نمبر | ابواب فہرست | کل احادیث | احادیث | تفصیل |
317 |
“ रसूल अल्लाह ﷺ की बैअत करते समय नमाज़ के बार में ” |
2 | 471 سے 472 | |
318 |
“ फ़र्ज़ नमानों की रकअतें कितनी हैं ” |
1 | 473 | |
319 |
“ नमाज़ दुसरे कर्मों के स्वीकार होने या न होने का आधार है ” |
2 | 474 سے 475 | |
320 |
“ नमाज़ की एहमियत ” |
6 | 476 سے 481 | |
321 |
“ एक वर्ष की नमाज़ों और रोज़ों की बिना पर शहीद होने वाले पर बढ़त ” |
1 | 482 | |
322 |
“ अल्लाह तआला का नमाज़ी की तरफ़ ध्यान करना ” |
1 | 483 | |
323 |
“ फ़रिश्तों का नमाज़ी का क़ुरआन सुनने का अंदाज़ ” |
1 | 484 | |
324 |
“ नेकी की इच्छा पर नमाज़ का हुक्म ” |
1 | 485 | |
325 |
“ नमाज़ शरीर के अंगों का सदक़ह ” |
1 | 486 | |
326 |
“ ठीक और अच्छे तरीक़े से पढ़ी गई नमाज़ का बदला ” |
1 | 487 | |
327 |
“ नमाज़ छोड़ देने का बोझ ” |
1 | 488 | |
328 |
“ पहले की और बाद की नमाज़ों की रकअतें ” |
2 | 489 سے 490 | |
329 |
“ मुक़ीम के पीछे यात्री को नमाज़ पूरी पढ़ना चाहिए ” |
1 | 491 | |
330 |
“ एक बार शराब पीने से चालीस दिन की नमाज़ स्वीकार नहीं की जाती ” |
1 | 492 | |
331 |
“ घबराहट में नमाज़ का सहारा लेना ” |
1 | 493 | |
332 |
“ पांचों नमाज़ें पढ़ने की फ़ज़ीलत ” |
3 | 494 سے 496 | |
333 |
“ सज्दों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 497 | |
334 |
“ अल्लाह तआला की तरफ़ से फ़ज्र की नमाज़ पढ़ने वाले की ज़मानत ” |
1 | 498 | |
335 |
“ जुमा के दिन फ़ज्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत ” |
1 | 499 | |
336 |
“ अस्र की नमाज़ की फ़ज़ीलत और कारण ” |
1 | 500 | |
337 |
“ नमाज़ की दो रकअतें ही दुनिया की हर चीज़ से अच्छी हैं ” |
1 | 501 | |
338 |
“ नमाज़ी का दर्जा और मर्तबा ” |
1 | 502 | |
339 |
“ जुमा के दिन की और जुमा की नमाज़ पढ़ने वालों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 503 | |
340 |
“ जुमा की नमाज़ पापों का कफ़्फ़ारह होती है ” |
3 | 504 سے 506 | |
341 |
“ जुमा की नमाज़ न पढ़ने वालों का बोझ ” |
1 | 507 | |
342 |
“ विशेष रूप से जुमआ की रात को क़याम करना और दिन में रोज़ा रखना मना है ” |
1 | 508 | |
343 |
“ ख़ुत्बा सुनते समय यदि नींद आने लगे तो जगह बदल लेनी चाहिए ” |
1 | 509 | |
344 |
“ जुमा की नमाज़ के लिए ग़ुस्ल करना यानि सुन्नत तरीक़े से नहाना ” |
3 | 510 سے 512 | |
345 |
“ ग़ुस्ल करने यानि सुन्नत तरीक़े से नहाने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 513 | |
346 |
