“ नमाज़ को ( क़स्र ) छोटा करने के बारे में क्या कहा गया है और वह इसे कब तक ( क़स्र ) छोटा कर सकता है ? ” |
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575 سے 576 |
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“ मिना में नमाज़ को ( क़स्र ) छोटा करें या पूरी पढ़ें ” |
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577 سے 579 |
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“ यात्रा में कब तक नमाज़ को क़स्र यानि छोटा करना चाहिए ” |
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580 |
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“ मग़रिब की नमाज़ यात्रा में भी तीन रकअत पढ़ा करें ” |
1 |
581 |
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“ सवारी पर नफ़िल नमाज़ पढ़ना ( जैसे तहज्जुद ) सवारी का मुंह किसी भी दिशा में हो ” |
1 |
582 |
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“ गधे पर सवार रेहत हुए नफ़िल नमाज़ पढ़ना ” |
1 |
583 |
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“ यात्रा में फ़र्ज़ नमाज़ के बाद सुन्नत न पढ़ना ” |
1 |
584 |
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“ यात्रा में फ़र्ज़ नमाज़ से पहले या बाद में सुन्नत न पढ़ना ( कोई अन्य नफ़िल नमाज़, तहज्जुद या इशराक़ ) पढ़ना सुन्नत के ख़िलाफ़ नहीं ” |
1 |
585 |
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“ यात्रा में मग़रिब और ईशा की नमाज़ एक साथ पढ़ना ” |
1 |
586 |
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“ यदि बैठकर माज़ पढ़ने की शक्ति न हो तो करवट लेकर नमाज़ पढ़े ” |
1 |
587 |
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“ जब रोगी बैठकर नमाज़ पढ़ने लगे, यदि बीच में बीमारी दूर होजाए, तो बाक़ी की नमाज़ को खड़े होकर ही पूरी करना चाहिए ” |
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588 سے 589 |
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