिए ” 382. دوران جماعت صف بندی کی اہمیت 382. “ नमाज़ पढ़ते समय सफ़ बनाने की एहमियत ” 383. صف کے شگاف کو پر کرنے کے لیے اٹھنے والے قدم کی فضیلت 383. “ सफ़ के बीच ख़ाली जगह में खड़े होकर सफ़ को पूरा करने की फ़ज़ीलत ” 384. اللہ تعالیٰ دوران جماعت صفوں کو ملانے والوں پر رحمت نازل کرتا ہے 384. “ नमाज़ के बीच सफ़ को मिलाने वाले पर अल्लाह तआला रहमत भेजता है ” 385. ستونوں کے مابین صف بنانا منع ہے 385. “ खम्बों के बीच सफ़ बनाना मना है ” 386. خاوند کی نافرمان بیوی کی نماز قبول نہیں ہوتی 386. “ पति की आज्ञाकारी न करने वाली औरत की नमाज़ स्वीकार नहीं होती ” 387. اذان اور اقامت کے دوران وقفہ کی مقدار 387. “ अज़ान और इक़ामत के बीच कितना समय होना चाहिए ” 388. اس گھر کی فضیلت جس میں قرآن کی تلاوت کی جاتی ہو 388. “ जिस घर में क़ुरआन पढ़ा जाता है उस की फ़ज़ीलत ” 389. نفلی نماز گھروں میں ادا کرنا افضل ہے 389. “ नफ़िली नमाज़ घर में पढ़ना अफ़ज़ल है ” 390. بکریوں کے باڑے میں نماز ادا کرنا 390. “ बकरियों की बाड़ में नमाज़ पढ़ने के बारे में ” 391. خلوت میں ادا کی گئی نماز کا اجر و اور اس کی وجہ 391. “ एकांत में नमाज़ पढ़ने का कारण और उस का सवाब ” 392. مسجد بنانے کا صلہ 392. मस्जिद बनाने का सवाब ” 393. مسجد کی عمارت 393. “ मस्जिद की इमारत ” 394. محلوں میں تعمیر مساجد کا حکم 394. “ मुहल्लों में मस्जिद बनाने का हुक्म ” 395. مساجد کے آداب 395. “ मस्जिद के नियम ” 396. مساجد کے دروازوں کے ارد گرد پیشاب کرنا منع ہے 396. “ मस्जिद के दरवाज़े के आसपास पेशाब करना मना है ” 397. گرجا گھر کو مسجد میں تبدیل کرنے کا طریقہ 397. “ गिरजा घर की जगह पर मस्जिद बनाने का तरीक़ा ” 398. سیدنا عمر رضی اللہ عنہ نے بعد از نماز عصر دو سنتوں سے کیوں منع کیا؟ 398. “ हज़रत उमर ने अस्र की नमाज़ के बाद दो सुन्नतें पढ़ना कियों मना किया ” 399. فرضی نماز اور اس کے بعد والی نفلی نماز میں وقفہ ہونا چاہئے 399. “ फ़र्ज़ नमाज़ और उस के बाद वाली नमाज़ के बीच थोड़ा समय रखना चाहिए ” 400. فرضی نماز کے بعد نفلی نماز سے پہلے کلام کرنا یا آگے پیچھے ہو جانا 400. “ फ़र्ज़ नमाज़ और उस के बाद वाली नमाज़ के बीच किसी से बात कर लेना या जगह बदल लेना चाहिए ” 401. عبادت کے سلسلے میں سستی کا انجام 401. “ इबादत के मामले में सुस्ती करने का अंजाम ” 402. نماز عیدین میں عورتوں کی حاضری 402. “ दोनों ईद की नमाज़ में औरतों का ईदगाह जाने के बारे में ” 403. نمازوں کے اول و آخر اوقات 403. “ नमाज़ों का पहला और अंतिम समय ” 404. اگر نیند یا نسیاں کی وجہ سے نماز رہ جائے، جان بوجھ کر نماز ترک کرنے والا قضائی نہیں دے سکتا 404. “ यदि सो जाने या भूल जाने के कारण नमाज़ नहीं पढ़ी तो ...