“ जुमा की नमाज़ के लिए जल्दी आने वालों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 514 | |
347 |
“ जुमा के दिन मिस्वाक करना और ख़ुश्बू लगाना ” |
1 | 515 | |
348 |
“ ख़ुत्बा कैसे सुना जाए ” |
1 | 516 | |
349 |
“ इमाम का मिम्बर पर चढ़ते हुए सलमा करना ” |
1 | 517 | |
350 |
“ ख़ुत्बे के बीच बात करने का नुक़सान ” |
1 | 518 | |
351 |
“ नमाज़ के माध्यम से अल्लाह तआला से बात की जाती है इस लिए आवाज़ धीमी होनी चाहिए ” |
3 | 519 سے 521 | |
352 |
“ मस्जिद हराम ، मस्जिद नबवी और मस्जिद अक़्सा की फ़ज़ीलत ” |
3 | 522 سے 524 | |
353 |
“ जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत ” |
3 | 525 سے 527 | |
354 |
“ जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ना एक मुबारक कर्म है ” |
1 | 528 | |
355 |
“ जमाअत में नमाज़ियों का अधिक होना सवाब को बढ़ता है ” |
1 | 529 | |
356 |
“ लगातार चालीस दिन तक नमाज़ पहली तकबीर से जमाअत के साथ पढ़ने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 530 | |
357 |
“ नमाज़ के लिए मस्जिद की तरफ़ कैसे आया जाए ” |
1 | 531 | |
358 |
“ अगर इमाम रुकू में हो तो जमाअत में कैसे शामिल हों ” |
2 | 532 سے 533 | |
359 |
“ अज़ान सुनने वाला मस्जिद में जाकर जमाअत के साथ नमाज़ पढ़े ” |
1 | 534 | |
360 |
“ नमाज़ी को इमाम की पैरवी करना ” |
3 | 535 سے 537 | |
361 |
“ नमाज़ी को इमाम की पैरवी करने का हुक्म ” |
1 | 538 | |
362 |
“ इमाम के पस कौन से लोग खड़े हों ” |
1 | 539 | |
363 |
“ यदि इमाम बैठ कर नमाज़ पढ़ाए तो नमाज़ी भी बैठ कर नमाज़ पढ़े ” |
1 | 540 | |
364 |
“ इमाम नमाज़ का ज़िम्मेदार है ” |
1 | 541 | |
365 |
“ इमाम लोकप्रिय होना चाहिए ” |
1 | 542 | |
366 |
“ नमाज़ बुराई से रोकती है ” |
1 | 543 | |
367 |
“ नमाज़ पापों का प्रभाव ख़त्म रक देती है ” |
6 | 544 سے 549 | |
368 |
“ नमाज़ न पढ़ने वाला मुसलमान नहीं ” |
1 | 550 | |
369 |
“ नमाज़ न पढ़ने से दीन की सारी निशानियाँ मिट जाती हैं ” |
1 | 551 | |
370 |
“ नमाज़ के बीच में इमाम को लुक़मा देना यानि ग़लती बताना ” |
1 | 552 | |
371 |
“ नमाज़ के इंतज़ार का समय भी नमाज़ में गिना जाता है ” |
1 | 553 | |
372 |
“ मस्जिदों को आबाद करने वालों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 554 | |
373 |
“ मस्जिद में बैठने वालों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 555 | |
374 |
“ मुत्तक़ी लोगों का घर मस्जिद है ” |
1 | 556 | |
375 |
“ मस्जिद की तरफ़ चलने की फ़ज़ीलत ” |
3 | 557 سے 559 | |
376 |
