ग़ुस्ल के बारे में
1. “ ग़ुस्ल से पहले वुज़ू करना मसनून है ”
2. “ पति अपनी पत्नी के साथ नहा सकता है ”
3. “ कगभग एक साअ पानी से नहाना ”
4. “ सिर पर तीन दफ़ा पानी बहाना ”
5. “ नहाते समय ख़ुश्बू से शरू करना ”
6. “ संभोग के बाद बिना नहाए फिर संभोग करना ”
8. “ ग़ुस्ल में बालों का ख़िलाल करना चाहिए ”
9. “ जिसको मस्जिद में जाने के बाद याद आए कि वह अपवित्र है तो उसे तुरंत मस्जिद छोड़ देनी चाहिए और तयम्मुम नहीं करना चाहिए ”
10. “ एकांत में नंगे होकर नहाना ”
11. “ लोगों के सामने नहाते समय पर्दा करना ”
12. “ अपवित्र व्यक्ति का पसीना पवित्र है और मोमिन कभी अपवित्र नहीं होता है ”
13. “ अपवित्र व्यक्ति ग़ुस्ल करने से पहले सो सकता है ”
14. “ ग़ुस्ल तभी वाजिब है जब मर्द और औरत दोनों के गुप्तअंग एक दूसरे से मिल जाएं ”

مختصر صحيح بخاري کل احادیث 2230 :حدیث نمبر
مختصر صحيح بخاري
غسل کا بیان
ग़ुस्ल के बारे में
(غسل جب ہی فرض ہے کہ) جب مرد و عورت دونوں کے ختنے (شرمگاہیں) مل جائیں۔
“ ग़ुस्ल तभी वाजिब है जब मर्द और औरत दोनों के गुप्तअंग एक दूसरे से मिल जाएं ”
حدیث نمبر: 202
Save to word مکررات اعراب Hindi
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سے روایت کرتے ہیں کہ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: مرد جب اپنی عورت کے چاروں کونوں کے درمیان بیٹھ گیا پھر اس کے ساتھ (جماع کی) کوشش کرے تو یقیناً غسل واجب ہو گیا۔

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