और जानबूझ कर छोड़ी हुई नमाज़ की क़ज़ाअ नहीं ” 405. اگر کسی نماز کی ایک رکعت کی ادائیگی کے بعد اس کا وقت ختم ہو جائے 405. “ यदि किसी नमाज़ की एक रकअत पढ़ने के बाद उस का समय ख़त्म हो जाए ” 406. نماز بروقت ادا کرنا 406. “ नमाज़ का उस के समय पर पढ़ना ” 407. آپ صلی اللہ علیہ وسلم نماز فجر کب ادا کرتے؟ 407. “ रसूल अल्लाह ﷺ फ़जर की नमाज़ किस समय पढ़ते थे ” 408. سفر کی وجہ سے نماز ظہر جلدی ادا کر لینا 408. “ यात्रा के कारण ज़ोहर की नमाज़ जल्दी पढ़ना चाहिए ” 409. غروب آفتاب سے ہی نماز مغرب کا آغاز ہو جاتا ہے 409. “ सूर्य डूबते ही मग़रिब की नमाज़ का समय शरू हो जाता है ” 410. نماز مغرب جلدی ادا کرنے کا حکم 410. “ मग़रिब की नमाज़ जल्दी पढ़ने का हुक्म ” 411. نماز عشاء کا وقت 411. “ ईशा की नमाज़ का समय ” 412. نماز عشاء تاخیر سے ادا کرنا امت محمد صلی اللہ علیہ وسلم کا خاصہ ہے 412. “ ईशा की नमाज़ थोड़ा देर से पढ़ना रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत की विशेषता ” 413. نماز عصر تاخیر سے ادا کرنا منافقانہ وصف ہے 413. “ अस्र की नमाज़ देर से पढ़ना मुनाफ़िक़त की निशानी है ” 414. نماز کے مکروہ اوقات 414. “ नमाज़ों के मकरूह समय यनि जो पसंद नहीं किये गए ” 415. مکہ مکرمہ میں نماز کے لیے کوئی وقت مکروہ نہیں ہے 415. “ मक्का में नमाज़ का कोई समय मकरूह नहीं ” 416. طلوع آفتاب اور غروب آفتاب کے وقت کتنی دیر تک نماز پڑھنا منع ہے؟، نماز کے لیے کل مکروہ اوقات 416. “ सूर्य निकलने और सूर्य डूबने के समय कितनी देर नमाज़ पढ़ना मना है ، नमाज़ों का मकरूह समय ” 417. نمازیں جمع کر کے ادا کرنا 417. “ नमाज़ें जमा करके पढ़ना ” 418. سفر کی وجہ سے نمازیں جمع کرنا 418. “ यात्रा में नमाज़ें जमा करना ” 419. بارہ سنن موکدہ کی ادائیگی کا صلہ 419. “ बारह पक्की सुन्नतों को पढ़ने की फ़ज़ीलत ” 420. قبل از ظہر چار سنتوں کی فضیلت 420. “ ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतों की फ़ज़ीलत ” 421. قبل از ظہر سنتوں کی ادائیگی کی کیفیت 421. “ ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतें पढ़ने का हाल ” 422. قبل از ظہر چار سنتوں کی ادائیگی کی وجہ 422. ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतें पढ़ने का कारण ” 423. نماز جمعہ سے پہلے والی سنتوں کی تعداد 423. “ जुमआ की नमाज़ से पहले कितनी सुन्नतें पढ़ी जाएं ” 424. فجر کی دو سنتوں کی فضیلت 424. “ फ़जर की दो सुन्नतों की फ़ज़ीलत ” 425. فجر سے پہلے والی سنتوں پر دوام اختیار کرنا 425. “ फ़जर की दो सुन्नतों को पाबंदी के साथ सदा पढ़ना ” 426. فجر اور مغرب والی سنتوں میں سورہ کافرون اور سورہ اخلاص کی تلاوت کرنا 426. “ फ़जर और मग़रिब की दो सुन्नतों में सूरत अल-काफ़िरून और सूरत अल-इख़लास पढ़ना ” 427. نماز فجر سے پہلے والی سنتیں رہ جانے کی صورت میں کب ادا کی جائیں؟ 