“ नमाज़ के लिए मस्जिद में जाते समय मौत आ जाने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 560 | |
377 |
“ नमाज़ पढ़ चुकने के बाद दूसरी नमाज़ का इंतज़ार करने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 561 | |
378 |
“ इमाम को नमाज़ हल्की पढ़ाना चाहिए ” |
2 | 562 سے 563 | |
379 |
“ इमाम को नमाज़ हल्की पढाने के लिए सूरत अल-ग़ाशिया और सूरत अल-आला पढ़ने की नसीहत ” |
3 | 564 سے 566 | |
380 |
“ इमाम वह होना चाहिए जिस को लोग पसंद करते हों ” |
1 | 567 | |
381 |
“ इमाम परहेज़गार होना चाहिए ” |
1 | 568 | |
382 |
“ नमाज़ पढ़ते समय सफ़ बनाने की एहमियत ” |
9 | 569 سے 577 | |
383 |
“ सफ़ के बीच ख़ाली जगह में खड़े होकर सफ़ को पूरा करने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 578 | |
384 |
“ नमाज़ के बीच सफ़ को मिलाने वाले पर अल्लाह तआला रहमत भेजता है ” |
2 | 579 سے 580 | |
385 |
“ खम्बों के बीच सफ़ बनाना मना है ” |
1 | 581 | |
386 |
“ पति की आज्ञाकारी न करने वाली औरत की नमाज़ स्वीकार नहीं होती ” |
1 | 582 | |
387 |
“ अज़ान और इक़ामत के बीच कितना समय होना चाहिए ” |
1 | 583 | |
388 |
“ जिस घर में क़ुरआन पढ़ा जाता है उस की फ़ज़ीलत ” |
1 | 584 | |
389 |
“ नफ़िली नमाज़ घर में पढ़ना अफ़ज़ल है ” |
5 | 585 سے 589 | |
390 |
“ बकरियों की बाड़ में नमाज़ पढ़ने के बारे में ” |
1 | 590 | |
391 |
“ एकांत में नमाज़ पढ़ने का कारण और उस का सवाब ” |
2 | 591 سے 592 | |
392 |
मस्जिद बनाने का सवाब ” |
2 | 593 سے 594 | |
393 |
“ मस्जिद की इमारत ” |
2 | 595 سے 596 | |
394 |
“ मुहल्लों में मस्जिद बनाने का हुक्म ” |
1 | 597 | |
395 |
“ मस्जिद के नियम ” |
1 | 598 | |
396 |
“ मस्जिद के दरवाज़े के आसपास पेशाब करना मना है ” |
1 | 599 | |
397 |
“ गिरजा घर की जगह पर मस्जिद बनाने का तरीक़ा ” |
2 | 600 سے 601 | |
398 |
“ हज़रत उमर ने अस्र की नमाज़ के बाद दो सुन्नतें पढ़ना कियों मना किया ” |
1 | 602 | |
399 |
“ फ़र्ज़ नमाज़ और उस के बाद वाली नमाज़ के बीच थोड़ा समय रखना चाहिए ” |
2 | 603 سے 604 | |
400 |
“ फ़र्ज़ नमाज़ और उस के बाद वाली नमाज़ के बीच किसी से बात कर लेना या जगह बदल लेना चाहिए ” |
1 | 605 | |
401 |
“ इबादत के मामले में सुस्ती करने का अंजाम ” |
1 | 606 | |
402 |
“ दोनों ईद की नमाज़ में औरतों का ईदगाह जाने के बारे में ” |
3 | 607 سے 609 | |
403 |
“ नमाज़ों का पहला और अंतिम समय ” |
1 | 610 | |
404 |
“ यदि सो जाने या भूल जाने के कारण नमाज़ नहीं पढ़ी तो ...और जानबूझ कर छोड़ी हुई नमाज़ की क़ज़ाअ नहीं ” |
2 | 611 سے 612 | |
405 |
