لا إله إلا الله وحده لا شريك له، له الملك وله الحمد يحيي ويميت وهو على كل شيء قدير لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ، لَهُ المُلْكُ وَلَهُ الحَمْدُ يُحْيِي وَيُمِيتُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
”اللہ کے علاوہ کوئی سچا معبود نہیں، وہ اکیلا ہے اس کا کوئی شریک نہیں، اسی کے لئے بادشاہت ہے اور اسی کے لئے تمام تعریفات، وہ زندہ کرتا ہے اور مارتا ہے، اور وہ ہر چیز پر قادر ہے۔“[حسن، سنن ترمذي:3474] اور امام ترمذی رحمہ اللہ نے کہا [حسن غريب صحيح مسنداحمد:227/4]
“अल्लाह के सिवा कोई सच्चा ईश्वर नहीं, वह अकेला है उस का कोई साझी नहीं, उसी के लिए बादशाहत है और उसी के लिए सारी ताअरीफ़ें हैं, वह ज़िंदा करता है और मारता है, और वह हर चीज़ पर नियंत्रण रखता है ।” [हसन, सुनन त्रिमीज़ी: 3474] और इमाम त्रिमीज़ी रहम अल्लाह ने कहा [हसन ग़रीब सहीह मसनद अहमद: 227/4]