سیدنا سہل بن سعد رضی اللہ عنہ کی حدیث منبر کے بارے میں پہلے گزر چکی ہے (دیکھئیے کتاب: نماز کا بیان۔۔۔ باب:۔ چھتوں پر، منبر پر اور لکڑیوں پر نماز پڑھنا) کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے اس (منبر) کے اوپر نماز پڑھی اور پھر الٹے پاؤں واپس اترے اس روایت میں اتنا زیادہ ہے کہ پھر جب فارغ ہوئے تو لوگوں کی طرف منہ کر کے فرمایا: ”اے لوگو! میں نے یہ اسی لیے کیا تاکہ تم میری اقتداء کرو اور میرا (طریقہ) نماز سیکھ لو۔“
हज़रत सहल बिन सअद रज़ि अल्लाहु अन्ह की हदीस मिम्बर के बारे में पहले गुज़र चुकी है (देखिए किताब, नमाज़ के बारे में। बॉब, छतों पर, मिम्बर पर और लकड़ियों पर नमाज़ पढ़ना) कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उस (मिम्बर) के उपर नमाज़ पढ़ी और फिर उल्टे पांव वापस उतरे इस रिवायत में इतना अधिक है कि फिर जब पढ़चुके हुए तो लोगों की ओर मुंह करके फ़रमाया ! “ऐ लोगों, मैं ने यह इसी लिए किया ताकि तुम मेरी पैरवी करो और मेरी नमाज़ का (तरीक़ा) सीखलो।”