“ यदि किसी नमाज़ की एक रकअत पढ़ने के बाद उस का समय ख़त्म हो जाए ” |
2 | 613 سے 614 | |
406 |
“ नमाज़ का उस के समय पर पढ़ना ” |
1 | 615 | |
407 |
“ रसूल अल्लाह ﷺ फ़जर की नमाज़ किस समय पढ़ते थे ” |
2 | 616 سے 617 | |
408 |
“ यात्रा के कारण ज़ोहर की नमाज़ जल्दी पढ़ना चाहिए ” |
1 | 618 | |
409 |
“ सूर्य डूबते ही मग़रिब की नमाज़ का समय शरू हो जाता है ” |
1 | 619 | |
410 |
“ मग़रिब की नमाज़ जल्दी पढ़ने का हुक्म ” |
1 | 620 | |
411 |
“ ईशा की नमाज़ का समय ” |
1 | 621 | |
412 |
“ ईशा की नमाज़ थोड़ा देर से पढ़ना रसूल अल्लाह ﷺ की उम्मत की विशेषता ” |
1 | 622 | |
413 |
“ अस्र की नमाज़ देर से पढ़ना मुनाफ़िक़त की निशानी है ” |
1 | 623 | |
414 |
“ नमाज़ों के मकरूह समय यनि जो पसंद नहीं किये गए ” |
3 | 624 سے 626 | |
415 |
“ मक्का में नमाज़ का कोई समय मकरूह नहीं ” |
1 | 627 | |
416 |
“ सूर्य निकलने और सूर्य डूबने के समय कितनी देर नमाज़ पढ़ना मना है ، नमाज़ों का मकरूह समय ” |
1 | 628 | |
417 |
“ नमाज़ें जमा करके पढ़ना ” |
3 | 629 سے 631 | |
418 |
“ यात्रा में नमाज़ें जमा करना ” |
2 | 632 سے 633 | |
419 |
“ बारह पक्की सुन्नतों को पढ़ने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 634 | |
420 |
“ ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतों की फ़ज़ीलत ” |
2 | 635 سے 636 | |
421 |
“ ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतें पढ़ने का हाल ” |
1 | 637 | |
422 |
ज़ोहर की नमाज़ से पहले की चार सुन्नतें पढ़ने का कारण ” |
1 | 638 | |
423 |
“ जुमआ की नमाज़ से पहले कितनी सुन्नतें पढ़ी जाएं ” |
1 | 639 | |
424 |
“ फ़जर की दो सुन्नतों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 640 | |
425 |
“ फ़जर की दो सुन्नतों को पाबंदी के साथ सदा पढ़ना ” |
1 | 641 | |
426 |
“ फ़जर और मग़रिब की दो सुन्नतों में सूरत अल-काफ़िरून और सूरत अल-इख़लास पढ़ना ” |
2 | 642 سے 643 | |
427 |
“ फ़जर से पहले की दो सुन्नतें यदि रह जाएं तो किस समय पढ़ी जाएं ” |
1 | 644 | |
428 |
“ असर की नमाज़ के बाद की दो सुन्नतें ” |
4 | 645 سے 648 | |
429 |
“ मग़रिब की नमाज़ से पहले दो सुन्नतें पढ़ना ” |
1 | 649 | |
430 |
“ हर फ़र्ज़ नमाज़ से पहले कम से कम दो रकाअत नमाज़ का होना ” |
2 | 650 سے 651 | |
431 |
“ यात्रा में फ़र्ज़ नमाज़ से पहले और बाद की सुन्नतें न पढ़ने की छूट ” |
1 | 652 | |
432 |
“ मग़रिब और ईशा के बीच समय में नमाज़ पढ़ना ” |
1 | 653 | |
433 |
“ दिन भर में रसूल अल्लाह ﷺ की नमाज़ें पढ़ने का हाल ” |
