ग़ुस्ल के बारे में
1. “ ग़ुस्ल से पहले वुज़ू करना मसनून है ”
2. “ पति अपनी पत्नी के साथ नहा सकता है ”
3. “ कगभग एक साअ पानी से नहाना ”
4. “ सिर पर तीन दफ़ा पानी बहाना ”
5. “ नहाते समय ख़ुश्बू से शरू करना ”
6. “ संभोग के बाद बिना नहाए फिर संभोग करना ”
8. “ ग़ुस्ल में बालों का ख़िलाल करना चाहिए ”
9. “ जिसको मस्जिद में जाने के बाद याद आए कि वह अपवित्र है तो उसे तुरंत मस्जिद छोड़ देनी चाहिए और तयम्मुम नहीं करना चाहिए ”
10. “ एकांत में नंगे होकर नहाना ”
11. “ लोगों के सामने नहाते समय पर्दा करना ”
12. “ अपवित्र व्यक्ति का पसीना पवित्र है और मोमिन कभी अपवित्र नहीं होता है ”
13. “ अपवित्र व्यक्ति ग़ुस्ल करने से पहले सो सकता है ”
14. “ ग़ुस्ल तभी वाजिब है जब मर्द और औरत दोनों के गुप्तअंग एक दूसरे से मिल जाएं ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
غسل کا بیان
ग़ुस्ल के बारे में
جس کو مسجد میں (داخل ہونے کے بعد) یاد آئے کہ جنبی ہے (تو وہ) فوراً مسجد سے نکل جائے اور تیمم نہ کرے۔
“ जिसको मस्जिद में जाने के बाद याद आए कि वह अपवित्र है तो उसे तुरंत मस्जिद छोड़ देनी चाहिए और तयम्मुम नहीं करना चाहिए ”
حدیث نمبر: 196
Save to word مکررات اعراب Hindi
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ (ایک مرتبہ) نماز کی اقامت کہی گئی اور صفتیں کھڑی کر کے درست کی گئیں، پھر رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم ہماری طرف تشریف لائے تو جب آپ صلی اللہ علیہ وسلم نماز پڑھانے کی جگہ پر کھڑے ہو گئے تو اس وقت یاد کیا کہ جنبی ہیں، پھر ہم سے فرمایا: تم اپنی جگہ پر (کھڑے) رہو۔ اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم لوٹ گئے اور غسل کیا اور اس کے بعد ہمارے پاس تشریف لائے اور آپ صلی اللہ علیہ وسلم کے سر سے پانی ٹپک رہا تھا، پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے تکبیر (تکبیر تحریمہ) کہی اور ہم سب نے آپ صلی اللہ علیہ وسلم کے ہمراہ نماز پڑھی۔

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