ख़रीदने और बेचने के नियम
1. १. “ व्यवसाय के नियम और वह व्यवसाय जो मना ( हराम ) हैं ”
2. २. “ व्यवसाय में विकल्प के नियम ”
3. ३. “ ब्याज क्या है और किसे कहते हैं ”
4. ४. बैअ अराया “ ज़मीन उपयोग के लिए देना और पेड़ों और फलों के बेचने में छूट ”
5. ५. “ पहले मूल्य चूका देना और उधार या कोई चीज़ गिरवी रखना ”
6. ६. “ दिवालिया होजाना और हेरफेर से रुक जाना ”
7. ७. “ सुलह क्या है ”
8. ८. “ ज़मानत और ज़िम्मेदारी के नियम ”
9. ९. “ साझेदारी और प्रतिनिधि के नियम ”
10. १०. “ सच्च बोलना ”
11. ११. “ उधार ली गई चीज़ के नियम ”
12. १२. ग़स्ब “ नाजाइज़ तरीक़े से ली गई चीज़ें ”
13. १३. अश-शुफ़अह “ सह मालिक की हिस्सेदारी की बिक्री ”
14. १४. मुज़ारबत “ लाभ की आशा में किसी को धन देना ”
15. १५. “ सिंचाई और ज़मीन को ठेके पर देना ”
16. १६. “ बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाना ”
17. १७. “ समर्पित माल के नियम ”
18. १८. “ उपहार ، उमरा और उक़्बा के नियम ”
19. १९. “ गिरी पड़ी चीज़ के नियम ”
20. २०. “ विरासत के नियम ”
21. २१. “ वसीयत के नियम ”
22. २२. “ अमानत के नियम ”

بلوغ المرام کل احادیث 1359 :حدیث نمبر
بلوغ المرام
बुलूग़ अल-मराम
كتاب البيوع
خرید و فروخت کے مسائل
ख़रीदने और बेचने के नियम
22. باب الوديعة
ودیعت (امانت) کا بیان
२२. “ अमानत के नियम ”
حدیث نمبر: 823
Save to word مکررات اعراب Hindi
عن عمرو بن شعيب عن ابيه عن جده رضي الله عنهما عن النبي صلى الله عليه وآله وسلم قال: «‏‏‏‏من اودع وديعة فليس عليه ضمان» .‏‏‏‏ اخرجه ابن ماجه وإسناده ضعيف.عن عمرو بن شعيب عن أبيه عن جده رضي الله عنهما عن النبي صلى الله عليه وآله وسلم قال: «‏‏‏‏من أودع وديعة فليس عليه ضمان» .‏‏‏‏ أخرجه ابن ماجه وإسناده ضعيف.
سیدنا عمرو بن شعیب رحمہ اللہ نے اپنے والد سے، انہوں نے اپنے دادا سے روایت کیا ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا کہ جس کسی کے پاس کوئی چیز امانت کے طور پر رکھی جائے تو اس پر ضمان (ذمہ داری) نہیں ہے۔ اسے ابن ماجہ نے روایت کیا ہے اس کی سند ضعیف ہے۔ صدقات کی تقسیم کا باب کتاب الزکاۃ کے آخر میں گزر چکا ہے۔ مال فے اور مال غنیمت کی تقسیم کا باب کتاب الجہاد کے آخر میں آئے گا۔ «إن شاء الله»

تخریج الحدیث: «أخرجه ابن ماجه، الصدقات، باب الوديعة، حديث:2401.* المثني بن الصباح ضعيف وله متابعات ضعيفة.»

Narrated 'Amr bin Shu'aib on his father's authority from his grandfather: The Prophet (ﷺ) said: "There is no liability on him who is entrusted with something." [Ibn Majah reported it, but its chain narrators is Da'if (weak)].
USC-MSA web (English) Reference: 0


حكم دارالسلام: ضعيف

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