1 | 654 | |
434 |
“ मस्जिद से फ़जर की नमाज़ के बाद चाशत की नमाज़ पढ़ कर निकलने की फ़ज़ीलत ” |
2 | 655 سے 656 | |
435 |
“ यदि भूक लगी हो तो खाना पहले खाने के बारे में ” |
1 | 657 | |
436 |
“ इमाम का ऊँची आवाज़ से आमीन कहना ” |
1 | 658 | |
437 |
“ आमीन कहने की फ़ज़ीलत ” |
4 | 659 سے 662 | |
438 |
“ इमाम की पैरवी ज़रूरी है ، नमाज़ी आमीन कब कहेगा ? क्या नमाज़ी भी “ समी अल्लाहु लिमन हमिदह ” कहेगा ? ” |
1 | 663 | |
439 |
“ यदि मस्जिद में थूकना पड़ जाए तो... ” |
1 | 664 | |
440 |
“ नमाज़ पढ़ते समय थूकने के नियम ” |
3 | 665 سے 667 | |
441 |
“ क़िब्ले की ओर थूकना मना है ” |
1 | 668 | |
442 |
“ जमाअत के साथ दोबारा नमाज़ पढ़ना ” |
1 | 669 | |
443 |
“ औरत का घर में नमाज़ पढ़ना अफ़ज़ल है ” |
2 | 670 سے 671 | |
444 |
“ औरतों का मस्जिद में आना और उस के नियम ” |
3 | 672 سے 674 | |
445 |
“ कुछ पापों के कारण नमाज़ियों ، रोज़ेदारों ، हाजियों और जिहाद करने वालों का जहन्नम में जाना संभव है ” |
1 | 675 | |
446 |
“ अज़ान देने का सवाब ” |
1 | 676 | |
447 |
“ दोहरी अज़ान और इकहरी इक़ामत ” |
1 | 677 | |
448 |
“ अज़ान का जवाब देना ” |
2 | 678 سے 679 | |
449 |
“ अज़ान के समय शैतान की क्या हालत होती है ” |
1 | 680 | |
450 |
“ बहुत सर्दी और बारिश के समय में अज़ान में बढ़ोतरी ” |
1 | 681 | |
451 |
“ सजदा सहु के नियम ” |
5 | 682 سے 686 | |
452 |
“ दो सजदों के बाद न बैठने की स्थिति में सहु के सजदे ” |
2 | 687 سے 688 | |
453 |
“ नमाज़ पढ़ते समय सुतरह यानि आड़ के लिए सामने कुछ रख लेना चाहिए ” |
2 | 689 سے 690 | |
454 |
“ नमाज़ के सामने से किस के गुज़र जाने से नमाज़ टूट जाती है ” |
1 | 691 | |
455 |
नमाज़ के लिए पूरे कपड़े पहनना और कारण ” |
1 | 692 | |
456 |
“ नमाज़ जनाज़ा और मरने वाले को अच्छा कहने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 693 | |
457 |
“ हाफ़िज़ का क़ुरआन को याद रखने का तरीक़ा ” |
1 | 694 | |
458 |
“ दुआ इस्तफ़ताह ” |
1 | 695 | |
459 |
“ इमाम जिस हालत में भी हो देर से आने वाला तुरंत नमाज़ में शामिल हो जाए और हर रकाअत में सूरत अल-फ़ातेहा पढ़ना ज़रूरी है ” |
1 | 696 | |
460 |
“ तशहहुद में बैठने का तरीक़ा ” |
1 | 697 | |
461 |
“ इक़आअ और तोरक का अर्थ और इन का नमाज़ से क्या संबंध है ” |
1 | 698 | |
462 |
“ तशहहुद के शब्द और दो रकअत के बाद के तशहहुद में भी दुआ करने की अनुमति ” |
1 | 699 | |
463 |
“ हर दो रकअत के बाद तशहहुद पढ़ना ” |
1 | 700 | |
464 |
“ तशहहुद के बीच शहादत की ऊँगली से इशारा करना ” |
