سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4035 :ترقیم البانی
سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر

سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
سفر، جہاد، غزوہ اور جانور کے ساتھ نرمی برتنا
यात्रा, जिहाद, जंग और जानवरों के साथ नरमी करना
1371. عورتوں کا جہاد میں شریک ہونا کیسا ہے؟ عورتوں کا بطور معالج لشکر اسلام کے ساتھ جانا
“ जिहाद में भाग लेना औरतों के लिए कैसा है ? औरतों का सेना के साथ चिकित्सकों के रूप में जाना ”
حدیث نمبر: 2093
Save to word مکررات اعراب Hindi
- (يا ام سليم! إن الله عز وجل قد كفانا واحسن).- (يا أمّ سُليمٍ! إنّ الله عزّ وجلّ قد كفانا وأحسن).
سیدنا انس رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ حنین والے دن ام سلیم، ابوطلحہ کے ساتھ تھیں، ام سلیم کے پاس ایک خنجر بھی تھا، ابوطلحہ نے پوچھا: ام سلیم! یہ تیرے پاس کیا ہے؟ اس نے کہا: میں نے یہ اٹھایا ہوا ہے کہ اگر کوئی کافر میرے قریب ہوا تو میں اس کا پیٹ پھاڑ کر آنتیں نکال دوں گی۔ ابوطلحہ نے کہا: اے اللہ کے نبی! کیا آپ ام سلیم کی بات سن رہے ہیں؟ وہ ایسے ایسے کہہ رہی ہے، میں نے کہا: اے اللہ کے رسول! جب وہ شکست کھا کر بے مہارے بنیں گے تو میں ان کو قتل کر دوں گی۔ آپ صل اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ام سلیم! بیشک اللہ عزوجل نے ہمیں کفایت کیا ہے اور بہت خوب کیا ہے۔
हज़रत अनस रज़ि अल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि हुनैन वाले दिन उम्म सलीम, अबु तल्हा के साथ थीं, उम्म सलीम के पास एक खंजर भी था, अबु तल्हा ने पूछा कि उम्म सलीम यह तेरे पास क्या है ? उस ने कहा कि मैं ने यह उठाया हुआ है यदि कोई काफ़िर मेरे पास आया तो मैं उस का पेट फाड़ कर आंतें निकाल दूँगी। अबु तल्हा ने कहा कि ऐ अल्लाह के नबी, क्या आप उम्म सलीम की बात सुन रहे हैं ? वह ऐसे ऐसे कह रही है, मैं ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल, जब वह मात खा कर बेबस होंगे तो मैं उन को क़त्ल कर दूँगी। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह ने फ़रमाया ! “उम्म सलीम बेशक अल्लाह तआला ने हमें सफलता दी है और बहुत अच्छी दी है।”
سلسله احاديث صحيحه ترقیم البانی: 3260

قال الشيخ الألباني:
- (يا أمّ سُليمٍ! إنّ الله عزّ وجلّ قد كفانا وأحسن) .
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‏‏‏‏أخرجه أحمد (3/286) ، وإسحاق بن راهويه في "مسنده " (4/15 / 1) قالا:
‏‏‏‏ثنا عفان: ثنا حماد قال: أنا ثابت عن أنس:
‏‏‏‏أن أم سُليم كانت مع أبي طلحة يوم حُنين، فإذا مع أم سليم خنجر، فقال أبو طلحة: ما هذا معك يا أم سليم؟! فقالت: اتخذته؛ إن دنا مني أحد من الكفار أبعجُ به بطنه. فقال أبو طلحة: يا نبي الله! ألا تسمع ما تقول أم سليم؟! تقول كذا وكذا! فقالت: يا رسول الله! أقتُلُ من بعدنا من الطلقاء انهزموا بك يا رسول الله! فقال: ... فذ كره.
‏‏‏‏قلت: هذا إسناد صحيح على شرط مسلم.
‏‏‏‏وقد أخرجه هو (5/196) وأحمد (3/ 190) من طرق أخرى عن حماد به.
‏‏‏‏ورواه أحمد (3/108- 109) من طريق حميد عن أنس به نحوه.
‏‏‏‏ورواه (3/279) من طريق إسحاق بن عبد الله بن أبي طلحة عن أنس.
‏‏‏‏واسناده ثلاثي؛ لكن بين حميد وأنس ثابت كما ذكروا. والله أعلم. * ¤


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