“ वुज़ू के बिना कोई नमाज़ स्वीकार नहीं की जाती ” |
1 |
110 |
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“ वुज़ू की फ़ज़ीलत ” |
1 |
111 |
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“ जब ही वुज़ू किया जाए जब वुज़ू टूटने की पुष्टि हो जाए ” |
1 |
112 |
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“ हल्का वुज़ू करना ” |
1 |
113 |
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“ पूरी तरह से वुज़ू करना और अंगों को पूरी तरह से धोना ” |
1 |
114 |
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“ मुंह को दोनों हाथों से केवल एक चुल्लू से धोने का बयान ” |
1 |
115 |
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“ शौचालय जाते समय क्या कहे ? ” |
1 |
116 |
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“ शौचालय जाते समय पानी रखदेना ” |
1 |
117 |
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“ पेशाब करते समय क़िबला की ओर मुंह न करना ” |
1 |
118 |
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“ वह जो दो ईंटों पर बैठकर शौच करता हो ” |
1 |
119 |
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“ महिलाओं को शौच के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति है ” |
1 |
120 |
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“ पानी से इस्तंजा करना भी सुन्नत है ” |
1 |
121 |
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“ शौचालय में जाने के लिए पानी के साथ भाला लेजाना ” |
1 |
122 |
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“ दाहिने हाथ से इस्तंजा करना मना है ” |
1 |
123 |
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“ ढेलों से भी इस्तंजा करना मसनून है ” |
1 |
124 |
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“ गोबर से इस्तंजा करना मना है ” |
1 |
125 |
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“ वुज़ू में एक एक बार अंगों को धोना ” |
1 |
126 |
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“ वुज़ू में अंगों को दो दो दफ़ा भी धोया गया है ” |
1 |
127 |
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“ वुज़ू में अंगों को तीन तीन दफ़ा भी धोया गया है ” |
2 |
128 سے 129 |
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“ वुज़ू में नाक साफ़ करना भी है ” |
1 |
130 |
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“ संख्या में ताक़ पत्थरों से इस्तंजा करना चाहिए ” |
1 |
131 |
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“ यदि जूते पहने हुए हैं तो उतार कर पैर धोना ज़रूरी है, जूतों पे मसह नहीं किया जा सकता ” |
1 |
132 |
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“ दाहिनी ओर से वुज़ू और ग़ुस्ल शुरू करना चाहिए ” |
1 |
133 |
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“ जब नमाज़ का समय हो तो वुज़ू के लिए पानी ढूँढना ज़रूरी है ” |
1 |
134 |
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“ जिस पानी से इंसान के बाल धोए जाते हैं, उसका क्या हुक्म है ? ” |
1 |
135 |
|
“ जब कुत्ता बर्तन में से कुछ पीले तो क्या करें ” |
2 |
136 سے 137 |
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“ जिस ने वुज़ू टूट जाने पर वुज़ू करना ज़रूरी न समझा ” |
3 |
138 سے 140 |
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“ यदि कोई व्यक्ति अपने साथी को वुज़ू करादे तो कोई हर्ज नहीं ” |
1 |
141 |
|
“ वुज़ू टूटने के बाद बिना वुज़ू किये क़ुरआन पढ़ना ” |
1 |
142 |
|
“ पुरे सिर का मसह करना ज़रूरी है ” |
1 |
143 |
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“ लोगों के वुज़ू से बचे हुए पानी का उपयोग ” |
2 |
144 سے 145 |
|
“ आदमी का अपनी पत्नी के साथ वुज़ू करना ” |
1 |
146 |
|
“ नबी ﷺ ने एक बेहोश व्यक्ति पर अपना वुज़ू का बचा हुआ पानी छिड़का ” |
1 |
147 |
|
“ कटोरे में ग़ुस्ल और वुज़ू करना ठीक है ” |
3 |
148 سے 150 |
|
“ पानी के तसले में वुज़ू करना ” |
1 |
151 |
|
“ एक मद पानी से वुज़ू करना ” |
1 |
152 |
|
“ मोज़ों पर मसह करना ” |
3 |
153 سے 155 |
|
“ यदि मोज़े पहने हुए हों तो दोबारा धोने के लिए न उतारे ” |
1 |
156 |
|
“ बकरी के मांस और सत्तू खाने के बाद वुज़ू नहीं किया ” |
1 |
157 |
|
“ सत्तू खाकर कुल्ला किया वुज़ू न किया ” |
2 |
158 سے 159 |
|
“ क्या दूध पीने के बाद भी कुल्ला करना ज़रूरी है ? ” |
1 |
160 |
|
“ यदि सोजाए तो वुज़ू करना ज़रूरी है और यदि ऊंघ आजाए या नींद का झोंका आजाए और झूमने लगे तो वुज़ू ज़रूरी नहीं ” |
2 |
161 سے 162 |
|
“ हवा निकले ( पादे ) बिना फिर से वुज़ू करना ठीक है ” |
1 |
163 |
|
“ पेशाब से न बचना बड़े पापों में से एक है |
1 |
164 |
|
“ पेशाब धोने के बारे में जो बताया गया है ” |
1 |
165 |
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“ एक व्यक्ति जो मस्जद में पेशाब कर रहा था नबी ﷺ ने उसको छुटकारा पाने की छूट दी ” |
1 |
166 |
|
“ बच्चों का पेशाब अपवित्र है या नहीं ? ” |
1 |
167 |
|
“ खड़े होकर और बैठकर पेशाब करना ” |
1 |
168 |
|
“ दीवार की आड़ करके अपने साथी की मौजूदगी में पेशाब करना ” |
1 |
169 |
|
“ ख़ून धोलेना ठीक है ” |
2 |
170 سے 171 |
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“ वीर्य को धोना और रगड़ना दोनों समान हैं ” |
1 |
172 |
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“ ऊंटों और मवेशियों और बकरियों का पेशाब और उनके रहने की जगह यानी बाड़े अपवित्र हैं या नहीं ? ” |
2 |
173 سے 174 |
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“ यदि घी और पानी में अपवित्र चीज़ गिर जाए तो उनका क्या हुक्म है ? ” |
2 |
175 سے 176 |
|
“ ठहरे हुए पानी में पेशाब नहीं करना चाहिए ” |
1 |
177 |
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“ नमाज़ पढ़ने वाले की पीठ पर यदि कोई अपवित्र चीज़ या लाश रखदी जाए तो उसकी नमाज़ अमान्य नहीं होगी ” |
1 |
178 |
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“ कपड़े में थूक या नाक या ऐसा कुछ करना ” |
1 |
179 |
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“ एक महिला ने अपने पिता के चेहरे से ख़ून धोया ” |
1 |
180 |
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“ मिस्वाक करना सुन्नत है ” |
2 |
181 سے 182 |
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“ एक बड़े व्यक्ति को मिस्वाक देना सुन्नत है ” |
1 |
183 |
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“ वुज़ू करके सोने वाले व्यक्ति की फ़ज़ीलत ” |
1 |
184 |
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