2 | 701 سے 702 | |
465 |
“ नमाज़ ख़त्म करने के लिए एक सलाम फेरना ” |
1 | 703 | |
466 |
“ नमाज़ के बाद पढ़ने वाली दुआएं ” |
4 | 704 سے 707 | |
467 |
“ नमाज़ के बीच नमाज़ी की स्थिति ” |
2 | 708 سے 709 | |
468 |
“ वह समय जब दुआ स्वीकार होती है ” |
3 | 710 سے 712 | |
469 |
“ यदि नमाज़ के बीच वुज़ू टूट जाए तो क्या करे ” |
1 | 713 | |
470 |
“ सज्दों की फ़ज़ीलत ” |
1 | 714 | |
471 |
“ फ़जर की नमाज़ के बाद चाशत की नमाज़ पढ़कर लौटने वाले की फ़ज़ीलत ” |
2 | 715 سے 716 | |
472 |
“ फ़जर की नमाज़ के बाद से सूर्य के निकलने तक बैठे रहना और अल्लाह तआला की याद ” |
1 | 717 | |
473 |
“ अव्वाबीन की नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 718 | |
474 |
“ अव्वाबीन की नमाज़ का समय ” |
1 | 719 | |
475 |
“ चाशत की नमाज़ की फ़ज़ीलत ” |
2 | 720 سے 721 | |
476 |
“ ग़रीब लोग सदक़ह करने वाले धनी लोगों से अधिक सवाब कैसे पा सकते हैं ” |
1 | 722 | |
477 |
“ वुज़ू के बिना नमाज़ पढ़ना एक गंभीर अपराध है ” |
1 | 723 | |
478 |
“ इक़ामत हो जाने के बाद नफ़ली नमाज़ नहीं ” |
1 | 724 | |
479 |
“ ईद अल-अज़हा के दिन नमाज़ और ख़ुत्बे के नियम ” |
1 | 725 | |
480 |
“ साठ वर्ष की इबादत स्वीकार न होने का कारण ” |
1 | 726 | |
481 |
“ ईद के दिन तकबीर कहने का पहला और अंतिम समय ” |
1 | 727 | |
482 |
“ नमाज़ में विकलांग आदमी का टेक लगाना ” |
1 | 728 | |
483 |
“ शैतान का विभिन्न रूपों में घरों में घुसना ، रसूल अल्लाह ﷺ का चमत्कार जो हज़रत अबू क़तादह रज़ि अल्लाहु अन्ह को बारिश होते हुए भी ईशा की नमाज़ मस्जिद में पढ़ने के कारण मिला ” |
1 | 729 | |
484 |
“ तहज्जुद की नमाज़ कैसे पढ़ी जाए ” |
1 | 730 | |
485 |
“ तहज्जुद की नमाज़ से पहले दो हल्की रकअतें पढ़ना ” |
1 | 731 | |
486 |
“ रात की नमाज़ दो दो रकअत है ” |
1 | 732 | |
487 |
“ मोमिन का सम्मान रात की नमाज़ तहज्जुद में है ” |
1 | 733 | |
488 |
“ यात्रा करते समय नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा वित्र की नमाज़ के बाद और अधिक नफ़िल पढ़ना केसा है ” |
1 | 734 | |
489 |
“ नमाज़ में सलाम का जवाब कैसे दिया जाए और नमाज़ में बात करना हराम है ” |
3 | 735 سے 737 | |
490 |
“ नमाज़ी को सलाम करना ” |
1 | 738 | |
491 |
“ ओरतों का नमाज़ पढ़ते समय अनुमति का जवाब देने का तरीक़ा और नमाज़ पढ़ते समय ऐसा इशारा करना जिस से बात समझी जा सके ” |
3 | 739 سے 741 | |
492 |
“ रसूल अल्लाह ﷺ को नमाज़ में आराम मिलता था ” |
1 | 742 | |
493 |
“ नमाज़ रसूल अल्लाह ﷺ की आँखों की ठंडक ” |