427. “ फ़जर से पहले की दो सुन्नतें यदि रह जाएं तो किस समय पढ़ी जाएं ” 428. نماز عصر کے بعد دو رکعت سنتیں 428. “ असर की नमाज़ के बाद की दो सुन्नतें ” 429. نماز مغرب سے پہلے دو رکعت سنتیں ادا کرنا 429. “ मग़रिब की नमाज़ से पहले दो सुन्नतें पढ़ना ” 430. ہر فرض نماز سے پہلے کم از کم دو رکعت نفلی نماز کا وجود 430. “ हर फ़र्ज़ नमाज़ से पहले कम से कम दो रकाअत नमाज़ का होना ” 431. سفر میں سنن رواتبہ نہ پڑھنے کی رخصت 431. “ यात्रा में फ़र्ज़ नमाज़ से पहले और बाद की सुन्नतें न पढ़ने की छूट ” 432. مغرب اور عشاء کے درمیانی وقفے میں نماز پڑھنا 432. “ मग़रिब और ईशा के बीच समय में नमाज़ पढ़ना ” 433. دن کو آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی نفلی نماز کی روٹین 433. “ दिन भर में रसूल अल्लाह ﷺ की नमाज़ें पढ़ने का हाल ” 434. نماز فجر کے بعد نماز ضحیٰ پڑھ کر آنے کی فضیلت 434. “ मस्जिद से फ़जर की नमाज़ के बाद चाशत की नमाज़ पढ़ कर निकलने की फ़ज़ीलत ” 435. کھانے کو نماز باجماعت پر ترجیح دینا 435. “ यदि भूक लगी हो तो खाना पहले खाने के बारे में ” 436. امام کا بآواز بلند ”آمین“ کہنا 436. “ इमाम का ऊँची आवाज़ से आमीन कहना ” 437. ”آمین“ کہنے کی فضیلت 437. “ आमीन कहने की फ़ज़ीलत ” 438. امام کی اقتدا ضروری ہے، مقتدی”آمین“ کب کہے؟ کیا مقتدی بھی «سمع الله لمن حمده» کہے گا؟ 438. “ इमाम की पैरवी ज़रूरी है ، नमाज़ी आमीन कब कहेगा ? क्या नमाज़ी भी “ समी अल्लाहु लिमन हमिदह ” कहेगा ? ” 439. اگر مسجد میں تھوکنا پڑ جائے تو 439. “ यदि मस्जिद में थूकना पड़ जाए तो... ” 440. دوران نماز تھوکنے کے آداب 440. “ नमाज़ पढ़ते समय थूकने के नियम ” 441. قبلہ والی سمت میں تھوکنا منع ہے 441. “ क़िब्ले की ओर थूकना मना है ” 442. جماعت کے ساتھ دوبارہ نماز پڑھنا 442. “ जमाअत के साथ दोबारा नमाज़ पढ़ना ” 443. عورتوں کا گھر میں نماز پڑھنا افضل ہے 443. “ औरत का घर में नमाज़ पढ़ना अफ़ज़ल है ” 444. عورتوں کا مسجد میں آنا اور اس کے آداب 444. “ औरतों का मस्जिद में आना और उस के नियम ” 445. بعض گناہوں کی وجہ سے نمازیوں، روزے داروں، حاجیوں اور مجاہدوں کا جہنم میں جانا بھی ممکن ہے 445. “ कुछ पापों के कारण नमाज़ियों ، रोज़ेदारों ، हाजियों और जिहाद करने वालों का जहन्नम में जाना संभव है ” 446. اذان دینے کا ثواب 446. “ अज़ान देने का सवाब ” 447. دوہری اذان اور اکہری اقامت 447. “ दोहरी अज़ान और इकहरी इक़ामत ” 448. اذان کے کلمات کا جواب دینا 448. “ अज़ान का जवाब देना ” 449. اذان کے وقت شیطان کی کیفیت 449. “ अज़ान के समय शैतान की क्या हालत होती है ” 450. سخت سردی یا بارش والے موسم میں اذان میں زیادتی 450. “ बहुत सर्दी और बारिश के समय में अज़ान में बढ़ोतरी ” 451. سجدہ سہو کی مختلف کیفیات 451. “ सजदा सहु के नियम ” 452. درمیانہ تشہدرہ جانے کی صورت میں سہو کے سجدے 452. “ दो सजदों के बाद न बैठने की स्थिति में सहु के सजदे ” 