”میرے چہرے نے اس ذات کے لئے سجدہ کیا جس نے اسے پیدا کیا، اس کی سماعت اور بصارت کو اپنی طاقت و بصارت کے ساتھ کھولا، بابرکت ہے اللہ تعالیٰ بہترین انداز سے پیدا کرنے والا۔“[ضعيف، سنن ابي داؤد:1414، سنن ترمذي:580، المستدرك للحاكم:220/1ح8020]
“मेरे चहरे ने उस जाति के लिए सज्दा किया जिस ने इसे पैदा किया, इस की सुनवाई और आंखों को अपनी शक्ति और दृष्टि के साथ खोला, बरकत वाला है अल्लाह तआला सबसे अच्छे ढंग से पैदा करने वाला ।” [ज़ईफ़, सुनन अबी दाऊद: 1414, सुनन त्रिमीज़ी: 580, अलमुस्तदरक लिल्हकीम: 220/1ح8020]