2 | 743 سے 743 | |
494 |
“ नमाज़ पढ़ते समय उस से बेख़बर करने वाली बातों से दूर रहा जाए ” |
1 | 744 | |
495 |
“ नमाज़ रसूल अल्लाह ﷺ की लम्बी नमाज़ और उम्मत के लोगों के लिए दुआएं ” |
1 | 745 | |
496 |
“ मुसलमानों के एक दुसरे पर हक़ ” |
1 | 746 | |
497 |
“ जूते पहन कर नमाज़ पढ़ना ” |
1 | 747 | |
498 |
“ सलाह के तौर पर किसी नमाज़ का हुक्म देना ” |
1 | 748 | |
499 |
“ खड़े होकर और बैठ कर पढ़ने वाली नमाज़ के सवाब में अंतर ” |
1 | 749 | |
500 |
“ नमाज़ में उठते समय हाथों का सहारा और हाथों की स्थिति ” |
1 | 750 | |
501 |
“ विकलांग को तकिये या किसी चीज़ पर सजदा करना मना है ” |
1 | 751 | |
502 |
“ नमाज़ के तीन भाग ” |
1 | 752 | |
503 |
“ फ़जर के प्रकार और उस के नियम ” |
6 | 753 سے 758 | |
504 |
“ सज्दा करते समय तकबीर कैसे कही जाए ” |
1 | 759 | |
505 |
“ फ़जर की नमाज़ के बाद सपने के बारे में पूछना ” |
1 | 760 | |
506 |
“ रुकू के बाद क़ुनूत नाज़्लह कैसे पढ़ी जाए ” |
1 | 761 | |
507 |
“ क़ुनूत नाज़्लह का करण ” |
1 | 762 | |
508 |
“ सभी अच्छे कामों को अल्लाह के समर्थन से किया जाता है ” |
2 | 763 سے 764 | |
509 |
“ नमाज़ में हाथ बांधने की स्थिति ، रुकू के बाद हाथ बंधना ” |
1 | 765 | |
510 |
“ सज्दा करते समय नाक का ज़मीन को छूना ” |
1 | 766 | |
511 |
“ सज्दा करते समय बाज़उों की स्थिति ” |
1 | 767 | |
512 |
“ हथेलियों के नरम वाले भाग पर सज्दा करना ” |
1 | 768 | |
513 |
“ तसल्ली से नमाज़ न पढ़ने वाले की नमाज़ सविकर नहीं होती है ” |
1 | 769 | |
514 |
“ सजदे में ठोंगे मारना और ज़मीन पर बाज़ू बिछाना मना है ” |
1 | 770 | |
515 |
“ रुकू करते समय पीठ की स्थिति ” |
1 | 771 | |
516 |
“ सजदे और रुकू की तस्बीह ” |
2 | 772 سے 773 | |
517 |
“ नमाज़ पढ़ते समय सुन्नत तरीक़े से इशारा करने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 774 | |
518 |
“ यात्रा की नमाज़ यानि क़स्र कितनी दूरी तक पढ़ी जा सकती है ” |
1 | 775 | |
519 |
آگ پر پکی ہوئی چیز کھانے سے وضو کرنا منسوخ ہو گیا کھانا کھانے کے بعد نماز کے لیے کلی کرنا ضروری نہیں
“ आग पर पका हुआ खाने के बाद वुज़ू करना रद्द हो गया और खाना खाने के बाद कुल्ला करना ज़रूरी नहीं ” |
1 | 776 | |
520 |
“ रसूल अल्लाह ﷺ का अपनी पत्नी की चादर में नमाज़ न पढ़ना ” |
1 | 777 | |
521 |
“ चमड़े की लाल चादर में नमाज़ पढ़ना ” |
1 | 778 | |
522 |
“ रात में वाअज़ और नसीहत करना ” |
1 | 779 | |
523 |
“ नमाज़ी कम या अधिक होने के करण नमाज़ में जल्दी या देर करना ” |
1 | 780 | |