453. دوران نماز سترے کا اہتمام کرنا 453. “ नमाज़ पढ़ते समय सुतरह यानि आड़ के लिए सामने कुछ रख लेना चाहिए ” 454. نماز کے آگے سے بعض چیزوں کے گزرنے سے اس کی نماز منقطع ہونا 454. “ नमाज़ के सामने से किस के गुज़र जाने से नमाज़ टूट जाती है ” 455. نماز کے لیے مکمل لباس کا اہتمام اور وجہ 455. नमाज़ के लिए पूरे कपड़े पहनना और कारण ” 456. نماز جنازہ اور میت کا تذکرۂ خیر کرنے کی فضیلت 456. “ नमाज़ जनाज़ा और मरने वाले को अच्छा कहने की फ़ज़ीलत ” 457. صاحب قرآن کا قرآن یاد رکھنے کا طریقہ 457. “ हाफ़िज़ का क़ुरआन को याद रखने का तरीक़ा ” 458. دعائے استفتاح 458. “ दुआ इस्तफ़ताह ” 459. امام جس حالت میں ہو، تاخیر سے آنے والے بلا انتظار اس کے ساتھ مل جائیں ہر رکعت میں سورہ فاتحہ کی تلاوت کرنا فرض ہے 459. “ इमाम जिस हालत में भी हो देर से आने वाला तुरंत नमाज़ में शामिल हो जाए और हर रकाअत में सूरत अल-फ़ातेहा पढ़ना ज़रूरी है ” 460. جلسے میں بیٹھنے کا طریقہ 460. “ तशहहुद में बैठने का तरीक़ा ” 461. «اقعاء» اور «تورك» کے معانی اور ان کا نماز سے تعلق 461. “ इक़आअ और तोरक का अर्थ और इन का नमाज़ से क्या संबंध है ” 462. تشہد کے الفاظ اور درمیانے تشہد میں بھی دعائیں پڑھنے کی اجازت 462. “ तशहहुद के शब्द और दो रकअत के बाद के तशहहुद में भी दुआ करने की अनुमति ” 463. ہر دو رکعت کے بعد تشہد پڑھنا 463. “ हर दो रकअत के बाद तशहहुद पढ़ना ” 464. دوران تشہد انگشت شہادت سے اشارہ کرنا 464. “ तशहहुद के बीच शहादत की ऊँगली से इशारा करना ” 465. نماز سے فارغ ہونے کے لیے ایک سلام پھیرنا 465. “ नमाज़ ख़त्म करने के लिए एक सलाम फेरना ” 466. نماز کے بعد والے اذکار 466. “ नमाज़ के बाद पढ़ने वाली दुआएं ” 467. دوران نماز، نمازی کی کیفیت 467. “ नमाज़ के बीच नमाज़ी की स्थिति ” 468. قبولیت دعا کے اوقات 468. “ वह समय जब दुआ स्वीकार होती है ” 469. اگر دوران نماز وضو ٹوٹ جائے تو 469. “ यदि नमाज़ के बीच वुज़ू टूट जाए तो क्या करे ” 470. سجدوں کی فضیلت 470. “ सज्दों की फ़ज़ीलत ” 471. نماز فجر کے بعد نماز چاشت پڑھ کر لوٹنے والے شخص کی فضیلت 471. “ फ़जर की नमाज़ के बाद चाशत की नमाज़ पढ़कर लौटने वाले की फ़ज़ीलत ” 472. نماز فجر سے طلوع آفتاب تک مسجد میں بیٹھ کر ذکر کرنا 472. “ फ़जर की नमाज़ के बाद से सूर्य के निकलने तक बैठे रहना और अल्लाह तआला की याद ” 473. ”صلاۃ الاوابین“ ادا کرنے والے کی فضیلت 473. “ अव्वाबीन की नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत ” 474. ”صلاۃ الاوابین“ کا وقت 474. “ अव्वाबीन की नमाज़ का समय ” 475. نماز چاشت کی فضیلت 475. “ चाशत की नमाज़ की फ़ज़ीलत ” 476. فقرا لوگ، صدقہ و خیرات کرنے والے امرا سے کیسے سبقت لے سکتے ہیں؟ 