“अल्लाह सब से बड़ा है, बहुत बड़ा, अल्लाह सब से बड़ा है, बहुत बड़ा, अल्लाह सब से बड़ा है, बहुत बड़ा, सारी ताअरीफ़ें अल्लाह के लिए हैं, बहुत अधिक, सारी ताअरीफ़ें अल्लाह के लिए हैं, बहुत अधिक, सारी ताअरीफ़ें अल्लाह के लिए हैं, बहुत अधिक, और सुबह और शाम अल्लाह ही की पवित्रता और पाकी बयान की जाती है मैं अल्लाह की शरण में आता हूँ, शैतान मरदूद से, उस के अभिमानी बनाने से, उस के थूक से और उस के चौका लगाने से ।” [असनादा हसन, सुनन अबी दाऊद: 764, सुनन इब्न माजा: 807]