524 |
“ ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा ” |
1 | 781 | |
525 |
“ ईद की नमाज़ में छे या बारह तकबीर कहना ” |
1 | 782 | |
526 |
“ ख़ुत्बा देते समय हाथ में छड़ी लेना ” |
5 | 783 سے 787 | |
527 |
“ मुक़ाम इब्राहिम के पास नमाज़ पढ़ना और आयत « فَلْيَدْعُ نَادِيَهُ ... سَنَدْعُ الزَّبَانِيَةَ » के उतरने का कारण ” |
1 | 788 | |
528 |
“ बच्चों का नमाज़ पढ़ते समय नमाज़ी की पीठ पर बैठ जाना ” |
1 | 789 | |
529 |
“ नफ़्ली नमाज़ के बीच दरवाज़ा खोलना ” |
1 | 790 | |
530 |
“ चटाई पर नमाज़ पढ़ना ” |
1 | 791 | |
531 |
“ रसूल अल्लाह ﷺ का सजदे में सो जाना ” |
1 | 792 | |
532 |
“ नमाज़ के बीच नमाज़ी के कपड़े से वीर्य खुरचना ” |
1 | 793 | |
533 |
“ लैलतुल क़द्र की खोज ” |
1 | 794 | |
534 |
“ नमाज़ को ध्यान से पढ़ने की फ़ज़ीलत ” |
1 | 795 | |
535 |
“ पास वाली मस्जिद में नमाज़ पढ़ना चाहिए ” |
1 | 796 | |
536 |
“ मस्जिद क़बा में नमाज़ पढ़ने का सवाब ” |
1 | 797 | |
537 |
“ मस्जिद में अंदर जाते समय और बाहर निकलते समय कौन सा पैर आगे बढ़ाया जाए ” |
1 | 798 | |
538 |
“ फ़र्ज़ माज़ की कमी को नफ़िल नमाज़ से पूरा किया जाए गा ” |
1 | 799 | |
539 |
“ नमाज़ में दस या सौ या एक हज़ार आयतें पढ़ने का बदला ” |
5 | 800 سے 804 | |
540 |
“ नमाज़ में सिर के पीछे बालों को एक साथ बांधना मना है ” |
1 | 805 | |
541 |
“ ख़ुत्बे के बीच दुनयावी काम के लिए चले जाना मना है ” |
1 | 806 | |
542 |
“ किस मस्जिद में एतकाफ़ किया जाए ” |
1 | 807 | |
543 |
“ क़ब्र की ओर मुंह करके या क़ब्र पर नमाज़ पढ़ना मना है ” |
1 | 808 | |
544 |
“ नमाज़ और सलाम को अधूरा छोड़ना मना है ” |
1 | 809 | |
545 |
“ अज़ान के बाद बिना कारण के बाहर निकलने वाला और फिर वापस न आने वाल मुनाफ़िक़ है ” |
1 | 810 | |
546 |
“ वुज़ू टूट जाने का वहम शैतान कैसे डालता है ” |
1 | 811 | |
547 |
“ जिस कपड़े पर नमाज़ पढ़ी जाए उस का फूल बूटे वाला होना कैसा है ” |
1 | 812 | |
548 |
“ औरतों में दीन की कमी किस कारण है ” |
1 | 813 | |
549 |
“ क़ुरआन पढ़ने वाले कितने प्रकार के हैं ” |
1 | 814 | |
550 |
“ एक नमाज़ी का इमाम के दाएं ओर खड़ा होना ” |
2 | 815 سے 816 | |
551 |
“ वित्र की नमाज़ का समय ” |
3 | 817 سے 819 | |
552 |
“ वित्र की नमाज़ किस समय पढ़ी जाए ” |
1 | 820 | |
553 |
“ क्या वित्र की नमाज़ फ़र्ज़ है ” |
3 | 821 سے 823 | |
554 |
“ वित्र की नमाज़ की रकअतें एक से नो तक ” |
1 | 824 | |
555 |
“ वित्र की नमाज़ के बाद नफ़िल नमाज़ पढ़ना ठीक है ” |
1 | 825 |