476. “ ग़रीब लोग सदक़ह करने वाले धनी लोगों से अधिक सवाब कैसे पा सकते हैं ” 477. وضوء کے بغیر نماز ادا کرنا سنگین جرم ہے 477. “ वुज़ू के बिना नमाज़ पढ़ना एक गंभीर अपराध है ” 478. ابتدائے اقامت کے بعد نفلی نماز نہیں ہوتی 478. “ इक़ामत हो जाने के बाद नफ़ली नमाज़ नहीं ” 479. عیدالاضحٰی والے دن نماز اور خطبہ کی ترتیب 479. “ ईद अल-अज़हा के दिन नमाज़ और ख़ुत्बे के नियम ” 480. ساٹھ برسوں کی نمازوں کی عدم مقبولیت کی وجہ 480. “ साठ वर्ष की इबादत स्वीकार न होने का कारण ” 481. عید کے موقع پر تکبیرات کی ابتداء و انتہا کا وقت 481. “ ईद के दिन तकबीर कहने का पहला और अंतिम समय ” 482. نماز میں معذور آدمی کا ٹیک لگانا 482. “ नमाज़ में विकलांग आदमी का टेक लगाना ” 483. شیاطین کا مختلف شکلوں میں گھروں میں گھسنا، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کا معجزہ جو سیدنا قتادہ رضی اللہ عنہ کو سخت ظلمت اور بارش کے باوجود مسجد میں نماز عشاء ادا کرنے کی وجہ سے ملا 483. “ शैतान का विभिन्न रूपों में घरों में घुसना ، रसूल अल्लाह ﷺ का चमत्कार जो हज़रत अबू क़तादह रज़ि अल्लाहु अन्ह को बारिश होते हुए भी ईशा की नमाज़ मस्जिद में पढ़ने के कारण मिला ” 484. نماز تہجد، صالحیت کا تقاضا ہے 484. “ तहज्जुद की नमाज़ कैसे पढ़ी जाए ” 485. نماز تہجد سے پہلے دو خفیف رکعات ادا کرنا 485. “ तहज्जुद की नमाज़ से पहले दो हल्की रकअतें पढ़ना ” 486. رات کی نماز دو دو رکعت ہے 486. “ रात की नमाज़ दो दो रकअत है ” 487. مومن کا شرف نماز تہجد میں ہے 487. “ मोमिन का सम्मान रात की नमाज़ तहज्जुद में है ” 488. دوران سفر نماز تہجد ادا کرنے کا طریقہ، نماز وتر کے بعد مزید نفل پڑھنا کیسے ہیں؟ 488. “ यात्रा करते समय नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा वित्र की नमाज़ के बाद और अधिक नफ़िल पढ़ना केसा है ” 489. نماز میں سلام کا جواب دینے کا طریقہ، نماز میں کلام کرنا حرام ہے 489. “ नमाज़ में सलाम का जवाब कैसे दिया जाए और नमाज़ में बात करना हराम है ” 490. نمازی کو سلام کہنا 490. “ नमाज़ी को सलाम करना ” 491. خواتین و حضرات کا نماز میں اجازت کا جواب دینے کا طریقہ، نماز میں ایسا اشارہ کرنا جس سے کوئی بات سمجھی جا سکے 491. “ ओरतों का नमाज़ पढ़ते समय अनुमति का जवाब देने का तरीक़ा और नमाज़ पढ़ते समय ऐसा इशारा करना जिस से बात समझी जा सके ” 492. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کو نماز میں راحت ملتی تھی 492. “ रसूल अल्लाह ﷺ को नमाज़ में आराम मिलता था ” 493. نماز رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی آنکھوں کی ٹھنڈک 493. “ नमाज़ रसूल अल्लाह ﷺ की आँखों की ठंडक ” 494. نماز میں اس سے غافل کرنے والے امور سے دور رہا جائے 494. “ नमाज़ पढ़ते समय उस से बेख़बर करने वाली बातों से दूर रहा जाए ” 495. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی طویل نماز اور فرزندان امت کے حق میں دعائیں 495. “ नमाज़ रसूल अल्लाह ﷺ की लम्बी नमाज़ और उम्मत के लोगों के लिए दुआएं ” 496. مسلمانوں کے ایک دوسرے پر حقوق 496. “ मुसलमानों के एक दुसरे पर हक़ ” 497. جوتوں میں نماز پڑھنا 497. “ जूते पहन कर नमाज़ पढ़ना ” 498. بطور مصلحت بعض نمازوں کا حکم دینا 498. “ सलाह के तौर पर किसी नमाज़ का हुक्म देना ” 499. قاعد اور قائم کی نمازوں کے اجر و ثواب میں فرق 499. “ खड़े होकर और बैठ कर पढ़ने वाली नमाज़ के सवाब में अंतर ” 500. نماز میں اٹھتے وقت ہاتھوں کا سہارا اور ہاتھوں کی کیفیت 500. “ नमाज़ में उठते समय हाथों का सहारा और हाथों की स्थिति ” 501. معذور کا تکیہ وغیرہ پر سجدہ کرنا منع ہے 501. “ विकलांग को तकिये या किसी चीज़ पर सजदा करना मना है ” 502. نماز تین حصوں پرمشتمل ہے 502. “ नमाज़ के तीन भाग ” 503. فجر کی اقسام اور ان کے احکام 503. “ फ़जर के प्रकार और उस के नियम ” 504. تکبیرات الانتقال کب کہی جائیں؟ 504. “ सज्दा करते समय तकबीर कैसे कही जाए ” 505. نماز فجر کے بعد خوابوں کے بارے میں سوال کرنا 505. “ फ़जर की नमाज़ के बाद सपने के बारे में पूछना ” 506. بعد از رکوع قنوت نازلہ کرنا 506. “ रुकू के बाद क़ुनूत नाज़्लह कैसे पढ़ी जाए ” 507. قنوت نازلہ کا سبب 507. “ क़ुनूत नाज़्लह का करण ” 508. تمام اعمال صالحہ اللہ تعالیٰ کی توفیق سے سرانجام پاتے ہیں 508. “ सभी अच्छे कामों को अल्लाह के समर्थन से किया जाता है ” 509. نماز میں ہاتھ باندھنے کی کیفیت، رکوع کے بعد ہاتھ باندھنا 509. “ नमाज़ में हाथ बांधने की स्थिति ، रुकू के बाद हाथ बंधना ” 510. دوران سجدہ ناک زمین پر رکھنا 510. “ सज्दा करते समय नाक का ज़मीन को छूना ” 511. دوران سجدہ بازؤوں کی کیفیت 511. “ सज्दा करते समय बाज़उों की स्थिति ” 512. ہتھیلیوں کے گداز حصے پر سجدہ کرنا 512. “ हथेलियों के नरम वाले भाग पर सज्दा करना ” 513. اطمینان سے رکوع و سجود نہ کرنے والے کی نماز مقبول نہیں 513. “ तसल्ली से नमाज़ न पढ़ने वाले की नमाज़ सविकर नहीं होती है ” 514. سجدے میں ٹھونگیں مارنا اور زمین پر بازو پھیلا دینا منع ہے 514. “ सजदे में ठोंगे मारना और ज़मीन पर बाज़ू बिछाना मना है ” 515. رکوع میں پیٹھ کی کیفیت 515. “ रुकू करते समय पीठ की स्थिति ” 516. سجدے اور رکوع کی تسبیح 516. “ सजदे और रुकू की तस्बीह ” 517. دوران نماز سنت کے مطابق اشارہ کرنے کی فضیلت 517. “ नमाज़ पढ़ते समय सुन्नत तरीक़े से इशारा करने की फ़ज़ीलत ” 518. قصر نماز کی مسافت کی مقدار 518. “ यात्रा की नमाज़ यानि क़स्र कितनी दूरी तक पढ़ी जा सकती है ” 519. آگ پر پکی ہوئی چیز کھانے سے وضو کرنا منسوخ ہو گیا کھانا کھانے کے بعد نماز کے لیے کلی کرنا ضروری نہیں 519. “ आग पर पका हुआ खाने के बाद वुज़ू करना रद्द हो गया और खाना खाने के बाद कुल्ला करना ज़रूरी नहीं ” 520. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا اپنی بیویوں کی چادروں میں نماز نہ پڑھنا 520. “ रसूल अल्लाह ﷺ का अपनी पत्नी की चादर में नमाज़ न पढ़ना ” 521. سرخ اور پوستین والی چادروں میں نماز پڑھنا 521. “ चमड़े की लाल चादर में नमाज़ पढ़ना ” 522. رات کو وعظ و نصیحت کرنا 522. “ रात में वाअज़ और नसीहत करना ” 523. نمازیوں کی کثرت کا لحاظ کرتے ہوئے نماز جماعت جلد یا بتاخیر قائم کرنا 523. “ नमाज़ी कम या अधिक होने के करण नमाज़ में जल्दी या देर करना ” 524. نماز عیدین کی ادائیگی کا طریقہ 524. “ ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा ” 525. نماز عیدین میں چھ یا بارہ تکبیرات کہنا 525. “ ईद की नमाज़ में छे या बारह तकबीर कहना ” 526. خطبہ دیتے وقت ہاتھ میں چھڑی لینا 526. “ ख़ुत्बा देते समय हाथ में छड़ी लेना ” 527. مقام ابراہیم کے پاس نماز ادا کرنا «فليدع ناديه سندع الزبانيه» کا شان نزول 527. “ मुक़ाम इब्राहिम के पास नमाज़ पढ़ना और आयत « فَلْيَدْعُ نَادِيَهُ ... سَنَدْعُ الزَّبَانِيَةَ » के उतरने का कारण ” 528. بچوں کا دوران سجدہ نمازی کی کمر پر بیٹھ جانا 528. “ बच्चों का नमाज़ पढ़ते समय नमाज़ी की पीठ पर बैठ जाना ” 529. نفلی نماز کے دوران دروازہ کھولنا 529. “ नफ़्ली नमाज़ के बीच दरवाज़ा खोलना ” 530. چٹائی پر نماز پڑھنا 530. “ चटाई पर नमाज़ पढ़ना ” 531. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا سجدے میں سو جانا 531. “ रसूल अल्लाह ﷺ का सजदे में सो जाना ” 532. بحالت نماز، نمازی کے کپڑے سے منی کھرچنا 532. “ नमाज़ के बीच नमाज़ी के कपड़े से वीर्य खुरचना ” 533. لیلتہ القدر کی تلاش 533. “ लैलतुल क़द्र की खोज ” 534. نماز میں ظاہری خشوع کی فضیلت 534. “ नमाज़ को ध्यान से पढ़ने की फ़ज़ीलत ” 535. ہر آدمی کو قریبی مسجد میں نماز ادا کرنا چاہئے 535. “ पास वाली मस्जिद में नमाज़ पढ़ना चाहिए ” 536. مسجد قبا میں نماز ادا کرنے کا اجر و ثواب 536. “ मस्जिद क़बा में नमाज़ पढ़ने का सवाब ” 537. مسجد میں داخل یا جارج ہوتے وقت کس پاؤں کو مقدم کیا جائے؟ 537. “ मस्जिद में अंदर जाते समय और बाहर निकलते समय कौन सा पैर आगे बढ़ाया जाए ” 538. فرض نمازوں میں کی گئی کم و کاست کو نفلی نماز سے پورا کیا جائے گا 538. “ फ़र्ज़ माज़ की कमी को नफ़िल नमाज़ से पूरा किया जाए गा ” 539. نماز میں دس یا سو یا ہزار آیات تلاوت کرنے کا صلہ 539. “ नमाज़ में दस या सौ या एक हज़ार आयतें पढ़ने का बदला ” 540. نماز کی حالت میں بالوں کو سر کے پیچھے اکٹھے کر کے باندھا منع ہے 540. “ नमाज़ में सिर के पीछे बालों को एक साथ बांधना मना है ” 541. خطبہ جمعہ کے دوران دنیا کی خاطر چلا جانا سنگین جرم ہے 541. “ ख़ुत्बे के बीच दुनयावी काम के लिए चले जाना मना है ” 542. کون سی مسجد میں اعتکاف کیا جائے؟ 542. “ किस मस्जिद में एतकाफ़ किया जाए ” 543. قبر پر یا قبر رخ ہو کا نماز پڑھنا منع ہے 543. “ क़ब्र की ओर मुंह करके या क़ब्र पर नमाज़ पढ़ना मना है ” 544. نماز اور سلام کو ناقص چھوڑنا منع ہے 544. “ नमाज़ और सलाम को अधूरा छोड़ना मना है ” 545. اذان کے بعد بلا عذر مسجد سے نکلنے والا اور پھر نہ لوٹنے والا منافق ہے 545. “ अज़ान के बाद बिना कारण के बाहर निकलने वाला और फिर वापस न आने वाल मुनाफ़िक़ है ” 546. وضو ٹوٹ جانے کا وسوسہ ڈالنے کے لیے شیطان کی کاروائیاں 546. “ वुज़ू टूट जाने का वहम शैतान कैसे डालता है ” 547. جن مقامات پر نمازی کی نگاہ پڑتی ہے، ان کا نقش و نگار والا ہونا کیسا ہے؟ 547. “ जिस कपड़े पर नमाज़ पढ़ी जाए उस का फूल बूटे वाला होना कैसा है ” 548. عورتیں ناقص دین کیوں ہیں؟ 548. “ औरतों में दीन की कमी किस कारण है ” 549. قرآن کی تلاوت کرنے والوں کی اقسام 549. “ क़ुरआन पढ़ने वाले कितने प्रकार के हैं ” 550. ایک مقتدی کا امام کی دائیں جانب اس کے برابر کھڑے ہونا 550. “ एक नमाज़ी का इमाम के दाएं ओर खड़ा होना ” 551. نماز وتر کا وقت 551. “ वित्र की नमाज़ का समय ” 552. نماز وتر کب پڑھی جائے 552. “ वित्र की नमाज़ किस समय पढ़ी जाए ” 553. کیا نماز وتر فرض ہے؟ 553. “ क्या वित्र की नमाज़ फ़र्ज़ है ” 554. رکعات وتر ایک سے نو تک 554. “ वित्र की नमाज़ की रकअतें एक से नो तक ” 555. نماز وتر کے بعد نفلی نماز ادا کرنا درست ہے 555. “ वित्र की नमाज़ के बाद नफ़िल नमाज़ पढ़ना ठीक है ” |
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा الاذان و الصلاة اذان اور نماز अज़ान और नमाज़ دن کو آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی نفلی نماز کی روٹین “ दिन भर में रसूल अल्लाह ﷺ की नमाज़ें पढ़ने का हाल ”
عاصم بن ضمرہ کہتے ہیں: ہم نے سیدنا علی رضی اللہ عنہ سے نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی نفلی نماز، جو وہ دن کو پڑھتے تھے، کے بارے میں سوال کیا۔ انہوں نے کہا: بلاشبہ تم لوگوں میں وہ نماز ادا کرنے کی سکت ہی نہیں۔ ہم نے کہا: آپ ہمیں بتلا تو دیں، ہر کوئی اپنی استطاعت کے مطابق عمل کر لے گا۔ انہوں نے کہا: جب آپ صلی اللہ علیہ وسلم نماز فجر سے فارغ ہوتے تو (مزید) نماز پڑھنے سے رک جاتے، یہاں تک کہ سورج طلوع ہو جاتا اور مشرق میں اتنا بلند ہو جاتا جتنا کہ نماز عصر کے وقت مغرب کی جانب ہوتا ہے، اس وقت میں آپ صلی اللہ علیہ وسلم دو رکعتیں پڑھتے، پھر ٹھہر جاتے یہاں تک سورج مشرق کی جانب اتنا بلند ہو جاتا جتنا کہ مغرب کی طرف بوقت ظہر ہوتا ہے، آپ صلی اللہ علیہ وسلم اس وقت میں چار رکعتیں پڑھتے، پھر سورج ڈھلنے کے بعد قبل از ظہر چار، بعد از ظہر دو اور قبل از عصر چار رکعت پڑھتے، (چار رکعات نماز میں) ہر دو رکعتوں کے بعد مقرب فرشتوں، نبیوں اور ان کے پیروکار مسلمانوں کے لیے سلامتی کی دعا کر کے فاصلہ کرتے اور آخری رکعت کے بعد سلام پھیرتے۔
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